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काली चालीसा का महत्व, अर्थ और पूजा विधि

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काली चालीसा का महत्व, अर्थ और पूजा विधि काली चालीसा जय काली माँ, जय काली माँ,माता दुर्गा के रूप में आ,शरणागत वत्सल काली माँ,हमे दुखों से उबार के ला। ओ काली माँ, महाकाल की शakti,दुष्टों का विनाश करती है,भूत-प्रेत, पिशाच व गिरोहों को,अपनी महाक्रूरता से हराती है। तात्पर्य माँ, काली हमे आशीर्वाद दे,शांति और संजीवनी शक्ति दे,विधी-वीरता से हमे कष्टों से मुक्ति दे। काली की नृत्य रूप में भयंकर छवि,दुर्गम से बड़ी बुरी कृतियों के कुल का विनाश करती है। काली माँ के चरणों में पवित्र स्थान है,जिनके आशीर्वाद से जीवन को ज्ञान मिलता है। संकटों में उन्हें याद करो,काली माँ की महिमा से भय समाप्त करो। भय को हराती है काली माँ,संकटों में वो अपने भक्तों के संग है। संसार में जो परेशानी है,काली माँ का भजन शांति दिलाता है। तंत्र-मंत्र की शक्तियां उसे पता है,और विजय की प्राप्ति के लिए काली माँ की पूजा करो। काली माँ की महिमा असीम है,सभी संतान को संजीवनी देने वाली। रात्रि में जप करो माँ का नाम,मन की संकल्पों को प्रकट करो। ओ काली माँ, तू शक्तिमान है,तेरे चरणों में हमारी उन्नति है। शरणागत वत्सल काली माँ,हमे भाग्य और प्रेम की आशीर्वाद दे। सुख-शांति से हमें अभय प्रदान कर,हमारे ह्रदय में काली माँ का साम्राज्य हो। काली माँ की महिमा जप कर,सत्य के मार्ग पर हमे स्थिर कर। जय काली, जय काली माँ,हर संकट से उबारो, बचाओ काली माँ। इति श्री काली चालीसा सम्पूर्ण। https://www.youtube.com/watch?v=Gd_fmyIMQeU Meaning of Kali Chalisa in Hindi : काली चालीसा का अर्थ : जय काली माँ, जय काली माँ,माता दुर्गा के रूप में आ,शरणागत वत्सल काली माँ,हमें दुखों से उबार के ला।अर्थ: माँ काली की जय हो! आप माँ दुर्गा के रूप में हमारे जीवन में आईं हैं। आप शरण में आये भक्तों को अपना आशीर्वाद देती हैं और हमें दुखों से उबारने वाली हैं। ओ काली माँ, महाकाल की शक्ति,दुष्टों का विनाश करती है,भूत-प्रेत, पिशाच व गिरोहों को,अपनी महाक्रूरता से हराती है।अर्थ: ओ माँ काली, आप महाकाल की शक्ति से संपन्न हैं। आप दुष्टों, भूत-प्रेत, पिशाचों और बुरे लोगों का नाश करने वाली हैं। तात्मक माँ, काली हमें आशीर्वाद दे,शांति और संजीवनी शक्ति दे,विधी-वीरता से हमें कष्टों से मुक्ति दे।अर्थ: माँ काली, आप हमें आशीर्वाद दें ताकि हम शांति और संजीवनी शक्ति प्राप्त करें और हमारे कष्ट समाप्त हो जाएं। काली की नृत्य रूप में भयंकर छवि,दुर्गम से बड़ी बुरी कृतियों के कुल का विनाश करती है।अर्थ: माँ काली का रूप नृत्य करते हुए भयंकर और क्रूर है, जो बुरी कृतियों का नाश करने वाली हैं। काली माँ के चरणों में पवित्र स्थान है,जिनके आशीर्वाद से जीवन को ज्ञान मिलता है।अर्थ: माँ काली के चरणों में अपार पवित्रता है, जिनका आशीर्वाद हमारे जीवन में ज्ञान और संतोष लाता है। संकटों में उन्हें याद करो,काली माँ की महिमा से भय समाप्त करो।अर्थ: जब भी जीवन में संकट हो, माँ काली को याद करो, उनके दिव्य आशीर्वाद से भय दूर होगा। भय को हराती है काली माँ,संकटों में वो अपने भक्तों के संग हैं।अर्थ: माँ काली भय को समाप्त करने वाली हैं, और वे संकट के समय अपने भक्तों के साथ होती हैं। संसार में जो परेशानी है,काली माँ का भजन शांति दिलाता है।अर्थ: संसार में जो भी समस्याएँ हैं, माँ काली का भजन हमें शांति और समाधान प्रदान करता है। तंत्र-मंत्र की शक्तियां उसे पता है,और विजय की प्राप्ति के लिए काली माँ की पूजा करो।अर्थ: माँ काली तंत्र-मंत्र की शक्तियों से जानकार हैं और हमें विजय प्राप्त करने के लिए उनकी पूजा करनी चाहिए। काली माँ की महिमा असीम है,सभी संतान को संजीवनी देने वाली।अर्थ: माँ काली की महिमा अनंत है, और वह सभी संतान को जीवनदान देने वाली हैं। रात्रि में जप करो माँ का नाम,मन की संकल्पों को प्रकट करो। अर्थ: रात्रि के समय माँ काली का नाम जाप करो और अपने मन की इच्छाओं और संकल्पों को प्रकट करो। ओ काली माँ, तू शक्तिमान है,तेरे चरणों में हमारी उन्नति है। अर्थ: ओ माँ काली, आप अत्यंत शक्तिशाली हैं, और आपके चरणों में हमारी उन्नति और समृद्धि है। शरणागत वत्सल काली माँ,हमें भाग्य और प्रेम की आशीर्वाद दे। अर्थ: शरण में आये भक्तों को प्रेम और आशीर्वाद देने वाली माँ काली हमें अच्छे भाग्य और प्रेम का आशीर्वाद दें। सुख-शांति से हमें अभय प्रदान कर,हमारे ह्रदय में काली माँ का साम्राज्य हो। अर्थ: माँ काली हमें सुख, शांति और अभय प्रदान करें, और हमारे ह्रदय में उनका साम्राज्य स्थापित हो। काली माँ की महिमा जप कर,सत्य के मार्ग पर हमें स्थिर कर। अर्थ: माँ काली की महिमा का जाप करके हम सत्य के मार्ग पर दृढ़ रहें और हमारे जीवन में सत्यता और नैतिकता की शक्ति आए। जय काली, जय काली माँ,हर संकट से उबारो, बचाओ काली माँ। अर्थ: जय काली माँ! आप हमें सभी संकटों से उबारें और हमारी रक्षा करें। इति श्री काली चालीसा सम्पूर्ण। अर्थ: यह काली चालीसा पूर्ण हुआ। Meaning of Kali Chalisa in English : Jai Kali Maa, Jai Kali Maa,Mata Durga ke roop mein aa,Sharanagat vatsal Kali Maa,Humein dukhon se ubar ke la.Meaning: Hail Kali Maa! You have come in the form of Goddess Durga. O Kali Maa, you are compassionate towards those who seek refuge, and you uplift us from our troubles. O Kali Maa, Mahakal ki shakti,Dushton ka vinash karti hai,Bhoot-pret, pishach aur girohon ko,Apni mahakroorata se haraati hai.Meaning: O Kali Maa, you are endowed with the power of Mahakal. You destroy evil forces, ghosts, spirits, and wicked groups with your fierce power. Taatkalyan Maa, Kali humein aashirwad de,Shanti aur sanjeevani shakti de,Vidhi-veerta se humein kashton se mukti de.Meaning: O Kali, bless us with peace and life-giving power, and free us from all troubles with your divine grace and strength. Kali ki nritya roop mein bhayankar chhavi,Durgam se badi buri krityon ke kul ka vinash karti hai.Meaning: Kali’s dance form is fierce and terrifying, and she destroys the lineage of the most dreadful and evil deeds. Kali Maa ke charno mein pavitra sthan hai,Jinke aashirwad se jeevan ko gyaan milta hai.Meaning: Kali Maa’s feet are a sacred place, and through her blessings, one attains wisdom and spiritual knowledge. Sankaton mein unhe yaad karo,Kali Maa ki mahima

सूर्य चालीसा के लाभ: स्वास्थ्य, समृद्धि और सफलता के लिए

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सूर्य चालीसा के लाभ: स्वास्थ्य, समृद्धि और सफलता के लिए सूर्य चालीसा ॐ जय सूर्य देवता, जगत के रचयिता।नमः सूर्याय शान्ताय सर्वरोग निवारिणे।।नमः सूर्याय शान्ताय सर्वरोग निवारिणे।। सूरज देवता की आराधना करूं,जो जगत में सर्वश्रेष्ठ हैं, यह स्वीकार करू।यमराज के कुप्रभाव से मुक्ति मिले,इस ज्ञान से तन-मन को लाभ हो। सूर्य देवता के प्रताप से जीवन में उजाला हो,उनका आशीर्वाद हमें सर्वथा हर दिशा से मिले।जो उनके चरणों में लीन होता है,उसकी रक्षा हर संकट से होती है। जो नित्य सूर्योदय में उन्हें प्रणाम करता है,उसका जीवन अंधकार से मुक्त होता है।वह हर कार्य में सिद्धि प्राप्त करता है,वंश, सम्पत्ति और शौर्य में वृद्धि होती है। चंद्र, मंगल, गुरु, शुक्र, शनि और राहु-केतु,इनके दुष्प्रभाव को समाप्त करने वाला है सूर्य।उनके दर्शन से व्यक्ति को शक्ति, बल और साहस मिलता है,सूर्य के साथ जप से ज्ञान, वैभव और विजय मिलती है। सूर्य की महिमा अपरम्पार है,उनकी उपासना से हर संकट दूर हो जाता है।आत्मा की शुद्धि के लिए, जीवन में सुख-शांति पाने के लिए,सूर्य देवता का ध्यान करूं मैं हमेशा। ॐ सूर्याय नमःजय सूर्य देवता। https://youtu.be/L8gGSPzxXQU?si=uzaNURX4DniBcRtm Meaning of Surya Chalisa in Hindi : सूर्य चालीसा का अर्थ ॐ जय सूर्य देवता, जगत के रचयिता।नमः सूर्याय शान्ताय सर्वरोग निवारिणे।। हम सूर्य देवता की पूजा करते हैं, जो संपूर्ण संसार के सर्जक और पालनकर्ता हैं। उनकी शांति और कृपा से सभी रोगों का निवारण होता है। सूरज देवता की आराधना करूं,जो जगत में सर्वश्रेष्ठ हैं, यह स्वीकार करू।यमराज के कुप्रभाव से मुक्ति मिले,इस ज्ञान से तन-मन को लाभ हो। हम सूर्य देवता की पूजा करते हैं, जो संसार के सर्वोत्तम देवता हैं। उनके आशीर्वाद से हमें मृत्यु के देवता यमराज के दुष्प्रभाव से मुक्ति मिलती है और हमारे शरीर तथा मन को शांति मिलती है। सूर्य देवता के प्रताप से जीवन में उजाला हो,उनका आशीर्वाद हमें सर्वथा हर दिशा से मिले।जो उनके चरणों में लीन होता है,उसकी रक्षा हर संकट से होती है। सूर्य देवता के प्रभाव से हमारे जीवन में अंधकार दूर हो जाता है और हर दिशा से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। जो व्यक्ति उनके चरणों में समर्पित होता है, उसे किसी भी संकट से मुक्ति मिलती है। जो नित्य सूर्योदय में उन्हें प्रणाम करता है,उसका जीवन अंधकार से मुक्त होता है।वह हर कार्य में सिद्धि प्राप्त करता है,वंश, सम्पत्ति और शौर्य में वृद्धि होती है। जो व्यक्ति रोज सूर्योदय के समय सूर्य देवता का प्रणाम करता है, उसका जीवन हर प्रकार के अंधकार से मुक्त होता है। वह सभी कार्यों में सफलता प्राप्त करता है और उसका परिवार, सम्पत्ति और प्रतिष्ठा बढ़ती है। चंद्र, मंगल, गुरु, शुक्र, शनि और राहु-केतु,इनके दुष्प्रभाव को समाप्त करने वाला है सूर्य।उनके दर्शन से व्यक्ति को शक्ति, बल और साहस मिलता है,सूर्य के साथ जप से ज्ञान, वैभव और विजय मिलती है। सूर्य देवता चंद्रमा, मंगल, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु के सभी नकारात्मक प्रभावों को समाप्त करते हैं। सूर्य के दर्शन से व्यक्ति को शक्ति, बल, साहस मिलता है, और उनके मंत्रों के जाप से ज्ञान, वैभव और विजय प्राप्त होती है। सूर्य की महिमा अपरम्पार है,उनकी उपासना से हर संकट दूर हो जाता है।आत्मा की शुद्धि के लिए, जीवन में सुख-शांति पाने के लिए,सूर्य देवता का ध्यान करूं मैं हमेशा। सूर्य देवता की महिमा अत्यधिक महान है। उनकी पूजा और ध्यान से सभी संकट समाप्त हो जाते हैं। आत्मा की शुद्धि और जीवन में सुख-शांति प्राप्त करने के लिए हम सूर्य देवता का हमेशा ध्यान करते हैं। ॐ सूर्याय नमःजय सूर्य देवता। हम सूर्य देवता को प्रणाम करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। Meaning of Surya Chalisa in English : Om Jai Surya Devta, Jagat Ke Rachayita,Namah Suryaya Shantaya Sarvaroga Nivarine. We worship Lord Surya, the creator and sustainer of the entire universe. His peace and blessings remove all diseases and ailments. I worship Lord Surya, who is the best in the world,Accepting this, I seek freedom from the effects of Yamaraj (God of Death),With this knowledge, may my body and mind be blessed. We worship Lord Surya, the greatest of all deities in the world. Through his blessings, we seek liberation from the negative influence of Yamaraj (the God of Death), and we ask for peace and health for our body and mind. By the grace of Lord Surya, may my life be illuminated,May his blessings reach me from all directions.Those who surrender at his feet,Are protected from all crises and dangers. With the grace of Lord Surya, may our lives be filled with light, and may his blessings come to us from all directions. Those who devote themselves to him are protected from every difficulty and danger. Whoever worships him daily at sunrise,Their life is freed from darkness.They attain success in all their endeavors,Their lineage, wealth, and fame increase. Those who offer prayers to Lord Surya daily at sunrise are freed from the darkness of life. They succeed in all their efforts, and their family, wealth, and reputation grow. Lord Surya removes the negative effects of the Moon, Mars, Jupiter, Venus, Saturn, Rahu, and Ketu,By his sight, one gains strength, courage, and power.Chanting his name brings knowledge, wealth, and victory. Lord Surya eliminates the harmful effects of the planets such as the Moon, Mars, Jupiter, Venus, Saturn, Rahu, and Ketu. His vision blesses us with strength, courage, and power. Chanting his name brings knowledge, prosperity, and success. The glory of Lord Surya is beyond measure,By worshipping him, all troubles are removed.For the purification of the soul, and to gain peace and happiness in life,I always meditate upon Lord Surya. The glory of Lord Surya is limitless. Worshipping him removes all troubles. For the purification of the soul and to attain peace and happiness in life, we meditate on Lord Surya at all times. Om Suryaya NamahJai Surya Devta. We bow to Lord Surya and seek his blessings. सूर्य चालीसा पूजा विधि और पूजा सामग्री सूर्य चालीसा पूजा विधि : सूर्य देवता की पूजा करते समय निम्नलिखित विधि का पालन करें: स्थान का चयन: सूर्य पूजा करने के लिए सबसे अच्छा समय सुबह का होता है, खासकर सूर्योदय के समय। पूजा करने के लिए साफ-सुथरी जगह का

लक्ष्मी चालीसा – धन, समृद्धि और सुख के लिए

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लक्ष्मी चालीसा – धन, समृद्धि और सुख के लिए  लक्ष्मी चालीसा जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।सकल मनोकामना पूरी करो, सबके जीवन में वर्धि बढ़ाओ॥ 1॥ श्री लक्ष्मी देवी के चरणों में बसा है सुख,जो उनका ध्यान करता है, उसकी दरिद्रता मिट जाती है॥ 2॥ धन की देवी लक्ष्मी माता, पवित्र व संजीवनी।सभी को सुख और शांति देने वाली, महाकाश में वासिनी॥ 3॥ हाथों में चिरंजीवी सुख और समृद्धि का निधि।जिसके घर में लक्ष्मी बैठी हो, वहाँ कभी न होगी दरिद्रता॥ 4॥ शरणागत वत्सल लक्ष्मी माता, सबको देतीं हैं सुखदायक वर।जिस घर में वास करतीं हो, वो घर कभी न हो दरिद्र॥ 5॥ धन और ऐश्वर्य की देवी, जिसके बिना कोई कार्य पूरा न हो।सभी के जीवन में सुख और संपत्ति का वास हो॥ 6॥ शरणागत वत्सल लक्ष्मी माता, जिनकी कृपा से सब कुछ सफल हो।जिसकी कृपा से कोई दरिद्र न हो, सबका जीवन सुखी हो॥ 7॥ लक्ष्मी माता की महिमा अपरम्पार,आपकी उपासना से मिटती है दरिद्रता॥ 8॥ धन और ऐश्वर्य से भरपूर रहे जीवन,हर एक को मिले आपकी कृपा का आशीर्वाद॥ 9॥ श्री लक्ष्मी माता की चरणों में बसा है सुख,जो उन्हें पूजा करता है, उसकी दरिद्रता मिट जाती है॥ 10॥ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।सकल मनोकामना पूरी करो, सबके जीवन में वर्धि बढ़ाओ॥ 11॥ श्री लक्ष्मी चालीसा का पाठ करने से घर में सुख-समृद्धि और धन की वृद्धि होती है। https://youtu.be/otWnO-2pwuM?si=gN5fQ7a17md29uSW Meaning of the Laxmi Chalisa in Hindi : लक्ष्मी चालीसा का अर्थ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।आपकी जयकार हो, माँ लक्ष्मी! आप सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाली हैं और सबके जीवन में वृद्धि और समृद्धि लाती हैं। श्री लक्ष्मी देवी के चरणों में बसा है सुख,जो उनका ध्यान करता है, उसकी दरिद्रता मिट जाती है।श्री लक्ष्मी देवी के चरणों में सुख का वास है। जो भी उनके ध्यान में लीन रहता है, उसकी दरिद्रता समाप्त हो जाती है। धन की देवी लक्ष्मी माता, पवित्र व संजीवनी।सभी को सुख और शांति देने वाली, महाकाश में वासिनी।लक्ष्मी माता धन, पवित्रता और जीवन की संजीवनी हैं। वह सभी को सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करती हैं, और महाकाश में निवास करती हैं। हाथों में चिरंजीवी सुख और समृद्धि का निधि।जिसके घर में लक्ष्मी बैठी हो, वहाँ कभी न होगी दरिद्रता।लक्ष्मी माता के हाथों में चिरंजीवी सुख और समृद्धि का खजाना है। जिस घर में वह वास करती हैं, वहाँ दरिद्रता कभी नहीं आती। शरणागत वत्सल लक्ष्मी माता, सबको देतीं हैं सुखदायक वर।जिस घर में वास करतीं हो, वो घर कभी न हो दरिद्र।लक्ष्मी माता शरणागत वत्सल हैं, अर्थात वह अपने भक्तों की सहायता करती हैं और उन्हें सुखदायक वर प्रदान करती हैं। उनके वास से घर में दरिद्रता नहीं आती। धन और ऐश्वर्य की देवी, जिसके बिना कोई कार्य पूरा न हो।सभी के जीवन में सुख और संपत्ति का वास हो।धन और ऐश्वर्य की देवी लक्ष्मी के बिना कोई कार्य संपन्न नहीं हो सकता। उनकी कृपा से सभी के जीवन में सुख और समृद्धि का वास होता है। शरणागत वत्सल लक्ष्मी माता, जिनकी कृपा से सब कुछ सफल हो।जिसकी कृपा से कोई दरिद्र न हो, सबका जीवन सुखी हो।लक्ष्मी माता शरणागत वत्सल हैं, जिनकी कृपा से सब कार्य सफल होते हैं। उनकी कृपा से दरिद्रता समाप्त हो जाती है और सभी का जीवन सुखी होता है। लक्ष्मी माता की महिमा अपरम्पार,आपकी उपासना से मिटती है दरिद्रता।लक्ष्मी माता की महिमा अनंत है। उनकी पूजा से दरिद्रता का नाश होता है। धन और ऐश्वर्य से भरपूर रहे जीवन,हर एक को मिले आपकी कृपा का आशीर्वाद।आपके आशीर्वाद से जीवन में धन और ऐश्वर्य का वास हो और हर किसी को आपकी कृपा मिले। श्री लक्ष्मी माता की चरणों में बसा है सुख,जो उन्हें पूजा करता है, उसकी दरिद्रता मिट जाती है।श्री लक्ष्मी माता के चरणों में सुख का वास है। जो उनका पूजन करता है, उसकी दरिद्रता समाप्त हो जाती है। जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।सकल मनोकामना पूरी करो, सबके जीवन में वर्धि बढ़ाओ।आपकी जय हो, माँ लक्ष्मी! आप सभी की मनोकामनाओं को पूरा करें और सबके जीवन में वृद्धि और समृद्धि लाएं। सारांश: लक्ष्मी चालीसा में लक्ष्मी माता की महिमा, उनके द्वारा दी जाने वाली समृद्धि और सुख-शांति की व्याख्या की जाती है। यह चालीसा पाठ करने से घर में समृद्धि, धन, सुख और ऐश्वर्य की वृद्धि होती है और दरिद्रता दूर होती है। Meaning of the Laxmi Chalisa in English : जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।Victory to you, Goddess Lakshmi! You fulfill all the desires and bring prosperity and growth into everyone’s life. श्री लक्ष्मी देवी के चरणों में बसा है सुख,जो उनका ध्यान करता है, उसकी दरिद्रता मिट जाती है।Happiness resides at the feet of Goddess Lakshmi. Whoever meditates on her will have their poverty removed. धन की देवी लक्ष्मी माता, पवित्र व संजीवनी।सभी को सुख और शांति देने वाली, महाकाश में वासिनी।Goddess Lakshmi, the deity of wealth, is pure and life-giving. She provides happiness and peace to all and resides in the vast sky. हाथों में चिरंजीवी सुख और समृद्धि का निधि।जिसके घर में लक्ष्मी बैठी हो, वहाँ कभी न होगी दरिद्रता।Goddess Lakshmi holds the eternal treasure of happiness and prosperity in her hands. In a home where she resides, poverty will never enter. शरणागत वत्सल लक्ष्मी माता, सबको देतीं हैं सुखदायक वर।जिस घर में वास करतीं हो, वो घर कभी न हो दरिद्र।Goddess Lakshmi is compassionate towards those who seek her refuge, and she blesses them with happiness. Wherever she resides, that home will never experience poverty. धन और ऐश्वर्य की देवी, जिसके बिना कोई कार्य पूरा न हो।सभी के जीवन में सुख और संपत्ति का वास हो।Goddess Lakshmi is the deity of wealth and prosperity. Without her, no task can be accomplished. Her blessings bring happiness and wealth into everyone’s life. शरणागत वत्सल लक्ष्मी माता, जिनकी कृपा से सब कुछ सफल हो।जिसकी कृपा से कोई दरिद्र न हो, सबका जीवन सुखी हो।Goddess Lakshmi is compassionate and brings success to everything through her blessings. Her grace removes poverty, and everyone’s life becomes prosperous. लक्ष्मी माता की महिमा अपरम्पार,आपकी उपासना से मिटती है दरिद्रता।The glory of Goddess Lakshmi is beyond measure. Her worship removes all forms of poverty.

सरस्वती चालीसा हिंदी में | पूजा विधि, सामग्री और अर्थ

सरस्वती चालीसा हिंदी में | पूजा विधि, सामग्री और अर्थ सरस्वती चालीसा श्री गणेश गुरुदेव को, निज मन में धरि ध्यान।सरस्वती वंदना करूं, जुग जुग रहे यशगान॥ जय सरस्वती माता, जय जय हे विद्या दाता।ज्ञान प्रदायिनी अम्बा, ध्यान प्रदायिनी अम्बा॥ हंस वाहिनी शुभ धामिनी, यशवसुनी सुख कामिनी।वीणा पुस्तक धारिणी, अभय वर देने वाली॥ देव-ऋषि मुनि नर नारी, शारदा मां सब पुकारे।युग युग तक जग में जानी, वाणी के स्वर की रानी॥ प्रेम सहित गुण गाए, मां सरस्वती सुख पाए।सत-चित आनन्द स्वरूपा, प्रेममयी मां अनुरूपा॥ अंधकार मिटाने वाली, संकट से छुड़ाने वाली।ज्ञान का ज्योत जलाने वाली, सुबुद्धि दे माँ बनाने वाली॥ नमो नमो जय जय माता, जग में तू विद्या दाता।संसार में तेरा वास, भव से तू दे त्राण॥ सद्गुणों की हो धारा, मां हर पल दे सहारा।संकट हर माँ भवानी, तेरी महिमा बड़ी न्यारी॥ शारदे मां जय जयकारा, ज्ञान अमृत करूं निहारा।तुझसे सब मुराद पूरी, मां दे बुद्धि विवेक अचूक॥ संकट हर हरें भवानी, शुद्ध ज्ञान मां बरसानी।शरणागत की लाज रखाना, कृपा सदा हे मात भवानी॥ ॥ दोहा ॥जो पढ़े सरस्वती चालीसा, मनवांछित फल पाए।सुर-नर-मुनिजन मां का यश, गगन अमर गुन गाए॥ https://youtu.be/jRjRip7JyjM?si=eRl2vEC18gSXPGG4 सरस्वती चालीसा का अर्थ : श्लोकश्री गणेश गुरुदेव को, निज मन में धरि ध्यान।सरस्वती वंदना करूं, जुग जुग रहे यशगान॥(भावार्थ: श्री गणेश और गुरु को अपने हृदय में ध्यान करते हुए, मैं माता सरस्वती की वंदना करता हूं। उनकी महिमा का यश संसार में युग-युग तक गाया जाए।) दोहाजय सरस्वती माता, जय जय हे विद्या दाता।ज्ञान प्रदायिनी अम्बा, ध्यान प्रदायिनी अम्बा॥(भावार्थ: हे माता सरस्वती, आपको बार-बार प्रणाम, आप विद्या और ज्ञान की दाता हैं। आप ध्यान लगाने वाली और ज्ञान प्रदान करने वाली हैं।) चौपाईहंस वाहिनी शुभ धामिनी, यशवसुनी सुख कामिनी।वीणा पुस्तक धारिणी, अभय वर देने वाली॥(भावार्थ: माता सरस्वती हंस पर विराजमान हैं, शुभता और सुख देने वाली हैं। वे वीणा और पुस्तक धारण करती हैं और निर्भयता का वरदान देती हैं।) देव-ऋषि मुनि नर नारी, शारदा मां सब पुकारे।युग युग तक जग में जानी, वाणी के स्वर की रानी॥(भावार्थ: देवता, ऋषि-मुनि, मनुष्य और सभी प्राणी माता शारदा को पुकारते हैं। वे युगों-युगों तक वाणी की स्वामिनी और ज्ञान की देवी के रूप में प्रसिद्ध हैं।) प्रेम सहित गुण गाए, मां सरस्वती सुख पाए।सत-चित आनन्द स्वरूपा, प्रेममयी मां अनुरूपा॥(भावार्थ: जो माता सरस्वती के गुणों को प्रेम से गाता है, वह सुख प्राप्त करता है। माता सरस्वती सत-चित-आनंद की मूर्ति हैं और प्रेम से परिपूर्ण हैं।) अंधकार मिटाने वाली, संकट से छुड़ाने वाली।ज्ञान का ज्योत जलाने वाली, सुबुद्धि दे माँ बनाने वाली॥(भावार्थ: माता सरस्वती अज्ञान का अंधकार मिटाने वाली हैं, संकटों से मुक्ति दिलाने वाली हैं। वे ज्ञान का प्रकाश जलाती हैं और सद्बुद्धि प्रदान करती हैं।) नमो नमो जय जय माता, जग में तू विद्या दाता।संसार में तेरा वास, भव से तू दे त्राण॥(भावार्थ: हे माता सरस्वती, आपको बार-बार नमस्कार। आप इस संसार में विद्या प्रदान करती हैं और भवसागर से मुक्ति दिलाती हैं।) सद्गुणों की हो धारा, मां हर पल दे सहारा।संकट हर मां भवानी, तेरी महिमा बड़ी न्यारी॥(भावार्थ: हे मां, आप सद्गुणों की धारा प्रवाहित करें और हमें हर पल सहारा दें। आप सभी संकटों को हरने वाली हैं, आपकी महिमा अनोखी है।) शारदे मां जय जयकारा, ज्ञान अमृत करूं निहारा।तुझसे सब मुराद पूरी, मां दे बुद्धि विवेक अचूक॥(भावार्थ: हे मां शारदे, आपकी जय-जयकार हो। आप ज्ञान का अमृत प्रदान करें। आपकी कृपा से हर इच्छा पूरी होती है, कृपया हमें अचूक बुद्धि और विवेक प्रदान करें।) संकट हर हरें भवानी, शुद्ध ज्ञान मां बरसानी।शरणागत की लाज रखाना, कृपा सदा हे मात भवानी॥(भावार्थ: हे मां भवानी, आप हमारे सभी संकट हर लें और शुद्ध ज्ञान प्रदान करें। जो आपकी शरण में आता है, उसकी लाज रखिए और उस पर सदा कृपा बनाए रखिए।) दोहाजो पढ़े सरस्वती चालीसा, मनवांछित फल पाए।सुर-नर-मुनिजन मां का यश, गगन अमर गुन गाए॥(भावार्थ: जो व्यक्ति सरस्वती चालीसा का पाठ करता है, उसे अपनी मनचाही फल प्राप्त होता है। देवता, मनुष्य और ऋषि-मुनि माता का यश गाते हैं और उनकी महिमा का गान आकाश तक गूंजता है।) Meaning of Saraswati Chalisa in English : VerseShri Ganesh Gurudev ko, nij man mein dhari dhyaan,Saraswati Vandana karun, jug jug rahe yashgaan.(Meaning: I offer my prayers to Lord Ganesh and Guru, focusing my mind on them. I sing praises of Goddess Saraswati so that her glory may be sung for ages to come.) DohaJai Saraswati Mata, Jai Jai He Vidya Data,Gyaan Pradayini Amba, Dhyaan Pradayini Amba.(Meaning: Hail Saraswati Mata, the giver of knowledge. You are the mother who bestows wisdom and grants the ability to focus and meditate.) ChaupaiHans Vaahini Shubh Dhaamini, Yashvashuni Sukh Kaamini,Veena Pustak Dhaarini, Abhay Var Dene Wali.(Meaning: Goddess Saraswati rides a swan and resides in a sacred place, bestowing fame, happiness, and all desires. She holds a veena and a book and grants the boon of fearlessness.) Dev-Rishi Muni Nar Nari, Sharada Maa Sab Pukaare,Yug Yug Tak Jag Mein Jani, Vaani Ke Swar Ki Rani.(Meaning: Gods, sages, humans, and all beings call out to Goddess Sharada. She is known across the world for ages as the queen of speech and the embodiment of knowledge.) Prem Sahit Gun Gaaye, Maa Saraswati Sukh Paaye,Sat-Chit-Anand Swaroopa, Premmayi Maa Anuroopa.(Meaning: Those who sing the praises of Goddess Saraswati with love attain happiness. She is the embodiment of truth, consciousness, and bliss, full of love and grace.) Andhkaar Mitaane Wali, Sankat Se Chhudaane Wali,Gyaan Ka Jyot Jalaane Wali, Subuddhi De Maa Banaane Wali.(Meaning: Goddess Saraswati removes the darkness of ignorance, frees from all difficulties, lights the lamp of knowledge, and bestows good wisdom.) Namo Namo Jai Jai Mata, Jag Mein Tu Vidya Data,Sansaar Mein Tera Vaas, Bhav Se Tu De Traan.(Meaning: I bow to you, O Goddess Saraswati. You are the giver of knowledge in the world and protect us from the cycle of birth and death.) Sadgunon Ki Ho Dhaara, Maa Har Pal De Sahaara,Sankat Har Maa Bhavani, Teri Mahima Badi Nyari.(Meaning: O Goddess, may you shower us with virtues and provide support in every moment. You are the remover of all troubles, and your glory is unparalleled.) Sharade Maa Jai Jai Kaara, Gyaan Amrit Karun Nihaara,Tujhse Sab Murad Puri, Maa De Buddhi Vivek

भगवान श्रीकृष्ण की चालीसा : पूर्ण विवरण और भक्ति महत्व

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भगवान श्रीकृष्ण की चालीसा : पूर्ण विवरण और भक्ति महत्व श्री कृष्ण चालीसा दोहा:श्री राधे कृष्ण नाम की, महिमा अपरंपार।कहां लगायें मन इसे, भज लो बारंबार॥ चौपाई:जय यदुनंदन जय जगवंदन।जय वासुदेव देव अरु चन्दन॥जय यशोदा सुत नंद दुलारे।जय प्रभु भक्तन दुख हरतारे॥ गोपी ह्रदय आनि तिहारो।मुरली मनोहर रूप निहारो॥श्याम सलोना रूप निराला।राधा संग है खेलन वाला॥ जय गिरिधर जय गोवर्धन धारी।माखनचोर गोप मन भोरी॥नंद के आनंद बढाने वाले।सुर मुनि मन मोहने वाले॥ भ्रमर सी चितवन प्यारी प्यारी।कुंज बिहारी गिरिवर धारी॥रुक्मिणी संग विराजत प्यारे।कंस रथारि चाणूर संहारे॥ जय प्रभु धन्य वृंदावन माही।भक्त निरंतर गुण गुन गाही॥धन्य यमुना जल तरंगिनी।जहां रमे हरि मधुर रसरंगिनी॥ जय प्रभु दशरथ नंदन।हरि हर कृष्ण रुक्मिणी जीवन॥भीम अर्जुन के साथी सखा।हर लो अब प्रभु विपदा अति भयंकर॥ दोहा:जय जय कृष्ण कन्हैया, वंदन तिहुं लोक।जो यह चालीसा पढ़े, हरो संकट शोक॥ https://youtu.be/f9yLZmZ4r68?si=06uj4Kq-OiZXMAN4 श्री कृष्ण चालीसा का अर्थ (हिंदी में) : दोहा:“श्री राधे कृष्ण नाम की, महिमा अपरंपार।कहां लगायें मन इसे, भज लो बारंबार॥”(अर्थ: श्री राधा और कृष्ण के नाम की महिमा अनंत है। हमारे मन को कहीं और लगाने के बजाय, इनका बार-बार स्मरण और भजन करें।) चौपाई: “जय यदुनंदन जय जगवंदन।जय वासुदेव देव अरु चन्दन॥”(अर्थ: यदुवंश के नंदन (कृष्ण) की जय हो, जिन्हें समस्त संसार वंदन करता है। वासुदेव और देवता समान पवित्र श्रीकृष्ण को प्रणाम।) “जय यशोदा सुत नंद दुलारे।जय प्रभु भक्तन दुख हरतारे॥”(अर्थ: यशोदा के पुत्र और नंदलाल श्रीकृष्ण की जय हो, जो अपने भक्तों के सभी दुख हर लेते हैं।) “गोपी ह्रदय आनि तिहारो।मुरली मनोहर रूप निहारो॥”(अर्थ: गोपियों का मन चुराने वाले और मुरली बजाकर सबका मन मोहने वाले श्रीकृष्ण का रूप कितना मनोहर है।) “श्याम सलोना रूप निराला।राधा संग है खेलन वाला॥”(अर्थ: सांवले और सलोने रूप वाले श्रीकृष्ण का निराला स्वरूप है। वे राधा के साथ क्रीड़ा करने वाले हैं।) “जय गिरिधर जय गोवर्धन धारी।माखनचोर गोप मन भोरी॥”(अर्थ: गोवर्धन पर्वत को उठाने वाले श्रीकृष्ण की जय हो। माखन चुराने वाले और गोपियों का मन चुराने वाले की भी जय हो।) “नंद के आनंद बढाने वाले।सुर मुनि मन मोहने वाले॥”(अर्थ: जो नंद बाबा के घर में आनंद बढ़ाने वाले हैं और देवताओं व ऋषियों के मन को भी मोह लेते हैं।) “भ्रमर सी चितवन प्यारी प्यारी।कुंज बिहारी गिरिवर धारी॥”(अर्थ: श्रीकृष्ण की सुंदर भौंरे जैसी चितवन मन को लुभाने वाली है। वे कुंज बिहारी और गिरिवर धारी के नाम से प्रसिद्ध हैं।) “रुक्मिणी संग विराजत प्यारे।कंस रथारि चाणूर संहारे॥”(अर्थ: जो रुक्मिणी के साथ विराजमान हैं, जिन्होंने कंस और चाणूर जैसे राक्षसों का वध किया।) “जय प्रभु धन्य वृंदावन माही।भक्त निरंतर गुण गुन गाही॥”(अर्थ: धन्य है वह वृंदावन, जहां श्रीकृष्ण ने अपनी लीलाएं कीं। उनके भक्त निरंतर उनके गुणों का गान करते हैं।) “धन्य यमुना जल तरंगिनी।जहां रमे हरि मधुर रसरंगिनी॥”(अर्थ: धन्य है यमुना नदी, जिसकी लहरों पर श्रीकृष्ण ने मधुर लीलाएं कीं और रास रचाया।) “जय प्रभु दशरथ नंदन।हरि हर कृष्ण रुक्मिणी जीवन॥”(अर्थ: प्रभु श्रीराम और श्रीकृष्ण दोनों की जय हो, जो भक्तों के जीवन के आधार हैं।) “भीम अर्जुन के साथी सखा।हर लो अब प्रभु विपदा अति भयंकर॥”(अर्थ: श्रीकृष्ण, जो महाभारत में भीम और अर्जुन के साथी-सखा रहे, कृपया हमारी कठिनाइयों को दूर करें।) दोहा:“जय जय कृष्ण कन्हैया, वंदन तिहुं लोक।जो यह चालीसा पढ़े, हरो संकट शोक॥”(अर्थ: सभी लोकों में वंदनीय श्रीकृष्ण की जय हो। जो इस चालीसा का पाठ करता है, उसके सभी कष्ट और दुख दूर हो जाते हैं।) Meaning of Shri Krishna Chalisa in English : Doha:“Shri Radhe Krishna naam ki, mahima aparampar.Kahan lagaye man ise, bhaj lo barambar.”(Meaning: The glory of the name of Shri Radha and Krishna is infinite. Instead of attaching your mind elsewhere, immerse yourself in their devotion repeatedly.) Chaupai: “Jai Yadunandan Jai Jagvandhan.Jai Vasudev Dev aru Chandan.”(Meaning: Glory to Shri Krishna, the son of the Yadu dynasty, who is revered by the entire world. Salutations to Vasudev’s son, the sacred and divine Shri Krishna.) “Jai Yashoda Sut Nand Dulare.Jai Prabhu Bhaktan Dukh Hartare.”(Meaning: Glory to Shri Krishna, the son of Yashoda and beloved of Nand. Glory to the Lord who removes the sorrows of his devotees.) “Gopi hriday aani tiharo.Murli Manohar roop niharo.”(Meaning: Shri Krishna captivates the hearts of the Gopis. His enchanting form with a flute mesmerizes everyone.) “Shyam Salona roop nirala.Radha sang hai khelan wala.”(Meaning: Krishna’s dark and charming form is unique. He lovingly plays with Radha.) “Jai Giridhar Jai Govardhan Dhari.Makhan chor gop man bhori.”(Meaning: Glory to Shri Krishna, the lifter of Govardhan Hill. He is the butter thief who captivates the hearts of the Gopis.) “Nand ke anand badhane wale.Sur muni man mohne wale.”(Meaning: Krishna, who brought immense joy to Nand Baba’s house, also enchants the hearts of sages and gods.) “Bhramar si chitvan pyari pyari.Kunj Bihari Girivar Dhari.”(Meaning: Shri Krishna’s lovely gaze is like that of a black bee. He is known as Kunj Bihari and the lifter of Mount Govardhan.) “Rukmini sang virajat pyare.Kans rathari Chanur sanhare.”(Meaning: With Rukmini by his side, Shri Krishna appears divine. He destroyed Kansa and Chanur, the evildoers.) “Jai Prabhu Dhanya Vrindavan maahi.Bhakt nirantar gun gun gaahi.”(Meaning: Glory to Lord Krishna! Blessed is Vrindavan where he performed his divine pastimes. His devotees constantly sing his praises.) “Dhanya Yamuna jal tarangini.Jahan rame Hari madhur ras rangini.”(Meaning: Blessed is the Yamuna River, whose waters ripple beautifully. It is where Shri Krishna performed his sweet and joyous pastimes.) “Jai Prabhu Dasharath Nandan.Hari Har Krishna Rukmini Jeevan.”(Meaning: Glory to Shri Krishna, who is also revered as Shri Ram, the son of Dasharath, and as the life of Rukmini.) “Bhim Arjun ke saathi sakha.Har lo ab Prabhu vipda ati bhayankar.”(Meaning: Shri Krishna, the companion and friend of Bhima and Arjuna, please remove our terrible sufferings.) Doha:“Jai Jai Krishna Kanhaiya, vandan tihu lok.Jo yah Chalisa padhe, haro sankat shok.”(Meaning: Glory to Shri Krishna, who is worshipped in all three worlds. Whoever recites this Chalisa is freed from all troubles and sorrows.) श्री कृष्ण पूजा विधि और पूजा सामग्री पूजा सामग्री (Puja Samagri): मूर्ति या चित्र: श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र (बालगोपाल, मुरलीधर)। चौकी और वस्त्र: चौकी (पूजन स्थान) और पीला या लाल कपड़ा बिछाने के लिए। अक्षत: चावल (पूर्ण और बिना टूटे हुए)। कुंकुम और हल्दी: तिलक और पूजा के

राम चालीसा – भगवान श्रीराम की महिमा का गायन

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राम चालीसा – भगवान श्रीराम की महिमा का गायन राम चालीसा जय श्रीराम, जय श्रीराम, जय श्रीराम।श्रीरामचन्द्र कृपालु भजुमन, हरन भवभय दारुणम्॥ 1॥ साक्षात श्रीराम भगवान के चरणों में भक्तों का कल्याण।साक्षात श्रीराम के चरणों में भक्तों का कल्याण॥ राम रंग रङ्गीला बगिया में संगी।।लक्ष्मणजी सेवा में हर्षित मणि माला। सीताजी दीननाथ महाशक्ति है,रक्षा शक्ति है जो धर्म, जैसे स्वामी हरिकृष्ण॥ राम राम https://youtu.be/I3Ze7RasX6A?si=A7uKtnjOK_97gGhB Meaning of Ram Chalisa in Hindi : राम चालीसा का अर्थ : जय श्रीराम, जय श्रीराम, जय श्रीराम। यह राम के प्रति श्रद्धा और भक्ति की अभिव्यक्ति है, जिसमें भगवान श्रीराम की महिमा का गुणगान किया गया है। श्रीरामचन्द्र कृपालु भजुमन, हरन भवभय दारुणम्। श्रीराम चंद्र जी, जो बहुत ही दयालु और कृपालु हैं, हमारे मन में निवास करें और हमारे समस्त भयों और दुखों को दूर करें। साक्षात श्रीराम भगवान के चरणों में भक्तों का कल्याण। भगवान श्रीराम के चरणों में साक्षात भक्ति है, जो सभी भक्तों के कल्याण का कारण बनते हैं। राम रंग रङ्गीला बगिया में संगी। श्रीराम का प्रेम रंग-बिरंगे बगिया की तरह है, और उनके संग में शांति और आनंद मिलता है। लक्ष्मणजी सेवा में हर्षित मणि माला। भगवान श्रीराम के साथ लक्ष्मण जी की सेवा में हर्षित हैं, और उनके साथ सच्ची श्रद्धा और प्रेम से समर्पित रहते हैं। सीताजी दीननाथ महाशक्ति है, रक्षा शक्ति है जो धर्म, जैसे स्वामी हरिकृष्ण। माता सीता जी भगवान राम की महाशक्ति हैं, जो धर्म की रक्षा करती हैं, और भगवान श्रीराम का अवतार हर समय धर्म की रक्षा करने के लिए हुआ है। Meaning of Ram Chalisa in English : Jai Shri Ram, Jai Shri Ram, Jai Shri Ram. This is an expression of reverence and devotion to Lord Ram, praising His glory. Shri Ramchandra Kripalu Bhajuman, Haran Bhavbhay Darnam. Lord Ram, who is full of compassion and kindness, reside in our hearts and remove all our fears and suffering. Sakshat Shri Ram Bhagwan Ke Charanon Mein Bhakton Ka Kalyan. The very presence of Lord Ram in His divine form brings the welfare and salvation of all devotees. Ram Rang Rangila Bagiya Mein Sangi. The love of Lord Ram is like a vibrant, colorful garden, and in His company, one experiences peace and joy. Lakshmanji Seva Mein Harshit Mani Mala. Lord Lakshman is devoted to serving Lord Ram, and they both rejoice in the service of each other with great love and reverence. Sitaji Deenath Mahashakti Hai, Raksha Shakti Hai Jo Dharma, Jaise Swami Harikrishna. Goddess Sita is the divine power of Lord Ram, the protector of righteousness (Dharma). Her presence alongside Lord Ram ensures the protection of the divine law, just like Lord Krishna’s role in upholding Dharma. Puja Vidhi (Procedure) and Puja Samagri (Items) for Ram Puja in Hindi : राम पूजा विधि (Ram Puja Vidhi) स्नान और पवित्रता: पूजा से पहले अच्छे से स्नान कर शुद्ध और स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा स्थल को साफ करें और वहां शुद्धता बनाए रखें। विधान का प्रारंभ: पूजा स्थल पर एक चौकी रखें और उस पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं। भगवान श्रीराम, माता सीता, भगवान लक्ष्मण और हनुमान जी की तस्वीर या मूर्ति रखें। दीपक और अगरबत्तियाँ: दीपक जलाएं और अगरबत्तियाँ रखें ताकि वातावरण में सुगंध फैल सके। गंगाजल या शुद्ध जल से अभिषेक: भगवान राम की मूर्ति या चित्र पर शुद्ध जल (गंगाजल) से अभिषेक करें। अगर संभव हो तो पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर) का उपयोग करें। पूजा सामग्री का अर्पण: फूलों, चढ़ावे, फल और अन्य पूजा सामग्री का अर्पण करें। माला से भगवान श्रीराम के 108 नामों का जाप करें। राम चालीसा और भजन का गायन: राम चालीसा का पाठ करें या किसी पवित्र स्थान पर राम का नाम लें। श्रीराम के भजनों का गायन भी किया जा सकता है। आरती का आयोजन: पूजा के अंत में भगवान श्रीराम की आरती करें। दीपक जलाकर आरती का पाठ करें और भगवान श्रीराम की जयकार करें। प्रसाद वितरण: पूजा के बाद भगवान को प्रसाद अर्पित करें और परिवार के सभी सदस्यों में प्रसाद वितरण करें। मीठे पकवान, फल और अन्य स्वादिष्ट व्यंजन प्रसाद के रूप में अर्पित करें। राम पूजा सामग्री (Puja Samagri) चाँदी या ताम्बे का पूजा पात्र (पुजा की सामग्री रखने के लिए) श्रीराम की मूर्ति या चित्र दीपक और बत्ती (घी या तेल का दीपक) अगरबत्तियाँ (धूप) पंखा (पंखा या चंवर) पाँच प्रकार का फल (केला, सेब, संतरा, नारियल, अनार) पवित्र जल (गंगाजल या साधारण जल) पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर) फूल (चमेली, गुलाब, बेला, मोगरा) पारिजात के फूल (अगर उपलब्ध हो तो) चन्दन (चन्दन का पेस्ट या चन्दन की लकड़ी) कलावा (रंगीन धागा या मौली) कपूर (आरती के लिए) माला (108 की माला या श्रीराम के मंत्र का जाप करने के लिए) नैवेद्य (पानी, मिष्ठान, हलवा, खीर, फल आदि) सुपारी, ताम्बूल और इलायची दक्षिणा (यदि पूजा विशेष अवसर पर है तो) नोट : पूजा को पूरे श्रद्धा और विश्वास से करें। व्रत और संकल्प लेकर पूजा में ध्यान और एकाग्रता बनाए रखें। पूजा की समाप्ति के बाद घर में शांति और सुख-शांति का वातावरण बनाए रखने के लिए सबको प्रसाद वितरित करें।

दुर्गा चालीसा हिंदी में – देवी दुर्गा की पूजा और मंत्र

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दुर्गा चालीसा हिंदी में – देवी दुर्गा की पूजा और मंत्र दुर्गे दुर्गा महाक्रूरा, जय दुर्गे हाँकी चूरा।सद्गति दे मातरंबा,देवी शरण में आयी है।। जय जगदम्बे दुर्गे देवी, दुष्ट दलन हरणाय ।जन्म मरण से मुक्ति देने,कृपा कर संग सवारी।।1।। ममता रूपिणी माँ दुर्गा, सभी संकटों से उबारे।तुष्टि आशीर्वाद से होवे,सकसमें छूटे दुश्ट कष्ट।।2।। गरजा अंचलां शरण वल्लभा,रूप कांदली भरे अरधेशा।हंसी रक्षो रचै दुर्गा,संकट हरण शक्ति शक्ति।।3।। पराजय मय शरण माँ,दोषमुक्त हेई हुमन भव।।देवी अद्वितीय दुर्गामहकर्मन भू मिर्षें।।4।। आपका आशीर्वाद प्राप्त हो https://youtu.be/YWn0D-LuK3A?si=SwpAkuMasBw00scF Meaning of the Durga Chalisa in Hindi : दुर्गा चालीसा का अर्थ : जय जगदम्बे दुर्गे देवी:आप जगत की माता, दुर्गा देवी हैं, जो दुष्टों का नाश करने वाली हैं। आप सभी जीवों की रक्षा करती हैं और जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति देने वाली हैं। ममता रूपिणी माँ दुर्गा:माँ दुर्गा, आप ममता की मूर्ति हैं, जो अपने भक्तों के सभी संकटों को दूर करती हैं। आप अपने आशीर्वाद से भक्तों को तुष्टि प्रदान करती हैं और उनके कष्टों का निवारण करती हैं। गरजा अंचलां शरण वल्लभा:माँ दुर्गा का रूप अत्यंत शक्तिशाली और दिव्य है। वह शरण में आए हुए भक्तों की रक्षा करती हैं और उनके सभी दुखों का नाश करती हैं। पराजय मय शरण माँ:जो भक्त माँ दुर्गा के शरण में आते हैं, वे सभी दोषों से मुक्त हो जाते हैं और उनके जीवन से सभी दुख समाप्त हो जाते हैं। माँ दुर्गा अद्वितीय शक्ति की अवतार हैं और वह हर प्रकार की कठिनाई से अपने भक्तों को उबारने वाली हैं। सारांश : दुर्गा चालीसा में देवी दुर्गा की महिमा का बखान किया गया है। यह चालीसा उन सभी भक्तों के लिए है जो माँ दुर्गा से संकटों से मुक्ति और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। माँ दुर्गा की शक्ति को नमन करते हुए, यह चालीसा हमें उनके आशीर्वाद से जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना करता है। Meaning of the Durga Chalisa in English : Jai Jagdambe Durge Devi:You are the Mother of the Universe, Goddess Durga, who destroys the evil forces. You protect all beings and grant liberation from the cycle of birth and death. Mamta Rupini Maa Durga:Mother Durga, you are the embodiment of love and compassion, who removes all obstacles and miseries of your devotees. You bless them with peace and protect them from hardships. Garja Anchal Sharan Vallabha:Goddess Durga’s form is extremely powerful and divine. She protects those who seek refuge in her and removes all their sorrows and troubles. Parajay May Sharan Maa:Those who take refuge in Goddess Durga are freed from all faults and miseries. Goddess Durga is the embodiment of unparalleled strength and is capable of rescuing her devotees from every difficulty. Summary : The Durga Chalisa praises the glory of Goddess Durga. It is a prayer for devotees who seek freedom from troubles and wish for happiness and prosperity. It acknowledges the power of Goddess Durga and prays for her blessings to rid one of all difficulties in life. दुर्गा पूजा विधि और पूजा सामग्री : दुर्गा पूजा विधि : स्नान और शुद्धता:पूजा करने से पहले अपने शरीर को स्वच्छ करें। अच्छे से स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें। पूजा स्थल को भी साफ और पवित्र रखें। पुजास्थल तैयार करना:पूजा के लिए एक स्वच्छ स्थान पर पाटी या चौकी रखें। उस पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। फिर उस पर माँ दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। देवी की अर्चना के लिए पूजा सामग्री रखना:पूजा स्थल पर फूल, दीपक, अगरबत्ती, चंदन, और अन्य पूजा सामग्री रखें। साथ ही, माँ दुर्गा की प्रिय सामग्री जैसे लाल चंदन, कुंकुम, चीनी, फल और विशेष रूप से सिंदूर रखें। माँ का आह्वान (आवाहन):सबसे पहले देवी दुर्गा का आह्वान करें। “ॐ दुं दुर्गायै नमः” मंत्र का जाप करते हुए माँ का स्वागत करें। आवाहन और पाद्य अर्पण:माँ दुर्गा के चरणों में पानी का छींटा डालें (पाद्य अर्पण)। फिर माँ को इत्र या चंदन अर्पित करें। दीपक और अगरबत्ती:दीपक जलाकर और अगरबत्ती लगाकर वातावरण को शुद्ध करें। इस दौरान “ॐ जय दुर्गे देवि” का जाप करें। माँ को प्रसाद अर्पित करना:पूजा में फल, मिठाई, और अन्य प्रसाद अर्पित करें। विशेष रूप से केला, नारियल, शहद, और गुलाब का फूल अर्पित करें। मंत्रोच्चारण और दुर्गा चालीसा का पाठ:अब देवी दुर्गा के मंत्रों का जाप करें और “दुर्गा चालीसा” का पाठ करें। “ॐ दुं दुर्गायै नमः” का जाप भी करें। अर्चना और आरती:अंत में माँ दुर्गा की आरती करें। आरती करते समय “जय दुर्गा” का जयकारा लगाएं और पूरे मन से पूजा का समापन करें। दुर्गा पूजा सामग्री : माँ दुर्गा की मूर्ति या चित्र स्वच्छ कपड़ा (लाल, पीला या सफेद) दीपक और तेल (दीप जलाने के लिए) अगरबत्ती (धूप बत्ती) फल (केला, नारियल, पपीता, आम) मिठाई (लड्डू, पेड़ा, शहद) पानी (पाद्य अर्पण के लिए) चंदन और सिंदूर लाल फूल (गुलाब, गेंदे के फूल) कुंकुम, हल्दी और चावल चाँदी का या पीतल का कलश (यदि हो तो) पंखा और वस्त्र (माँ को अर्पित करने के लिए) गाय का घी और शक्कर (कई लोग इसका भोग अर्पित करते हैं) सुपारी और इलायची तांबे या चांदी का थाली और बर्तन मंत्र जाप के लिए पूजा किताब आलता या रंगीन पेंट (चरण चिन्ह बनाने के लिए) पूजा के समय ध्यान रखने योग्य बातें: पूजा के दौरान मन को शांत रखें और ध्यान से पूजा करें। देवी दुर्गा के मंत्रों का जाप पूरी श्रद्धा से करें। पूजा में कोई भी सामग्री अधूरी न रखें और सभी वस्तुएं शुद्ध होनी चाहिए। पूजा के बाद अर्पित किया गया प्रसाद अपनों में बांटें और उसे श्रद्धा से ग्रहण करें। सारांश:दुर्गा पूजा विधि में माँ दुर्गा की पूजा करते समय हर क्रिया को श्रद्धा और भक्ति के साथ करें। सही पूजा सामग्री का उपयोग और विधिपूर्वक पूजा से माँ दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

शिव चालीसा का पाठ कैसे करें? जानें पूरी विधि

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शिव चालीसा हिंदी में ॐ नमः शिवाय दोहाजय शिव ओंकारा, करुणा सागर।जग के पालनहार, सब के कर्ता भागी। चालीसा श्रीगणेशाय नमः शिवाय, महादेव की महिमा निरंतर।जो पाठ करें शिव चालीसा, उनका जीवन हो सुखमय। देवों के देव महादेव, सबकी आशा तुमसे है।तुम ही जग के पालनहार, तुमसे सबका धर्म है। कपालमाल धारी, गंगाधर शंकर।त्रिशूलधारी महाकाल, भय को हरने वाले। मंदाकिनी का तटवासी, पार्वती के पति शंकर।तपस्वी अति कठिन, योगेश्वर महादेव। गजानन संग वरद, नंदी व्रजवाहन।गंगा भाल पर बसा, आशीर्वाद दे महान। हर हर महादेव शंकर, शरण में जो आए।उसकी रक्षा करें भगवान, हर संकट से बचाएं। शिव शम्भू महादेव शंकर, कृपा करें संजीवनी।जो कोई भी सच्चे मन से, पाठ करें शिव की। वाणी के दाता, ज्ञानी के गुरू।त्रिपुरारी शिव का ध्यान रखें, पाएं सुखमय आशीर्वाद। दोहाशिव महिमा अज्ञेय है, यही भक्ति का सार है।जो हर दिन शिव की पूजा करें, उनका जीवन तार है। ॐ नमः शिवाय https://youtu.be/hs7dy1cjxww?si=z6kDXmxCbo6ub4lS Meaning of Shiv Chalisa in Hindi : दोहा “जय शिव ओंकारा, करुणा सागर।जग के पालनहार, सब के कर्ता भागी।” यह दोहा शिव की महिमा का वर्णन करता है, जिसमें शिव को “ओंकार” (सभी ब्रह्मांड का मूल ध्वनि) और “करुणा सागर” (करुणा का सागर) कहा गया है। वह संसार के पालनहार और सभी के भाग्य के कर्ता हैं। चालीसा के अर्थ: “श्रीगणेशाय नमः शिवाय, महादेव की महिमा निरंतर।जो पाठ करें शिव चालीसा, उनका जीवन हो सुखमय।” यह शेर भगवान शिव की महिमा का गुणगान करता है। जो भी श्रद्धापूर्वक शिव चालीसा का पाठ करता है, उसका जीवन सुखमय होता है। “देवों के देव महादेव, सबकी आशा तुमसे है।तुम ही जग के पालनहार, तुमसे सबका धर्म है।” भगवान शिव को “देवों के देव” महादेव कहा गया है, क्योंकि वे सभी देवताओं से श्रेष्ठ हैं। उनके पास सभी प्राणियों की आशाएं होती हैं, और वह सभी का पालन-पोषण करते हैं। “कपालमाल धारी, गंगाधर शंकर।त्रिशूलधारी महाकाल, भय को हरने वाले।” भगवान शिव के कपालमाल (आशुतोष) और गंगाधर के रूप में उनकी महिमा का वर्णन किया गया है। उनका त्रिशूल उन्हें महाकाल के रूप में प्रस्तुत करता है, जो संसार से भय और संकट को हरता है। “मंदाकिनी का तटवासी, पार्वती के पति शंकर।तपस्वी अति कठिन, योगेश्वर महादेव।” शिव जी को मंदाकिनी (गंगा) के तटवासी और पार्वती के पति के रूप में पूजा जाता है। वे तपस्वी और योगी हैं, जो कठोर तपस्या में लीन रहते हैं। “गजानन संग वरद, नंदी व्रजवाहन।गंगा भाल पर बसा, आशीर्वाद दे महान।” शिव जी के साथ उनका वाहन नंदी और गणेश जी होते हैं। गंगा उनके मस्तक पर विराजमान है, जो आशीर्वाद देने वाले होते हैं। “हर हर महादेव शंकर, शरण में जो आए।उसकी रक्षा करें भगवान, हर संकट से बचाएं।” यह शेर भगवान शिव के भक्तों के लिए है। जो भी उनकी शरण में आता है, भगवान उसे हर संकट से बचाते हैं और उसकी रक्षा करते हैं। “शिव शम्भू महादेव शंकर, कृपा करें संजीवनी।जो कोई भी सच्चे मन से, पाठ करें शिव की।” भगवान शिव की कृपा से जीवन में संजीवनी (जीवित करने वाली शक्ति) मिलती है। जो व्यक्ति सच्चे मन से उनका पाठ करता है, उसे आशीर्वाद मिलता है। “वाणी के दाता, ज्ञानी के गुरू।त्रिपुरारी शिव का ध्यान रखें, पाएं सुखमय आशीर्वाद।” भगवान शिव वाणी के दाता और ज्ञानी के गुरु हैं। त्रिपुरारी शिव के ध्यान से मनुष्य सुखी होता है और आशीर्वाद प्राप्त करता है। दोहा का अर्थ: “शिव महिमा अज्ञेय है, यही भक्ति का सार है।जो हर दिन शिव की पूजा करें, उनका जीवन तार है।” इस दोहे का मतलब है कि भगवान शिव की महिमा को पूरी तरह से समझना असंभव है, और यही भक्ति का सबसे बड़ा सत्य है। जो व्यक्ति नियमित रूप से शिव की पूजा करता है, उसका जीवन समृद्ध और पवित्र बन जाता है। ॐ नमः शिवाययह मंत्र भगवान शिव को प्रणाम करने का मंत्र है, जो सभी बाधाओं और दुखों से मुक्ति दिलाता है। Meaning of Shiv Chalisa in English : Doha“Jai Shiv Omkara, Karuna Sagar.Jag ke Palanhaar, Sab ke Karta Bhagi.” This Doha (couplet) praises Lord Shiva as “Omkar” (the primordial sound of the universe) and “Karuna Sagar” (the ocean of compassion). He is the nurturer of the world and the controller of all destinies. Meaning of the Chaupais (Verses): “Shree Ganeshaya Namah Shivaya, Mahadev Ki Mahima Nirantar.Jo Path Karein Shiv Chalisa, Unka Jeevan Ho Sukhmay.” This verse speaks of the glory of Lord Shiva. Those who recite the Shiv Chalisa with devotion will lead a happy and prosperous life. “Devon Ke Dev Mahadev, Sabki Asha Tumse Hai.Tum Hi Jag Ke Palanhaar, Tumse Sabka Dharma Hai.” Lord Shiva is described as “Mahadev” (the supreme god) because he is superior to all the gods. He is the one on whom all beings place their hopes, and he is the protector and preserver of all. “Kapalmala Dhari, Gangadhar Shankar.Trishuldhari Mahakal, Bhay Ko Harne Wale.” This verse describes Lord Shiva’s attributes: wearing a garland of skulls (Kapalmala), carrying the Ganga on his head, holding the trident (Trishul), and being Mahakal (the lord of time) who removes fear from the world. “Mandakini Ka Tatwasi, Parvati Ke Pati Shankar.Tapaswi Ati Kathin, Yogeshwar Mahadev.” Lord Shiva is the resident of the Mandakini river (Ganga), and the husband of Goddess Parvati. He is a supreme ascetic (tapaswi) and the lord of yoga (Yogeshwar). “Gajanan Sang Varad, Nandi Vrajvahan.Ganga Bhaal Par Basa, Ashirwad De Maha.” Lord Shiva is always accompanied by Lord Ganesha (Gajanan) and his vehicle, Nandi. The Ganga (river) is ever-present on his forehead, and he blesses his devotees with great blessings. “Har Har Mahadev Shankar, Sharan Mein Jo Aaye.Uski Raksha Karein Bhagwan, Har Sankat Se Bachaye.” This verse emphasizes that anyone who takes refuge in Lord Shiva is protected by him from all dangers and hardships. Shiva ensures the safety and well-being of his devotees. “Shiv Shambhoo Mahadev Shankar, Kripa Karein Sanjeevani.Jo Koi Bhi Sachhe Man Se, Path Karein Shiv Ki.” By Lord Shiva’s grace, one receives “Sanjeevani” (life-giving power). Anyone who recites the Shiv Chalisa with pure devotion is blessed with his divine blessings. “Vani Ke Daat, Gyaani Ke Guru.Tripuraari Shiv Ka Dhyan Rakhein, Payen Sukhmay Ashirwad.” Lord Shiva is the giver

हनुमान चालीसा – पाठ, अर्थ और महत्व

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हनुमान चालीसा – पाठ, अर्थ और महत्व श्री हनुमान चालीसा दोहा:श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मन मुकुर सुधार।बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चार।।बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।बल बुधि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार।। चौपाई:जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।रामदूत अतुलित बल धामा।अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।। महावीर विक्रम बजरंगी।कुमति निवार सुमति के संगी।।कंचन वरण विराज सुबेशा।कानन कुंडल कुंचित केशा।। हाथ वज्र और ध्वजा विराजे।कांधे मूंज जनेऊ साजे।।शंकर सुवन केसरी नंदन।तेज प्रताप महा जग वंदन।। विद्यावान गुनी अति चातुर।राम काज करिबे को आतुर।।प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।राम लखन सीता मन बसिया।। सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।विकट रूप धरि लंक जरावा।।भीम रूप धरि असुर संहारे।रामचंद्र के काज सवारे।। लाय सजीवन लखन जियाये।श्रीरघुवीर हरषि उर लाये।।रघुपति कीन्ही बहुत बढ़ाई।तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।। सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।नारद सारद सहित अहीसा।। जम कुबेर दिगपाल जहां ते।कवि कोविद कहि सके कहां ते।।तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।राम मिलाय राजपद दीन्हा।। तुम्हरो मंत्र विभीषन माना।लंकेश्वर भए सब जग जाना।।जुग सहस्त्र जोजन पर भानू।लील्यो ताहि मधुर फल जानू।। प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही।जलधि लांघि गए अचरज नाहीं।।दुर्गम काज जगत के जेते।सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।। राम दुआरे तुम रखवारे।होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।सब सुख लहै तुम्हारी सरना।तुम रक्षक काहू को डरना।। आपन तेज सम्हारो आपै।तीनों लोक हांक ते कापै।।भूत पिशाच निकट नहिं आवै।महाबीर जब नाम सुनावै।। नासै रोग हरै सब पीरा।जपत निरंतर हनुमत बीरा।।संकट ते हनुमान छुड़ावै।मन क्रम वचन ध्यान जो लावै।। सब पर राम तपस्वी राजा।तिन के काज सकल तुम साजा।।और मनोरथ जो कोई लावै।सोई अमित जीवन फल पावै।। चारों जुग परताप तुम्हारा।है परसिद्ध जगत उजियारा।।साधु संत के तुम रखवारे।असुर निकंदन राम दुलारे।। अष्टसिद्धि नव निधि के दाता।अस बर दीन जानकी माता।।राम रसायन तुम्हरे पासा।सदा रहो रघुपति के दासा।। तुम्हरे भजन राम को पावै।जनम जनम के दुख बिसरावै।।अन्तकाल रघुबर पुर जाई।जहां जन्म हरिभक्त कहाई।। और देवता चित्त न धरई।हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।संकट कटै मिटै सब पीरा।जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।। दोहा:जय जय जय हनुमान गोसाईं।कृपा करहु गुरु देव की नाईं।।जो सत बार पाठ कर कोई।छूटहि बंदि महा सुख होई।। जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।होय सिद्धि साखी गौरीसा।।तुलसीदास सदा हरि चेरा।कीजै नाथ हृदय महं डेरा।। चौपाई:पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।। ॥ इति श्री हनुमान चालीसा सम्पूर्ण ॥ https://youtu.be/AETFvQonfV8 हनुमान चालीसा का हिंदी में : दोहा:श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मन मुकुर सुधार।बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चार।। श्री गुरु के चरण कमलों की धूल से मैं अपने मन रूपी दर्पण को पवित्र करता हूँ। फिर मैं भगवान राम के निर्मल यश का वर्णन करता हूँ, जो चारों प्रकार के फलों (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष) को देने वाला है। बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।बल बुधि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार।। मैं स्वयं को बुद्धिहीन जानकर पवन पुत्र हनुमान का स्मरण करता हूँ। हे हनुमान! मुझे बल, बुद्धि और विद्या दीजिए और मेरे दुख-दोषों का नाश कीजिए। चौपाई का अर्थ: जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।जय कपीस तिहुं लोक उजागर।। हे ज्ञान और गुणों के सागर, हनुमान जी! आपकी जय हो। हे वानर समूह के स्वामी, आपकी महिमा तीनों लोकों में प्रसिद्ध है। रामदूत अतुलित बल धामा।अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।। आप राम के दूत और असीम बल के भंडार हैं। आप अंजना के पुत्र और पवन के पुत्र के नाम से जाने जाते हैं। महावीर विक्रम बजरंगी।कुमति निवार सुमति के संगी।। आप महावीर और महान पराक्रमी हैं। आप बुरी बुद्धि को दूर करते हैं और अच्छी बुद्धि के साथी हैं। कंचन वरण विराज सुबेशा।कानन कुंडल कुंचित केशा।। आपका शरीर स्वर्ण के समान है और आप सुंदर वेश धारण करते हैं। आपके कानों में कुंडल हैं और आपके केश घुंघराले हैं। हाथ वज्र और ध्वजा विराजे।कांधे मूंज जनेऊ साजे।। आपके हाथों में वज्र और ध्वजा सुशोभित हैं। आपके कंधे पर यज्ञोपवीत (जनेऊ) है। शंकर सुवन केसरी नंदन।तेज प्रताप महा जग वंदन।। आप भगवान शिव के अवतार और केसरी के पुत्र हैं। आपकी शक्ति और पराक्रम के कारण, पूरा संसार आपकी वंदना करता है। विद्यावान गुनी अति चातुर।राम काज करिबे को आतुर।। आप विद्या के भंडार, गुणवान और अत्यंत चतुर हैं। आप श्रीराम के कार्यों को करने के लिए सदा तत्पर रहते हैं। प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।राम लखन सीता मन बसिया।। आप श्रीराम के चरित्र को सुनने में रस लेते हैं। श्रीराम, लक्ष्मण और सीता आपके हृदय में निवास करते हैं। सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।विकट रूप धरि लंक जरावा।। आपने सूक्ष्म रूप धारण करके माता सीता को दर्शन दिया। विकराल रूप लेकर आपने लंका को जलाकर राख कर दिया। भीम रूप धरि असुर संहारे।रामचंद्र के काज सवारे।। विशाल रूप धारण कर आपने राक्षसों का संहार किया। आपने श्रीराम के कार्यों को पूर्ण किया। लाय सजीवन लखन जियाये।श्रीरघुवीर हरषि उर लाये।। आपने संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण को जीवनदान दिया। इस पर श्रीराम ने आपको हृदय से लगा लिया। रघुपति कीन्ही बहुत बढ़ाई।तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।। श्रीराम ने आपकी बहुत प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि तुम मुझे भरत के समान प्रिय हो। सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।। हजार मुख वाले शेषनाग आपका यश गाते हैं। ऐसा कहकर भगवान विष्णु ने आपको अपने गले से लगा लिया। सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।नारद सारद सहित अहीसा।। सनकादिक मुनि, ब्रह्मा, नारद, सरस्वती और शेषनाग, सभी आपका गुणगान करते हैं। जम कुबेर दिगपाल जहां ते।कवि कोविद कहि सके कहां ते।। यमराज, कुबेर और दिशाओं के रक्षक देवता तक आपकी महिमा का पूरा वर्णन नहीं कर सकते। बड़े-बड़े कवि और विद्वान भी आपकी महिमा को कहने में असमर्थ हैं। तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।राम मिलाय राजपद दीन्हा।। आपने सुग्रीव पर उपकार किया और श्रीराम से उनकी भेंट करवाई। जिससे सुग्रीव को राजा का पद प्राप्त हुआ। तुम्हरो मंत्र विभीषन माना।लंकेश्वर भए सब जग जाना।। आपके उपदेश को विभीषण ने माना। जिससे वे लंका के राजा बने, यह सारा जगत जानता है। जुग सहस्त्र जोजन पर भानू।लील्यो ताहि मधुर फल जानू।। सूर्य जो एक हजार योजन की दूरी पर है, उसे आपने एक मीठा फल समझकर निगल लिया। प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही।जलधि लांघि गए अचरज नाहीं।। श्रीराम की अंगूठी को मुख में रखकर आपने समुद्र को पार कर लिया। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है। दुर्गम काज जगत के जेते।सुगम अनुग्रह तुम्हरे