बलराम कृपा करो
बलराम कृपा करो, हे दाऊ दयालु।
शक्ति दो, भक्ति दो, करुणा के भंडार।
शेषनाग स्वरूप, जग के पालनहार।
गौपालक, रक्षक, तुम हो उद्धार।
राम सखा, प्रेम के आधार।
बलराम कृपा करो, हे दाऊ दयालु।
भजन का अर्थ (हिंदी में):
यह भजन श्री बलराम जी की कृपा और उनके दिव्य गुणों का गुणगान करता है। इसमें उनके दयालु स्वभाव, शक्ति, और भक्तों के प्रति उनकी करुणा का वर्णन किया गया है।
- “बलराम कृपा करो, हे दाऊ दयालु” – यह भक्त की पुकार है कि बलराम जी अपनी कृपा करें क्योंकि वे अत्यंत दयालु हैं।
- “शक्ति दो, भक्ति दो, करुणा के भंडार” – बलराम जी से शक्ति, भक्ति और उनकी अनंत करुणा का आशीर्वाद माँगा जा रहा है।
- “शेषनाग स्वरूप, जग के पालनहार” – बलराम जी शेषनाग के अवतार माने जाते हैं और वे संसार के रक्षक व पालनकर्ता हैं।
- “गौपालक, रक्षक, तुम हो उद्धार” – वे ग्वालों के रक्षक हैं और भक्तों को मोक्ष प्रदान करने वाले हैं।
- “राम सखा, प्रेम के आधार” – वे भगवान श्रीराम के भाई और भक्तों के प्रेम का आधार हैं।
यह भजन बलराम जी की महिमा का गान करते हुए भक्तों से उनकी शरण में जाने का संदेश देता है।
Meaning of the Bhajan (In English):
This bhajan glorifies Lord Balarama, highlighting His divine qualities, compassion, and strength.
- “Balarama Kripa Karo, Hey Dau Dayalu” – The devotee prays for Lord Balarama’s mercy, as He is extremely compassionate.
- “Shakti Do, Bhakti Do, Karuna Ke Bhandar” – Asking Lord Balarama to bless with strength, devotion, and His infinite grace.
- “Sheshnag Swaroop, Jag Ke Palanhar” – Lord Balarama is the incarnation of Sheshnag and the protector of the universe.
- “Gopalak, Rakshak, Tum Ho Uddhar” – He is the caretaker of cows, the protector of devotees, and the one who grants liberation.
- “Ram Sakha, Prem Ke Aadhar” – He is the elder brother of Lord Rama and the foundation of divine love.
This bhajan praises Lord Balarama and encourages devotees to surrender to Him for protection, strength, and salvation.
श्री बलराम जी की पूजा विधि और पूजन सामग्री
पूजन सामग्री (Pooja Samagri):
- प्रतिमा या चित्र – श्री बलराम जी की मूर्ति या चित्र
- कलश (जल से भरा) – पवित्र जल के साथ
- पंचामृत – दूध, दही, घी, शहद और गंगा जल
- अक्षत (चावल) – शुभता के प्रतीक
- रोली और कुमकुम – तिलक के लिए
- मौली (कलावा) – रक्षा सूत्र
- फूल और माला – विशेष रूप से पीले फूल
- धूप और दीपक – वातावरण को शुद्ध करने के लिए
- गंध (चंदन, इत्र) – सुगंधित पूजा के लिए
- नैवेद्य (भोग) – दूध, मक्खन, मिश्री, फल, मिठाई
- पान, सुपारी, लौंग, इलायची – पारंपरिक पूजा सामग्री
- पंचगव्य – गोमूत्र, गोबर, दूध, दही, घी
- गंगा जल – शुद्धिकरण के लिए
पूजा विधि (Pooja Vidhi):
- स्नान एवं शुद्धिकरण – स्वयं स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें।
- कलश स्थापना – जल से भरा कलश रखें और उस पर मौली बांधें।
- मूर्ति या चित्र की स्थापना – श्री बलराम जी के चित्र या मूर्ति को उचित स्थान पर रखें।
- संकल्प लें – पूजा का संकल्प लें और भगवान बलराम जी से प्रार्थना करें।
- दीप प्रज्वलन एवं धूप अर्पण – दीपक और धूप जलाकर भगवान को अर्पित करें।
- अभिषेक करें – पंचामृत और गंगा जल से भगवान का अभिषेक करें।
- वस्त्र और आभूषण अर्पित करें – भगवान को वस्त्र और आभूषण अर्पित करें।
- तिलक एवं पुष्प अर्पण – चंदन, कुमकुम से तिलक करें और फूल अर्पित करें।
- मंत्र जाप एवं स्तुति – बलराम जी के मंत्र और भजन गाएं, जैसे “ॐ बलरामाय नमः”।
- नैवेद्य अर्पण – भोग (मक्खन, मिश्री, फल, मिठाई) अर्पित करें।
- आरती करें – बलराम जी की आरती करें और भक्ति भाव से प्रसाद ग्रहण करें।
- प्रसाद वितरण – पूजा के बाद भक्तों में प्रसाद वितरित करें और आशीर्वाद प्राप्त करें।
इस प्रकार, श्रद्धा और भक्ति से की गई बलराम जी की पूजा सुख, शक्ति और समृद्धि प्रदान करती है। 🚩