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हयग्रीव भजन | श्री हयग्रीव की कृपा पाने का सुंदर भजन

भजन
जय हयग्रीव ज्ञान स्वरूपा,
बुद्धि-विवेक के तुम हो दाता।
सरस्वती संग वास तुम्हारा,
विद्या का अजर-अमर उजाला।।

ज्ञान-प्रकाश करो जग सारा,
दूर करो अज्ञान अंधियारा।
शरण तुम्हारी जो जन आए,
सुख-समृद्धि जीवन में पाए।।

जय हयग्रीव देव कृपालु,
सत्यम शिवम सुंदर भावू।
करुणा बरसाओ हे स्वामी,
ज्ञान-भक्ति की ज्योति थामी।।

भजन का हिंदी अर्थ:

  1. जय हयग्रीव ज्ञान स्वरूपा, बुद्धि-विवेक के तुम हो दाता।
    → हे हयग्रीव! आप ज्ञान के स्वरूप हैं और हमें बुद्धि व विवेक प्रदान करने वाले हैं।
  2. सरस्वती संग वास तुम्हारा, विद्या का अजर-अमर उजाला।
    → आपका निवास देवी सरस्वती के साथ है, और आप अनंत ज्ञान व विद्या का प्रकाश फैलाते हैं।
  3. ज्ञान-प्रकाश करो जग सारा, दूर करो अज्ञान अंधियारा।
    → कृपा कर पूरे संसार में ज्ञान का प्रकाश फैलाइए और अज्ञान के अंधकार को मिटाइए।
  4. शरण तुम्हारी जो जन आए, सुख-समृद्धि जीवन में पाए।
    → जो भी आपकी शरण में आता है, वह जीवन में सुख और समृद्धि प्राप्त करता है।
  5. जय हयग्रीव देव कृपालु, सत्यम शिवम सुंदर भावू।
    → हे दयालु हयग्रीव देव! आप सत्य, शुभता और सुंदरता के प्रतीक हैं।
  6. करुणा बरसाओ हे स्वामी, ज्ञान-भक्ति की ज्योति थामी।
    → हे प्रभु! हम पर अपनी करुणा बरसाइए और हमें ज्ञान व भक्ति की ज्योति प्रदान कीजिए।

 

Meaning of the Bhajan in English:

  1. Jai Hayagriva, the embodiment of wisdom, the giver of intellect and discernment.
    → O Hayagriva! You are the very form of wisdom and the bestower of intellect and discernment.
  2. You reside with Goddess Saraswati, spreading the eternal light of knowledge.
    → Your presence is with Goddess Saraswati, and you radiate the eternal light of knowledge and wisdom.
  3. Illuminate the whole world with the light of wisdom, remove the darkness of ignorance.
    → Please bless the world with the light of knowledge and dispel the darkness of ignorance.
  4. Whoever seeks your refuge attains happiness and prosperity in life.
    → Those who surrender to you receive joy and prosperity in their lives.
  5. Glory to compassionate Lord Hayagriva, the embodiment of truth, auspiciousness, and beauty.
    → O merciful Lord Hayagriva! You represent truth, goodness, and divine beauty.
  6. Shower your grace upon us, O Lord, and guide us with the light of knowledge and devotion.
    → O Lord! Bless us with your mercy and grant us the divine light of wisdom and devotion.

 

श्री हयग्रीव पूजन विधि एवं पूजन सामग्री

🔹 पूजन सामग्री (Pooja Samagri):

  1. हयग्रीव भगवान की मूर्ति या चित्र
  2. साफ वस्त्र (भगवान को ओढ़ाने के लिए)
  3. माला (कमल गट्टे या रुद्राक्ष की)
  4. कलश और जल
  5. चंदन, रोली, कुमकुम और हल्दी
  6. धूप, दीप, कपूर
  7. फूल (विशेष रूप से लाल या सफेद फूल)
  8. फल, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर)
  9. नैवेद्य (मिष्ठान जैसे मोदक, पंजीरी, या खीर)
  10. नारियल और सुपारी
  11. पीला वस्त्र और अक्षत (चावल)
  12. घंटा और शंख
  13. गंगाजल और तुलसी पत्र

🔹 पूजन विधि (Pooja Vidhi):

  1. स्नान और संकल्प:
    • प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजन का संकल्प लें।
  2. मूर्ति या चित्र स्थापना:
    • भगवान हयग्रीव की मूर्ति या चित्र को स्वच्छ स्थान पर स्थापित करें।
  3. संकल्प और आह्वान:
    • जल लेकर संकल्प करें और हयग्रीव भगवान का आह्वान करें।
  4. अभिषेक:
    • पंचामृत और गंगाजल से अभिषेक करें, फिर स्वच्छ जल से स्नान कराएं।
  5. श्रृंगार और अर्पण:
    • भगवान को वस्त्र, चंदन, रोली, फूल, और तुलसी पत्र अर्पित करें।
  6. धूप, दीप और आरती:
    • धूप और दीप जलाकर भगवान की स्तुति करें और मंत्र जाप करें।
  7. नैवेद्य अर्पण:
    • फल, मिष्ठान और पंचामृत का भोग अर्पित करें।
  8. हयग्रीव मंत्र जप:
    • ॐ हयग्रीवाय नमः मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें।
  9. प्रसाद वितरण और समर्पण:
    • आरती करने के बाद सभी को प्रसाद वितरित करें और भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करें।

🌺 इस विधि से पूजन करने पर श्री हयग्रीव भगवान की कृपा से ज्ञान, बुद्धि और विवेक की प्राप्ति होती है।