भगवान परशुराम का पराक्रम
भगवान परशुराम का पराक्रम
भगवान परशुराम विष्णु के छठे अवतार हैं, जिन्होंने अधर्म का नाश करने के लिए परशु (फरसा) धारण किया।
भगवान परशुराम विष्णु के छठे अवतार हैं, जिन्होंने अधर्म का नाश करने के लिए परशु (फरसा) धारण किया।
अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती
अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती
भगवान परशुराम का जन्म अक्षय तृतीया के दिन हुआ, जो शक्ति, साहस और धर्म रक्षा का प्रतीक है।
भगवान परशुराम का जन्म अक्षय तृतीया के दिन हुआ, जो शक्ति, साहस और धर्म रक्षा का प्रतीक है।
परशुराम भजन का महत्व
परशुराम भजन का महत्व
भगवान परशुराम की स्तुति से व्यक्ति में शौर्य, धैर्य और धर्म पालन की भावना जाग्रत होती है।
भगवान परशुराम की स्तुति से व्यक्ति में शौर्य, धैर्य और धर्म पालन की भावना जाग्रत होती है।
भगवान परशुराम की पूजा विधि
भगवान परशुराम की पूजा विधि
स्नान, मूर्ति स्थापना, दीप जलाना, मंत्र जाप, भोग अर्पण और आरती करने से परशुराम जी की कृपा प्राप्त होती है।
स्नान, मूर्ति स्थापना, दीप जलाना, मंत्र जाप, भोग अर्पण और आरती करने से परशुराम जी की कृपा प्राप्त होती है।
पूजा सामग्री
पूजा सामग्री
पूजा में गंगाजल, दीपक, अगरबत्ती, फूल, चंदन, पंचामृत, तुलसी पत्ते और भगवान परशुराम की मूर्ति का उपयोग किया जाता है।
पूजा में गंगाजल, दीपक, अगरबत्ती, फूल, चंदन, पंचामृत, तुलसी पत्ते और भगवान परशुराम की मूर्ति का उपयोग किया जाता है।
परशुराम जी की उपासना के लाभ
परशुराम जी की उपासना के लाभ
उनकी पूजा करने से शक्ति, बुद्धि, साहस और धर्म पालन की प्रेरणा मिलती है, जिससे जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
उनकी पूजा करने से शक्ति, बुद्धि, साहस और धर्म पालन की प्रेरणा मिलती है, जिससे जीवन में सफलता प्राप्त होती है।