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सरस्वती चालीसा हिंदी में | पूजा विधि, सामग्री और अर्थ

सरस्वती चालीसा

श्री गणेश गुरुदेव को, निज मन में धरि ध्यान।
सरस्वती वंदना करूं, जुग जुग रहे यशगान॥

जय सरस्वती माता, जय जय हे विद्या दाता।
ज्ञान प्रदायिनी अम्बा, ध्यान प्रदायिनी अम्बा॥

हंस वाहिनी शुभ धामिनी, यशवसुनी सुख कामिनी।
वीणा पुस्तक धारिणी, अभय वर देने वाली॥

देव-ऋषि मुनि नर नारी, शारदा मां सब पुकारे।
युग युग तक जग में जानी, वाणी के स्वर की रानी॥

प्रेम सहित गुण गाए, मां सरस्वती सुख पाए।
सत-चित आनन्द स्वरूपा, प्रेममयी मां अनुरूपा॥

अंधकार मिटाने वाली, संकट से छुड़ाने वाली।
ज्ञान का ज्योत जलाने वाली, सुबुद्धि दे माँ बनाने वाली॥

नमो नमो जय जय माता, जग में तू विद्या दाता।
संसार में तेरा वास, भव से तू दे त्राण॥

सद्गुणों की हो धारा, मां हर पल दे सहारा।
संकट हर माँ भवानी, तेरी महिमा बड़ी न्यारी॥

शारदे मां जय जयकारा, ज्ञान अमृत करूं निहारा।
तुझसे सब मुराद पूरी, मां दे बुद्धि विवेक अचूक॥

संकट हर हरें भवानी, शुद्ध ज्ञान मां बरसानी।
शरणागत की लाज रखाना, कृपा सदा हे मात भवानी॥

॥ दोहा ॥
जो पढ़े सरस्वती चालीसा, मनवांछित फल पाए।
सुर-नर-मुनिजन मां का यश, गगन अमर गुन गाए॥

सरस्वती चालीसा का अर्थ :

श्लोक
श्री गणेश गुरुदेव को, निज मन में धरि ध्यान।
सरस्वती वंदना करूं, जुग जुग रहे यशगान॥
(भावार्थ: श्री गणेश और गुरु को अपने हृदय में ध्यान करते हुए, मैं माता सरस्वती की वंदना करता हूं। उनकी महिमा का यश संसार में युग-युग तक गाया जाए।)

दोहा
जय सरस्वती माता, जय जय हे विद्या दाता।
ज्ञान प्रदायिनी अम्बा, ध्यान प्रदायिनी अम्बा॥
(भावार्थ: हे माता सरस्वती, आपको बार-बार प्रणाम, आप विद्या और ज्ञान की दाता हैं। आप ध्यान लगाने वाली और ज्ञान प्रदान करने वाली हैं।)

चौपाई
हंस वाहिनी शुभ धामिनी, यशवसुनी सुख कामिनी।
वीणा पुस्तक धारिणी, अभय वर देने वाली॥
(भावार्थ: माता सरस्वती हंस पर विराजमान हैं, शुभता और सुख देने वाली हैं। वे वीणा और पुस्तक धारण करती हैं और निर्भयता का वरदान देती हैं।)

देव-ऋषि मुनि नर नारी, शारदा मां सब पुकारे।
युग युग तक जग में जानी, वाणी के स्वर की रानी॥
(भावार्थ: देवता, ऋषि-मुनि, मनुष्य और सभी प्राणी माता शारदा को पुकारते हैं। वे युगों-युगों तक वाणी की स्वामिनी और ज्ञान की देवी के रूप में प्रसिद्ध हैं।)

प्रेम सहित गुण गाए, मां सरस्वती सुख पाए।
सत-चित आनन्द स्वरूपा, प्रेममयी मां अनुरूपा॥
(भावार्थ: जो माता सरस्वती के गुणों को प्रेम से गाता है, वह सुख प्राप्त करता है। माता सरस्वती सत-चित-आनंद की मूर्ति हैं और प्रेम से परिपूर्ण हैं।)

अंधकार मिटाने वाली, संकट से छुड़ाने वाली।
ज्ञान का ज्योत जलाने वाली, सुबुद्धि दे माँ बनाने वाली॥
(भावार्थ: माता सरस्वती अज्ञान का अंधकार मिटाने वाली हैं, संकटों से मुक्ति दिलाने वाली हैं। वे ज्ञान का प्रकाश जलाती हैं और सद्बुद्धि प्रदान करती हैं।)

नमो नमो जय जय माता, जग में तू विद्या दाता।
संसार में तेरा वास, भव से तू दे त्राण॥
(भावार्थ: हे माता सरस्वती, आपको बार-बार नमस्कार। आप इस संसार में विद्या प्रदान करती हैं और भवसागर से मुक्ति दिलाती हैं।)

सद्गुणों की हो धारा, मां हर पल दे सहारा।
संकट हर मां भवानी, तेरी महिमा बड़ी न्यारी॥
(भावार्थ: हे मां, आप सद्गुणों की धारा प्रवाहित करें और हमें हर पल सहारा दें। आप सभी संकटों को हरने वाली हैं, आपकी महिमा अनोखी है।)

शारदे मां जय जयकारा, ज्ञान अमृत करूं निहारा।
तुझसे सब मुराद पूरी, मां दे बुद्धि विवेक अचूक॥
(भावार्थ: हे मां शारदे, आपकी जय-जयकार हो। आप ज्ञान का अमृत प्रदान करें। आपकी कृपा से हर इच्छा पूरी होती है, कृपया हमें अचूक बुद्धि और विवेक प्रदान करें।)

संकट हर हरें भवानी, शुद्ध ज्ञान मां बरसानी।
शरणागत की लाज रखाना, कृपा सदा हे मात भवानी॥
(भावार्थ: हे मां भवानी, आप हमारे सभी संकट हर लें और शुद्ध ज्ञान प्रदान करें। जो आपकी शरण में आता है, उसकी लाज रखिए और उस पर सदा कृपा बनाए रखिए।)

दोहा
जो पढ़े सरस्वती चालीसा, मनवांछित फल पाए।
सुर-नर-मुनिजन मां का यश, गगन अमर गुन गाए॥
(भावार्थ: जो व्यक्ति सरस्वती चालीसा का पाठ करता है, उसे अपनी मनचाही फल प्राप्त होता है। देवता, मनुष्य और ऋषि-मुनि माता का यश गाते हैं और उनकी महिमा का गान आकाश तक गूंजता है।)

Meaning of Saraswati Chalisa in English :

Verse
Shri Ganesh Gurudev ko, nij man mein dhari dhyaan,
Saraswati Vandana karun, jug jug rahe yashgaan.
(Meaning: I offer my prayers to Lord Ganesh and Guru, focusing my mind on them. I sing praises of Goddess Saraswati so that her glory may be sung for ages to come.)

Doha
Jai Saraswati Mata, Jai Jai He Vidya Data,
Gyaan Pradayini Amba, Dhyaan Pradayini Amba.
(Meaning: Hail Saraswati Mata, the giver of knowledge. You are the mother who bestows wisdom and grants the ability to focus and meditate.)

Chaupai
Hans Vaahini Shubh Dhaamini, Yashvashuni Sukh Kaamini,
Veena Pustak Dhaarini, Abhay Var Dene Wali.
(Meaning: Goddess Saraswati rides a swan and resides in a sacred place, bestowing fame, happiness, and all desires. She holds a veena and a book and grants the boon of fearlessness.)

Dev-Rishi Muni Nar Nari, Sharada Maa Sab Pukaare,
Yug Yug Tak Jag Mein Jani, Vaani Ke Swar Ki Rani.
(Meaning: Gods, sages, humans, and all beings call out to Goddess Sharada. She is known across the world for ages as the queen of speech and the embodiment of knowledge.)

Prem Sahit Gun Gaaye, Maa Saraswati Sukh Paaye,
Sat-Chit-Anand Swaroopa, Premmayi Maa Anuroopa.
(Meaning: Those who sing the praises of Goddess Saraswati with love attain happiness. She is the embodiment of truth, consciousness, and bliss, full of love and grace.)

Andhkaar Mitaane Wali, Sankat Se Chhudaane Wali,
Gyaan Ka Jyot Jalaane Wali, Subuddhi De Maa Banaane Wali.
(Meaning: Goddess Saraswati removes the darkness of ignorance, frees from all difficulties, lights the lamp of knowledge, and bestows good wisdom.)

Namo Namo Jai Jai Mata, Jag Mein Tu Vidya Data,
Sansaar Mein Tera Vaas, Bhav Se Tu De Traan.
(Meaning: I bow to you, O Goddess Saraswati. You are the giver of knowledge in the world and protect us from the cycle of birth and death.)

Sadgunon Ki Ho Dhaara, Maa Har Pal De Sahaara,
Sankat Har Maa Bhavani, Teri Mahima Badi Nyari.
(Meaning: O Goddess, may you shower us with virtues and provide support in every moment. You are the remover of all troubles, and your glory is unparalleled.)

Sharade Maa Jai Jai Kaara, Gyaan Amrit Karun Nihaara,
Tujhse Sab Murad Puri, Maa De Buddhi Vivek Achook.
(Meaning: Hail Goddess Sharada! You grant us the nectar of wisdom. May all our desires be fulfilled by your grace, and may you bestow upon us perfect intellect and discernment.)

Sankat Har Haren Bhavani, Shuddh Gyaan Maa Barsani,
Sharnagat Ki Laaj Rakhaana, Kripa Sada He Maat Bhavani.
(Meaning: O Goddess Bhavani, remove all our troubles and shower us with pure knowledge. Protect the honor of those who seek refuge in you and shower them with your eternal grace.)

Doha
Jo Padhe Saraswati Chalisa, Manvanchhit Phal Paaye,
Sur-Nar-Munijan Maa Ka Yash, Gagan Amar Gun Gaye.
(Meaning: Those who read the Saraswati Chalisa attain their desires. The praise of the mother is sung by gods, humans, and sages, and her eternal virtues echo throughout the sky.)

सरस्वती चालीसा पूजा विधि और समाग्री

पूजा विधि :

  1. स्थान और समय का चयन:
    पूजा के लिए एक साफ और शांत स्थान चुनें। यह स्थान घर के पूजा कक्ष या किसी शांत कमरे में हो सकता है। सरस्वती पूजा विशेष रूप से वसंत पंचमी के दिन की जाती है, लेकिन इसे किसी भी समय किया जा सकता है।
  2. पवित्रता और शुद्धता:
    पूजा से पहले स्नान करें और शुद्ध वस्त्र पहनें। घर को स्वच्छ करें और पूजा स्थान को भी साफ-सुथरा रखें।
  3. पुजारी का आह्वान:
    सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें ताकि आपकी पूजा बिना किसी विघ्न के संपन्न हो। इसके बाद मां सरस्वती का आह्वान करें।
  4. माँ सरस्वती का ध्यान और मंत्र:
    पूजा के दौरान माता सरस्वती का ध्यान करें और उनके मंत्रों का जाप करें। “ॐ ऐं Saraswateyai Namah” मंत्र का जाप करें।
  5. सरस्वती चालीसा का पाठ:
    फिर सरस्वती चालीसा का पाठ करें। चालीसा को पूरे श्रद्धा भाव से पढ़ें और ध्यान रखें कि पूजा के दौरान मन एकाग्र रहे।
  6. आरती और पुष्प अर्पण:
    पूजा के बाद सरस्वती माता की आरती गायें और उन्हें फूलों से अर्पित करें। आप ताजे फूलों से उन्हें पूजा अर्पण करें।
  7. प्रसाद वितरण:
    पूजा के बाद माता सरस्वती से आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद, प्रसाद का वितरण करें। यह प्रसाद आपके परिवार और शुभचिंतकों के बीच वितरित करें।
  8. पूजा का समापन:
    पूजा के समापन के बाद, दीपक और धूप का आरती के साथ पूजन करें और भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करें।

पूजा सामग्री (Samagri) :

  1. सप्तधान (सात प्रकार के अनाज):
    पूजा में सात प्रकार के अनाज (जैसे चावल, ज्वार, बाजरा, गेहूं, चना, मूँग, तुअर दाल) का उपयोग होता है। यह समृद्धि का प्रतीक माने जाते हैं।
  2. ताजे फूल:
    माता सरस्वती को ताजे सफेद या पीले रंग के फूल अर्पित करें। विशेष रूप से गुलाब, मोगरा या चमेली के फूल शुभ माने जाते हैं।
  3. दीपक (दीप):
    दीपक में घी या तेल जलाकर पूजा स्थल पर रखें। दीपक से वातावरण को शुद्ध किया जाता है।
  4. धूप (अगरबत्ती):
    अगरबत्ती या धूप जलाकर पूजा स्थल को सुगंधित करें। यह वातावरण को पवित्र करता है और मां की कृपा प्राप्त करने का संकेत है।
  5. कमल का फूल:
    अगर संभव हो तो कमल का फूल रखें, जो ज्ञान और देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है।
  6. पुष्प या चंदन से तिलक:
    पूजा के दौरान माता सरस्वती की मूर्ति या चित्र पर चंदन से तिलक करें।
  7. मालाएं (फूलों की माला):
    पूजा में फूलों की माला का भी उपयोग करें। माला से पूजा स्थल की सजावट की जाती है।
  8. गुलाब जल (Rose water):
    गुलाब जल का छिड़काव पूजा स्थल पर करें, यह वातावरण को शुद्ध करता है और देवी की कृपा को आकर्षित करता है।

नैवेद्य/प्रसाद:
पूजा के बाद मीठे फल, मिठाई, या किसी अन्य प्रसाद का अर्पण करें। यह आपकी श्रद्धा का प्रतीक है।