bhajanartichalisa

karpur-gauram-karunavataram-bhajan-hindi

🔱 कर्पूरगौरं करुणावतारं | शिव स्तुति भजन 🔱

🔹 प्रारंभिक श्लोक:

कर्पूरगौरं करुणावतारं, संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदावसन्तं हृदयारविन्दे, भवं भवानीसहितं नमामि॥

भगवान शिव को समर्पित यह पावन भजन उनकी दिव्यता, शीतलता और करुणा का वर्णन करता है। भगवान शिव की स्तुति करने से भक्तों को शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक उत्थान प्राप्त होता है।

🌿 भजन के बोल 🌿

(१) शिव की स्तुति

🔸 कर्पूरगौरं करुणावतारं,
🔸 त्रिनेत्रधारी नमो नमः।
🔸 गंगा विराजे जटा में जिनकी,
🔸 जय हो शंकर, हर हर महादेव॥

(२) शिव की महिमा

🔹 नागों का हार गले में शोभे,
🔹 भस्म रमायें शरीर पे भोले।
🔹 कैलाश के निवासी त्रिलोकी के त्राता,
🔹 जय हो शंकर, हर हर महादेव॥

(३) भक्तों के रक्षक शिव

🔸 संकट हरते, कष्ट मिटाते,
🔸 जीवन नैया पार लगाते।
🔸 शिव शंकर से जो मन लगाता,
🔸 उसका बेड़ा पार हो जाता॥

(४) शिव के आशीर्वाद की महिमा

🔹 जब भी कोई नाम तेरा ले,
🔹 मन की हर पीड़ा हरता शिव।
🔹 भक्तों की रक्षा करने वाले,
🔹 जय शिवशंकर, हर हर महादेव॥

(५) शिव की अर्चना

🔸 दूध, बेलपत्र अर्पण करूं मैं,
🔸 ध्यान लगाकर चरणों में झुकूं मैं।
🔸 शक्ति दो भोले, राह दिखाओ,
🔸 भक्त हूं तेरा, मुझको अपनाओ॥

(६) शिव का ध्यान

🔹 ओं नमः शिवाय का जप करूं,
🔹 शरण तुम्हारी मैं कब से रहूं।
🔹 दया करो, रक्षा करो,
🔹 संकट हर, कृपा करो॥

📿 शिव मंत्र जप 📿

👉 “ॐ नमः शिवाय” का 108 बार जाप करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं और शिव कृपा प्राप्त होती है।

🌼 शिव आरती 🌼

🔹 ॐ जय शिव ओंकारा
🔹 ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा
🔹 ॐ जय शिव ओंकारा…

भगवान शिव करुणा और दया के सागर हैं। जो भी सच्चे मन से उनकी आराधना करता है, उसे जीवन के सभी संकटों से मुक्ति मिलती है। “कर्पूरगौरं करुणावतारं” भजन शिव की महिमा का गान है, जिसे नित्य गाने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है।

 

🙏 हर हर महादेव! 🙏

🔱 “कर्पूरगौरं करुणावतारं” का हिंदी अर्थ 🔱

यह श्लोक भगवान शिव की महिमा का वर्णन करता है और उनकी दिव्य स्वरूप की स्तुति करता है। आइए इसका शब्द-दर-शब्द अर्थ समझते हैं:

📖 श्लोक:

कर्पूरगौरं करुणावतारं, संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदावसन्तं हृदयारविन्दे, भवं भवानीसहितं नमामि॥

🔹 शब्दार्थ एवं भावार्थ:

  1. कर्पूरगौरं (Karpur Gauram)कर्पूर (कपूर) की तरह गौर (सफेद) अर्थात् भगवान शिव का शरीर कपूर के समान उज्ज्वल और श्वेत है।
  2. करुणावतारं (Karunavataram)करुणा के अवतार अर्थात् भगवान शिव दयालु और करुणामयी हैं।
  3. संसारसारं (Sansar Saaram) → जो संपूर्ण संसार का सार (मूल तत्व) हैं, अर्थात् शिव संपूर्ण ब्रह्मांड की आत्मा हैं
  4. भुजगेन्द्रहारम् (Bhujagendra Haram)भुजंग (सर्प) + इन्द्र (सर्पों का राजा) + हारम् (माला) अर्थात् भगवान शिव के गले में सर्पों की माला सुशोभित है।
  5. सदावसन्तं हृदयारविन्दे (Sada Vasantam Hridayaravinde) → जो सदैव (हमेशा) भक्तों के हृदय रूपी कमल में वास करते हैं
  6. भवं भवानीसहितं नमामि (Bhavam Bhavani Sahitam Namami) → मैं शिव (भव) और माता पार्वती (भवानी) को नमन करता हूँ

🌿 भावार्थ (अर्थ)

यह श्लोक भगवान शिव के निर्मल, दयालु, और संसार के आधारस्वरूप होने का वर्णन करता है। शिवजी की सुंदरता, उनके दयालु स्वभाव और भक्तों के हृदय में उनकी उपस्थिति को दर्शाता है।
“जो कपूर के समान श्वेत हैं, करुणा के साक्षात अवतार हैं, समस्त संसार का सार हैं, गले में नागों की माला धारण किए हुए हैं, जो भक्तों के हृदय रूपी कमल में सदा वास करते हैं, मैं उन शिव और माता पार्वती को प्रणाम करता हूँ।”

🔱 Karpur Gauram Karunavataram | Shiv Stuti Bhajan 🔱

🔹 Opening Verse: Karpur Gauram Karunavataram, Samsara Saaram Bhujagendra Haaram.
Sada Vasantam Hridayaravinde, Bhavam Bhavani Sahitam Namami.
This sacred bhajan dedicated to Lord Shiva describes His divinity, calmness, and compassion. Worshipping Lord Shiva brings peace, prosperity, and spiritual elevation to devotees.

🌿 Lyrics of the Bhajan 🌿

(1) Praise of Shiva
Karpur Gauram Karunavataram,
Trinetradhari Namo Namah.
Ganga Viraje Jata Mein Jinki,
Jai Ho Shankar, Har Har Mahadev.

(2) Glory of Shiva
Naagom Ka Haar Gale Mein Shobhe,
Bhasma Ramaye Sharir Pe Bhole.
Kailash Ke Nivasi Triloki Ke Trata,
Jai Ho Shankar, Har Har Mahadev.

(3) Shiva, Protector of Devotees
Sankat Harte, Kasht Mitaate,
Jeevan Naiya Paar Lagate.
Shiv Shankar Se Jo Man Lagata,
Uska Beda Paar Ho Jata.

(4) Blessings of Shiva
Jab Bhi Koi Naam Tera Le,
Man Ki Har Peeda Harata Shiv.
Bhakton Ki Raksha Karne Wale,
Jai Shivshankar, Har Har Mahadev.

(5) Worship of Shiva
Doodh, Belpatra Arpan Karun Main,
Dhyan Lagakar Charno Mein Jhukun Main.
Shakti Do Bhole, Raah Dikhao,
Bhakt Hoon Tera, Mujhko Apnao.

(6) Meditation on Shiva
Om Namah Shivaya Ka Jap Karun,
Sharan Tumhari Main Kab Se Rahun.
Daya Karo, Raksha Karo,
Sankat Har, Kripa Karo.

📿 Shiva Mantra Chant 📿
👉 Chanting “Om Namah Shivaya” 108 times removes all obstacles and brings Lord Shiva’s blessings.

🌼 Shiva Aarti 🌼
Om Jai Shiv Omkara,
Brahma, Vishnu, Sadashiva, Ardhangi Dhara,
Om Jai Shiv Omkara…

Lord Shiva is the ocean of mercy and compassion. Anyone who sincerely worships Him is freed from the troubles of life. The “Karpur Gauram Karunavataram” bhajan sings His glory, and chanting it daily brings mental peace and spiritual energy.

पूजा विधि और पूजा सामग्री

पूजा विधि:

  • पूजा स्थल की शुद्धता:
  • सबसे पहले पूजा स्थल को स्वच्छ करें। सफाई से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • पूजा स्थल पर एक सफेद या लाल वस्त्र बिछाएं।
  • दीपक और अगरबत्ती जलाना:
  • पूजा स्थल पर दीपक या मोमबत्ती और अगरबत्ती लगाएं। इससे वातावरण शुद्ध होता है और भगवान का स्वागत होता है।
  • गंगाजल का छिड़काव:
  • पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़कें, ताकि समस्त पाप और नकारात्मकता दूर हो जाए।
  • पूजा सामग्री का स्थान:
  • भगवान की मूर्ति या चित्र को पूजा स्थल पर रखें।
  • भगवान का ध्यान करके “ॐ” का उच्चारण करें।
  • अर्चना (आसन और वस्त्र चढ़ाना):
  • भगवान को पुष्प, बेलपत्र या कोई भी शुभ वस्त्र अर्पित करें।
  • भगवान के चरणों में अगरबत्ती या धूप अर्पित करें।
  • नैवेद्य (भोग):
  • भगवान को प्रिय फल, मिठाई, मिष्ठान्न, पानी या दूध चढ़ाएं।
  • ध्यान रखें कि जो भोग अर्पित करें वह ताजे और शुद्ध हों।
  • मंत्रोच्चारण (मंत्रों का जाप):
  • पूजा के दौरान संबंधित भगवान के मंत्रों का जाप करें।
  • जैसे शिव पूजा में “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें।
  • अन्य मंत्रों का भी उच्चारण करें।
  • अर्चना के बाद भगवान की आरती:
  • पूजा के अंत में भगवान की आरती करें। इसे उच्च स्वर में गाना चाहिए ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास हो।
  • प्रसाद वितरण:
  • पूजा के बाद भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करें और प्रसाद सभी उपस्थित भक्तों में वितरित करें।

पूजा सामग्री:

  • पुष्प (फूल):
  • भगवान को प्रिय फूल जैसे गुलाब, कमल, गेंदे का फूल आदि चढ़ाएं।
  • धूप या अगरबत्ती:
  • भगवान के सामने धूप या अगरबत्ती रखें ताकि वातावरण शुद्ध हो।
  • दीपक और तेल:
  • दीपक के लिए घी, तेल और बत्तियां।
  • बेलपत्र:
  • विशेष रूप से शिव पूजा में बेलपत्र का महत्व है। इसे भगवान के चरणों में चढ़ाएं।
  • फल और मिठाई:
  • भगवान को अर्पित करने के लिए फल (केले, सेब, आम, नारियल आदि) और मिठाई (लड्डू, पेठा, हलवा आदि)।
  • पानी या दूध:
  • विशेष रूप से शिव पूजा में जल या दूध अर्पित करें।
  • नैवेद्य (भोग):
  • भगवान को ताजे पकवान, फल, मिठाई, या दूध आदि अर्पित करें।
  • कुंकुम और चंदन:
  • भगवान के माथे पर तिलक करने के लिए कुंकुम या चंदन।
  • रुई, बत्तियां और घी:
  • दीपक जलाने के लिए रुई और घी का उपयोग करें।
  • वस्त्र:
  • भगवान को नए वस्त्र अर्पित करें, जो पूजा का एक महत्वपूर्ण भाग होता है।
  • गंगाजल या शुद्ध जल:
  • पूजा स्थल को शुद्ध करने के लिए गंगाजल का उपयोग करें।

इन सभी सामग्रियों का सही तरीके से उपयोग करके पूजा विधि को श्रद्धा और भक्ति से करना चाहिए।