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"हनुमान भजन: भक्तिमय कीर्तन से पाएं आध्यात्मिक शांति"

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर
जय कपीश तिहुँ लोक उजागर।
राम दूत अतुलित बल धामा,
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥

महावीर विक्रम बजरंगी,
कुमति निवार सुमति के संगी।
कंचन बरन विराज सुबेसा,
कानन कुंडल कुंचित केसा॥

🙏 श्रीराम भक्त हनुमान जी की जय! 🙏

 

यहाँ प्रस्तुत हनुमान भजन के प्रत्येक पंक्ति का हिंदी में सरल अर्थ दिया गया है:

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर
➡ हनुमान जी को प्रणाम, जो ज्ञान और गुणों के अथाह सागर हैं।

जय कपीश तिहुँ लोक उजागर।
➡ वानरों के स्वामी, जिनकी महिमा तीनों लोकों में प्रसिद्ध है।

राम दूत अतुलित बल धामा,
➡ श्रीराम के दूत, जिनका बल अतुलनीय है।

अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥
➡ माता अंजनि के पुत्र और पवन देव के पुत्र के रूप में प्रसिद्ध हैं।

महावीर विक्रम बजरंगी,
➡ वे महावीर हैं, अत्यंत पराक्रमी और वज्र के समान मजबूत शरीर वाले हैं।

कुमति निवार सुमति के संगी।
➡ जो बुरी बुद्धि का नाश करते हैं और अच्छी बुद्धि प्रदान करने वाले हैं।

कंचन बरन विराज सुबेसा,
➡ जिनका स्वर्ण के समान चमकता हुआ रूप है और जो दिव्य वस्त्र धारण किए हुए हैं।

कानन कुंडल कुंचित केसा॥
➡ उनके कानों में सुंदर कुंडल हैं और उनके बाल घुंघराले हैं।

🙏 श्रीराम भक्त हनुमान जी की जय! 🙏
➡ श्रीराम के प्रिय भक्त हनुमान जी की जय हो!

यह भजन भगवान हनुमान की स्तुति में गाया जाता है और उनकी भक्ति, शक्ति और गुणों का गुणगान करता है। 😊🚩

 

भजन और उसका अर्थ:

  1. जय हनुमान ज्ञान गुन सागर
    ➡ हनुमान जी को प्रणाम, जो ज्ञान और गुणों के अथाह सागर हैं।
  2. जय कपीश तिहुँ लोक उजागर।
    ➡ वानरों के स्वामी, जिनकी महिमा तीनों लोकों (स्वर्ग, पृथ्वी और पाताल) में प्रसिद्ध है।
  3. राम दूत अतुलित बल धामा,
    ➡ श्रीराम के दूत, जिनके पास असीम शक्ति और पराक्रम है।
  4. अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥
    ➡ माता अंजनि के पुत्र और पवन देव (वायु) के पुत्र के रूप में प्रसिद्ध हैं।
  5. महावीर विक्रम बजरंगी,
    ➡ वे महान पराक्रमी और अपार शक्ति वाले हैं, जिनका शरीर वज्र के समान कठोर है।
  6. कुमति निवार सुमति के संगी।
    ➡ जो बुरी बुद्धि (अज्ञान) का नाश करने वाले और शुभ विचारों (अच्छी बुद्धि) के साथी हैं।
  7. कंचन बरन विराज सुबेसा,
    ➡ जिनका शरीर सोने के समान चमकता है और जो सुंदर वस्त्र धारण किए हुए हैं।
  8. कानन कुंडल कुंचित केसा॥
    ➡ उनके कानों में सुंदर कुंडल (झुमके) हैं और उनके बाल घुंघराले और घने हैं।

 

 

Bhajan and Its Meaning:

  1. Jai Hanuman Gyan Gun Sagar
    ➡ Salutations to Lord Hanuman, who is an ocean of wisdom and virtues.
  2. Jai Kapish Tihu Lok Ujagar.
    ➡ Hail to the Lord of the Vanaras (monkeys), whose glory is renowned across the three worlds (heaven, earth, and the underworld).
  3. Ram Doot Atulit Bal Dhama,
    ➡ The divine messenger of Lord Rama, who possesses incomparable strength.
  4. Anjani-Putra Pawan-Sut Nama.
    ➡ The son of Mata Anjani and known as the son of the Wind God (Pawan Dev).
  5. Mahavir Vikram Bajrangi,
    ➡ The great warrior, mighty and courageous, with a body as strong as thunderbolt (Vajra).
  6. Kumati Nivar Sumati Ke Sangi.
    ➡ The remover of evil thoughts and the companion of wisdom and good intellect.
  7. Kanchan Baran Viraj Subesa,
    ➡ His body shines like gold, and he wears beautiful divine attire.
  8. Kanan Kundal Kunchit Kesa.
    ➡ He wears earrings in his ears, and his hair is curly and well-arranged.

 हनुमान पूजा विधि और पूजा सामग्री

🛕 हनुमान पूजा सामग्री (Pooja Samagri):

  1. हनुमान जी की मूर्ति या चित्र
  2. चौकी (बाजोट) और लाल वस्त्र
  3. मौली (कलावा)
  4. चंदन और रोली
  5. अक्षत (चावल)
  6. सिंदूर और तेल (हनुमान जी को विशेष रूप से चढ़ाया जाता है)
  7. गुलाल और फूल (विशेषकर लाल फूल, जैसे गेंदा और गुलाब)
  8. धूप, दीपक और कपूर
  9. बेसन के लड्डू या बूंदी (हनुमान जी का प्रिय भोग)
  10. पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण)
  11. गंगा जल और जल से भरा कलश
  12. हनुमान चालीसा, सुंदरकांड या रामायण ग्रंथ

📿 हनुमान पूजा विधि (Pooja Vidhi):

1. स्नान और शुद्धिकरण
  • प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • पूजा स्थान को साफ करें और चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं।
  • हनुमान जी की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें।
2. संकल्प और आचमन
  • दाहिने हाथ में जल लेकर पूजा का संकल्प लें।
  • भगवान हनुमान जी से मनोकामना पूर्ण करने की प्रार्थना करें।
3. दीप प्रज्वलन और मंगलाचरण
  • घी का दीपक जलाएं और धूप-अगरबत्ती लगाएं।
  • “ॐ श्री हनुमते नमः” मंत्र का जाप करें।
4. अभिषेक और श्रृंगार
  • गंगा जल से हनुमान जी का अभिषेक करें।
  • सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं (हनुमान जी को प्रिय है)।
  • चंदन, रोली और अक्षत (चावल) का तिलक करें।
5. पुष्प और भोग अर्पण
  • लाल फूल और गुलाल चढ़ाएं।
  • बेसन के लड्डू, बूंदी या अन्य मिठाई का भोग लगाएं।
  • पंचामृत अर्पण करें और तुलसी पत्र चढ़ाएं।
6. हनुमान चालीसा और मंत्र जाप
  • हनुमान चालीसा, सुंदरकांड या बजरंग बाण का पाठ करें।
  • “ॐ हं हनुमते नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
7. आरती और प्रसाद वितरण
  • हनुमान जी की आरती करें और कपूर जलाकर घुमाएं।
  • सभी भक्तों को प्रसाद वितरित करें।
8. परिक्रमा और समापन
  • हनुमान जी की 7 बार परिक्रमा करें।
  • हाथ जोड़कर प्रार्थना करें और आशीर्वाद प्राप्त करें।

🛕 विशेष दिन:

मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा विशेष फलदायी होती है।
हनुमान जयंती, अमावस्या, और पूर्णिमा पर विशेष पूजन करें।
✅ हनुमान जी को सिंदूर और तेल अर्पित करने से सभी संकट दूर होते हैं।

🚩 जय बजरंग बली! 🚩