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वीरभद्र भजन - शक्ति और भक्ति का अद्भुत संगम

भजन:
वीरभद्र महादेव के लाल,
शक्ति से जिनका अटल भाल।
शिव के क्रोध से जन्मे तुम,
असुरों के संहारक तुम।

जय वीरभद्र महाकाल,
करो कृपा, रखो सँभाल।
शरण तुम्हारी जो भी आए,
कष्ट सभी मिट जाए।

 

भजन का अर्थ:

वीरभद्र महादेव के लाल,
(वीरभद्र भगवान शिव के पुत्र समान हैं।)

शक्ति से जिनका अटल भाल।
(उनका तेजस्वी मस्तक अपार शक्ति से भरा हुआ है।)

शिव के क्रोध से जन्मे तुम,
(वे भगवान शिव के क्रोध से उत्पन्न हुए हैं।)

असुरों के संहारक तुम।
(वे राक्षसों और अधर्म का नाश करने वाले हैं।)

जय वीरभद्र महाकाल,
(महाकाल स्वरूप वीरभद्र भगवान की जय हो।)

करो कृपा, रखो सँभाल।
(हे प्रभु, कृपा करें और हमारी रक्षा करें।)

शरण तुम्हारी जो भी आए,
(जो भी आपकी शरण में आता है।)

कष्ट सभी मिट जाए।
(उसके सभी दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं।)

 

Meaning of the Bhajan in English:

Veerabhadra, the beloved of Mahadev,
(Veerabhadra is like a son to Lord Shiva.)

Whose forehead shines with immense power.
(His radiant forehead is filled with divine strength.)

Born from the wrath of Shiva,
(He emerged from Lord Shiva’s fierce anger.)

The destroyer of demons and evil.
(He annihilates demons and unrighteousness.)

Glory to Veerabhadra, the great Mahakaal,
(All hail Veerabhadra, the mighty Mahakaal.)

Bless us and protect us always.
(O Lord, shower your grace and safeguard us.)

Whoever surrenders at your feet,
(Anyone who seeks your refuge,)

All their sorrows fade away.
(Their sufferings and troubles vanish.)

 

वीरभद्र पूजा विधि और पूजन सामग्री

🔹 पूजन सामग्री (Pooja Samagri):

  1. मूर्ति या चित्र – भगवान वीरभद्र की प्रतिमा या चित्र
  2. कलश – जल से भरा हुआ तांबे या पीतल का कलश
  3. पंचामृत – दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल
  4. धूप-दीप – धूप, दीपक और कपूर
  5. सिंदूर और चंदन – तिलक और अभिषेक के लिए
  6. फूल और माला – विशेष रूप से लाल पुष्प
  7. भोग – मिठाई, फल, नारियल और पंचमेवा
  8. अक्षत (चावल) – पूजा के लिए
  9. रुद्राक्ष या माला – जप करने के लिए
  10. गंगाजल – शुद्धिकरण के लिए

🔹 पूजा विधि (Pooja Vidhi):

  1. शुद्धिकरण – स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
  2. संकल्प – भगवान वीरभद्र की पूजा का संकल्प लें और अपना नाम व गोत्र उच्चारण करें।
  3. कलश स्थापना – जल से भरे कलश की स्थापना करें और उसमें सुपारी, चावल व फूल डालें।
  4. दीप प्रज्वलन – दीपक जलाकर भगवान वीरभद्र का ध्यान करें।
  5. अभिषेक – पंचामृत से भगवान का अभिषेक करें और शुद्ध जल से स्नान कराएं।
  6. श्रृंगार – चंदन, सिंदूर और फूलों से भगवान का श्रृंगार करें।
  7. धूप-दीप आरती – धूप और दीप जलाकर भगवान की आरती करें।
  8. मंत्र जाप – “ॐ वीरभद्राय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
  9. भोग अर्पण – फल, मिठाई और पंचमेवा का भोग लगाएं।
  10. प्रसाद वितरण – पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद ग्रहण करें और भक्तों में वितरित करें।

🙏 इस विधि से पूजा करने से भगवान वीरभद्र की कृपा प्राप्त होती है और सभी बाधाएं दूर होती हैं। 🔥