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वायु देवता भजन | पवनपुत्र हनुमान की कृपा से भरपूर

भजन 

🌿 वंदन तेरा, हे वायु देव! 🌿

वायु देवता, शक्ति अपार,
हर लो दुख, करो उद्धार।
शीतल मंद समीर बहाओ,
प्रेम, भक्ति दीप जलाओ।

पवन तनय, हनुमान महान,
करो भक्तों का कल्याण।
संकट हर लो, कृपा बरसाओ,
हर हृदय में शक्ति जगाओ।

ओम वायु देव नमः पुकारें,
भक्त तेरा गुण अपार गाएं।
शरण तुम्हारी, मंगल कर दो,
शुभ वचन से जीवन भर दो।

🌿 जय वायु देव! 🌿

वायु देवता भजन का अर्थ:

यह भजन वायु देवता (पवन देवता) और पवनपुत्र हनुमान की पूजा एवं स्तुति को समर्पित है। इसमें वायु देवता से शक्ति, आशीर्वाद और कृपा की प्रार्थना की जाती है।

  • वायु देवता की स्तुति: भजन में वायु देवता से प्रार्थना की जाती है कि वह अपनी शक्ति से हमारे दुखों को हरकर हमें उद्धार दें और जीवन में शांति लाएं।
  • हनुमान जी की कृपा: भजन में हनुमान जी, जो वायु देवता के पुत्र हैं, की महिमा का गुणगान किया जाता है। उनसे भक्ति और समर्पण की भावना व्यक्त की जाती है।
  • शक्ति और आशीर्वाद का आह्वान: भजन में वायु देवता से यह विनती की जाती है कि वह अपनी शीतल वायु से हमारे जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से भर दें और हमारे संकटों को दूर करें।
  • सच्ची भक्ति: इस भजन के माध्यम से श्रद्धालु अपने जीवन में भगवान की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भक्ति का संदेश देते हैं।

Meaning of the Vayu Devta Bhajan:

This bhajan is dedicated to the worship and praise of Vayu Devta (the Wind God) and Pawanputra Hanuman. It is a prayer asking for their strength, blessings, and grace.

Main Themes:

  • Praise of Vayu Devta: The bhajan asks Vayu Devta to remove all our suffering and bless us with relief, peace, and positive energy in life.
  • Glory of Lord Hanuman: The bhajan highlights the greatness of Hanuman, who is the son of Vayu Devta, and expresses devotion and reverence toward him.
  • Invocation of Strength and Blessings: The bhajan appeals to Vayu Devta to fill our lives with positive energy and to remove obstacles and challenges.
  • True Devotion: Through this bhajan, devotees express their deep devotion and seek divine blessings and grace to bring prosperity and happiness into their lives.

 

वायु देवता पूजा विधि (Pooja Vidhi):

  1. स्थान का चयन:
    पूजा के लिए एक स्वच्छ और शांत स्थान चुनें। यह स्थान घर का कोई पवित्र हिस्सा हो सकता है, जैसे पूजा कक्ष या मंदिर का स्थान।
  2. स्नान और शुद्धता:
    पूजा से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। यह शारीरिक और मानसिक शुद्धता का प्रतीक है।
  3. पुजन सामग्री तैयार करें:
    पूजा की सामग्री (पूजा सामिग्री) एक स्थान पर व्यवस्थित करें।
  4. दीप जलाना:
    पूजा स्थल पर एक दीपक या तेल का दीपक जलाएं, जो घर में सकारात्मक ऊर्जा और शांति का वायुमंडल बनाए।
  5. वायु देवता का चित्र या मूर्ति स्थापित करें:
    वायु देवता का चित्र या मूर्ति पूजा स्थल पर रखें। यदि हनुमान जी की मूर्ति हो तो उसे भी साथ रखें।
  6. अक्षत (चावल) और फूल चढ़ाएं:
    वायु देवता को ताजे फूल और अक्षत (चावल) चढ़ाएं। साथ ही, वायु देवता का ध्यान और पूजन मंत्र का जाप करें।
  7. मंत्र का जाप:
    “ॐ वायुपुत्राय नमः” या “ॐ हनुमते नमः” मंत्र का जाप करें। इस मंत्र को 108 बार या जितनी बार संभव हो, उसे जाप करें।
  8. धूप और अगरबत्ती:
    पूजा स्थल पर धूप या अगरबत्ती जलाएं। यह वातावरण को शुद्ध और धार्मिक बनाता है।
  9. भोग अर्पित करें:
    वायु देवता को पंखे, ताजे फल, और मीठे पकवानों का भोग अर्पित करें।
  10. अर्चना और पूजा के बाद प्रार्थना:
    पूजा के बाद अपने परिवार की सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करें। अंत में वायु देवता का धन्यवाद करें।
  11. प्रसाद वितरित करें:
    पूजा के बाद प्रसाद को सभी परिवारजनों में बांटें।

वायु देवता पूजा सामग्री (Pooja Samagri):

  1. वायु देवता की मूर्ति या चित्र
  2. दीपक या तेल का दीप
  3. पंखा (वायु देवता के प्रतीक के रूप में)
  4. ताजे फूल (पुष्प अर्पित करने के लिए)
  5. अक्षत (चावल)
  6. अगरबत्ती या धूप
  7. पानी से भरा कलश
  8. फल (ताजे फल अर्पित करने के लिए)
  9. मिठाई और पकवान (भोग के रूप में)
  10. पुजन थाली (सभी सामग्री रखने के लिए)
  11. कुंकुम, चंदन, और रोली (तिलक करने के लिए)
  12. पार्टी या कपड़ा (विभिन्न धार्मिक कार्यों के लिए)

ध्यान रखें: पूजा के दौरान ध्यान और समर्पण की भावना रखनी चाहिए। वायु देवता की पूजा से मानसिक शांति और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।