bhajanartichalisa

वराह भगवान भजन - प्रभु की महिमा का गुणगान

भजन: वराह भगवान की महिमा

वराह रूप धरे प्रभु आए,
धरती को जल से बचाए।
असुर हिरण्याक्ष संहारे,
भक्तों के कष्ट निवारे।

महिमा तेरी अपरंपार,
करते हम बारंबार पुकार।
जय वराह भगवान दयालु,
रखो अपनी कृपा प्रतिपालु।

वराह भगवान भजन का अर्थ

वराह रूप धरे प्रभु आए,
(भगवान ने वराह अवतार धारण किया और आए।)

धरती को जल से बचाए।
(उन्होंने पृथ्वी को जल से बचाया।)

असुर हिरण्याक्ष संहारे,
(असुर हिरण्याक्ष का संहार किया।)

भक्तों के कष्ट निवारे।
(अपने भक्तों के सभी कष्ट दूर किए।)

महिमा तेरी अपरंपार,
(आपकी महिमा अनंत और असीम है।)

करते हम बारंबार पुकार।
(हम बार-बार आपकी प्रार्थना करते हैं।)

जय वराह भगवान दयालु,
(हे दयालु वराह भगवान, आपकी जय हो।)

रखो अपनी कृपा प्रतिपालु।
(हम पर अपनी कृपा बनाए रखें और हमारी रक्षा करें।)

Meaning of Varaha Bhagwan Bhajan in English

Varaha roop dhare Prabhu aaye,
(The Lord appeared in the form of Varaha.)

Dharati ko jal se bachaye.
(He saved the Earth from water.)

Asur Hiranyaksha sanhare,
(He destroyed the demon Hiranyaksha.)

Bhakton ke kasht nivare.
(He removed the sufferings of His devotees.)

Mahima teri aparampaar,
(Your glory is infinite and boundless.)

Karte hum barambaar pukar.
(We repeatedly call upon You in prayer.)

Jai Varaha Bhagwan dayalu,
(Hail to the compassionate Lord Varaha.)

Rakho apni kripa pratipalu.
(Keep Your divine grace upon us and protect us.)

वराह भगवान पूजा विधि और सामग्री

पूजा सामग्री (Pooja Samagri):

  1. वराह भगवान की प्रतिमा या चित्र
  2. दीपक (घी या तेल का दीपक)
  3. धूप एवं अगरबत्ती
  4. फूल (विशेषकर लाल फूल)
  5. पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर)
  6. गंगाजल या शुद्ध जल
  7. रोली, अक्षत (चावल), कुमकुम और चंदन
  8. मिठाई और नैवेद्य (प्रसाद के लिए)
  9. तुलसी पत्र
  10. फल (अनार, केला, सेब आदि)

पूजा विधि (Pooja Vidhi):

  1. स्नान व शुद्धि – प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. स्थान चयन – पूजा के लिए पवित्र स्थान चुनें और वराह भगवान की प्रतिमा स्थापित करें।
  3. दीप प्रज्वलन – घी का दीपक जलाएं और धूप-अगरबत्ती दिखाएं।
  4. संकल्प – मन में संकल्प लें और वराह भगवान का ध्यान करें।
  5. अभिषेक – भगवान को पंचामृत से स्नान कराएं और गंगाजल से शुद्ध करें।
  6. श्रृंगार – चंदन, रोली और फूलों से भगवान का श्रृंगार करें।
  7. भोग अर्पण – फल, मिठाई, और नैवेद्य चढ़ाएं।
  8. आरती – वराह भगवान की आरती करें और भजन-कीर्तन करें।
  9. प्रसाद वितरण – आरती के बाद प्रसाद वितरित करें और भक्तों के साथ प्रसाद ग्रहण करें।
  10. प्रार्थना एवं समर्पण – भगवान से कृपा और आशीर्वाद की प्रार्थना करें।

जय वराह भगवान! 🙏