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कूर्म अवतार: भगवान विष्णु का कच्छप रूप और महिमा

कूर्म अवतार भजन (Kurma Avatar Bhajan in Hindi)

श्री हरि ने धारण किया कूर्म रूप,
सागर मंथन में किया अनुपम स्वरूप।
अमृत पाने को देव-असुर आए,
भगवान विष्णु आधार बने।

धरणी के संकट हरने को आए,
कच्छप रूप में पर्वत उठाए।
अनंत कृपा है उनकी भारी,
शरण में उनकी दुनिया सारी।

नमन करें हम कूर्म अवतारी,
हर संकट से वे दें उबारी।
सच्चे मन से जो ध्यान लगाए,
हरि कृपा से सुख पाए।

कूर्म अवतार भजन का अर्थ (Meaning in Hindi)

“श्री हरि ने धारण किया कूर्म रूप,
सागर मंथन में किया अनुपम स्वरूप।**
➡ भगवान विष्णु ने कूर्म (कछुए) का रूप धारण किया और सागर मंथन में एक अनोखा रूप प्रकट किया।

“अमृत पाने को देव-असुर आए,
भगवान विष्णु आधार बने।”**
➡ जब देवता और असुर अमृत प्राप्त करने के लिए समुद्र मंथन कर रहे थे, तब भगवान विष्णु ने कूर्म रूप में मंथन के आधार (समर्थन) के रूप में कार्य किया।

“धरणी के संकट हरने को आए,
कच्छप रूप में पर्वत उठाए।”**
➡ जब धरती पर संकट आया और मंथन के लिए मंदराचल पर्वत डूबने लगा, तब भगवान विष्णु ने कूर्म रूप में उसे अपनी पीठ पर उठा लिया।

“अनंत कृपा है उनकी भारी,
शरण में उनकी दुनिया सारी।”**
➡ भगवान विष्णु की कृपा असीम है, और संपूर्ण संसार उनकी शरण में रहता है।

“नमन करें हम कूर्म अवतारी,
हर संकट से वे दें उबारी।”**
➡ हम भगवान विष्णु के कूर्म अवतार को नमन करते हैं, जो हर संकट से भक्तों को उबारते हैं।

“सच्चे मन से जो ध्यान लगाए,
हरि कृपा से सुख पाए।”
➡ जो भी सच्चे मन से भगवान विष्णु का ध्यान करता है, वह उनकी कृपा से जीवन में सुख-शांति प्राप्त करता है।

Meaning of Kurma Avatar Bhajan in English

“Shri Hari Ne Dharan Kiya Kurma Roop,
Sagar Manthan Mein Kiya Anupam Swaroop.”**
➡ Lord Vishnu took the form of Kurma (the divine tortoise) and manifested in an extraordinary form during the churning of the ocean.

“Amrit Pane Ko Dev-Asur Aaye,
Bhagwan Vishnu Aadhar Bane.”**
➡ When the gods (Devas) and demons (Asuras) gathered to obtain the nectar of immortality, Lord Vishnu became their support.

“Dharani Ke Sankat Harne Ko Aaye,
Kachhap Roop Mein Parvat Uthaye.”**
➡ To remove the troubles of the Earth, Lord Vishnu appeared in the form of a tortoise and lifted the Mandara mountain on His back.

“Anant Kripa Hai Unki Bhaari,
Sharan Mein Unki Duniya Saari.”**
➡ His mercy is infinite, and the whole world seeks refuge in Him.

“Naman Karen Hum Kurma Avatari,
Har Sankat Se Ve Dein Ubaari.”**
➡ We bow to Lord Vishnu in His Kurma Avatar, as He is the one who rescues us from all troubles.

“Sachche Man Se Jo Dhyan Lagaye,
Hari Kripa Se Sukh Paaye.”
➡ Whoever meditates on Him with a pure heart receives happiness and divine blessings from Lord Vishnu.

भगवान कूर्म अवतार पूजा विधि एवं सामग्री (Kurma Avatar Pooja Vidhi & Samagri in Hindi)

भगवान कूर्म अवतार पूजा विधि (Pooja Vidhi)

  1. स्नान एवं शुद्धिकरण:
    • पूजा करने से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
    • पूजा स्थल को साफ करें और गंगाजल से शुद्ध करें।
  2. भगवान कूर्म अवतार की मूर्ति या चित्र स्थापित करें:
    • एक स्वच्छ चौकी पर भगवान कूर्म अवतार की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
    • मूर्ति को जल, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) और गंगाजल से स्नान कराएं।
  3. दीप प्रज्वलित करें:
    • घी या तेल का दीपक जलाएं और अगरबत्ती या धूप अर्पित करें।
  4. भगवान को पुष्प अर्पित करें:
    • भगवान विष्णु के कूर्म अवतार को पीले और सफेद फूल चढ़ाएं।
    • तुलसी के पत्ते भी अर्पित करें, क्योंकि तुलसी भगवान विष्णु को प्रिय है।
  5. चंदन और अक्षत (चावल) चढ़ाएं:
    • चंदन का तिलक करें और अक्षत अर्पित करें।
  6. भोग अर्पित करें:
    • भगवान को पंचामृत, फल, दूध, मिठाई और विशेष रूप से पीले रंग का प्रसाद (जैसे केसरयुक्त खीर या बेसन लड्डू) अर्पित करें।
  7. मंत्र जाप और पाठ करें:
    • “ॐ कूर्माय नमः” मंत्र का जाप करें।
    • विष्णु सहस्रनाम, कूर्म पुराण या श्री हरि स्तोत्र का पाठ करें।
  8. आरती करें:
    • भगवान कूर्म अवतार की आरती करें और घंटी बजाएं।
    • “ॐ जय जगदीश हरे” या विष्णु आरती गाएं।
  9. प्रणाम एवं प्रार्थना करें:
    • भगवान विष्णु के कूर्म अवतार से संकटों से मुक्ति और सुख-शांति की प्रार्थना करें।
  10. प्रसाद वितरण करें:
  • पूजा के बाद सभी भक्तों में प्रसाद वितरित करें।

भगवान कूर्म अवतार पूजा सामग्री (Pooja Samagri)

  1. गंगाजल – शुद्धिकरण के लिए
  2. दीपक (घी या तेल का दीप)
  3. अगरबत्ती और धूप
  4. फूल (विशेषकर पीले और सफेद फूल)
  5. तुलसी पत्ते – भगवान विष्णु को अति प्रिय
  6. चंदन और रोली – तिलक के लिए
  7. अक्षत (साबुत चावल)
  8. फल और मिठाई – भोग के लिए
  9. पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण)
  10. भगवान कूर्म अवतार की मूर्ति या चित्र
  11. पीले रंग का प्रसाद (जैसे खीर, बेसन लड्डू, चना दाल हलवा)
  12. आरती थाली और घंटी
  13. शंख (भगवान विष्णु को प्रिय)
  14. भक्तों के लिए प्रसाद (मिठाई, फल, पंचामृत आदि)

भगवान कूर्म अवतार की पूजा करने से जीवन में स्थिरता, समृद्धि और बाधाओं से मुक्ति प्राप्त होती है। 🙏