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घर में पधारो गजाननजी मेरे घर में पधारो लिरिक्स – Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi

घर में पधारो गजाननजी, मेरे घर में पधारो

रिद्धि सिद्धि लेके आओ गणराजा, मेरे घर में पधारो ।

राम जी आना, लक्ष्मण जी आना

संग में लाना सीता मैया, मेरे घर में पधारो ॥

ब्रम्हा जी आना, विष्णु जी आना

भोले शशंकर जी को ले आना, मेरे घर में पधारो ॥

लक्ष्मी जी आना, गौरी जी आना

सरस्वती मैया को ले आना, मेरे घर में पधारो ॥

विघन को हारना, मंगल करना,

कारज शुभ कर जाना, मेरे घर में पधारो ॥

घर में पधारो गजाननजी, मेरे घर में पधारो

रिद्धि सिद्धि लेके आओ गणराजा, मेरे घर में पधारो ।

यहां “घर में पधारो गजाननजी मेरे घर में पधारो” भजन का हिंदी में अर्थ दिया गया है:

पहला पद:

“घर में पधारो गजाननजी, मेरे घर में पधारो”
हे गजानन (गणेश), मेरे घर में पधारो।
“रिद्धि सिद्धि लेके आओ गणराजा, मेरे घर में पधारो”
आप रिद्धि (संपत्ति) और सिद्धि (सिद्धि) के साथ हमारे घर पधारो, गणराजा।

यह पद भगवान गणेश को घर में आमंत्रित करता है और उनके साथ रिद्धि (समृद्धि) और सिद्धि (सफलता) लाने का अनुरोध करता है।

दूसरा पद:

“राम जी आना, लक्ष्मण जी आना”
हे रामजी और लक्ष्मण जी, मेरे घर पधारो।
“संग में लाना सीता मैया, मेरे घर में पधारो”
साथ में सीता मैया को भी मेरे घर लेकर आओ।

इस पद में राम, लक्ष्मण और सीता को घर में पधारने के लिए आमंत्रित किया गया है, ताकि घर में सुख-शांति और समृद्धि आए।

तीसरा पद:

“ब्रम्हा जी आना, विष्णु जी आना”
हे ब्रह्माजी और विष्णुजी, हमारे घर पधारो।
“भोले शशंकर जी को ले आना, मेरे घर में पधारो”
आप भोले शंकर (शिव) को भी अपने साथ लाकर हमारे घर में पधारो।

इस पद में ब्रह्मा, विष्णु और शिव को घर में पधारने के लिए आह्वान किया जाता है, ताकि घर में आशीर्वाद और समृद्धि का संचार हो।

चौथा पद:

“लक्ष्मी जी आना, गौरी जी आना”
हे लक्ष्मी जी और गौरी जी (माँ पार्वती), हमारे घर पधारो।
“सरस्वती मैया को ले आना, मेरे घर में पधारो”
आप सरस्वती (ज्ञान की देवी) को लेकर हमारे घर आओ।

यह पद लक्ष्मी, गौरी और सरस्वती देवी को घर में आमंत्रित करता है ताकि वे अपने आशीर्वाद से घर को धन, ज्ञान और सुख-शांति से भर दें।

पाँचवां पद:

“विघन को हारना, मंगल करना”
आप हमारे घर से सभी विघ्न (अवरोध) को दूर करें और मंगल (शुभता) लाए।
“कारज शुभ कर जाना, मेरे घर में पधारो”
आप सभी कार्यों को शुभ बना दें और हमारे घर में पधारो।

यह पद भगवान गणेश से प्रार्थना करता है कि वह घर के सभी विघ्न (अवरोध) को नष्ट कर दें और मंगलकारी कार्यों को सफल बनाएं।

सम्पूर्ण भजन का अर्थ:

यह भजन भगवान गणेश और अन्य प्रमुख देवी-देवताओं के घर में आने के लिए प्रार्थना करता है। इसमें राम, लक्ष्मण, सीता, ब्रह्मा, विष्णु, शिव, लक्ष्मी, गौरी, और सरस्वती देवी को घर में बुलाया जाता है ताकि वे आकर घर को धन, ज्ञान, सफलता, और शांति से भर दें। भजन का उद्देश्य घर में समृद्धि और सुख लाना है और सभी विघ्नों को दूर कर मंगलकारी कार्यों को सफल बनाना है।

यह भजन एक प्रकार से घर में ईश्वर की उपस्थिति को आमंत्रित करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना है, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि, और आध्यात्मिक उन्नति हो सके।

संक्षेप में:
यह भजन भगवान गणेश और अन्य देवी-देवताओं को घर में आमंत्रित करता है, ताकि वे अपनी उपस्थिति से घर में शुभता, समृद्धि, और सुख-शांति लाएं। यह भजन विशेष रूप से विघ्न विनाशक, मंगलकारी, और सभी कार्यों में सफलता की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करता है।

Here is the meaning in English of the bhajan “घर में पधारो गजाननजी मेरे घर में पधारो”:

1st Verse:

“घर में पधारो गजाननजी, मेरे घर में पधारो”
O Gajanan (Ganesh), please come into my home.
“रिद्धि सिद्धि लेके आओ गणराजा, मेरे घर में पधारो”
Please bring Riddhi (prosperity) and Siddhi (success) with you, O Lord of the Ganas (Ganesh), into my home.

In this verse, Lord Ganesh is invited into the home, bringing prosperity and success along with him.

2nd Verse:

“राम जी आना, लक्ष्मण जी आना”
O Lord Ram and Laxman, please come to my home.
“संग में लाना सीता मैया, मेरे घर में पधारो”
Bring along Mother Sita as well, and come to my home.

This verse invites Lord Ram, Laxman, and Mother Sita into the home, asking for their blessings and grace.

3rd Verse:

“ब्रम्हा जी आना, विष्णु जी आना”
O Lord Brahma and Lord Vishnu, please come to my home.
“भोले शशंकर जी को ले आना, मेरे घर में पधारो”
Bring Lord Shiva (Bholenath) along with you, and come to my home.

This verse invites the Trinity of Hindu godsBrahma, Vishnu, and Shiva – to come and bless the household with their divine presence.

4th Verse:

“लक्ष्मी जी आना, गौरी जी आना”
O Goddess Lakshmi and Goddess Gauri (Parvati), please come to my home.
“सरस्वती मैया को ले आना, मेरे घर में पधारो”
Bring Goddess Saraswati (Goddess of Wisdom) with you and come to my home.

This verse calls upon Goddess Lakshmi (goddess of wealth), Gauri (Mother Parvati), and Goddess Saraswati (goddess of knowledge) to come and bless the home with wealth, knowledge, and prosperity.

5th Verse:

“विघन को हारना, मंगल करना”
Please remove all the obstacles (Vighn) and bring auspiciousness (Mangal) into my home.
“कारज शुभ कर जाना, मेरे घर में पधारो”
Make all the tasks successful and come to my home.

This verse prays to Lord Ganesh to remove obstacles and bring good fortune and success to the household.

Meaning of the Entire Bhajan:

This bhajan is a heartfelt invitation to Lord Ganesh and other significant deities to come and bless the home. It calls for the arrival of Lord Ram, Laxman, Sita, Brahma, Vishnu, Shiva, Lakshmi, Gauri, and Saraswati. The purpose is to seek their blessings for prosperity, wealth, wisdom, success, and peace in the home. The bhajan also asks for the removal of all obstacles (Vighn) and for the completion of all tasks with success and auspiciousness (Mangal).

It is a prayer for divine presence to bring prosperity, peace, and harmony to the home and to help remove any barriers to progress.

Summary:
This bhajan is a prayerful request to bring divine presence into the home. It invites Lord Ganesh and other deities to remove obstacles, bless the family with wealth, knowledge, and success, and make all endeavors prosperous. The bhajan emphasizes the importance of spiritual blessings in achieving peace, prosperity, and the fulfillment of desires.

गणेश भगवान की पूजा का सामान और विधि

पूजा का सामान:

  1. गणेश प्रतिमा (मिट्टी, तांबा, या अन्य सामग्री से बनी)
  2. पान के पत्ते और सुपारी
  3. गुलाब की अगरबत्तियाँ
  4. पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी)
  5. फूल (विशेष रूप से लाल और सफेद रंग के फूल)
  6. कुंकुम और चंदन
  7. दीपक (घी या तेल का दीपक)
  8. धूप
  9. नारियल (पूजा के लिए तोड़ने के लिए)
  10. लड्डू (विशेष रूप से मोदक, गणेश जी का प्रिय भोग)
  11. कलश (पानी और फूलों से भरा हुआ)
  12. चावल और सिक्के
  13. पान का बीड़ा
  14. द्रव्य (मेवा, तिल, हल्दी, चिरौंजी)

पूजा की विधि:

  1. संगठना और स्थान तैयार करें:
    • सबसे पहले, पूजा के लिए एक स्वच्छ स्थान पर आसन बिछाएँ।
    • गणेश प्रतिमा को उत्तम स्थान पर स्थापित करें।
  2. स्नान और स्वच्छता:
    • पहले खुद स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
    • फिर पूजा स्थल को स्वच्छ करें।
  3. आसन और जल का स्थान:
    • एक पात्र में जल और कुछ फूल डालें और उसका पूजन करें।
    • एक दीपक और अगरबत्ती जलाएँ।
  4. गणेश प्रतिमा का पूजन:
    • गणेश जी की प्रतिमा पर चंदन, कुंकुम और फूल चढ़ाएँ।
    • पंचामृत से गणेश जी का अभिषेक करें।
    • नारियल और सुपारी को गणेश जी के समक्ष रखें।
  5. मंत्र और आरती:
    • गणेश जी के मंत्र “ॐ गण गणपतये नमः” का जाप करें।
    • गणेश जी की आरती गाएँ या सुनें।
  6. भोग अर्पण करें:
    • मोदक और अन्य मिठाइयाँ गणेश जी के चरणों में चढ़ाएँ।
    • ध्यान रखें कि जो भोग अर्पित करें, वह शुद्ध और ताजे हों।
  7. आशीर्वाद प्राप्त करें:
    • अंत में, गणेश जी से आशीर्वाद प्राप्त करें और फिर प्रसाद वितरण करें।

यह विधि शुद्ध भाव से और श्रद्धा से की जानी चाहिए। गणेश जी के पूजन से समृद्धि, बुद्धि, और विघ्नों से मुक्ति मिलती है।