ओ मेरे लाड़ले गणेश प्यारे प्यारे,
श्लोक – विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय,
लम्बोदराय सकलाय जगत हिताय,
नागाननाय श्रुतियज्ञभूषिताय,
गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते ॥
तर्ज – तेरे होंठों के दो फूल प्यारे प्यारे।
ओ मेरे लाड़ले गणेश प्यारे प्यारे,
भोले बाबा जी की आँखों के तारे,
देवा सभा बीच में आ जाना_आ जाना,
मेरे लाड़ले गणेश प्यारे प्यारे ॥
तेरी काया कँचन कँचन,
किरणों का है जिसमे बसेरा,
बाबा सूंड-सुंडाली मूरत,
तेरी आँखों मे खुशियों का डेरा,
तेरी महिमा अपरंपार, तुमको पूजे ये संसार,
प्रभु अमृत रस बरसा जाना_आ जाना,
मेरे लाड़ले गणेश प्यारे प्यारे ॥
देवा भजन तुम्हारे गायें,
सबसे पहले हम तुमको मनायें,
धुप दीपो की ज्योति जलायें,
मन-मंदिर मे झांकी सजायें,
मेरे बाबा गणराज, दे दो भक्ति का तुम दान,
प्रभु नैया पार लगा जाना_आ जाना,
मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे ॥
मेरे विघ्न विनाशक देवा,
सबसे पहले करें तेरी सेवा,
सारे जग मे है आनंद छाया,
बोलो जय-जय गजानंद देवा,
बाजे सुर और ताल, तेरा गुण गाये संसार
घुँघरु की खनक खनका जाना_आ जाना,
मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे ॥
मेरे लाड़ले गणेश प्यारे प्यारे,
भोले बाबा जी की आँखों के तारे,
देवा सभा बीच में आ जाना_आ जाना,
मेरे लाड़ले गणेश प्यारे प्यारे ॥
“मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे” भजन का अर्थ निम्नलिखित है:
यह श्लोक भगवान गणेश की महिमा का बखान करता है।
“विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय” – भगवान गणेश को विघ्नों (रुकावटों) को दूर करने वाला और वरद (आशीर्वाद देने वाला) कहा जाता है, और वह देवताओं के प्रिय हैं।
“लम्बोदराय सकलाय जगत हिताय” – भगवान गणेश के बड़े पेट वाले रूप का वर्णन किया गया है, जो पूरे जगत के कल्याण के लिए हैं।
“नागाननाय श्रुतियज्ञभूषिताय” – उनका चेहरा नाग (सर्प) से घिरा हुआ है और वह श्रुति (धार्मिक ग्रंथों) और यज्ञ में सम्मानित हैं।
“गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते” – भगवान गणेश गौरी (माँ पार्वती) के पुत्र हैं और गणनाथ (गणों के स्वामी) हैं, उन्हें बार-बार नमन किया जाता है।
“ओ मेरे लाड़ले गणेश प्यारे प्यारे” – यह पंक्ति भगवान गणेश को प्रेमपूर्वक बुलाती है और उनका आशीर्वाद चाहती है।
“भोले बाबा जी की आँखों के तारे” – यह पंक्ति भगवान गणेश की मासूमियत और भोलेपन का उल्लेख करती है, और उनके प्रिय होने का प्रतीक है।
“देवा सभा बीच में आ जाना, आ जाना” – भगवान गणेश से निवेदन किया जाता है कि वह अपनी उपस्थिति से संसार को पवित्र करें।
“मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे” – यह प्रेमपूर्ण रूप से भगवान गणेश से उनके दर्शन और आशीर्वाद की याचना है।
यह पंक्ति भगवान गणेश के रूप का वर्णन करती है।
“तेरी काया कँचन कँचन” – भगवान गणेश का शरीर सोने जैसा चमकदार और सुंदर है।
“किरणों का है जिसमे बसेरा” – उनके शरीर में सूरज की किरणें बसी हुई हैं, जो अत्यधिक तेजस्वी और पवित्र हैं।
“बाबा सूंड-सुंडाली मूरत” – भगवान गणेश का हाथी जैसा सूंड है, जो उनकी पहचान है।
“तेरी आँखों में खुशियों का डेरा” – उनके आँखों में संसार की सारी खुशियाँ बसी हुई हैं।
यह पंक्ति भगवान गणेश को भक्तों के द्वारा भजनों और प्रार्थनाओं से संतुष्ट करने की भावना को व्यक्त करती है।
“देवा भजन तुम्हारे गायें” – भक्त भगवान गणेश के भजन गाते हैं, और उनका मन पूर्णता की ओर अग्रसर होता है।
“सबसे पहले हम तुमको मनायें” – गणेश पूजा में सबसे पहले भगवान गणेश को श्रद्धा से मनाना और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना आवश्यक होता है।
“धूप दीपो की ज्योति जलायें” – भगवान गणेश के पूजन में धूप, दीप और पूजा की सामग्री का समावेश होता है।
यह पंक्ति भगवान गणेश के विघ्न विनाशक (अवरोधों को दूर करने वाले) रूप की प्रशंसा करती है।
“मेरे विघ्न विनाशक देवा” – भगवान गणेश विघ्नों को नष्ट करने वाले और जीवन में समृद्धि लाने वाले हैं।
“सारे जग में है आनंद छाया” – भगवान गणेश की कृपा से संसार में आनंद और शांति का वास होता है।
“बोलो जय-जय गजानंद देवा” – भगवान गणेश के जयकारे लगाए जाते हैं, उनकी महिमा को गाया जाता है।
इन पंक्तियों में भगवान गणेश के भक्तिपूर्ण प्रेम और उनके आशीर्वाद की प्रार्थना की जाती है।
“घुँघरु की खनक खनका जाना” – भगवान गणेश के पूजा में घुँघरू की आवाज़ एक मधुर ध्वनि की तरह गूंजती है, जो हर स्थान को शुभ बनाती है।
“मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे” – यह पंक्ति फिर से भगवान गणेश को प्रेमपूर्वक पुकारती है और उनके दर्शन की याचना करती है।
यह भजन भगवान गणेश के प्रति असीम श्रद्धा और प्रेम को व्यक्त करता है। इसमें भगवान गणेश के रूप, उनके गुण, उनकी महिमा, और उनके आशीर्वाद के लिए भक्तों की तहे दिल से प्रार्थना की जाती है। भजन के माध्यम से भक्त भगवान गणेश से अपने जीवन में विघ्नों के निवारण, आनंद, और आध्यात्मिक सुख की प्राप्ति की कामना करते हैं।
यह भजन भगवान गणेश के प्रति सच्ची भक्ति और प्रेम को व्यक्त करता है और भगवान गणेश के रूप में समर्पण की भावना को जीवित करता है।
Here is the English translation/meaning of the bhajan “मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे”:
This shloka describes the glory of Lord Ganesha.
“विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय” – Lord Ganesha is the remover of obstacles (Vighneshwar) and bestower of boons (Varaday), and is dear to the gods.
“लम्बोदराय सकलाय जगत हिताय” – Lord Ganesha is depicted as having a large belly, and he is the one who brings welfare to the entire universe.
“नागाननाय श्रुतियज्ञभूषिताय” – His face is adorned with snakes (Nag) and he is revered in the sacred scriptures and yajnas.
“गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते” – Lord Ganesha is the son of Gauri (Mother Parvati) and is the Lord of the Ganas (Lord of all beings). We offer him our repeated salutations.
“ओ मेरे लाड़ले गणेश प्यारे प्यारे” – This line lovingly calls upon Lord Ganesha, referring to him as the beloved, and asks for his blessings.
“भोले बाबा जी की आँखों के तारे” – Lord Ganesha is described as the apple of the eye of Lord Shiva (Bhole Baba), symbolizing his innocence and love.
“देवा सभा बीच में आ जाना, आ जाना” – We invite Lord Ganesha to come and bless the gathering, spreading his divine presence.
“मेरे लाड़ले गणेश प्यारे प्यारे” – The devotee calls out to Lord Ganesha again, asking for his arrival and blessings.
This line describes Lord Ganesha’s divine form.
“तेरी काया कँचन कँचन” – Lord Ganesha’s body is compared to gold, shining brightly and radiantly.
“किरणों का है जिसमे बसेरा” – His form is said to be filled with rays of light, symbolizing purity and divinity.
“बाबा सूंड-सुंडाली मूरत” – Lord Ganesha’s trunk (sund) is a prominent feature of his idol, and it symbolizes wisdom and strength.
“तेरी आँखों में खुशियों का डेरा” – The eyes of Lord Ganesha are said to reflect happiness and joy, bringing bliss to his devotees.
This line speaks of the devotion of the devotees towards Lord Ganesha.
“देवा भजन तुम्हारे गायें” – The devotees sing the bhajans (hymns) in praise of Lord Ganesha.
“सबसे पहले हम तुमको मनायें” – It’s important to first seek the blessings of Lord Ganesha before undertaking any task.
“धुप दीपो की ज्योति जलायें” – The devotees offer incense, lights, and candles during the worship of Lord Ganesha.
“मन-मंदिर मे झांकी सजायें” – In their hearts, the devotees set up a temple for Lord Ganesha, offering him devotion and love.
“मेरे बाबा गणराज, दे दो भक्ति का तुम दान” – The devotee asks Lord Ganesha (Ganaraj) to bless them with true devotion.
“प्रभु नैया पार लगा जाना, आ जाना” – The devotee seeks Lord Ganesha’s blessings to cross the ocean of life and reach the shore of spiritual fulfillment.
This line emphasizes Lord Ganesha’s role as the remover of obstacles (Vighna Vinashak).
“मेरे विघ्न विनाशक देवा” – Lord Ganesha is the remover of obstacles in all endeavors.
“सारे जग मे है आनंद छाया” – With Lord Ganesha’s blessings, peace and happiness prevail in the entire world.
“बोलो जय-जय गजानंद देवा” – The devotees chant the name of Lord Ganesha in joyous reverence, invoking his presence.
“बाजे सुर और ताल, तेरा गुण गाये संसार” – The universe sings his praises, with music and rhythm, proclaiming the virtues of Lord Ganesha.
“घुँघरु की खनक खनका जाना, आ जाना” – The sound of ghungroos (bells) and their jingling signifies the arrival of Lord Ganesha. The devotees invite him to come and bless them.
In the final lines, the devotees express their deep love and longing for Lord Ganesha.
“मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे” – Again, the devotee calls upon Lord Ganesha, acknowledging his beloved status.
“भोले बाबा जी की आँखों के तारे” – Lord Ganesha is the beloved child of Lord Shiva, the simple and innocent god.
“देवा सभा बीच में आ जाना, आ जाना” – The devotee requests Lord Ganesha to come among the gathering, bringing blessings and divine grace.
This bhajan is a heartfelt prayer and tribute to Lord Ganesha, asking for his blessings and guidance. It describes his divine qualities, his form, and his importance in the lives of his devotees. Lord Ganesha is revered as the remover of obstacles, the bestower of blessings, and the symbol of wisdom and prosperity. Devotees sing this bhajan to express their deep love and devotion, inviting Lord Ganesha into their lives to bring harmony, happiness, and spiritual growth.
The bhajan expresses the devotional longing of the devotee for the divine presence of Lord Ganesha and seeks his blessings for a smooth and successful life free from obstacles.
यह विधि शुद्ध भाव से और श्रद्धा से की जानी चाहिए। गणेश जी के पूजन से समृद्धि, बुद्धि, और विघ्नों से मुक्ति मिलती है।