ॐ शान्ति शान्ति शान्ति,
मन में शान्ति हो, जीवन में शान्ति हो,
सभी सृष्टि में शान्ति हो,
हम सभी की आत्मा में शान्ति हो।
ॐ शान्ति शान्ति शान्ति।
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ॐ शान्ति शान्ति शान्ति: यह मंत्र शांति के लिए है, जो शरीर, मन और आत्मा को शांति प्रदान करने के लिए किया जाता है। मन में शान्ति हो, जीवन में शान्ति हो: हमारी मानसिक स्थिति में शांति हो, और हमारा जीवन शांतिपूर्ण और संतुलित हो। सभी सृष्टि में शान्ति हो: यह प्रार्थना है कि सभी जीवों और ब्रह्मांड में शांति हो, कोई भी दुःख या संघर्ष न हो। हम सभी की आत्मा में शान्ति हो: हमारी आत्मा में भी शांति और संतुलन हो, ताकि हम आत्मिक शांति का अनुभव कर सकें। ॐ शान्ति शान्ति शान्ति: यह मंत्र फिर से शांति की प्रार्थना करता है, ताकि हर चीज़ और हर व्यक्ति को शांति मिले।
ॐ शान्ति शान्ति शान्ति:
This mantra is for peace, aimed at bringing peace to the body, mind, and soul.
मन में शान्ति हो, जीवन में शान्ति हो:
May there be peace in our mental state, and may our life be peaceful and balanced.
सभी सृष्टि में शान्ति हो:
This is a prayer for peace in all living beings and in the entire universe, free from any suffering or conflict.
हम सभी की आत्मा में शान्ति हो:
May our souls be filled with peace, so that we may experience spiritual tranquility.
ॐ शान्ति शान्ति शान्ति:
This mantra repeats the prayer for peace, wishing peace for everything and everyone.
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पूजा विधि (Pooja Vidhi):
- स्नान और शुद्धि (Bath and Purification):
- पूजा करने से पहले स्नान करके शरीर को शुद्ध करें और स्वच्छ कपड़े पहनें।
- पूजा स्थल को भी स्वच्छ करें।
- सामग्री का संग्रह (Collection of Materials):
- सभी पूजा सामग्री एकत्रित करें और एक प्लेट में रखें।
- गंगाजल का छिड़काव (Sprinkling Ganga Jal):
- पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़कें और शुद्धि का संकल्प लें।
- दीप प्रज्वलन (Lighting the Lamp):
- दीपक या मोमबत्ती जलाकर उसे पूजा स्थल पर रखें।
- दीपक का महत्व है, जो अंधकार से प्रकाश की ओर मार्गदर्शन करता है।
- स्वागत मंत्र (Welcome Mantras):
- पूजा की शुरुआत में “ॐ गं गणपतये नमः” या “ॐ श्री गणेशाय नमः” जैसे मंत्रों का उच्चारण करें।
- देवता का आह्वान (Invocation of Deity):
- यदि आप शांति पाठ या किसी विशेष देवता की पूजा कर रहे हैं, तो उनके चित्र या मूर्ति के सामने बैठकर उन्हें आह्वान करें।
- “ॐ नमः शिवाय”, “ॐ श्री रामाय नमः” या “ॐ श्री कृष्णाय नमः” जैसे मंत्रों का जाप करें।
- आरती और भजन (Aarti and Bhajan):
- पूजा के बाद आरती करें और भजन गायें।
- “ॐ जय जगदीश हरे” या किसी अन्य देवी-देवता की आरती का गायन करें।
- प्रसाद वितरण (Distribution of Prasadam):
- पूजा के बाद जो प्रसाद तैयार किया हो, उसे वितरित करें और सभी को ग्रहण करने के लिए आमंत्रित करें।
- धन्यवाद और समापन (Thank You and Conclusion):
- पूजा समापन के समय देवी-देवताओं का धन्यवाद करें और शांति के लिए प्रार्थना करें।
- अंत में “ॐ शान्ति शान्ति शान्ति” का उच्चारण करें।
पूजा सामग्री (Pooja Samagri):
- दीपक (Diya or Lamp)
- घी या तेल (Ghee or Oil for Lamp)
- अगरबत्ती (Incense Sticks)
- पुष्प (Flowers)
- नैवेद्य (Prasadam or Offerings)
- पानी (Water)
- गंगाजल (Ganga Water)
- पत्तल (Plate for Offerings)
- चावल (Rice)
- कलश (Sacred Pot)
- पानी का कलश (Water-filled Pot)
- कपूर (Camphor)
- तुलसी के पत्ते (Tulsi Leaves)
- चन्दन (Sandalwood)
- रुमाल या कपड़ा (Cloth or Napkin)
- मिठाई (Sweet Offerings)
- चमच (Spoon)
- पेटिका या पूजा का बक्सा (Pooja Box for Storage)