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वैष्णव जन तो तेनो कहिये - भजन शब्दों का अर्थ

वैष्णव जन तो तेनो कहिये भजन

वैष्णव जन तो तेनो कहिये

जे पीर पराई जानरे रे

पर दुखे उपकार करे तो

मन अभिमान न जानरे रे

निंदा न करे, कोई कीजे

सत्य बोलें, न झूठे बोल रे

संकीर्तन करे, पर प्रेमी रहें

वोहि सच्चे वैष्णव कहलाए रे

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वैष्णव जन तो तेनो कहिये भजन का हिंदी अर्थ 

वैष्णव जन तो तेनो कहिये
उस व्यक्ति को ही सच्चा वैष्णव कहा जाता है,
जे पीर पराई जानरे रे
जो दूसरे के दुःख और पीड़ा को अपने दिल से महसूस करता है।
पर दुखे उपकार करे तो
जो दूसरों के दुःख में मदद करता है,
मन अभिमान न जानरे रे
और अपने मन में कोई अहंकार नहीं रखता है।
निंदा न करे, कोई कीजे
जो किसी की निंदा नहीं करता,
सत्य बोलें, न झूठे बोल रे
जो सत्य बोलता है और कभी झूठ नहीं बोलता।
संकीर्तन करे, पर प्रेमी रहें
जो भगवान के नाम का जप करता है और प्रेम से भरा रहता है,
वोहि सच्चे वैष्णव कहलाए रे
वो ही सच्चा वैष्णव कहलाता है।

संक्षेप में अर्थ:
यह भजन भगवान श्री कृष्ण के परम भक्तों के गुणों का वर्णन करता है। इसमें बताया गया है कि सच्चा वैष्णव वही है, जो दूसरों की पीड़ा समझे, अहंकार और निंदा से दूर रहे, सत्य बोलने वाला हो, और भगवान के प्रति प्रेमपूर्ण हो।

Vaishnav Jan To Tene Kahiye bhajan meaning in english ———————————–

Vaishnav Jan To Tene Kahiye
Only that person is called a true Vaishnav,
Je Peer Parayi Janre Re
Who feels the pain and suffering of others as their own.
Par Dukh Upkar Kare To
Who helps others in their times of sorrow,
Man Abhiman Na Janre Re
And does not harbor any pride or ego in their heart.
Ninda Na Kare, Koi Kije
Who does not criticize others,
Satya Bole, Na Jhoothe Bol Re
Who speaks the truth and never tells lies.
Sankirtan Kare, Par Premi Rahe
Who chants the name of God and remains filled with love,
Wohi Sachche Vaishnav Kahalaye Re
Only such a person is called a true Vaishnav.

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पूजा विधि (Pooja Vidhi) in Hindi:

  • पूजा स्थल की तैयारी:
  • सबसे पहले पूजा स्थल को स्वच्छ करें। एक चौकी या आसन पर लाल या सफेद कपड़ा बिछा कर भगवान की मूर्ति या चित्र रखें।
  • यदि आप दीपक जलाना चाहते हैं, तो उसे सामने रखें और शुद्ध घी या तेल में बाती लगाएं।
  • शुद्धि (पवित्रता):
  • पूजा से पहले हाथ-पैर धोकर शुद्ध करें।
  • गंगाजल या शुद्ध जल से पूजा स्थल को स्नान कराएं।
  • संतुलन और प्रणाम:
  • पूजा स्थल पर एक बार ईश्वर का स्मरण करें और प्रणाम करें।
  • “ॐ श्री गणेशाय नमः” (या भगवान के अनुसार नाम) से पूजा प्रारंभ करें।
  • अर्पण (चढ़ावा):
  • फूल, फल, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) भगवान को अर्पित करें।
  • अगर हवन है, तो हवन सामग्री का उपयोग करें।
  • धूप और दीपक जलाना:
  • धूप (अगरबत्ती) जलाकर भगवान के सामने रखें। यह वातावरण को शुद्ध करता है।
  • दीपक का जलाना भगवान को प्रकाश अर्पित करने के रूप में होता है।
  • आरती और भजन:
  • पूजा के बाद आरती गायें। इसके साथ भगवान का भजन या स्तुति करें।
  • “ॐ जय जगदीश हरे” या भगवान के अनुसार आरती का पाठ करें।
  • प्रसाद वितरण:
  • पूजा के बाद भगवान को भोग अर्पित करें और प्रसाद को परिवार और भक्तों में बांटें।
  • अंतिम शांति मंत्र:
  • अंत में “ॐ शान्ति शान्ति शान्ति” का उच्चारण करें।

पूजा सामग्री (Pooja Samagri) in Hindi:

  • दीपक (Lamp)
  • घी या तेल (Ghee or Oil)
  • बाती (Wicks)
  • अगरबत्ती (Incense Sticks)
  • फूल (Flowers)
  • फल (Fruits)
  • पानी (Water)
  • चंदन या कपूर (Chandan or Camphor)
  • पंचामृत (Panchamrit)
  • दूध, दही, घी, शहद, शक्कर
  • चावल (कच्चे या पके) (Rice – Raw or Cooked)
  • पंखा या चीर (Fan or Peacocks Feather – for fan)
  • शुद्ध जल (Pure Water)
  • मिठाई या प्रसाद (Sweets or Prasad)
  • कलश (Sacred Pot) – (If applicable for specific worship)
  • कलावे या धागा (Sacred Thread)
  • रुपया या सिक्के (Coins or Money – for offering)

पूजा विधि और सामग्री का सही उपयोग भगवान के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए आवश्यक है।