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कार्तिकेय जी की आराधना

ओम् कार्तिकेय नमो नमः,
शिवसुत वल्लभ नमो नमः।
शक्ति के अवतार हो,
भक्तों के उद्धार हो।

सिंह पर सवार हो,
सारे संकट हार हो।
शरण में जो आए तेरी,
कृपा से भवसागर तर जाए।

 भजन का हिंदी अर्थ:

इस भजन में भगवान कार्तिकेय (जो शिव जी के पुत्र और शक्ति के अवतार हैं) की स्तुति की गई है।

  • “ओम् कार्तिकेय नमो नमः, शिवसुत वल्लभ नमो नमः”
    → भगवान कार्तिकेय को प्रणाम! वे शिव पुत्र और माता पार्वती के प्रिय हैं।
  • “शक्ति के अवतार हो, भक्तों के उद्धार हो”
    → वे शक्ति के रूप हैं और भक्तों का उद्धार करने वाले हैं।
  • “सिंह पर सवार हो, सारे संकट हार हो”
    → वे सिंह पर विराजमान रहते हैं और उनकी कृपा से सभी संकट नष्ट हो जाते हैं।
  • “शरण में जो आए तेरी, कृपा से भवसागर तर जाए”
    → जो भी उनकी शरण में आता है, वे उसे संसार सागर से पार करा देते हैं।

यह भजन भगवान कार्तिक

 

Meaning of the Bhajan in English:

This bhajan is a devotional hymn in praise of Lord Kartikeya (the son of Lord Shiva and the embodiment of power).

  • “Om Kartikeya Namo Namah, Shivasuta Vallabha Namo Namah”
    → Salutations to Lord Kartikeya! He is the son of Lord Shiva and the beloved of Goddess Parvati.
  • “Shakti ke Avataar ho, Bhakton ke Uddhaar ho”
    → He is the incarnation of divine power and the savior of his devotees.
  • “Singh par Savaar ho, Saare Sankat Haar ho”
    → He rides a lion, and his grace removes all difficulties.
  • “Sharan mein jo aaye teri, Kripa se Bhavsagar tar jaaye”
    → Whoever seeks his refuge is blessed and crosses the ocean of worldly existence.
 

भगवान कार्तिकेय पूजन विधि और पूजन सामग्री

🔹 पूजन सामग्री (Pooja Samagri)

भगवान कार्तिकेय की पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:

  1. भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा या चित्र
  2. कलश (जल से भरा हुआ)
  3. मौली (रक्षा सूत्र)
  4. फूल (विशेष रूप से लाल फूल)
  5. धूप एवं दीपक
  6. चंदन, कुमकुम और हल्दी
  7. पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और गंगाजल का मिश्रण)
  8. नैवेद्य (मिष्ठान्न या फल)
  9. नारियल और सुपारी
  10. तुलसी या बेलपत्र (यदि उपलब्ध हो)
  11. गुड़ और तिल (भगवान कार्तिकेय को विशेष प्रिय)
  12. लड्डू या मोदक (भोग के रूप में)
  13. भस्म (विभूति)
  14. आरती की थाली

🔹 पूजा विधि (Pooja Vidhi)

भगवान कार्तिकेय की पूजा करने की विधि इस प्रकार है:

  1. स्नान और संकल्प: प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान कार्तिकेय की पूजा का संकल्प लें।
  2. कलश स्थापना: पूजा स्थल पर जल से भरा कलश स्थापित करें।
  3. भगवान कार्तिकेय की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  4. दीप जलाकर धूप अर्पित करें।
  5. मौली (रक्षा सूत्र) को भगवान को अर्पित करें और अपने हाथ में बांध लें।
  6. भगवान को चंदन, कुमकुम, हल्दी, और फूल अर्पित करें।
  7. पंचामृत से अभिषेक करें (यदि संभव हो तो)।
  8. गुड़, तिल और लड्डू का भोग लगाएं।
  9. भगवान कार्तिकेय के मंत्रों का जाप करें, जैसे:
    “ॐ श्री कार्तिकेयाय नमः” या
    “ॐ स्कन्दाय नमः”
  10. कार्तिकेय भजन और स्तुति का पाठ करें।
  11. भगवान की आरती करें और प्रसाद वितरण करें।
  12. शांत मन से भगवान कार्तिकेय का ध्यान करें और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें।

🔹 विशेष दिवस

भगवान कार्तिकेय की पूजा मंगलवार और षष्ठी तिथि (स्कंद षष्ठी) को विशेष रूप से की जाती है।

🔹 लाभ (Benefits of Worship)

  • सभी प्रकार के संकट और बाधाओं से मुक्ति।
  • शत्रु नाश और विजय प्राप्ति।
  • संतान सुख और गृहस्थ जीवन में शांति।
  • आध्यात्मिक और मानसिक बल की वृद्धि।

भगवान कार्तिकेय की कृपा से जीवन में सफलता, सुख-शांति, और समृद्धि प्राप्त होती है। 🙏