राम कृष्णा हरि भजन
राम कृष्णा हरि, जय जय राम कृष्णा हरि।
धन्य हो भगवान, वशीकृत संतान।
राम कृष्णा हरि, जय जय राम कृष्णा हरि।
पुण्य है जिनका नाम, भक्तों के मन में राम।
कृष्ण की मुरली, है राधा की सखी।
राम कृष्णा हरि, जय जय राम कृष्णा हरि।
हरि का ध्यान लगाए, जीवन में सुख पाए।
सच्चे प्रेम में डूबे, बुराई से दूर हो जाए।
राम कृष्णा हरि, जय जय राम कृष्णा हरि।
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“राम कृष्णा हरि” भजन का हिंदी अर्थ
यह शब्द भगवान के तीन प्रमुख नामों का उल्लेख करते हैं—राम, कृष्ण और हरि, जो हिंदू धर्म में भगवान के अलग-अलग रूपों के रूप में प्रतिष्ठित हैं।
- राम: भगवान राम, जो सत्य, धर्म और न्याय के प्रतीक हैं। वे श्रीराम के रूप में अवतार लेकर राक्षसों का वध करने और धर्म की स्थापना करने आए थे।
- कृष्ण: भगवान कृष्ण, जो प्रेम, भक्ति और सौम्यता के प्रतीक हैं। वे भगवद गीता में अर्जुन को उपदेश देने वाले दिव्य शिक्षक हैं।
- हरि: हरि शब्द का प्रयोग भगवान विष्णु के लिए भी किया जाता है, जो संसार के पालनहार और संरक्षक माने जाते हैं।
इस मंत्र का अर्थ होता है भगवान राम, कृष्ण और हरि की महिमा का गुणगान करना और उनके चरणों में श्रद्धा रखना। यह शब्द भक्तों के ह्रदय को शांति और दिव्यता प्रदान करने वाले हैं।
Ram Krishna Hari bhajan meaning in english
This phrase mentions the three prominent names of God—Ram, Krishna, and Hari, which represent different aspects of the divine in Hinduism.
- Ram: Lord Ram, who symbolizes truth, righteousness, and justice. He incarnated as Sri Ram to destroy evil forces and establish dharma (righteousness).
- Krishna: Lord Krishna, who symbolizes love, devotion, and compassion. He is also the divine teacher who gave the Bhagavad Gita to Arjuna, guiding him through life’s struggles.
- Hari: The word Hari refers to Lord Vishnu, the preserver of the universe, who maintains order and protects the world.
The phrase “Ram Krishna Hari” means to chant or praise the divine virtues of Lord Ram, Krishna, and Hari, seeking their blessings and divine peace. It is a call for devotion and spiritual elevation.
पूजा विधि:
- स्नान और शुद्धता: पूजा करने से पहले शरीर और मन को शुद्ध करना चाहिए। स्नान करके साफ कपड़े पहनें और भगवान के सामने पूजा के लिए एक साफ़ स्थान पर बैठें।
- पूजा स्थान की तैयारी: पूजा के स्थान पर एक चौकी या पट पर लाल या पीले कपड़े बिछाएं। इस पर भगवान की मूर्ति या चित्र रखें।
- भगवान का आह्वान: भगवान को ध्यान में लाकर उनका आह्वान करें। मन ही मन भगवान के नाम का जप करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
- दीपक लगाना: दीपक या बत्तियाँ जलाकर पूजा स्थल को प्रकाशित करें। यह ईश्वर का स्वागत करने का तरीका है।
- अक्षत और फूल अर्पित करना: भगवान की मूर्ति या चित्र पर अक्षत (चावल) और ताजे फूल अर्पित करें।
- अगरबत्ती और धूप अर्पित करना: भगवान को अगरबत्ती और धूप अर्पित करें, जिससे वातावरण शुद्ध और शांति से भर जाए।
- मिठाई और फल अर्पित करना: भगवान को मिठाई, फल और अन्य पकवान अर्पित करें। यह भोग के रूप में समर्पित किया जाता है।
- मंत्र जाप और भजन: पूजा के दौरान धार्मिक मंत्रों का जाप करें, जैसे “ॐ श्री राम जय राम जय जय राम” या “ॐ कृष्णाय नम:”. अगर समय हो तो भजन गाने या सुनने से पूजा में और अधिक भक्ति जुड़ती है।
- प्रसाद वितरण: पूजा समाप्त होने के बाद भगवान से प्राप्त प्रसाद को सभी भक्तों में वितरित करें।
- आभार व्यक्त करना: पूजा समाप्त करने के बाद भगवान का आभार व्यक्त करें और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए धन्यवाद करें।
पूजा सामग्री (Pooja Samagri):
- दीपक (Diya) – तेल का दीपक या घी का दीपक।
- अगरबत्ती (Incense sticks) – भगवान के सामने खुशबू के लिए।
- फल (Fruits) – ताजे फल भगवान को अर्पित करने के लिए।
- पानी (Water) – भगवान को अर्पित करने के लिए।
- चावल (Rice/ Akshat) – भगवान को अर्पित करने के लिए।
- फूल (Flowers) – भगवान को अर्पित करने के लिए ताजे फूल।
- मिठाई (Sweets) – भोग के रूप में।
- गंगाजल (Gangajal) – शुद्धता और ताजगी के लिए।
- कमल का फूल (Lotus Flower) – कुछ विशेष पूजा में।
- धूप (Agarbatti) – भगवान को अर्पित करने के लिए धूप का प्रयोग।
- पंखा (Fan) – अगर विशेष रूप से पूजनीय हो तो।
- ताम्बूल (Betel Leaves) – कुछ विशेष पूजा में अर्पित करने के लिए।
- सिक्के (Coins) – भगवान के सामने अर्पित करने के लिए।
- पलंग (Paduka) – भगवान के चरणों के चिन्ह के रूप में।
- पट (Pooja Thali) – पूजा सामग्री रखने के लिए एक थाली।
पूजा विधि के दौरान इन सभी सामग्रियों का सही रूप में उपयोग करें, ताकि पूजा सफल और सशक्त हो सके।