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आरती कुंज बिहारी की – संपूर्ण लिरिक्स, महत्व और लाभ | श्रीकृष्ण आरती

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॥ श्रीकृष्ण चालीसा ॥ दोहा: श्रीगुरु चरण सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि।बरनऊँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि॥ नन्द के आनन्द नन्दलाल,जय जय श्रीकृष्ण गिरिधर गोपाल॥ चालीसा: जय जय यदुनन्दन जय जय जगवंदन।जय वसुदेवदेवकीनंदन॥ जय जय चतुर्भुज धारी, जय वैकुण्ठ विहारी।जय पीतांबरधारी, जय गोप-जन प्यारी॥ जय यशोदा किशोरी, जय गोवर्धन धारी।जय मथुरा के वासी, जय गोकुल के रासी॥ जय राधे के प्यारे, जय कुंज बिहारी।जय नटवर के धारी, जय मुरली बजारी॥ गगन सम अंग कांति, बलदन अनूपा।कनक मय पीत बसन, कटि किंकिणी झंपा॥ श्रीवत्स कौस्तुभ शोभित निधानं।कस्तूरी तिलकं ललाटे विराजं॥ वेणु रवं मधुरं वदने मुरारी।रूप बड़ो चितचोर राधे बिहारी॥ चरण कमल बन्दौ हरि राई।जेहि पर कृपा करहु श्रीरघुराई॥ जय गिरिधर गोपाल, हरि जय जय नन्दलाल।संकट हरौ कृष्ण बनजाऊं मैं नंदलाल॥ जो कोई श्रीकृष्ण चालीसा गावे।भवसागर के संकट से छूटि जावे॥ 🙏 ॥ श्रीकृष्ण चालीसा की जय ॥ 🙏   ॥ श्रीकृष्ण चालीसा का अर्थ ॥ श्रीकृष्ण चालीसा में भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य स्वरूप, उनके अद्भुत बाल लीलाओं और भक्तों पर उनकी कृपा का वर्णन किया गया है। आइए इसका हिन्दी अर्थ जानते हैं: दोहा का अर्थ: “श्रीगुरु चरण सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि।बरनऊँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि॥” 👉 गुरु के चरणों की धूल से अपने मन रूपी दर्पण को स्वच्छ करके मैं श्रीकृष्ण के पावन और निर्मल गुणों का वर्णन करता हूँ, जो धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष—चारों फलों को देने वाले हैं। चालीसा के दोहे और उनके अर्थ: 1️⃣ जय जय यदुनन्दन, जय जय जगवंदन।जय वसुदेवदेवकीनंदन॥ 👉 हे यदुकुल के नंदन, आपकी जय हो! हे समस्त जगत के वंदनीय प्रभु, आपकी जय हो! हे वसुदेव और देवकी के पुत्र, आपकी जय हो! 2️⃣ जय जय चतुर्भुज धारी, जय वैकुण्ठ विहारी।जय पीतांबरधारी, जय गोप-जन प्यारी॥ 👉 हे चार भुजाओं वाले श्रीकृष्ण, आपकी जय हो! हे वैकुंठ धाम में निवास करने वाले भगवान, आपकी जय हो! हे पीतांबर (पीले वस्त्र) धारण करने वाले प्रभु, आपकी जय हो! हे गोकुल के प्रिय, आपकी जय हो! 3️⃣ जय यशोदा किशोरी, जय गोवर्धन धारी।जय मथुरा के वासी, जय गोकुल के रासी॥ 👉 हे यशोदा मैया के पुत्र, आपकी जय हो! हे गोवर्धन पर्वत को उठाने वाले, आपकी जय हो! हे मथुरा में जन्म लेने वाले, आपकी जय हो! हे गोकुल में बाललीलाएँ करने वाले, आपकी जय हो! 4️⃣ जय राधे के प्यारे, जय कुंज बिहारी।जय नटवर के धारी, जय मुरली बजारी॥ 👉 हे राधा रानी के प्रियतम, आपकी जय हो! हे वृंदावन के कुंजों में विहार करने वाले, आपकी जय हो! हे सुंदर वेशभूषा धारण करने वाले, आपकी जय हो! हे मधुर बंसी बजाने वाले श्रीकृष्ण, आपकी जय हो! 5️⃣ गगन सम अंग कांति, बलदन अनूपा।कनक मय पीत बसन, कटि किंकिणी झंपा॥ 👉 आपका शरीर आकाश के समान विशाल और तेजस्वी है, और आपकी बलशाली काया अनुपम है। आप स्वर्ण के समान चमकते हुए पीले वस्त्र धारण करते हैं और आपकी कमर में करधनी झनक रही है। 6️⃣ श्रीवत्स कौस्तुभ शोभित निधानं।कस्तूरी तिलकं ललाटे विराजं॥ 👉 आपके वक्षस्थल पर श्रीवत्स का चिह्न सुशोभित है और कौस्तुभ मणि विराजमान है। आपके ललाट पर चमकता हुआ कस्तूरी तिलक अत्यंत सुंदर लगता है। 7️⃣ वेणु रवं मधुरं वदने मुरारी।रूप बड़ो चितचोर राधे बिहारी॥ 👉 आपके मुख से मधुर बांसुरी की ध्वनि गूंजती रहती है, हे मुरारी! आपका रूप इतना मोहक है कि वह सबके चित्त को चुरा लेता है, हे राधा के बिहारी! 8️⃣ चरण कमल बन्दौ हरि राई।जेहि पर कृपा करहु श्रीरघुराई॥ 👉 हे श्रीकृष्ण, मैं आपके कमल जैसे चरणों की वंदना करता हूँ। आपकी कृपा जिस पर होती है, वह भवसागर (मोह-माया) से पार हो जाता है। 9️⃣ जय गिरिधर गोपाल, हरि जय जय नन्दलाल।संकट हरौ कृष्ण बनजाऊं मैं नंदलाल॥ 👉 हे गिरिधर गोपाल, हे श्रीहरि, हे नंदलाल, आपकी जय हो! कृपया मेरे सभी संकटों का नाश करें, मैं आपका दास बनकर रहना चाहता हूँ। 🔟 जो कोई श्रीकृष्ण चालीसा गावे।भवसागर के संकट से छूटि जावे॥ 👉 जो भी भक्त श्रीकृष्ण चालीसा का पाठ करता है, वह संसार रूपी भवसागर के संकटों से मुक्त हो जाता है और श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करता है। 🙏 “श्रीकृष्ण चालीसा” का यह अर्थ भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण की महिमा को समझने में मदद करता है और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने का सरल मार्ग दिखाता है। ✨ “हरे कृष्ण! हरे राम!” 🙏🚩   ॥ Meaning of Shri Krishna Chalisa in English ॥   Meaning of Doha: “Shri Guru Charan Saroj Raj Nij Manu Mukuru Sudhari।Barnau Raghubar Bimal Jasu Jo Dayaku Phal Chari॥”   Meaning of Chalisa Verses: 1️⃣ “Jai Jai Yadunandan, Jai Jai Jagvandan।Jai Vasudev Devaki Nandan॥” 👉 Glory to the son of the Yadu dynasty! Glory to the one worshiped by the entire world! Glory to the divine son of Vasudeva and Devaki! 2️⃣ “Jai Jai Chaturbhuj Dhari, Jai Vaikunth Vihari।Jai Peetambar Dhari, Jai Gop-Jan Pyari॥” 👉 Glory to Lord Krishna, who assumes the four-armed form! Glory to the one who resides in Vaikuntha! Glory to the wearer of yellow garments! Glory to the one dearly loved by the people of Gokul! 3️⃣ “Jai Yashoda Kishori, Jai Govardhan Dhari।Jai Mathura Ke Wasi, Jai Gokul Ke Rasi॥” 👉 Glory to the son of Mother Yashoda! Glory to the lifter of Govardhan Hill! Glory to the Lord who was born in Mathura! Glory to the one who performed childhood pastimes in Gokul! 4️⃣ “Jai Radhe Ke Pyare, Jai Kunj Bihari।Jai Natwar Ke Dhari, Jai Murli Bajari॥” 👉 Glory to the beloved of Radha! Glory to the divine wanderer of Vrindavan groves! Glory to the one adorned as a celestial dancer! Glory to the enchanting flute player, Lord Krishna! 5️⃣ “Gagan Sam Ang Kanti, Baladan Anupa।Kanak May Peet Basan, Kati Kinkini Jhumpa॥” 👉 Your body shines like the vast sky, and your strength is incomparable. You wear golden-yellow garments, and your waist is adorned with a jingling girdle. 6️⃣ “Shrivats Kaustubh Shobhit Nidhanam।Kasturi Tilakam Lalate Virajam॥” 👉 Your chest is decorated with the Shrivatsa mark, and the divine Kaustubha gem shines brightly. A fragrant musk tilak (mark) adorns your forehead. 7️⃣ “Venu Ravam Madhuram Vadane Murari।Roop Bado Chitchor Radhe Bihari॥” 👉 The sweet sound of your flute flows from your lips, O Murari! Your

आरती कुंजबिहारी की (Aarti Kunj Bihari Ki) – Lyrics[लिरिक्रस]

आरती कुंजबिहारी की (Aarti Kunj Bihari Ki) - Lyrics[लिरिक्रस]

आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला । श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला । गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली । लतन में ठाढ़े बनमाली भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक, चंद्र सी झलक, ललित छवि श्यामा प्यारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ कनकमय मोर मुकुट बिलसै, देवता दरसन को तरसैं । गगन सों सुमन रासि बरसै । बजे मुरचंग, मधुर मिरदंग, ग्वालिन संग, अतुल रति गोप कुमारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ जहां ते प्रकट भई गंगा, सकल मन हारिणि श्री गंगा । स्मरन ते होत मोह भंगा बसी शिव सीस, जटा के बीच, हरै अघ कीच, चरन छवि श्रीबनवारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ चमकती उज्ज्वल तट रेनू, बज रही वृंदावन बेनू । चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू हंसत मृदु मंद, चांदनी चंद, कटत भव फंद, टेर सुन दीन दुखारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ आरती कुंजबिहारी की –  krishna ji aarti kunj bihari ki videos Lyrics  listen to Krishna ji aarti kunj bihari ki (Lyrics) आरती कुंजबिहारी की” की हिन्दी में अर्थ:  Shri Krishna Ji Ki Aarti – Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics & Meaning in Hindi यह आरती भगवान श्री कृष्ण के अद्वितीय रूप, उनके प्रेम, और उनके दिव्य कार्यों का वर्णन करती है। इस आरती को गाने से भक्तों के मन में भक्ति और प्रेम का संचार होता है, और वे श्री कृष्ण की कृपा प्राप्त करते हैं। “आरती कुंजबिहारी की” की अंग्रेज़ी में अर्थ:  krishna bhagwan ji ki aarti kunj bihari ki Lyrics & Meaning in english  Chorus: Verse 1: Verse 2: Verse 3: Verse 4: Refrain (Chorus) Repeated: पूजा विधि (Pooja Vidhi) of “आरती कुंजबिहारी की” (Aarti Kunj Bihari Ki): “आरती कुंजबिहारी की” की पूजा विधि एक सामान्य कृष्ण पूजा विधि के तहत की जाती है। इसका उद्देश्य भगवान श्री कृष्ण के दिव्य रूप और गुणों की स्तुति करना है। यह पूजा विशेष रूप से कृष्ण भक्तों द्वारा नियमित रूप से की जाती है, और इसके दौरान मन, वचन और शरीर से श्री कृष्ण की उपासना की जाती है। पूजा विधि: आरती कुंजबिहारी की” का प्रभाव और लाभ (Aarti Kunj Bihari Ki Ka Karya aur Labh): “आरती कुंजबihari Ki” का गायन और पूजा करने से कई लाभ होते हैं। इस आरती को विशेष रूप से कृष्ण के भक्तों द्वारा उनके साथ आध्यात्मिक जुड़ाव बनाने के लिए किया जाता है। 1. मानसिक शांति (Mental Peace): आरती का नियमित पाठ और ध्यान से मानसिक शांति मिलती है। यह मन को एकाग्र करता है और जीवन की परेशानियों से मुक्ति दिलाता है। 2. भक्ति में वृद्धि (Increase in Devotion): जब आप कृष्ण की आरती करते हैं, तो यह आपके हृदय में कृष्ण के प्रति भक्ति और प्रेम को बढ़ाता है। यह एक अच्छे भक्ति साधक को बनाने में मदद करता है। 3. संतान सुख (Blessings for Children): कृष्ण की आरती का गायन संतान सुख के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। जो लोग संतान सुख के लिए परेशान हैं, वे कृष्ण के ध्यान और पूजा से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। 4. आर्थिक उन्नति (Financial Prosperity): “आरती कुंजबिहारी की” का नियमित रूप से पाठ करने से आर्थिक संकटों से मुक्ति मिलती है और घर में समृद्धि आती है। 5. मानसिक और शारीरिक रोगों से मुक्ति (Relief from Mental and Physical Ailments): आरती के साथ भगवान कृष्ण का ध्यान करने से मानसिक और शारीरिक रोगों में राहत मिलती है। भक्तों का विश्वास है कि कृष्ण की कृपा से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। 6. दोष निवारण (Removal of Obstacles): इस आरती को करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं। ये सभी प्रकार के दोष और नकारात्मकता को समाप्त करती है। 7. श्री कृष्ण की कृपा (Lord Krishna’s Blessings): कृष्ण की आरती से भगवान की कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन में सफलता, सुख, और समृद्धि का मार्ग खोलती है। उनके आशीर्वाद से भक्तों की सारी इच्छाएं पूरी होती हैं। “Aarti Kunj Bihari Ki” के प्रभाव से जो कार्य होते हैं, उन्हें “करजे से” (blessings) के रूप में जाना जाता है, क्योंकि इस आरती के माध्यम से भक्त कृष्ण से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, जो उनके जीवन में समृद्धि, शांति और समाधान लाता है।

गणनायक महाराज को प्रथम करा आहवान लिरिक्स

gananaayak mahaaraaj ko pratham kara aahavaan

गणनायक महाराज को प्रथम करा आहवान लिरिक्स – Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi तर्ज :- देना हो दीजिये गणनायक महाराज को प्रथम करा आहवान, म्हारा कारज सफल बनादो, थारो ऊँचो स्थान ॥ शिवयोगी का पुत्र लाड़ला, पार्वती का प्यारा हो, एक दन्त गजवदन विनायक, सब देवां स न्यारा हो, आ जाओ दूंद दुंदाला, म्हे करां थारा गुणगान ॥ ऋषि मुनि और देवी देवता, करै बड़ाई थारी जी, ऋद्धि सिद्धि शुभ लाभ के दाता, थे सबका हितकारी जी, सब शुभ कामां म देवा, होव थारो सम्मान ॥ थान्न प्रथम मनाय करां हाँ, म्हे किर्तन को शुभ आरम्भ, देरी मतना करो दयालू, अब आ जाओ थे अविलम्ब, संग देवी देवता ल्याज्यो, थारी सब स पहचान ॥ “सेवक मण्डल” का सब टाबरिया, हर्ष हर्ष गुण गाव है, “बिन्नू” भी भगतां क सागै, जय जयकार लगाव है, किर्तन में रंग जमाज्यो, मानांगा म्हें एहसान ॥ https://youtu.be/LW5XJBnFtXM Meaning of the Song “गणनायक महाराज को प्रथम करा आहवान” 1st Verse:“गणनायक महाराज को प्रथम करा आहवान,म्हारा कारज सफल बनादो, थारो ऊँचो स्थान”The first invitation is for Ganesh Maharaj (Lord Ganesha). The devotee prays to Lord Ganesh to make their work successful and to grant them a high position in life. 2nd Verse:“शिवयोगी का पुत्र लाड़ला, पार्वती का प्यारा हो,एक दन्त गजवदन विनायक, सब देवां स न्यारा हो,आ जाओ दूंद दुंदाला, म्हे करां थारा गुणगान”Here, the devotee praises Lord Ganesha as the beloved son of Lord Shiva and Parvati. Ganesha is described as having the face of an elephant (Gajavadan) and as unique among all the gods. The devotee requests Lord Ganesha to come and listen to their praises and hymns. 3rd Verse:“ऋषि मुनि और देवी देवता, करै बड़ाई थारी जी,ऋद्धि सिद्धि शुभ लाभ के दाता, थे सबका हितकारी जी,सब शुभ कामां म देवा, होव थारो सम्मान”In this verse, the devotee acknowledges that even rishis (sages) and deities praise Lord Ganesha. Ganesha is described as the giver of Riddhi (prosperity), Siddhi (success), and Shubh Laabh (auspicious benefits). He is considered a benefactor of all and revered for bringing success and welfare to all. 4th Verse:“थान्न प्रथम मनाय करां हाँ, म्हे किर्तन को शुभ आरम्भ,देरी मतना करो दयालू, अब आ जाओ थे अविलम्ब,संग देवी देवता ल्याज्यो, थारी सब स पहचान”The devotee invites Lord Ganesha to begin the Kirtan (devotional song) with a blessed beginning. They request that Ganesha come immediately without delay, bringing along other deities and bestowing recognition to all. 5th Verse:““सेवक मण्डल” का सब टाबरिया, हर्ष हर्ष गुण गाव है,“बिन्नू” भी भगतां क सागै, जय जयकार लगाव है,किर्तन में रंग जमाज्यो, मानांगा म्हें एहसान”This verse speaks about the Sevak Mandal (group of devotees), who are joyfully singing praises of Lord Ganesha. It also mentions Binnu, a devotee who joins in with the chants of joy and praises. The devotee expresses their gratitude for the joy and devotion in the Kirtan. Summary of the Meaning: This song is a heartfelt invocation of Lord Ganesh (Ganesh Maharaj), requesting him to bring prosperity and success to the devotee’s life. The lyrics describe Lord Ganesha as the son of Lord Shiva and Parvati, praising his unique form as Gajavadan (elephant-faced). The song also calls for the removal of obstacles, the grant of good fortune, and the beginning of an auspicious Kirtan. Devotees express their gratitude and happiness for the blessings they receive through the prayers. गणनायक महाराज को प्रथम करा आहवान – अर्थ 1st Verse:“गणनायक महाराज को प्रथम करा आहवान,म्हारा कारज सफल बनादो, थारो ऊँचो स्थान”इस पहले शेर में भक्त गणनायक महाराज (भगवान गणेश) को पहले बुलाते हैं और उनसे अपने कार्य को सफल बनाने और उच्च स्थान देने की प्रार्थना करते हैं। 2nd Verse:“शिवयोगी का पुत्र लाड़ला, पार्वती का प्यारा हो,एक दन्त गजवदन विनायक, सब देवां स न्यारा हो,आ जाओ दूंद दुंदाला, म्हे करां थारा गुणगान”यहां भगवान गणेश को शिव और पार्वती का प्यारा पुत्र बताया गया है। उनका गजवदन (हाथी जैसा चेहरा) और अद्वितीय रूप वर्णित है। भक्त उनसे आकर उनके गुणगान करने की प्रार्थना करते हैं। 3rd Verse:“ऋषि मुनि और देवी देवता, करै बड़ाई थारी जी,ऋद्धि सिद्धि शुभ लाभ के दाता, थे सबका हितकारी जी,सब शुभ कामां म देवा, होव थारो सम्मान”इस शेर में भक्त बताते हैं कि ऋषि-मुनि और देवी-देवता भी भगवान गणेश की महिमा गाते हैं। वे भगवान गणेश को ऋद्धि (समृद्धि), सिद्धि (सफलता) और शुभ लाभ देने वाला बताते हैं। वे यह भी प्रार्थना करते हैं कि गणेश जी के आशीर्वाद से उनके सभी शुभ कार्य सफल हों। 4th Verse:“थान्न प्रथम मनाय करां हाँ, म्हे किर्तन को शुभ आरम्भ,देरी मतना करो दयालू, अब आ जाओ थे अविलम्ब,संग देवी देवता ल्याज्यो, थारी सब स पहचान”यहां भक्त भगवान गणेश से किर्तन (भक्ति गीत) की शुरुआत करने का अनुरोध करते हैं। वे भगवान से आग्रह करते हैं कि वे जल्दी आकर अन्य देवी-देवताओं के साथ किटर्न में शामिल हों और उनके सम्मान का परिचय दें। 5th Verse:““सेवक मण्डल” का सब टाबरिया, हर्ष हर्ष गुण गाव है,“बिन्नू” भी भगतां क सागै, जय जयकार लगाव है,किर्तन में रंग जमाज्यो, मानांगा म्हें एहसान”इस शेर में भक्तों के समूह “सेवक मंडल” की बात की जा रही है, जो भगवान गणेश के गुण गाकर आनंदित हो रहे हैं। साथ ही, बिन्नू नामक भक्त भी इस भक्तिपूर्ण कार्य में शामिल हो रहे हैं। भक्त यह प्रकट करते हैं कि वे भगवान गणेश के आशीर्वाद से बहुत खुश हैं और उनका एहसान मानते हैं। सारांश: यह गीत भगवान गणेश का आह्वान है, जिसमें भक्त उनसे अपने कार्यों को सफल बनाने, समृद्धि और सुख देने की प्रार्थना करते हैं। गीत में भगवान गणेश की महिमा का वर्णन किया गया है और उनके अद्वितीय रूप को सराहा गया है। भक्त उन्हें अपने जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता लाने के लिए आमंत्रित करते हैं, और उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं। गणेश भगवान की पूजा का सामान और विधि पूजा का सामान: गणेश प्रतिमा (मिट्टी, तांबा, या अन्य सामग्री से बनी) पान के पत्ते और सुपारी गुलाब की अगरबत्तियाँ पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी) फूल (विशेष रूप से लाल और सफेद रंग के फूल) कुंकुम और चंदन दीपक (घी या तेल का दीपक) धूप नारियल (पूजा के लिए तोड़ने के लिए) लड्डू

घर में पधारो गजाननजी मेरे घर में पधारो लिरिक्स

ghar mein padhaaro gajaananajee mere ghar mein padhaaro

घर में पधारो गजाननजी मेरे घर में पधारो लिरिक्स – Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi घर में पधारो गजाननजी, मेरे घर में पधारो रिद्धि सिद्धि लेके आओ गणराजा, मेरे घर में पधारो । राम जी आना, लक्ष्मण जी आना संग में लाना सीता मैया, मेरे घर में पधारो ॥ ब्रम्हा जी आना, विष्णु जी आना भोले शशंकर जी को ले आना, मेरे घर में पधारो ॥ लक्ष्मी जी आना, गौरी जी आना सरस्वती मैया को ले आना, मेरे घर में पधारो ॥ विघन को हारना, मंगल करना, कारज शुभ कर जाना, मेरे घर में पधारो ॥ घर में पधारो गजाननजी, मेरे घर में पधारो रिद्धि सिद्धि लेके आओ गणराजा, मेरे घर में पधारो । https://youtu.be/RNhAL6VB29w यहां “घर में पधारो गजाननजी मेरे घर में पधारो” भजन का हिंदी में अर्थ दिया गया है: पहला पद: “घर में पधारो गजाननजी, मेरे घर में पधारो”हे गजानन (गणेश), मेरे घर में पधारो।“रिद्धि सिद्धि लेके आओ गणराजा, मेरे घर में पधारो”आप रिद्धि (संपत्ति) और सिद्धि (सिद्धि) के साथ हमारे घर पधारो, गणराजा। यह पद भगवान गणेश को घर में आमंत्रित करता है और उनके साथ रिद्धि (समृद्धि) और सिद्धि (सफलता) लाने का अनुरोध करता है। दूसरा पद: “राम जी आना, लक्ष्मण जी आना”हे रामजी और लक्ष्मण जी, मेरे घर पधारो।“संग में लाना सीता मैया, मेरे घर में पधारो”साथ में सीता मैया को भी मेरे घर लेकर आओ। इस पद में राम, लक्ष्मण और सीता को घर में पधारने के लिए आमंत्रित किया गया है, ताकि घर में सुख-शांति और समृद्धि आए। तीसरा पद: “ब्रम्हा जी आना, विष्णु जी आना”हे ब्रह्माजी और विष्णुजी, हमारे घर पधारो।“भोले शशंकर जी को ले आना, मेरे घर में पधारो”आप भोले शंकर (शिव) को भी अपने साथ लाकर हमारे घर में पधारो। इस पद में ब्रह्मा, विष्णु और शिव को घर में पधारने के लिए आह्वान किया जाता है, ताकि घर में आशीर्वाद और समृद्धि का संचार हो। चौथा पद: “लक्ष्मी जी आना, गौरी जी आना”हे लक्ष्मी जी और गौरी जी (माँ पार्वती), हमारे घर पधारो।“सरस्वती मैया को ले आना, मेरे घर में पधारो”आप सरस्वती (ज्ञान की देवी) को लेकर हमारे घर आओ। यह पद लक्ष्मी, गौरी और सरस्वती देवी को घर में आमंत्रित करता है ताकि वे अपने आशीर्वाद से घर को धन, ज्ञान और सुख-शांति से भर दें। पाँचवां पद: “विघन को हारना, मंगल करना”आप हमारे घर से सभी विघ्न (अवरोध) को दूर करें और मंगल (शुभता) लाए।“कारज शुभ कर जाना, मेरे घर में पधारो”आप सभी कार्यों को शुभ बना दें और हमारे घर में पधारो। यह पद भगवान गणेश से प्रार्थना करता है कि वह घर के सभी विघ्न (अवरोध) को नष्ट कर दें और मंगलकारी कार्यों को सफल बनाएं। सम्पूर्ण भजन का अर्थ: यह भजन भगवान गणेश और अन्य प्रमुख देवी-देवताओं के घर में आने के लिए प्रार्थना करता है। इसमें राम, लक्ष्मण, सीता, ब्रह्मा, विष्णु, शिव, लक्ष्मी, गौरी, और सरस्वती देवी को घर में बुलाया जाता है ताकि वे आकर घर को धन, ज्ञान, सफलता, और शांति से भर दें। भजन का उद्देश्य घर में समृद्धि और सुख लाना है और सभी विघ्नों को दूर कर मंगलकारी कार्यों को सफल बनाना है। यह भजन एक प्रकार से घर में ईश्वर की उपस्थिति को आमंत्रित करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना है, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि, और आध्यात्मिक उन्नति हो सके। संक्षेप में:यह भजन भगवान गणेश और अन्य देवी-देवताओं को घर में आमंत्रित करता है, ताकि वे अपनी उपस्थिति से घर में शुभता, समृद्धि, और सुख-शांति लाएं। यह भजन विशेष रूप से विघ्न विनाशक, मंगलकारी, और सभी कार्यों में सफलता की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करता है। Here is the meaning in English of the bhajan “घर में पधारो गजाननजी मेरे घर में पधारो”: 1st Verse: “घर में पधारो गजाननजी, मेरे घर में पधारो”O Gajanan (Ganesh), please come into my home.“रिद्धि सिद्धि लेके आओ गणराजा, मेरे घर में पधारो”Please bring Riddhi (prosperity) and Siddhi (success) with you, O Lord of the Ganas (Ganesh), into my home. In this verse, Lord Ganesh is invited into the home, bringing prosperity and success along with him. 2nd Verse: “राम जी आना, लक्ष्मण जी आना”O Lord Ram and Laxman, please come to my home.“संग में लाना सीता मैया, मेरे घर में पधारो”Bring along Mother Sita as well, and come to my home. This verse invites Lord Ram, Laxman, and Mother Sita into the home, asking for their blessings and grace. 3rd Verse: “ब्रम्हा जी आना, विष्णु जी आना”O Lord Brahma and Lord Vishnu, please come to my home.“भोले शशंकर जी को ले आना, मेरे घर में पधारो”Bring Lord Shiva (Bholenath) along with you, and come to my home. This verse invites the Trinity of Hindu gods – Brahma, Vishnu, and Shiva – to come and bless the household with their divine presence. 4th Verse: “लक्ष्मी जी आना, गौरी जी आना”O Goddess Lakshmi and Goddess Gauri (Parvati), please come to my home.“सरस्वती मैया को ले आना, मेरे घर में पधारो”Bring Goddess Saraswati (Goddess of Wisdom) with you and come to my home. This verse calls upon Goddess Lakshmi (goddess of wealth), Gauri (Mother Parvati), and Goddess Saraswati (goddess of knowledge) to come and bless the home with wealth, knowledge, and prosperity. 5th Verse: “विघन को हारना, मंगल करना”Please remove all the obstacles (Vighn) and bring auspiciousness (Mangal) into my home.“कारज शुभ कर जाना, मेरे घर में पधारो”Make all the tasks successful and come to my home. This verse prays to Lord Ganesh to remove obstacles and bring good fortune and success to the household. Meaning of the Entire Bhajan: This bhajan is a heartfelt invitation to Lord Ganesh and other significant deities to come and bless the home. It calls for the arrival of Lord Ram, Laxman, Sita, Brahma, Vishnu, Shiva, Lakshmi, Gauri, and Saraswati. The purpose is to seek their blessings for prosperity, wealth, wisdom, success, and peace in the home. The bhajan also asks for the removal of all obstacles (Vighn) and for the completion of all tasks with success and auspiciousness (Mangal). It is a prayer for divine presence to bring prosperity, peace, and harmony to the home and to help remove any

मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे लिरिक्स

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मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे लिरिक्स – Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi ओ मेरे लाड़ले गणेश प्यारे प्यारे, श्लोक – विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय, लम्बोदराय सकलाय जगत हिताय, नागाननाय श्रुतियज्ञभूषिताय, गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते ॥ तर्ज – तेरे होंठों के दो फूल प्यारे प्यारे। ओ मेरे लाड़ले गणेश प्यारे प्यारे, भोले बाबा जी की आँखों के तारे, देवा सभा बीच में आ जाना_आ जाना, मेरे लाड़ले गणेश प्यारे प्यारे ॥ तेरी काया कँचन कँचन, किरणों का है जिसमे बसेरा, बाबा सूंड-सुंडाली मूरत, तेरी आँखों मे खुशियों का डेरा, तेरी महिमा अपरंपार, तुमको पूजे ये संसार, प्रभु अमृत रस बरसा जाना_आ जाना, मेरे लाड़ले गणेश प्यारे प्यारे ॥ देवा भजन तुम्हारे गायें, सबसे पहले हम तुमको मनायें, धुप दीपो की ज्योति जलायें, मन-मंदिर मे झांकी सजायें, मेरे बाबा गणराज, दे दो भक्ति का तुम दान, प्रभु नैया पार लगा जाना_आ जाना, मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे ॥ मेरे विघ्न विनाशक देवा, सबसे पहले करें तेरी सेवा, सारे जग मे है आनंद छाया, बोलो जय-जय गजानंद देवा, बाजे सुर और ताल, तेरा गुण गाये संसार घुँघरु की खनक खनका जाना_आ जाना, मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे ॥ मेरे लाड़ले गणेश प्यारे प्यारे, भोले बाबा जी की आँखों के तारे, देवा सभा बीच में आ जाना_आ जाना, मेरे लाड़ले गणेश प्यारे प्यारे ॥ https://www.youtube.com/watch?v=UcWVISrRbmE “मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे” भजन का अर्थ निम्नलिखित है: 1. पहला श्लोक (विघ्नेश्वराय वरदाय…): यह श्लोक भगवान गणेश की महिमा का बखान करता है।“विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय” – भगवान गणेश को विघ्नों (रुकावटों) को दूर करने वाला और वरद (आशीर्वाद देने वाला) कहा जाता है, और वह देवताओं के प्रिय हैं।“लम्बोदराय सकलाय जगत हिताय” – भगवान गणेश के बड़े पेट वाले रूप का वर्णन किया गया है, जो पूरे जगत के कल्याण के लिए हैं।“नागाननाय श्रुतियज्ञभूषिताय” – उनका चेहरा नाग (सर्प) से घिरा हुआ है और वह श्रुति (धार्मिक ग्रंथों) और यज्ञ में सम्मानित हैं।“गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते” – भगवान गणेश गौरी (माँ पार्वती) के पुत्र हैं और गणनाथ (गणों के स्वामी) हैं, उन्हें बार-बार नमन किया जाता है। 2. मुख्य भजन (पहली दो पंक्तियाँ): “ओ मेरे लाड़ले गणेश प्यारे प्यारे” – यह पंक्ति भगवान गणेश को प्रेमपूर्वक बुलाती है और उनका आशीर्वाद चाहती है।“भोले बाबा जी की आँखों के तारे” – यह पंक्ति भगवान गणेश की मासूमियत और भोलेपन का उल्लेख करती है, और उनके प्रिय होने का प्रतीक है।“देवा सभा बीच में आ जाना, आ जाना” – भगवान गणेश से निवेदन किया जाता है कि वह अपनी उपस्थिति से संसार को पवित्र करें।“मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे” – यह प्रेमपूर्ण रूप से भगवान गणेश से उनके दर्शन और आशीर्वाद की याचना है। 3. तीसरी पंक्ति (तेरी काया कँचन कँचन): यह पंक्ति भगवान गणेश के रूप का वर्णन करती है।“तेरी काया कँचन कँचन” – भगवान गणेश का शरीर सोने जैसा चमकदार और सुंदर है।“किरणों का है जिसमे बसेरा” – उनके शरीर में सूरज की किरणें बसी हुई हैं, जो अत्यधिक तेजस्वी और पवित्र हैं।“बाबा सूंड-सुंडाली मूरत” – भगवान गणेश का हाथी जैसा सूंड है, जो उनकी पहचान है।“तेरी आँखों में खुशियों का डेरा” – उनके आँखों में संसार की सारी खुशियाँ बसी हुई हैं। 4. चौथी पंक्ति (देवा भजन तुम्हारे गायें): यह पंक्ति भगवान गणेश को भक्तों के द्वारा भजनों और प्रार्थनाओं से संतुष्ट करने की भावना को व्यक्त करती है।“देवा भजन तुम्हारे गायें” – भक्त भगवान गणेश के भजन गाते हैं, और उनका मन पूर्णता की ओर अग्रसर होता है।“सबसे पहले हम तुमको मनायें” – गणेश पूजा में सबसे पहले भगवान गणेश को श्रद्धा से मनाना और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना आवश्यक होता है।“धूप दीपो की ज्योति जलायें” – भगवान गणेश के पूजन में धूप, दीप और पूजा की सामग्री का समावेश होता है। 5. पांचवी पंक्ति (मेरे विघ्न विनाशक देवा): यह पंक्ति भगवान गणेश के विघ्न विनाशक (अवरोधों को दूर करने वाले) रूप की प्रशंसा करती है।“मेरे विघ्न विनाशक देवा” – भगवान गणेश विघ्नों को नष्ट करने वाले और जीवन में समृद्धि लाने वाले हैं।“सारे जग में है आनंद छाया” – भगवान गणेश की कृपा से संसार में आनंद और शांति का वास होता है।“बोलो जय-जय गजानंद देवा” – भगवान गणेश के जयकारे लगाए जाते हैं, उनकी महिमा को गाया जाता है। 6. अंतिम पंक्तियाँ: इन पंक्तियों में भगवान गणेश के भक्तिपूर्ण प्रेम और उनके आशीर्वाद की प्रार्थना की जाती है।“घुँघरु की खनक खनका जाना” – भगवान गणेश के पूजा में घुँघरू की आवाज़ एक मधुर ध्वनि की तरह गूंजती है, जो हर स्थान को शुभ बनाती है।“मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे” – यह पंक्ति फिर से भगवान गणेश को प्रेमपूर्वक पुकारती है और उनके दर्शन की याचना करती है। समग्र अर्थ: यह भजन भगवान गणेश के प्रति असीम श्रद्धा और प्रेम को व्यक्त करता है। इसमें भगवान गणेश के रूप, उनके गुण, उनकी महिमा, और उनके आशीर्वाद के लिए भक्तों की तहे दिल से प्रार्थना की जाती है। भजन के माध्यम से भक्त भगवान गणेश से अपने जीवन में विघ्नों के निवारण, आनंद, और आध्यात्मिक सुख की प्राप्ति की कामना करते हैं। यह भजन भगवान गणेश के प्रति सच्ची भक्ति और प्रेम को व्यक्त करता है और भगवान गणेश के रूप में समर्पण की भावना को जीवित करता है। Here is the English translation/meaning of the bhajan “मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे”: 1. First Shloka (विघ्नेश्वराय वरदाय…): This shloka describes the glory of Lord Ganesha.“विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय” – Lord Ganesha is the remover of obstacles (Vighneshwar) and bestower of boons (Varaday), and is dear to the gods.“लम्बोदराय सकलाय जगत हिताय” – Lord Ganesha is depicted as having a large belly, and he is the one who brings welfare to the entire universe.“नागाननाय श्रुतियज्ञभूषिताय” – His face is adorned with snakes (Nag) and he is revered in the sacred scriptures and yajnas.“गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते” – Lord Ganesha is the son of Gauri (Mother Parvati) and is the Lord of the Ganas (Lord of all beings). We offer him our repeated salutations. 2. Main Bhajan (First Two Lines): “ओ मेरे लाड़ले गणेश प्यारे प्यारे” – This line lovingly calls upon Lord Ganesha, referring to him as the beloved, and asks for his blessings.“भोले बाबा जी की आँखों के तारे” – Lord Ganesha is described

गजानंद महाराज पधारो कीर्तन की तैयारी है

gajaanand mahaaraaj padhaaro keertan kee taiyaaree hai

गजानंद महाराज पधारो कीर्तन की तैयारी है लिरिक्स – Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi गजानंद महाराज पधारो, कीर्तन की तैयारी है। तर्ज – फुल तुम्हे भेजा है ख़त मे। – श्लोक – प्रथम मनाये गणेश के, ध्याऊ शारदा मात, मात पिता गुरु प्रभु चरण मे, नित्य नमाऊ माथ। गजानंद महाराज पधारो, कीर्तन की तैयारी है, आओ आओ बेगा आओ, चाव दरस को भारी है ॥ थे आवो ज़द काम बणेला, था पर म्हारी बाजी है, रणत भंवर गढ़ वाला सुणलो, चिन्ता म्हाने लागि है, देर करो मत ना तरसाओ, चरणा अरज ये म्हारी है, गजानन्द महाराज पधारो ॥ रीद्धी सिद्धी संग आओ विनायक, देवों दरस थारा भगता ने, भोग लगावा ढोक लगावा, पुष्प चढ़ावा चरणा मे, गजानंद थारा हाथा मे, अब तो लाज हमारी है, गजानन्द महाराज पधारो ॥ भगता की तो विनती सुनली, शिव सूत प्यारो आयो है, जय जयकार करो गणपति की, म्हारो मन हर्शायो है, बरसेंगा अब रस कीर्तन मे, भगतौ महिमा भारी है, गजानन्द महाराज पधारो ॥ गजानंद महाराज पधारों, कीर्तन की तैयारी है, आओ आओ बेगा आओ, चाव दरस को भारी है ॥ https://youtu.be/fOWk1A27pKQ Hindi meaning प्रथम श्लोक का अर्थ: प्रथम मनाये गणेश के, ध्याऊ शारदा मात, मात पिता गुरु प्रभु चरण में, नित्य नमाऊ माथ। इस श्लोक में कहा गया है कि सबसे पहले भगवान गणेश का पूजन करना चाहिए। वे माता शारदा (ज्ञान की देवी), पिता और गुरु के साथ होते हैं, और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना जीवन में सबसे महत्वपूर्ण है। इसलिये हर दिन उनका ध्यान करके उनके चरणों में नमन करना चाहिए। मुख्य शेर का अर्थ: गजानंद महाराज पधारो, कीर्तन की तैयारी है,आओ आओ बेगा आओ, चाव दर्शन को भारी है ॥ यहां पर भक्त भगवान गणेश को आमंत्रित कर रहे हैं और कह रहे हैं कि कीर्तन (भजन) की तैयारी पूरी हो चुकी है। आप जल्दी पधारिए, क्योंकि आपके दर्शन की भक्ति में अत्यधिक श्रद्धा और आनंद है। दूसरे शेर का अर्थ: थे आवो ज़द काम बणेला,था पर म्हारी बाजी है,रणत भंवर गढ़ वाला सुणलो,चिन्ता म्हाने लागी है,देर करो मत ना तरसाओ,चरणा अरज ये म्हारी है,गजानन्द महाराज पधारो ॥ यहां पर भक्त भगवान गणेश से कह रहे हैं कि उनकी ज़िंदगी में बहुत सारी परेशानियां और समस्याएं हैं। वे भगवान से जल्द से जल्द पधारने की प्रार्थना कर रहे हैं ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके। वे भगवान से आशीर्वाद की मांग करते हुए कहते हैं कि उन्हें दया दिखाएं और जल्दी उनके चरणों में आकर उनका संकट दूर करें। अगला शेर का अर्थ: रीद्धी सिद्धी संग आओ विनायक,देवों दर्शन थारे भगतां ने,भोग लगावा, ढोक लगावा,पुष्प चढ़ावा चरणा में,गजानंद थारे हाथा में,अब तो लाज हमारी है,गजानन्द महाराज पधारो ॥ यहां पर भक्त भगवान गणेश से विनती कर रहे हैं कि वह रिद्धि-सिद्धि (सिद्धियों और समृद्धि) के साथ उनके पास आएं। भगवान गणेश के भक्त उन्हें भोग, पूजा, और पुष्प अर्पित करते हैं, और उनके हाथों में आशीर्वाद की भावना महसूस करते हैं। भक्त अपनी लाज छिपाते हुए भगवान से कहते हैं कि अब समय आ गया है कि वह उनके दर्शन से सब कुछ पूरी तरह से ठीक कर दें। अंतिम शेर का अर्थ: भगतां की तो विनती सुनली,शिव सूत प्यारो आयो है,जय जयकार करो गणपति की,म्हारो मन हर्षायो है,बरसेंगा अब रस कीर्तन में,भगतों महिमा भारी है,गजानन्द महाराज पधारो ॥ इस शेर में कहा गया है कि भगवान गणेश ने अपने भक्तों की प्रार्थनाओं को सुना है और अब वे शीघ्र ही उनके पास आने वाले हैं। भक्त उनके आगमन से अत्यधिक प्रसन्न हैं और उनका जयकारा कर रहे हैं। वे विश्वास करते हैं कि भगवान गणेश के दर्शन से उनके जीवन में शांति और समृद्धि आएगी। कुल मिलाकर भजन का अर्थ: यह भजन भगवान गणेश के प्रति भक्तों की श्रद्धा और आस्था को व्यक्त करता है। भक्त गणेश जी को अपने जीवन में आशीर्वाद देने के लिए आमंत्रित करते हैं। वे भगवान से उनकी समस्याओं का समाधान, सुख-शांति, और समृद्धि की कामना करते हैं। साथ ही, वे भगवान गणेश के दिव्य रूप का गुणगान करते हुए उनके दर्शन का आनंद लेने के लिए तैयार होते हैं। English Meaning Meaning of the First Shloka: “प्रथम मनाये गणेश के, ध्याऊ शारदा मात, मात पिता गुरु प्रभु चरण में, नित्य नमाऊ माथ।” In this verse, it is said that first and foremost, one should worship Lord Ganesha. He is the embodiment of wisdom, along with Goddess Saraswati (Sharda, the goddess of knowledge), Father (Shiva), and Guru. The verse emphasizes the importance of regularly bowing to His feet with utmost reverence. Meaning of the Main Chorus: “गजानंद महाराज पधारो,कीर्तन की तैयारी है,आओ आओ बेग आओ,चाव दर्शन को भारी है ॥” Here, the devotees invite Lord Ganesha to come quickly as they are ready to perform the keerthan (devotional singing) in His honor. They express their eagerness for His divine darshan (sight), as it brings immense joy and blessings to their lives. Meaning of the Next Stanza: “थे आवो ज़द काम बणेला,था पर म्हारी बाजी है,रणत भंवर गढ़ वाला सुणलो,चिन्ता म्हाने लागी है,देर करो मत ना तरसाओ,चरणा अरज ये म्हारी है,गजानन्द महाराज पधारो ॥” In this stanza, the devotees express that they are in great need of Lord Ganesha’s help, as they are facing difficulties in their lives. They implore Him not to delay and to come soon to remove their worries. The verse conveys their sincere prayer, requesting Lord Ganesha to bless them and resolve their problems. Meaning of the Next Stanza: “रीद्धी सिद्धी संग आओ विनायक,देवों दर्शन थारे भगतां ने,भोग लगावा, ढोक लगावा,पुष्प चढ़ावा चरणा में,गजानंद थारे हाथा में,अब तो लाज हमारी है,गजानन्द महाराज पधारो ॥” Here, the devotees call upon Lord Ganesha to bring Riddhi (prosperity) and Siddhi (spiritual accomplishment) along with Him. They offer Him prayers, food, flowers, and other offerings as an expression of devotion. They express their humility and state that now it is up to Lord Ganesha to bestow His blessings on them, as they are without any pride or hesitation. Meaning of the Next Stanza: “भगतां की तो विनती सुनली,शिव सूत प्यारो आयो है,जय जयकार करो गणपति की,म्हारो मन हर्षायो है,बरसेंगा अब रस कीर्तन में,भगतों महिमा भारी है,गजानन्द महाराज पधारो ॥” In

सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची लिरिक्स

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सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची लिरिक्स – Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची, नुरवी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची, सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची, कंठी झळके माळ मुक्ताफळाची, जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती, दर्शनमात्रे मन कामना पुरती, जय देव जय देव ॥ रत्नखचित फरा तूज गौरीकुमरा, चंदनाची उटी कुंकुमकेशरा, हिरे जडित मुकुट शोभतो बरा, रुणझुणती नुपुरे चरणी घागरिया, जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती, दर्शनमात्रे मनकामना पुरती, जय देव जय देव ॥ लंबोदर पितांबर फनी वरवंदना, सरळ सोंड वक्रतुंड त्रिनयना, दास रामाचा वाट पाहे सदना, संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवंदना, जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती, दर्शनमात्रे मनकामना पुरती, जय देव जय देव ॥ शेंदुर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुखको, दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरिहरको, हाथ लिए गुडलद्दु सांई सुरवरको, महिमा कहे न जाय लागत हूं पदको, जय जय जी गणराज विद्या सुखदाता, धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता, जय देव जय देव ॥ अष्टौ सिद्धि दासी संकट को बैरि, विघ्नविनाशन मंगल मूरत अधिकारी, कोटीसूरजप्रकाश ऐसी छबि तेरी, गंडस्थलमदमस्तक झूले शशि गहरी, जय जय जी गणराज विद्या सुखदाता, धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता, जय देव जय देव ॥ भावभगत से कोई शरणागत आवे, संतत संपत सबही भरपूर पावे, ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे, गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे, जय जय जी गणराज विद्या सुखदाता, धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता, जय देव जय देव ॥ सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची, नुरवी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची, सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची, कंठी झळके माळ मुक्ताफळाची, जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती, दर्शनमात्रे मन कामना पुरती, जय देव जय देव ॥ https://youtu.be/3VgjuOB3RjI Here are the lyrics of “सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची” bhajan in Hindi: सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची,नुरवी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची,सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची,कंठी झळके माला मुक्ताफळाची,जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती,दर्शनमात्रे मन कामना पुरती,जय देव जय देव ॥(जो सुख देने वाले और दुख हरने वाले हैं, वह विघ्नों को दूर करने वाले हैं। उनके शरीर पर सुंदर लाल सिंदूर और कंठ में मोती की माला चमक रही है। उनके दर्शन से मन की सभी कामनाएं पूरी हो जाती हैं।) रत्नखचित फरा तूज गौरीकुमरा,चंदनाची उटी कुंकुमकेशरा,हिरे जडित मुकुट शोभतो बरा,रुणझुणती नुपुरे चरणी घागरिया,जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती,दर्शनमात्रे मन कामना पुरती,जय देव जय देव ॥(आप रत्नों से जड़े मुकुट और चंदन की खुशबू से महकते हैं। आपके चरणों में घुंघरू और घागरे झंकते हैं। आपके दर्शन से मन की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं।) लंबोदर पितांबर फनी वरवंदना,सरळ सोंड वक्रतुंड त्रिनयना,दास रामाचा वाट पाहे सदना,संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवंदना,जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती,दर्शनमात्रे मन कामना पुरती,जय देव जय देव ॥(आपकी लंबी पेट और पीतांबर वस्त्रों में छिपी महिमा है। आपका मुकुट और आपकी नथ तीन नयनवाले हैं। भगवान राम के भक्त आपके चरणों में आते हैं और संकटों से मुक्ति पाते हैं।) शेंदुर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुखको,दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरिहरको,हाथ लिए गुडलद्दु सांई सुरवरको,महिमा कहे न जाय लागत हूं पदको,जय जय जी गणराज विद्या सुखदाता,धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता,जय देव जय देव ॥(आपको लाल सिंदूर चढ़ाया जाता है। आपके पुत्र, कार्तिकेय, लाल फूलों से सजे हैं। आप हाथ में मोदक रखते हैं, और आपकी महिमा अनंत है। आपके दर्शन से मन शांत और प्रसन्न होता है।) अष्टौ सिद्धि दासी संकट को बैरि,विघ्नविनाशन मंगल मूरत अधिकारी,कोटीसूरजप्रकाश ऐसी छबि तेरी,गंडस्थलमदमस्तक झूले शशि गहरी,जय जय जी गणराज विद्या सुखदाता,धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता,जय देव जय देव ॥(आप आठों सिद्धियों के स्वामी और विघ्नों का नाश करने वाले हैं। आपकी छवि सूर्य के करोड़ों किरणों से अधिक तेज़ है और आपके माथे पर चाँद की चाँदनी चमक रही है। आपके दर्शन से सभी संकट दूर होते हैं।) भावभगत से कोई शरणागत आवे,संतत संपत सबही भरपूर पावे,ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे,गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे,जय जय जी गणराज विद्या सुखदाता,धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता,जय देव जय देव ॥(जो भावपूर्ण भक्ति से शरणागत होते हैं, उनके घर में संपत्ति और सुख की प्राप्ति होती है। भगवान गजानन के गुण संतों द्वारा गाए जाते हैं और उनके दर्शन से जीवन में सुख और समृद्धि आती है।) सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची,नुरवी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची,सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची,कंठी झळके माला मुक्ताफळाची,जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती,दर्शनमात्रे मन कामना पुरती,जय देव जय देव ॥(जो सुख देने वाले और दुख हरने वाले हैं, वह विघ्नों को दूर करने वाले हैं। उनके शरीर पर सुंदर लाल सिंदूर और कंठ में मोती की माला चमक रही है। उनके दर्शन से मन की सभी कामनाएं पूरी हो जाती हैं।) This भजन (bhajan) is a beautiful praise of Lord Ganesha, highlighting His power to remove obstacles, bestow blessings, and fulfill the desires of His devotees. It emphasizes His divine form, His connection with Lord Shiva and Goddess Parvati, and the prosperity He brings to those who seek His protection. Here are the lyrics of the “सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची” bhajan, along with its English translation: सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची,नुरवी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची,सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची,कंठी झळके माला मुक्ताफळाची,जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती,दर्शनमात्रे मन कामना पुरती,जय देव जय देव ॥(He who brings happiness and removes sorrow, the remover of obstacles, is adorned with love, grace, and victory. His entire body is beautiful with vermilion, and the necklace of pearls sparkles around His neck. Glory to Lord Ganesha, the auspicious one, whose mere darshan fulfills all desires.) रत्नखचित फरा तूज गौरीकुमरा,चंदनाची उटी कुंकुमकेशरा,हिरे जडित मुकुट शोभतो बरा,रुणझुणती नुपुरे चरणी घागरिया,जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती,दर्शनमात्रे मन कामना पुरती,जय देव जय देव ॥(You are adorned with a crown of jewels and sandalwood fragrance. Your hair is adorned with kumkum. You wear a crown embedded with diamonds and bells on your feet that ring melodiously. Glory to Lord Ganesha, the auspicious one, whose mere darshan fulfills all desires.) लंबोदर पितांबर फनी वरवंदना,सरळ सोंड वक्रतुंड त्रिनयना,दास रामाचा वाट पाहे सदना,संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवंदना,जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती,दर्शनमात्रे मन कामना पुरती,जय देव जय देव ॥(You have a large belly and wear yellow clothes, with a serpent wrapped around your body. You have a straight trunk, three eyes, and are worshipped by Lord Rama’s devotees. O Lord Ganesha, protect us from all difficulties and keep us safe. Glory to Lord Ganesha, the auspicious one, whose mere darshan fulfills all desires.)

मेरे बन जाए बिगड़े काम गजानन तेरे आने से लिरिक्स

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मेरे बन जाए बिगड़े काम गजानन तेरे आने से लिरिक्स – Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi मेरे बन जाएं बिगड़े काम, गजानन तेरे आने से, आने से तेरे आने से, मेरे बन जाएं बिगड़े काम, गजानन तेरे आने से ॥ मेरी बगिया देवा सूनी पड़ी हैं, मेरी बगिया ने खिल जाएं फूल, गजानन तेरे आने से, मेरे बन जाएं बिगड़े काम, गजानन तेरे आने से ॥ मेरी गलियां देवा सूनी पड़ी हैं, मेरी गलियों में मच जाए धूम, गजानन तेरे आने से, मेरे बन जाएं बिगड़े काम, गजानन तेरे आने से ॥ मेरा अंगना देवा सूना पड़ा है, मेरे अंगना में आए बहार, गजानन तेरे आने से, मेरे बन जाएं बिगड़े काम, गजानन तेरे आने से ॥ मेरा मंदिर देवा सूना पड़ा है, मेरे मंदिर में जल जाए ज्योत, गजानन तेरे आने से, मेरे बन जाएं बिगड़े काम, गजानन तेरे आने से ॥ https://youtu.be/iDwWJS5gZd0 मेरे बन जाए बिगड़े काम गजानन तेरे आने से” bhajan along with their Hindi meaning: मेरे बन जाएं बिगड़े काम,गजानन तेरे आने से,आने से तेरे आने से,मेरे बन जाएं बिगड़े काम,गजानन तेरे आने से ॥(मेरे सारे बिगड़े हुए काम सिर्फ तेरे आने से अच्छे हो जाते हैं, गजानन। तेरे आने से ही सब कुछ ठीक हो जाता है।) मेरी बगिया देवा सूनी पड़ी हैं,मेरी बगिया में खिल जाएं फूल,गजानन तेरे आने से,मेरे बन जाएं बिगड़े काम,गजानन तेरे आने से ॥(मेरी बगिया सूनी पड़ी थी, लेकिन तेरे आने से उसमें फूल खिलने लगते हैं। गजानन, तेरे आने से मेरे सारे काम बन जाते हैं।) मेरी गलियां देवा सूनी पड़ी हैं,मेरी गलियों में मच जाए धूम,गजानन तेरे आने से,मेरे बन जाएं बिगड़े काम,गजानन तेरे आने से ॥(मेरी गलियां सूनी पड़ी थीं, लेकिन तेरे आने से उनमें खुशी का माहौल बन जाता है। गजानन, तेरे आने से मेरे सारे बिगड़े काम सुधर जाते हैं।) मेरा अंगना देवा सूना पड़ा है,मेरे अंगना में आए बहार,गजानन तेरे आने से,मेरे बन जाएं बिगड़े काम,गजानन तेरे आने से ॥(मेरा आंगन सुनसान पड़ा था, लेकिन तेरे आगमन से उसमें बहार आ जाती है। गजानन, तेरे आने से मेरे सारे काम बन जाते हैं।) मेरा मंदिर देवा सूना पड़ा है,मेरे मंदिर में जल जाए ज्योत,गजानन तेरे आने से,मेरे बन जाएं बिगड़े काम,गजानन तेरे आने से ॥(मेरा मंदिर सूना पड़ा था, लेकिन तेरे आने से वहां दीप जलने लगते हैं। गजानन, तेरे आगमन से मेरे सारे बिगड़े काम बन जाते हैं।) Here are the lyrics of the “मेरे बन जाए बिगड़े काम गजानन तेरे आने से” bhajan along with their English translation: मेरे बन जाएं बिगड़े काम,गजानन तेरे आने से,आने से तेरे आने से,मेरे बन जाएं बिगड़े काम,गजानन तेरे आने से ॥(My tasks, which were once difficult, now turn into success with Your arrival, O Gajanan. Everything changes with Your coming.) मेरी बगिया देवा सूनी पड़ी हैं,मेरी बगिया में खिल जाएं फूल,गजानन तेरे आने से,मेरे बन जाएं बिगड़े काम,गजानन तेरे आने से ॥(My garden was barren, but it blossoms with flowers when You come, O Gajanan. Everything turns right with Your arrival.) मेरी गलियां देवा सूनी पड़ी हैं,मेरी गलियों में मच जाए धूम,गजानन तेरे आने से,मेरे बन जाएं बिगड़े काम,गजानन तेरे आने से ॥(My streets were silent, but they are filled with excitement and joy when You come, O Gajanan. Everything transforms with Your arrival.) मेरा अंगना देवा सूना पड़ा है,मेरे अंगना में आए बहार,गजानन तेरे आने से,मेरे बन जाएं बिगड़े काम,गजानन तेरे आने से ॥(My courtyard was desolate, but with Your arrival, it is filled with the season of spring, O Gajanan. Everything changes with Your coming.) मेरा मंदिर देवा सूना पड़ा है,मेरे मंदिर में जल जाए ज्योत,गजानन तेरे आने से,मेरे बन जाएं बिगड़े काम,गजानन तेरे आने से ॥(My temple was empty, but with Your arrival, the lamp of devotion burns brightly, O Gajanan. Everything turns right with Your arrival.) This bhajan is a prayer to Lord Ganesha, praising His divine presence and how everything becomes better and more prosperous with His arrival. The lyrics convey a deep sense of gratitude and devotion, emphasizing how Lord Ganesha’s blessings can transform life. गणेश भगवान की पूजा का सामान और विधि पूजा का सामान: गणेश प्रतिमा (मिट्टी, तांबा, या अन्य सामग्री से बनी) पान के पत्ते और सुपारी गुलाब की अगरबत्तियाँ पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी) फूल (विशेष रूप से लाल और सफेद रंग के फूल) कुंकुम और चंदन दीपक (घी या तेल का दीपक) धूप नारियल (पूजा के लिए तोड़ने के लिए) लड्डू (विशेष रूप से मोदक, गणेश जी का प्रिय भोग) कलश (पानी और फूलों से भरा हुआ) चावल और सिक्के पान का बीड़ा द्रव्य (मेवा, तिल, हल्दी, चिरौंजी) पूजा की विधि: संगठना और स्थान तैयार करें: सबसे पहले, पूजा के लिए एक स्वच्छ स्थान पर आसन बिछाएँ। गणेश प्रतिमा को उत्तम स्थान पर स्थापित करें। स्नान और स्वच्छता: पहले खुद स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। फिर पूजा स्थल को स्वच्छ करें। आसन और जल का स्थान: एक पात्र में जल और कुछ फूल डालें और उसका पूजन करें। एक दीपक और अगरबत्ती जलाएँ। गणेश प्रतिमा का पूजन: गणेश जी की प्रतिमा पर चंदन, कुंकुम और फूल चढ़ाएँ। पंचामृत से गणेश जी का अभिषेक करें। नारियल और सुपारी को गणेश जी के समक्ष रखें। मंत्र और आरती: गणेश जी के मंत्र “ॐ गण गणपतये नमः” का जाप करें। गणेश जी की आरती गाएँ या सुनें। भोग अर्पण करें: मोदक और अन्य मिठाइयाँ गणेश जी के चरणों में चढ़ाएँ। ध्यान रखें कि जो भोग अर्पित करें, वह शुद्ध और ताजे हों। आशीर्वाद प्राप्त करें: अंत में, गणेश जी से आशीर्वाद प्राप्त करें और फिर प्रसाद वितरण करें। यह विधि शुद्ध भाव से और श्रद्धा से की जानी चाहिए। गणेश जी के पूजन से समृद्धि, बुद्धि, और विघ्नों से मुक्ति मिलती है।

जय गणेश जय गणेश देवा लिरिक्स

Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi

जय गणेश जय गणेश देवा लिरिक्स जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी । माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा । लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया । बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ ‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी । कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ https://youtu.be/mI83z5Se86s Here is the full version of “जय गणेश जय गणेश देवा” with a line-by-line Hindi meaning: जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।(जय गणेश की जय हो, जय गणेश देवता की जय हो।)माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥(जिनकी माता पार्वती और पिता महादेव हैं।) एक दंत दयावंत,चार भुजा धारी ।(एक दांत वाले और दयालु, चार हाथों वाले।)माथे सिंदूर सोहे,मूसे की सवारी ॥(जिनके माथे पर सिंदूर चमकता है और जो मूषक (चूहा) की सवारी करते हैं।) जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।(जय गणेश की जय हो, जय गणेश देवता की जय हो।)माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥(जिनकी माता पार्वती और पिता महादेव हैं।) पान चढ़े फल चढ़े,और चढ़े मेवा ।(पान, फल और मेवे चढ़ाए जाते हैं।)लड्डुअन का भोग लगे,संत करें सेवा ॥(लड्डू का भोग अर्पित होता है और संत His सेवा करते हैं।) जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।(जय गणेश की जय हो, जय गणेश देवता की जय हो।)माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥(जिनकी माता पार्वती और पिता महादेव हैं।) अंधन को आंख देत,कोढ़िन को काया ।(वह अंधों को नेत्र देते हैं, और कोढ़ियों को अच्छा स्वास्थ्य।)बांझन को पुत्र देत,निर्धन को माया ॥(वह बाँझ को संतान और निर्धन को धन देते हैं।) जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।(जय गणेश की जय हो, जय गणेश देवता की जय हो।)माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥(जिनकी माता पार्वती और पिता महादेव हैं।) ‘सूर’ श्याम शरण आए,सफल कीजे सेवा ।(जो सूर (भक्त) शरण में आते हैं, उनकी सेवा सफल होती है।)माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥(जिनकी माता पार्वती और पिता महादेव हैं।) जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।(जय गणेश की जय हो, जय गणेश देवता की जय हो।)माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥(जिनकी माता पार्वती और पिता महादेव हैं।) दीनन की लाज रखो,शंभु सुतकारी ।(दीन-हीन की लाज रखने वाले, शंभु (महादेव) के पुत्र।)कामना को पूर्ण करो,जाऊं बलिहारी ॥(जो भक्तों की इच्छाओं को पूर्ण करते हैं, उनके सामने मैं नतमस्तक हूँ।) जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।(जय गणेश की जय हो, जय गणेश देवता की जय हो।)माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥(जिनकी माता पार्वती और पिता महादेव हैं।) English lyrics जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।(Glory to Lord Ganesha, Glory to Lord Ganesha.)माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥(His mother is Goddess Parvati, His father is Lord Mahadeva.) एक दंत दयावंत,चार भुजा धारी ।(He is the one-tusked, compassionate, with four arms.)माथे सिंदूर सोहे,मूसे की सवारी ॥(He has vermilion on his forehead and rides on a mouse.) जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।(Glory to Lord Ganesha, Glory to Lord Ganesha.)माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥(His mother is Goddess Parvati, His father is Lord Mahadeva.) पान चढ़े फल चढ़े,और चढ़े मेवा ।(Paan, fruits, and dry fruits are offered to Him.)लड्डुअन का भोग लगे,संत करें सेवा ॥(Laddoos are offered to Him, and saints perform His service.) जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।(Glory to Lord Ganesha, Glory to Lord Ganesha.)माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥(His mother is Goddess Parvati, His father is Lord Mahadeva.) अंधन को आंख देत,कोढ़िन को काया ।(He grants sight to the blind, and health to the leprous.)बांझन को पुत्र देत,निर्धन को माया ॥(He blesses the barren with children, and the poor with wealth.) जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।(Glory to Lord Ganesha, Glory to Lord Ganesha.)माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥(His mother is Goddess Parvati, His father is Lord Mahadeva.) ‘सूर’ श्याम शरण आए,सफल कीजे सेवा ।(Those who seek refuge in Lord Ganesha are blessed with success in their endeavors.)माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥(His mother is Goddess Parvati, His father is Lord Mahadeva.) जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।(Glory to Lord Ganesha, Glory to Lord Ganesha.)माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥(His mother is Goddess Parvati, His father is Lord Mahadeva.) दीनन की लाज रखो,शंभु सुतकारी ।(He protects the honor of the helpless and is the son of Lord Shiva.)कामना को पूर्ण करो,जाऊं बलिहारी ॥(He fulfills the desires of His devotees, and I am ready to surrender to Him.) जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।(Glory to Lord Ganesha, Glory to Lord Ganesha.)माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥(His mother is Goddess Parvati, His father is Lord Mahadeva.) गणेश भगवान की पूजा का सामान और विधि पूजा का सामान: गणेश प्रतिमा (मिट्टी, तांबा, या अन्य सामग्री से बनी) पान के पत्ते और सुपारी गुलाब की अगरबत्तियाँ पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी) फूल (विशेष रूप से लाल और सफेद रंग के फूल) कुंकुम और चंदन दीपक (घी या तेल का दीपक) धूप नारियल (पूजा के लिए तोड़ने के लिए) लड्डू (विशेष रूप से मोदक, गणेश जी का प्रिय भोग) कलश (पानी और फूलों से भरा हुआ) चावल और सिक्के पान का बीड़ा द्रव्य (मेवा, तिल, हल्दी, चिरौंजी) पूजा की विधि: संगठना और स्थान तैयार करें: सबसे पहले, पूजा के लिए एक स्वच्छ स्थान पर आसन बिछाएँ। गणेश प्रतिमा को उत्तम स्थान पर स्थापित करें। स्नान और स्वच्छता: पहले खुद स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। फिर पूजा स्थल को स्वच्छ करें। आसन और जल का स्थान: एक पात्र में जल और कुछ फूल डालें और उसका पूजन करें। एक दीपक और अगरबत्ती जलाएँ। गणेश प्रतिमा का पूजन: गणेश जी की प्रतिमा पर चंदन, कुंकुम और फूल चढ़ाएँ। पंचामृत से गणेश जी का अभिषेक करें। नारियल