🌺 श्रीरामचरितमानस दोहा 🌺
🔹 मंगल भवन अमंगल हारी
🔹 द्रवउ सो दसरथ अजिर बिहारी
🌿 चौपाई 🌿
बंदउँ रामलखन बैदेही।
सुर-सिद्ध सुर चरन गंहेही॥
मंगल मूल अमंगल हारी।
द्रवउ सो दशरथ अजिर बिहारी॥
सिया राममय सब जग जानी।
करउ प्रणाम जोरि जुग पानी॥
राम सिया राम सिया राम जय जय राम।
📿 इस भजन को गाने से श्रीराम की कृपा प्राप्त होती है और सभी कष्टों का निवारण होता है।
🙏 जय श्री राम! 🙏
“मंगल भवन अमंगल हारी” का हिंदी अर्थ
🔹 मंगल भवन अमंगल हारी – यह पंक्ति भगवान श्रीराम की महिमा का गुणगान करती है। इसमें कहा गया है कि श्रीराम ऐसे हैं जो मंगल (शुभता) के स्रोत हैं और अमंगल (अशुभता) को हरने वाले हैं।
🔹 द्रवउ सो दशरथ अजिर बिहारी – इसका अर्थ है कि जो दशरथ जी के आंगन (राजमहल) में विहार करने वाले हैं, वे श्रीराम कृपा करके हम पर दया करें।
चौपाई का अर्थ:
- बंदउँ रामलखन बैदेही – मैं भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और माता सीता की वंदना (प्रणाम) करता हूँ।
- सुर-सिद्ध सुर चरन गंहेही – देवता और सिद्धजन भी उनके चरणों को पकड़कर उनकी कृपा प्राप्त करते हैं।
- मंगल मूल अमंगल हारी – वे सभी शुभताओं के मूल हैं और अशुभता को हरने वाले हैं।
- सिया राममय सब जग जानी – संपूर्ण जगत श्रीराम और माता सीता के प्रेम से ओतप्रोत है।
- करउ प्रणाम जोरि जुग पानी – मैं अपने दोनों हाथ जोड़कर उन्हें प्रणाम करता हूँ।
💫 इस भजन का भावार्थ यह है कि श्रीराम के चरणों में श्रद्धा रखने से सभी दुःख-दर्द दूर हो जाते हैं और जीवन में शुभता आती है।
🙏 जय श्री राम! 🙏
Bhajan “Mangal Bhavan Amangal Haari” in English
🔹 “Mangal Bhavan Amangal Haari” – This phrase glorifies Lord Shri Ram, meaning “He is the abode of all auspiciousness and the remover of inauspiciousness.”
🔹 “Dravau So Dashrath Ajir Bihari” – It means “May He, who resides in King Dashrath’s courtyard, bless us with His grace.”
Meaning of Chaupai (Verse):
- “Bandau Ram Lakhan Baidehi” – I bow to Lord Shri Ram, Lakshman, and Goddess Sita.
- “Sur-Siddh Sur Charan Ganhehi” – Even the gods and enlightened beings hold His feet in reverence.
- “Mangal Mool Amangal Haari” – He is the root of all auspiciousness and the remover of all inauspiciousness.
- “Siya Ramamay Sab Jag Jani” – The entire universe is immersed in the divine presence of Shri Ram and Sita.
- “Karu Pranam Jori Jug Pani” – With folded hands, I offer my salutations to them.
🙏 Jai Shri Ram! 🙏
🌺 मंगल भवन अमंगल हारी – पूजा विधि और सामग्री 🌺
📿 पूजा सामग्री (Puja Samagri):
- श्रीराम प्रतिमा या चित्र
- पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और गंगाजल)
- फूल (विशेषकर कमल और तुलसी पत्ते)
- अगरबत्ती और धूप
- दीपक और घी/तेल
- रोली, चंदन और कुमकुम
- अक्षत (साबुत चावल)
- मिठाई और फल
- पंचमेवा (काजू, बादाम, किशमिश, छुहारा, और पिस्ता)
- पुष्पमाला (गेंदा या गुलाब के फूलों की माला)
- धूप-दीप स्टैंड और घंटी
- रामचरितमानस या सुंदरकांड की पुस्तक
- जल से भरा कलश और आम के पत्ते
🕉️ पूजा विधि (Puja Vidhi):
🌿 1. स्नान और शुद्धि:
- प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें।
🌸 2. श्रीराम का आह्वान:
- राम प्रतिमा या चित्र को एक स्वच्छ स्थान पर स्थापित करें।
- दीप प्रज्वलित करें और धूप जलाएं।
📖 3. मंत्र जाप और आरती:
- “ॐ श्रीरामाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- “मंगल भवन अमंगल हारी” भजन का पाठ करें।
- सुंदरकांड या रामचरितमानस का पाठ करें (यदि संभव हो)।
- श्रीराम की आरती करें (जय राम जी की आरती)।
🙏 4. प्रसाद अर्पण और प्रार्थना:
- भगवान श्रीराम को फल, मिठाई और पंचामृत अर्पित करें।
- हाथ जोड़कर श्रीराम से कृपा और सुख-शांति की प्रार्थना करें।
🎊 5. तुलसी दल अर्पण:
- श्रीराम को तुलसी पत्र अर्पित करना अति शुभ माना जाता है।
🔥 6. हवन (यदि संभव हो):
- हवन कुंड में गाय के घी से आहुति दें और “श्रीराम जय राम जय जय राम” का जाप करें।
🌟 7. प्रसाद वितरण और समापन:
- परिवारजनों में प्रसाद वितरित करें।
- अंत में श्रीराम का स्मरण करते हुए “जय श्रीराम” का जयकारा लगाएं।
🌿 💖 इस विधि से पूजा करने पर श्रीराम की कृपा प्राप्त होती है और जीवन से अमंगल दूर होते हैं।
🔱 🚩 जय श्री राम 🚩 🔱