bhajanartichalisa

ब्रह्मा भजन (Brahma Bhajan in Hindi)

ब्रह्मा जी की महिमा

ब्रह्मा जी की महिमा न्यारी, सृष्टि के ये कर्ता हैं।
ज्ञान का दीप जलाने वाले, वेदों के संरक्षक हैं॥

चार मुखों से ज्ञान सुनाते, वेद ऋचाएँ गाते हैं।
सत्य, धर्म, करुणा के वाहक, सृष्टि के भाग्य विधाता हैं॥

कमलासन पर विराजमान, शुभ्र तेज इनका रूप।
सकल जगत में पूजे जाते, कर दो मन को अनूप॥

जो भी इनका ध्यान लगाए, ज्ञान-विज्ञान को पाए।
ब्रह्मलोक में स्थान मिलेगा, भवसागर तर जाए॥



ब्रह्मा भजन का अर्थ (Brahma Bhajan Meaning in Hindi)

  1. ब्रह्मा जी की महिमा न्यारी, सृष्टि के ये कर्ता हैं।
    → ब्रह्मा जी की महिमा अनोखी है, वे ही इस संपूर्ण सृष्टि के रचयिता हैं।
  2. ज्ञान का दीप जलाने वाले, वेदों के संरक्षक हैं॥
    → वे ज्ञान का प्रकाश फैलाने वाले हैं और वेदों के संरक्षक माने जाते हैं।
  3. चार मुखों से ज्ञान सुनाते, वेद ऋचाएँ गाते हैं।
    → ब्रह्मा जी के चार मुख हैं, जिनसे वे निरंतर वेदों का ज्ञान देते रहते हैं।
  4. सत्य, धर्म, करुणा के वाहक, सृष्टि के भाग्य विधाता हैं॥
    → वे सत्य, धर्म और करुणा के प्रतीक हैं और पूरे संसार के भाग्य को लिखने वाले हैं।
  5. कमलासन पर विराजमान, शुभ्र तेज इनका रूप।
    → ब्रह्मा जी कमल के आसन पर विराजमान होते हैं और उनका रूप अत्यंत तेजस्वी और पवित्र होता है।
  6. सकल जगत में पूजे जाते, कर दो मन को अनूप॥
    → वे संपूर्ण जगत में पूजे जाते हैं, उनके ध्यान से मन शुद्ध और पवित्र हो जाता है।
  7. जो भी इनका ध्यान लगाए, ज्ञान-विज्ञान को पाए।
    → जो भी ब्रह्मा जी का ध्यान करता है, उसे ज्ञान और विज्ञान की प्राप्ति होती है।
  8. ब्रह्मलोक में स्थान मिलेगा, भवसागर तर जाए॥
    → उनकी भक्ति से व्यक्ति ब्रह्मलोक (ब्रह्मा जी के धाम) में स्थान पाता है और जीवन-मरण के चक्र से मुक्त हो जाता है।



Meaning of Brahma Bhajan in English

  1. “Brahma Ji Ki Mahima Nyari, Srishti Ke Ye Karta Hain.”
    → The glory of Lord Brahma is unique; he is the creator of the entire universe.
  2. “Gyaan Ka Deep Jalane Wale, Vedo Ke Sanrakshak Hain.”
    → He is the one who spreads the light of knowledge and is the protector of the Vedas.
  3. “Chaar Mukho Se Gyaan Sunate, Ved Richaayein Gaate Hain.”
    → With his four faces, he constantly imparts knowledge and recites the hymns of the Vedas.
  4. “Satya, Dharm, Karuna Ke Vaahak, Srishti Ke Bhagya Vidhata Hain.”
    → He is the bearer of truth, righteousness, and compassion and is the architect of destiny.
  5. “Kamalasan Par Virajmaan, Shubhra Tej Inka Roop.”
    → Seated on a lotus, his divine form radiates a bright and pure aura.
  6. “Sakal Jagat Mein Pooje Jaate, Kar Do Man Ko Anoop.”
    → He is worshipped across the entire universe, and his devotion purifies the mind.
  7. “Jo Bhi Inka Dhyan Lagaye, Gyaan-Vigyaan Ko Paaye.”
    → Whoever meditates upon him attains both knowledge and wisdom.
  8. “Brahmalok Mein Sthaan Milega, Bhavsagar Tar Jaye.”
    → Through his devotion, one attains a place in Brahmalok (Lord Brahma’s divine abode) and crosses the ocean of worldly existence.

 

ब्रह्मा जी की पूजा विधि और पूजा सामग्री

1. पूजा विधि (Brahma Ji Pooja Vidhi):

ब्रह्मा जी की पूजा विशेष रूप से ज्ञान, विद्या और सृष्टि के कल्याण के लिए की जाती है।

  1. स्नान और शुद्धिकरण:
    • प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
    • पूजा स्थल को गंगाजल या स्वच्छ जल से शुद्ध करें।
  2. ब्रह्मा जी की मूर्ति या चित्र की स्थापना:
    • ब्रह्मा जी का चित्र या मूर्ति एक स्वच्छ स्थान पर स्थापित करें।
    • उनका आसन कमल के फूल या पीले वस्त्र पर रखें।
  3. दीप प्रज्वलन और धूप अर्पण:
    • घी या तेल का दीपक जलाएं।
    • धूप, अगरबत्ती जलाकर वातावरण को पवित्र करें।
  4. पंचामृत से अभिषेक:
    • पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी और शक्कर) से भगवान ब्रह्मा जी का अभिषेक करें।
    • इसके बाद स्वच्छ जल से स्नान कराएं।
  5. संध्या और मंत्र जाप:
    • ब्रह्मा जी के लिए “ॐ ब्रह्मणे नमः” मंत्र का जाप करें।
    • गायत्री मंत्र (“ॐ भूर्भुवः स्वः…”) का जाप करें, क्योंकि यह ब्रह्मा जी का प्रिय मंत्र है।
  6. फूल, अक्षत और चंदन अर्पण:
    • ब्रह्मा जी को सफेद और पीले फूल अर्पित करें।
    • चंदन, रोली और अक्षत (चावल) का तिलक करें।
  7. नैवेद्य अर्पण:
    • भगवान को फल, गुड़, दूध से बनी मिठाई या खीर का भोग लगाएं।
  8. आरती और भजन:
    • “ब्रह्मा जी की आरती” गाएं।
    • “ॐ जय जगदीश हरे” जैसी सामान्य आरती भी की जा सकती है।
  9. प्रसाद वितरण:
    • पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद सभी भक्तों में बांटें।
    • अंत में ब्राह्मणों को भोजन और दक्षिणा देकर आशीर्वाद लें।

2. पूजा सामग्री (Brahma Ji Pooja Samagri):

  1. मूर्ति या चित्र – ब्रह्मा जी का चित्र या मूर्ति
  2. गंगाजल – स्थान और मूर्ति शुद्ध करने के लिए
  3. दीपक – घी या तेल का दीपक
  4. अगरबत्ती और धूप – वातावरण को शुद्ध करने के लिए
  5. पंचामृत – दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर
  6. चंदन – तिलक के लिए
  7. रोली और अक्षत (चावल) – पूजा में शुभता के लिए
  8. फूल और माला – ब्रह्मा जी को अर्पित करने के लिए
  9. कमल का फूल – ब्रह्मा जी का प्रिय पुष्प
  10. नैवेद्य – फल, मिठाई, खीर या दूध से बने पकवान
  11. घंटी और शंख – पूजा के दौरान ध्वनि उत्पन्न करने के लिए
  12. पूजा थाली – सभी सामग्री रखने के लिए
  13. कुशा आसन – पूजा करते समय बैठने के लिए
  14. गायत्री मंत्र की पुस्तक – मंत्र पाठ के लिए
  15. दक्षिणा – ब्राह्मण को दान देने के लिए

ब्रह्मा जी की पूजा का महत्व:

  • यह पूजा ज्ञान, विद्या और सृजनात्मक शक्ति को बढ़ाने में सहायक होती है।
  • विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं के लिए विशेष लाभकारी मानी जाती है।
  • यह पूजा बौद्धिक क्षमता को बढ़ाती है और जीवन में सफलता दिलाती है।