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शिव चालीसा हिंदी में

ॐ नमः शिवाय

दोहा
जय शिव ओंकारा, करुणा सागर।
जग के पालनहार, सब के कर्ता भागी।

चालीसा

  1. श्रीगणेशाय नमः शिवाय, महादेव की महिमा निरंतर।
    जो पाठ करें शिव चालीसा, उनका जीवन हो सुखमय।
  2. देवों के देव महादेव, सबकी आशा तुमसे है।
    तुम ही जग के पालनहार, तुमसे सबका धर्म है।
  3. कपालमाल धारी, गंगाधर शंकर।
    त्रिशूलधारी महाकाल, भय को हरने वाले।
  4. मंदाकिनी का तटवासी, पार्वती के पति शंकर।
    तपस्वी अति कठिन, योगेश्वर महादेव।
  5. गजानन संग वरद, नंदी व्रजवाहन।
    गंगा भाल पर बसा, आशीर्वाद दे महान।
  6. हर हर महादेव शंकर, शरण में जो आए।
    उसकी रक्षा करें भगवान, हर संकट से बचाएं।
  7. शिव शम्भू महादेव शंकर, कृपा करें संजीवनी।
    जो कोई भी सच्चे मन से, पाठ करें शिव की।
  8. वाणी के दाता, ज्ञानी के गुरू।
    त्रिपुरारी शिव का ध्यान रखें, पाएं सुखमय आशीर्वाद।

दोहा
शिव महिमा अज्ञेय है, यही भक्ति का सार है।
जो हर दिन शिव की पूजा करें, उनका जीवन तार है।

ॐ नमः शिवाय

Meaning of Shiv Chalisa in Hindi :

दोहा


“जय शिव ओंकारा, करुणा सागर।
जग के पालनहार, सब के कर्ता भागी।”

यह दोहा शिव की महिमा का वर्णन करता है, जिसमें शिव को “ओंकार” (सभी ब्रह्मांड का मूल ध्वनि) और “करुणा सागर” (करुणा का सागर) कहा गया है। वह संसार के पालनहार और सभी के भाग्य के कर्ता हैं।

चालीसा के अर्थ:

  1. “श्रीगणेशाय नमः शिवाय, महादेव की महिमा निरंतर।
    जो पाठ करें शिव चालीसा, उनका जीवन हो सुखमय।” यह शेर भगवान शिव की महिमा का गुणगान करता है। जो भी श्रद्धापूर्वक शिव चालीसा का पाठ करता है, उसका जीवन सुखमय होता है।
  2. “देवों के देव महादेव, सबकी आशा तुमसे है।
    तुम ही जग के पालनहार, तुमसे सबका धर्म है।” भगवान शिव को “देवों के देव” महादेव कहा गया है, क्योंकि वे सभी देवताओं से श्रेष्ठ हैं। उनके पास सभी प्राणियों की आशाएं होती हैं, और वह सभी का पालन-पोषण करते हैं।
  3. “कपालमाल धारी, गंगाधर शंकर।
    त्रिशूलधारी महाकाल, भय को हरने वाले।” भगवान शिव के कपालमाल (आशुतोष) और गंगाधर के रूप में उनकी महिमा का वर्णन किया गया है। उनका त्रिशूल उन्हें महाकाल के रूप में प्रस्तुत करता है, जो संसार से भय और संकट को हरता है।
  4. “मंदाकिनी का तटवासी, पार्वती के पति शंकर।
    तपस्वी अति कठिन, योगेश्वर महादेव।” शिव जी को मंदाकिनी (गंगा) के तटवासी और पार्वती के पति के रूप में पूजा जाता है। वे तपस्वी और योगी हैं, जो कठोर तपस्या में लीन रहते हैं।
  5. “गजानन संग वरद, नंदी व्रजवाहन।
    गंगा भाल पर बसा, आशीर्वाद दे महान।” शिव जी के साथ उनका वाहन नंदी और गणेश जी होते हैं। गंगा उनके मस्तक पर विराजमान है, जो आशीर्वाद देने वाले होते हैं।
  6. “हर हर महादेव शंकर, शरण में जो आए।
    उसकी रक्षा करें भगवान, हर संकट से बचाएं।” यह शेर भगवान शिव के भक्तों के लिए है। जो भी उनकी शरण में आता है, भगवान उसे हर संकट से बचाते हैं और उसकी रक्षा करते हैं।
  7. “शिव शम्भू महादेव शंकर, कृपा करें संजीवनी।
    जो कोई भी सच्चे मन से, पाठ करें शिव की।” भगवान शिव की कृपा से जीवन में संजीवनी (जीवित करने वाली शक्ति) मिलती है। जो व्यक्ति सच्चे मन से उनका पाठ करता है, उसे आशीर्वाद मिलता है।
  8. “वाणी के दाता, ज्ञानी के गुरू।
    त्रिपुरारी शिव का ध्यान रखें, पाएं सुखमय आशीर्वाद।” भगवान शिव वाणी के दाता और ज्ञानी के गुरु हैं। त्रिपुरारी शिव के ध्यान से मनुष्य सुखी होता है और आशीर्वाद प्राप्त करता है।

दोहा का अर्थ:

“शिव महिमा अज्ञेय है, यही भक्ति का सार है।
जो हर दिन शिव की पूजा करें, उनका जीवन तार है।”

इस दोहे का मतलब है कि भगवान शिव की महिमा को पूरी तरह से समझना असंभव है, और यही भक्ति का सबसे बड़ा सत्य है। जो व्यक्ति नियमित रूप से शिव की पूजा करता है, उसका जीवन समृद्ध और पवित्र बन जाता है।

ॐ नमः शिवाय
यह मंत्र भगवान शिव को प्रणाम करने का मंत्र है, जो सभी बाधाओं और दुखों से मुक्ति दिलाता है।

Meaning of Shiv Chalisa in English :

Doha
“Jai Shiv Omkara, Karuna Sagar.
Jag ke Palanhaar, Sab ke Karta Bhagi.”

This Doha (couplet) praises Lord Shiva as “Omkar” (the primordial sound of the universe) and “Karuna Sagar” (the ocean of compassion). He is the nurturer of the world and the controller of all destinies.

Meaning of the Chaupais (Verses):

  1. “Shree Ganeshaya Namah Shivaya, Mahadev Ki Mahima Nirantar.
    Jo Path Karein Shiv Chalisa, Unka Jeevan Ho Sukhmay.” This verse speaks of the glory of Lord Shiva. Those who recite the Shiv Chalisa with devotion will lead a happy and prosperous life.
  2. “Devon Ke Dev Mahadev, Sabki Asha Tumse Hai.
    Tum Hi Jag Ke Palanhaar, Tumse Sabka Dharma Hai.” Lord Shiva is described as “Mahadev” (the supreme god) because he is superior to all the gods. He is the one on whom all beings place their hopes, and he is the protector and preserver of all.
  3. “Kapalmala Dhari, Gangadhar Shankar.
    Trishuldhari Mahakal, Bhay Ko Harne Wale.” This verse describes Lord Shiva’s attributes: wearing a garland of skulls (Kapalmala), carrying the Ganga on his head, holding the trident (Trishul), and being Mahakal (the lord of time) who removes fear from the world.
  4. “Mandakini Ka Tatwasi, Parvati Ke Pati Shankar.
    Tapaswi Ati Kathin, Yogeshwar Mahadev.” Lord Shiva is the resident of the Mandakini river (Ganga), and the husband of Goddess Parvati. He is a supreme ascetic (tapaswi) and the lord of yoga (Yogeshwar).
  5. “Gajanan Sang Varad, Nandi Vrajvahan.
    Ganga Bhaal Par Basa, Ashirwad De Maha.” Lord Shiva is always accompanied by Lord Ganesha (Gajanan) and his vehicle, Nandi. The Ganga (river) is ever-present on his forehead, and he blesses his devotees with great blessings.
  6. “Har Har Mahadev Shankar, Sharan Mein Jo Aaye.
    Uski Raksha Karein Bhagwan, Har Sankat Se Bachaye.” This verse emphasizes that anyone who takes refuge in Lord Shiva is protected by him from all dangers and hardships. Shiva ensures the safety and well-being of his devotees.
  7. “Shiv Shambhoo Mahadev Shankar, Kripa Karein Sanjeevani.
    Jo Koi Bhi Sachhe Man Se, Path Karein Shiv Ki.” By Lord Shiva’s grace, one receives “Sanjeevani” (life-giving power). Anyone who recites the Shiv Chalisa with pure devotion is blessed with his divine blessings.
  8. “Vani Ke Daat, Gyaani Ke Guru.
    Tripuraari Shiv Ka Dhyan Rakhein, Payen Sukhmay Ashirwad.” Lord Shiva is the giver of speech (Vani) and the teacher of wisdom (Gyaani). By meditating on Lord Tripuraari (a form of Shiva), one receives blessings of peace and happiness.

Doha Meaning:

“Shiv Mahima Agyeya Hai, Yahi Bhakti Ka Saar Hai.
Jo Har Din Shiv Ki Pooja Karein, Unka Jeevan Taar Hai.”

This couplet says that the glory of Lord Shiva is beyond comprehension, and this is the essence of devotion. Anyone who prays to Lord Shiva daily will lead a life of prosperity and salvation.

Om Namah Shivaya


This sacred mantra means “I bow to Lord Shiva.” It is used to invoke Lord Shiva’s blessings and remove all obstacles and miseries in life. It is one of the most powerful mantras for protection, peace, and divine grace.

शिव पूजा विधि और पूजा सामग्री (Shiv Puja Vidhi and Puja Samagri)

शिव पूजा विधि (Shiv Puja Vidhi) :

  1. पवित्रता और शुद्धता (Purity and Cleanliness): सबसे पहले पूजा करने से पहले स्नान करके शरीर और मन को शुद्ध करें। सफ़ेद या हल्के रंग के वस्त्र पहनें। घर के पूजा स्थल को साफ़ करें।
  2. पुजारी के स्थान पर भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें (Place the idol or image of Lord Shiva): शिवलिंग को सबसे अच्छा पूजा स्थल माना जाता है। यदि शिवलिंग नहीं हो, तो भगवान शिव का चित्र या मूर्ति रखें।
  3. दीप और अगरबत्तियाँ लगाएँ (Light a lamp and incense sticks): सबसे पहले दीपक और अगरबत्ती जलाएँ। यह वातावरण को शुद्ध करता है और पूजा में एक दिव्य ऊर्जा का संचार करता है।
  4. पानी और पंचामृत अर्पित करें (Offer water and Panchamrit): भगवान शिव को जल अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। आप पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) भी अर्पित कर सकते हैं। यह पूजा में विशेष महत्व रखता है।
  5. बिल्व पत्र अर्पित करें (Offer Bilva leaves): भगवान शिव को बिल्व पत्र अर्पित करना शुभ माना जाता है। तीन पत्रों को जोड़कर, भगवान शिव पर चढ़ाएँ।
  6. शिव मंत्रों का जाप करें (Chant Shiva Mantras):
    • “ॐ नमः शिवाय” – यह मंत्र बहुत प्रसिद्ध है और इसे 108 बार जाप करें।
    • “हर हर महादेव” – यह भी एक प्रमुख मंत्र है। इन मंत्रों का जाप करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
  7. चंदन और अक्षत (Chandan and Akshat): चंदन का तिलक लगाएँ और अक्षत (कच्चे चावल) अर्पित करें। यह पूजा को सम्पन्न करने के संकेत के रूप में किया जाता है।
  8. फल, मिठाई और वस्त्र अर्पित करें (Offer fruits, sweets, and clothes): भगवान शिव को फल, मिठाई (जैसे लड्डू या दही-चीनी) और वस्त्र अर्पित करें। यह भी एक प्रकार का आभार व्यक्त करने का तरीका है।
  9. पानी से अभिषेक (Water Abhishek): यदि संभव हो तो, शिवलिंग पर जल, दूध, घी, शहद या पंचामृत का अभिषेक करें। यह विधि विशेष रूप से शुभ मानी जाती है।
  10. आरती (Aarti): पूजा के बाद भगवान शिव की आरती करें। आप “शिव आरती” का पाठ कर सकते हैं, या “ॐ जय शिव ओंकारा” की आरती भी पढ़ सकते हैं।
  11. प्रसाद वितरण (Distribution of Prasad): पूजा के अंत में प्रसाद वितरित करें और सभी को आशीर्वाद दें। शिव पूजा में विशेष रूप से बेल के पत्तों का प्रसाद वितरित करना शुभ होता है।

शिव पूजा सामग्री (Shiv Puja Samagri) :

  1. शिवलिंग या भगवान शिव की मूर्ति (Shivling or Idol of Lord Shiva)
  2. पानी (Water)
  3. पंचामृत (Panchamrit) – दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर।
  4. बिल्व पत्र (Bilva leaves)
  5. फूल (Flowers) – विशेष रूप से सफेद फूल, जैसे चंद्रमल, गेंदे का फूल।
  6. दीपक (Lamp or Diya)
  7. अगरबत्ती (Incense sticks)
  8. चंदन (Sandalwood paste)
  9. अक्षत (Rice grains)
  10. फल और मिठाई (Fruits and Sweets)
  11. दही (Yogurt) – यह विशेष रूप से पूजा के अंत में अर्पित किया जाता है।
  12. पानी से अभिषेक सामग्री (Material for Abhishek) – जल, दूध, घी, शहद, पंचामृत।
  13. लाल या सफेद कपड़ा (Red or White cloth) – पूजा स्थल पर रखें।
  14. आरती किताब (Aarti Book) – “शिव आरती” या “ॐ जय शिव ओंकारा” की आरती।

शिव पूजा का महत्व (Significance of Shiv Puja) : शिव पूजा व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक स्थिति को शुद्ध करती है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का उत्तम मार्ग है। यह पूजा संतान सुख, सुख-समृद्धि, और मानसिक शांति प्रदान करने के लिए की जाती है। शिव की पूजा करने से संसारिक कष्ट समाप्त होते हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।