भगवान परशुराम भजन | परशुराम जयंती विशेष भजन

भगवान परशुराम भजन | शक्ति और धर्म के प्रतीक परशुराम का स्तुति गीत परशुराम भजन (Parashurama Bhajan in Hindi) जय हो जय हो परशुराम,शक्ति के अवतार भगवान।क्षत्रिय कुल का अभिमान,धरती के तुम हो संहारक महान।। अक्षय तृतीया जन्म दिवस,वीरों में सबसे अद्वितीय।भगवान विष्णु के अवतार,करते अधर्म का संहार।। परशु धारी, दयालु कृपाल,तेरी महिमा है अपार।तेरा ध्यान जो करे इंसान,बने सफल उसका जीवन महान।। Meta Title: भगवान परशुराम भजन | परशुराम जयंती विशेष भजन Meta Description: भगवान परशुराम के भजन का आनंद लें और उनके शक्ति, धर्म और न्याय के दिव्य गुणों को स्मरण करें। परशुराम जयंती पर विशेष भजन। Slug: bhagwan-parashuram-bhajan-hindi Focus Keyword (in Hindi): भगवान परशुराम भजन “भगवान परशुराम भजन | शक्ति और धर्म के प्रतीक परशुराम का स्तुति गीत” परशुराम भजन का अर्थ (Meaning in Hindi) जय हो जय हो परशुराम,शक्ति के अवतार भगवान।➡ हे भगवान परशुराम! आपकी जय हो, आप शक्ति और पराक्रम के प्रतीक हैं। आप ईश्वर के दिव्य अवतार हैं। क्षत्रिय कुल का अभिमान,धरती के तुम हो संहारक महान।।➡ आप क्षत्रियों के लिए गौरव और शक्ति का प्रतीक हो। जब धरती पर अन्याय और अधर्म बढ़ा, तब आपने उसे समाप्त किया। अक्षय तृतीया जन्म दिवस,वीरों में सबसे अद्वितीय।➡ अक्षय तृतीया के दिन आपका जन्म हुआ। आप सभी वीरों में सबसे अद्वितीय और महान हैं। भगवान विष्णु के अवतार,करते अधर्म का संहार।।➡ आप भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं, जो अधर्म और अन्याय का नाश करने के लिए अवतरित हुए। परशु धारी, दयालु कृपाल,तेरी महिमा है अपार।➡ आप परशु (फरसा) धारण करने वाले हैं, और साथ ही करुणा व कृपा के सागर भी हैं। आपकी महिमा अनंत है। तेरा ध्यान जो करे इंसान,बने सफल उसका जीवन महान।।➡ जो भी भक्त आपकी पूजा और स्मरण करता है, उसका जीवन सफल और महान बन जाता है। ➡ इस भजन में भगवान परशुराम की शक्ति, पराक्रम और धर्म रक्षा की महिमा का वर्णन किया गया है। यह भक्तों को उनके आदर्शों का अनुसरण करने और सत्य व धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। Meaning of the Parashurama Bhajan in English “Jai Ho Jai Ho Parashurama,Shakti Ke Avtar Bhagwan.”**➡ Glory to Lord Parashurama! You are the divine incarnation of strength and power. “Kshatriya Kul Ka Abhiman,Dharti Ke Tum Ho Sanharak Mahan.”**➡ You are the pride of the warrior clan and the great destroyer of evil on this earth. “Akshaya Tritiya Janma Divas,Veeron Mein Sabse Adwitiya.”**➡ You were born on Akshaya Tritiya, and among all warriors, you are the most unique and unparalleled. “Bhagwan Vishnu Ke Avtar,Karte Adharm Ka Sanhar.”**➡ You are the sixth incarnation of Lord Vishnu, who incarnated to eliminate unrighteousness and injustice. “Parashu Dhaari, Dayalu Kripal,Teri Mahima Hai Apaar.”**➡ You wield the divine axe (Parashu), and yet, you are compassionate and merciful. Your glory is infinite. “Tera Dhyan Jo Kare Insaan,Bane Safal Uska Jeevan Mahan.”**➡ Whoever remembers and worships you, their life becomes successful and noble. ➡ This bhajan praises Lord Parashurama’s strength, valor, and commitment to righteousness. It inspires devotees to follow the path of truth and justice, just as Lord Parashurama did. भगवान परशुराम पूजा विधि एवं सामग्री (Pooja Vidhi & Samagri in Hindi) भगवान परशुराम पूजा विधि (Pooja Vidhi) स्नान एवं शुद्धिकरण: पूजा से पहले स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को स्वच्छ करें और गंगाजल से शुद्ध करें। मूर्ति या चित्र स्थापना: एक स्वच्छ चौकी पर भगवान परशुराम की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। मूर्ति को गंगाजल और पंचामृत से स्नान कराएं। दीप प्रज्वलित करें: घी का दीपक जलाएं और धूप व अगरबत्ती अर्पित करें। भगवान को पुष्प अर्पित करें: भगवान परशुराम को पीले या लाल फूल अर्पित करें। तिलक और अक्षत चढ़ाएं: चंदन और रोली से तिलक करें और अक्षत (साबुत चावल) अर्पित करें। भोग अर्पण करें: भगवान को फल, मिठाई, पंचामृत और अन्य प्रसाद अर्पित करें। मंत्र जाप एवं पाठ करें: “ॐ परशुरामाय नमः” मंत्र का जाप करें। भगवान परशुराम की कथा या स्तुति का पाठ करें। आरती करें: भगवान परशुराम की आरती करें और घंटी बजाएं। प्रणाम एवं प्रार्थना: भगवान परशुराम से शक्ति, बुद्धि और धर्म पालन की प्रार्थना करें। भगवान परशुराम पूजा सामग्री (Pooja Samagri) गंगाजल – शुद्धिकरण के लिए दीपक (घी या तेल का दीप) अगरबत्ती और धूप लाल या पीले फूल चंदन और रोली – तिलक के लिए अक्षत (साबुत चावल) फल और मिठाई – भोग के लिए पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण) भगवान परशुराम की मूर्ति या चित्र शंख – जल अभिषेक के लिए परशु (फरसे) का प्रतीक – भगवान परशुराम का प्रमुख अस्त्र कुशा (पवित्र घास) – धार्मिक अनुष्ठान में उपयोगी तुलसी पत्ते – भगवान विष्णु के अवतार होने के कारण प्रिय आरती थाली और घंटी भक्तों के लिए प्रसाद (मिठाई, फल, पंचामृत आदि) भगवान परशुराम की पूजा से व्यक्ति में शक्ति, बुद्धि, धैर्य और साहस का संचार होता है। https://youtu.be/N1fXxCBm9Ys?si=2D83ARtipfvRT_SM
हनुमान भजन – भक्ति में लीन करने वाला सुंदर कीर्तन

“हनुमान भजन: भक्तिमय कीर्तन से पाएं आध्यात्मिक शांति” जय हनुमान ज्ञान गुन सागरजय कपीश तिहुँ लोक उजागर।राम दूत अतुलित बल धामा,अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥ महावीर विक्रम बजरंगी,कुमति निवार सुमति के संगी।कंचन बरन विराज सुबेसा,कानन कुंडल कुंचित केसा॥ 🙏 श्रीराम भक्त हनुमान जी की जय! 🙏 यहाँ प्रस्तुत हनुमान भजन के प्रत्येक पंक्ति का हिंदी में सरल अर्थ दिया गया है: जय हनुमान ज्ञान गुन सागर➡ हनुमान जी को प्रणाम, जो ज्ञान और गुणों के अथाह सागर हैं। जय कपीश तिहुँ लोक उजागर।➡ वानरों के स्वामी, जिनकी महिमा तीनों लोकों में प्रसिद्ध है। राम दूत अतुलित बल धामा,➡ श्रीराम के दूत, जिनका बल अतुलनीय है। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥➡ माता अंजनि के पुत्र और पवन देव के पुत्र के रूप में प्रसिद्ध हैं। महावीर विक्रम बजरंगी,➡ वे महावीर हैं, अत्यंत पराक्रमी और वज्र के समान मजबूत शरीर वाले हैं। कुमति निवार सुमति के संगी।➡ जो बुरी बुद्धि का नाश करते हैं और अच्छी बुद्धि प्रदान करने वाले हैं। कंचन बरन विराज सुबेसा,➡ जिनका स्वर्ण के समान चमकता हुआ रूप है और जो दिव्य वस्त्र धारण किए हुए हैं। कानन कुंडल कुंचित केसा॥➡ उनके कानों में सुंदर कुंडल हैं और उनके बाल घुंघराले हैं। 🙏 श्रीराम भक्त हनुमान जी की जय! 🙏➡ श्रीराम के प्रिय भक्त हनुमान जी की जय हो! यह भजन भगवान हनुमान की स्तुति में गाया जाता है और उनकी भक्ति, शक्ति और गुणों का गुणगान करता है। 😊🚩 भजन और उसका अर्थ: जय हनुमान ज्ञान गुन सागर➡ हनुमान जी को प्रणाम, जो ज्ञान और गुणों के अथाह सागर हैं। जय कपीश तिहुँ लोक उजागर।➡ वानरों के स्वामी, जिनकी महिमा तीनों लोकों (स्वर्ग, पृथ्वी और पाताल) में प्रसिद्ध है। राम दूत अतुलित बल धामा,➡ श्रीराम के दूत, जिनके पास असीम शक्ति और पराक्रम है। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥➡ माता अंजनि के पुत्र और पवन देव (वायु) के पुत्र के रूप में प्रसिद्ध हैं। महावीर विक्रम बजरंगी,➡ वे महान पराक्रमी और अपार शक्ति वाले हैं, जिनका शरीर वज्र के समान कठोर है। कुमति निवार सुमति के संगी।➡ जो बुरी बुद्धि (अज्ञान) का नाश करने वाले और शुभ विचारों (अच्छी बुद्धि) के साथी हैं। कंचन बरन विराज सुबेसा,➡ जिनका शरीर सोने के समान चमकता है और जो सुंदर वस्त्र धारण किए हुए हैं। कानन कुंडल कुंचित केसा॥➡ उनके कानों में सुंदर कुंडल (झुमके) हैं और उनके बाल घुंघराले और घने हैं। Bhajan and Its Meaning: Jai Hanuman Gyan Gun Sagar➡ Salutations to Lord Hanuman, who is an ocean of wisdom and virtues. Jai Kapish Tihu Lok Ujagar.➡ Hail to the Lord of the Vanaras (monkeys), whose glory is renowned across the three worlds (heaven, earth, and the underworld). Ram Doot Atulit Bal Dhama,➡ The divine messenger of Lord Rama, who possesses incomparable strength. Anjani-Putra Pawan-Sut Nama.➡ The son of Mata Anjani and known as the son of the Wind God (Pawan Dev). Mahavir Vikram Bajrangi,➡ The great warrior, mighty and courageous, with a body as strong as thunderbolt (Vajra). Kumati Nivar Sumati Ke Sangi.➡ The remover of evil thoughts and the companion of wisdom and good intellect. Kanchan Baran Viraj Subesa,➡ His body shines like gold, and he wears beautiful divine attire. Kanan Kundal Kunchit Kesa.➡ He wears earrings in his ears, and his hair is curly and well-arranged. हनुमान पूजा विधि और पूजा सामग्री 🛕 हनुमान पूजा सामग्री (Pooja Samagri): हनुमान जी की मूर्ति या चित्र चौकी (बाजोट) और लाल वस्त्र मौली (कलावा) चंदन और रोली अक्षत (चावल) सिंदूर और तेल (हनुमान जी को विशेष रूप से चढ़ाया जाता है) गुलाल और फूल (विशेषकर लाल फूल, जैसे गेंदा और गुलाब) धूप, दीपक और कपूर बेसन के लड्डू या बूंदी (हनुमान जी का प्रिय भोग) पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण) गंगा जल और जल से भरा कलश हनुमान चालीसा, सुंदरकांड या रामायण ग्रंथ 📿 हनुमान पूजा विधि (Pooja Vidhi): 1. स्नान और शुद्धिकरण प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थान को साफ करें और चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं। हनुमान जी की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें। 2. संकल्प और आचमन दाहिने हाथ में जल लेकर पूजा का संकल्प लें। भगवान हनुमान जी से मनोकामना पूर्ण करने की प्रार्थना करें। 3. दीप प्रज्वलन और मंगलाचरण घी का दीपक जलाएं और धूप-अगरबत्ती लगाएं। “ॐ श्री हनुमते नमः” मंत्र का जाप करें। 4. अभिषेक और श्रृंगार गंगा जल से हनुमान जी का अभिषेक करें। सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं (हनुमान जी को प्रिय है)। चंदन, रोली और अक्षत (चावल) का तिलक करें। 5. पुष्प और भोग अर्पण लाल फूल और गुलाल चढ़ाएं। बेसन के लड्डू, बूंदी या अन्य मिठाई का भोग लगाएं। पंचामृत अर्पण करें और तुलसी पत्र चढ़ाएं। 6. हनुमान चालीसा और मंत्र जाप हनुमान चालीसा, सुंदरकांड या बजरंग बाण का पाठ करें। “ॐ हं हनुमते नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। 7. आरती और प्रसाद वितरण हनुमान जी की आरती करें और कपूर जलाकर घुमाएं। सभी भक्तों को प्रसाद वितरित करें। 8. परिक्रमा और समापन हनुमान जी की 7 बार परिक्रमा करें। हाथ जोड़कर प्रार्थना करें और आशीर्वाद प्राप्त करें। 🛕 विशेष दिन: ✅ मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा विशेष फलदायी होती है।✅ हनुमान जयंती, अमावस्या, और पूर्णिमा पर विशेष पूजन करें।✅ हनुमान जी को सिंदूर और तेल अर्पित करने से सभी संकट दूर होते हैं। 🚩 जय बजरंग बली! 🚩 https://youtu.be/kE_3b_NaOAE?si=Qpq9SNCsJTKbBFsy
कार्तिकेय भजन | भगवान कार्तिकेय की स्तुति

कार्तिकेय जी की आराधना ओम् कार्तिकेय नमो नमः,शिवसुत वल्लभ नमो नमः।शक्ति के अवतार हो,भक्तों के उद्धार हो। सिंह पर सवार हो,सारे संकट हार हो।शरण में जो आए तेरी,कृपा से भवसागर तर जाए। भजन का हिंदी अर्थ: इस भजन में भगवान कार्तिकेय (जो शिव जी के पुत्र और शक्ति के अवतार हैं) की स्तुति की गई है। “ओम् कार्तिकेय नमो नमः, शिवसुत वल्लभ नमो नमः”→ भगवान कार्तिकेय को प्रणाम! वे शिव पुत्र और माता पार्वती के प्रिय हैं। “शक्ति के अवतार हो, भक्तों के उद्धार हो”→ वे शक्ति के रूप हैं और भक्तों का उद्धार करने वाले हैं। “सिंह पर सवार हो, सारे संकट हार हो”→ वे सिंह पर विराजमान रहते हैं और उनकी कृपा से सभी संकट नष्ट हो जाते हैं। “शरण में जो आए तेरी, कृपा से भवसागर तर जाए”→ जो भी उनकी शरण में आता है, वे उसे संसार सागर से पार करा देते हैं। यह भजन भगवान कार्तिक Meaning of the Bhajan in English: This bhajan is a devotional hymn in praise of Lord Kartikeya (the son of Lord Shiva and the embodiment of power). “Om Kartikeya Namo Namah, Shivasuta Vallabha Namo Namah”→ Salutations to Lord Kartikeya! He is the son of Lord Shiva and the beloved of Goddess Parvati. “Shakti ke Avataar ho, Bhakton ke Uddhaar ho”→ He is the incarnation of divine power and the savior of his devotees. “Singh par Savaar ho, Saare Sankat Haar ho”→ He rides a lion, and his grace removes all difficulties. “Sharan mein jo aaye teri, Kripa se Bhavsagar tar jaaye”→ Whoever seeks his refuge is blessed and crosses the ocean of worldly existence. भगवान कार्तिकेय पूजन विधि और पूजन सामग्री 🔹 पूजन सामग्री (Pooja Samagri) भगवान कार्तिकेय की पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है: भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा या चित्र कलश (जल से भरा हुआ) मौली (रक्षा सूत्र) फूल (विशेष रूप से लाल फूल) धूप एवं दीपक चंदन, कुमकुम और हल्दी पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और गंगाजल का मिश्रण) नैवेद्य (मिष्ठान्न या फल) नारियल और सुपारी तुलसी या बेलपत्र (यदि उपलब्ध हो) गुड़ और तिल (भगवान कार्तिकेय को विशेष प्रिय) लड्डू या मोदक (भोग के रूप में) भस्म (विभूति) आरती की थाली 🔹 पूजा विधि (Pooja Vidhi) भगवान कार्तिकेय की पूजा करने की विधि इस प्रकार है: स्नान और संकल्प: प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान कार्तिकेय की पूजा का संकल्प लें। कलश स्थापना: पूजा स्थल पर जल से भरा कलश स्थापित करें। भगवान कार्तिकेय की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। दीप जलाकर धूप अर्पित करें। मौली (रक्षा सूत्र) को भगवान को अर्पित करें और अपने हाथ में बांध लें। भगवान को चंदन, कुमकुम, हल्दी, और फूल अर्पित करें। पंचामृत से अभिषेक करें (यदि संभव हो तो)। गुड़, तिल और लड्डू का भोग लगाएं। भगवान कार्तिकेय के मंत्रों का जाप करें, जैसे:“ॐ श्री कार्तिकेयाय नमः” या“ॐ स्कन्दाय नमः” कार्तिकेय भजन और स्तुति का पाठ करें। भगवान की आरती करें और प्रसाद वितरण करें। शांत मन से भगवान कार्तिकेय का ध्यान करें और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें। 🔹 विशेष दिवस भगवान कार्तिकेय की पूजा मंगलवार और षष्ठी तिथि (स्कंद षष्ठी) को विशेष रूप से की जाती है। 🔹 लाभ (Benefits of Worship) सभी प्रकार के संकट और बाधाओं से मुक्ति। शत्रु नाश और विजय प्राप्ति। संतान सुख और गृहस्थ जीवन में शांति। आध्यात्मिक और मानसिक बल की वृद्धि। भगवान कार्तिकेय की कृपा से जीवन में सफलता, सुख-शांति, और समृद्धि प्राप्त होती है। 🙏 https://youtu.be/dkVnDPJiUi4?si=wOlWjFE3A-jcS83x
गणेश भजन | सुखकर्ता दुखहर्ता श्री गजानन

भजन: गणेश वंदना वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया।सुख करता दुख हरता, श्री गजानन जय जय कारा॥ गणेश भजन का हिंदी अर्थ: वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।(हे वक्रतुंड, महाकाय, जो करोड़ों सूर्यों के समान तेजस्वी हैं।) निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥(हे देव! मेरे सभी कार्यों को हमेशा बिना विघ्न के पूर्ण करें।) गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया।(हे गणपति बप्पा, आपका जयकारा हो, आप मंगलकारी हैं।) सुख करता दुख हरता, श्री गजानन जय जय कारा॥(आप सुख देने वाले और दुखों को हरने वाले हैं, हे श्री गजानन, आपकी जय हो!) Meaning of Ganesh Bhajan in English: Vakratunda Mahakaya Suryakoti Samaprabha(O Lord with a curved trunk, massive body, and radiance like a million suns.) Nirvighnam Kuru Me Deva Sarvakaryeshu Sarvada(O Lord, please remove all obstacles from my endeavors, always and forever.) Ganpati Bappa Morya, Mangal Murti Morya(Hail Lord Ganpati! You are the divine embodiment of auspiciousness.) Sukh Karta Dukh Harta, Shri Gajanan Jai Jai Kara(You are the giver of happiness and the remover of sorrow, O Lord Gajanan, victory to you!) गणेश पूजा विधि और पूजन सामग्री 🌿 पूजन सामग्री (Pooja Samagri) गणेश पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री आवश्यक होती है: गणेश प्रतिमा – मिट्टी या धातु की गणपति मूर्ति कलश (जल से भरा हुआ) मौली (कलावा) पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण) सुगंधित धूप, अगरबत्ती व दीपक रोल (रोली), कुमकुम और हल्दी अक्षत (चावल के दाने) पुष्प (फूल) और माला दूर्वा घास (गणेश जी को अर्पित करने के लिए) नैवेद्य (मोदक, लड्डू, फल, मिठाई) नारियल और पान के पत्ते सुपारी और लौंग-इलायची गंगाजल व शुद्ध जल चंदन और इत्र 🪔 गणेश पूजा विधि (Pooja Vidhi) स्नान और शुद्धि – स्वयं स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें। गणपति स्थापना – गणेश प्रतिमा को चौकी पर लाल या पीले वस्त्र बिछाकर विराजमान करें। कलश स्थापना – जल से भरा कलश रखें और उस पर मौली बांधें। दीप जलाना – दीपक और अगरबत्ती जलाकर गणेश जी का ध्यान करें। आवाहन और ध्यान – गणपति का आवाहन करें और मंत्र उच्चारण करें:“ॐ गण गणपतये नमः” अभिषेक – गणेश जी को पंचामृत से स्नान कराएं और फिर शुद्ध जल से धोकर वस्त्र अर्पित करें। संध्या पूजा – तिलक लगाकर फूल, दूर्वा, अक्षत और चंदन अर्पित करें। नैवेद्य अर्पण – गणेश जी को मोदक, लड्डू और फल अर्पित करें। आरती करें – गणपति आरती गाएं और घंटी बजाएं। प्रसाद वितरण – पूजा समाप्त होने पर सभी को प्रसाद वितरित करें। 🙏 गणपति बप्पा मोरया! 🙏 https://youtu.be/kE_3b_NaOAE?si=Qpq9SNCsJTKbBFsy
ब्रह्मा भजन – सृष्टि के कर्ता ब्रह्मदेव की स्तुति

ब्रह्मा भजन (Brahma Bhajan in Hindi) ब्रह्मा जी की महिमा ब्रह्मा जी की महिमा न्यारी, सृष्टि के ये कर्ता हैं।ज्ञान का दीप जलाने वाले, वेदों के संरक्षक हैं॥ चार मुखों से ज्ञान सुनाते, वेद ऋचाएँ गाते हैं।सत्य, धर्म, करुणा के वाहक, सृष्टि के भाग्य विधाता हैं॥ कमलासन पर विराजमान, शुभ्र तेज इनका रूप।सकल जगत में पूजे जाते, कर दो मन को अनूप॥ जो भी इनका ध्यान लगाए, ज्ञान-विज्ञान को पाए।ब्रह्मलोक में स्थान मिलेगा, भवसागर तर जाए॥ ब्रह्मा भजन का अर्थ (Brahma Bhajan Meaning in Hindi) ब्रह्मा जी की महिमा न्यारी, सृष्टि के ये कर्ता हैं।→ ब्रह्मा जी की महिमा अनोखी है, वे ही इस संपूर्ण सृष्टि के रचयिता हैं। ज्ञान का दीप जलाने वाले, वेदों के संरक्षक हैं॥→ वे ज्ञान का प्रकाश फैलाने वाले हैं और वेदों के संरक्षक माने जाते हैं। चार मुखों से ज्ञान सुनाते, वेद ऋचाएँ गाते हैं।→ ब्रह्मा जी के चार मुख हैं, जिनसे वे निरंतर वेदों का ज्ञान देते रहते हैं। सत्य, धर्म, करुणा के वाहक, सृष्टि के भाग्य विधाता हैं॥→ वे सत्य, धर्म और करुणा के प्रतीक हैं और पूरे संसार के भाग्य को लिखने वाले हैं। कमलासन पर विराजमान, शुभ्र तेज इनका रूप।→ ब्रह्मा जी कमल के आसन पर विराजमान होते हैं और उनका रूप अत्यंत तेजस्वी और पवित्र होता है। सकल जगत में पूजे जाते, कर दो मन को अनूप॥→ वे संपूर्ण जगत में पूजे जाते हैं, उनके ध्यान से मन शुद्ध और पवित्र हो जाता है। जो भी इनका ध्यान लगाए, ज्ञान-विज्ञान को पाए।→ जो भी ब्रह्मा जी का ध्यान करता है, उसे ज्ञान और विज्ञान की प्राप्ति होती है। ब्रह्मलोक में स्थान मिलेगा, भवसागर तर जाए॥→ उनकी भक्ति से व्यक्ति ब्रह्मलोक (ब्रह्मा जी के धाम) में स्थान पाता है और जीवन-मरण के चक्र से मुक्त हो जाता है। Meaning of Brahma Bhajan in English “Brahma Ji Ki Mahima Nyari, Srishti Ke Ye Karta Hain.”→ The glory of Lord Brahma is unique; he is the creator of the entire universe. “Gyaan Ka Deep Jalane Wale, Vedo Ke Sanrakshak Hain.”→ He is the one who spreads the light of knowledge and is the protector of the Vedas. “Chaar Mukho Se Gyaan Sunate, Ved Richaayein Gaate Hain.”→ With his four faces, he constantly imparts knowledge and recites the hymns of the Vedas. “Satya, Dharm, Karuna Ke Vaahak, Srishti Ke Bhagya Vidhata Hain.”→ He is the bearer of truth, righteousness, and compassion and is the architect of destiny. “Kamalasan Par Virajmaan, Shubhra Tej Inka Roop.”→ Seated on a lotus, his divine form radiates a bright and pure aura. “Sakal Jagat Mein Pooje Jaate, Kar Do Man Ko Anoop.”→ He is worshipped across the entire universe, and his devotion purifies the mind. “Jo Bhi Inka Dhyan Lagaye, Gyaan-Vigyaan Ko Paaye.”→ Whoever meditates upon him attains both knowledge and wisdom. “Brahmalok Mein Sthaan Milega, Bhavsagar Tar Jaye.”→ Through his devotion, one attains a place in Brahmalok (Lord Brahma’s divine abode) and crosses the ocean of worldly existence. ब्रह्मा जी की पूजा विधि और पूजा सामग्री 1. पूजा विधि (Brahma Ji Pooja Vidhi): ब्रह्मा जी की पूजा विशेष रूप से ज्ञान, विद्या और सृष्टि के कल्याण के लिए की जाती है। स्नान और शुद्धिकरण: प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को गंगाजल या स्वच्छ जल से शुद्ध करें। ब्रह्मा जी की मूर्ति या चित्र की स्थापना: ब्रह्मा जी का चित्र या मूर्ति एक स्वच्छ स्थान पर स्थापित करें। उनका आसन कमल के फूल या पीले वस्त्र पर रखें। दीप प्रज्वलन और धूप अर्पण: घी या तेल का दीपक जलाएं। धूप, अगरबत्ती जलाकर वातावरण को पवित्र करें। पंचामृत से अभिषेक: पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी और शक्कर) से भगवान ब्रह्मा जी का अभिषेक करें। इसके बाद स्वच्छ जल से स्नान कराएं। संध्या और मंत्र जाप: ब्रह्मा जी के लिए “ॐ ब्रह्मणे नमः” मंत्र का जाप करें। गायत्री मंत्र (“ॐ भूर्भुवः स्वः…”) का जाप करें, क्योंकि यह ब्रह्मा जी का प्रिय मंत्र है। फूल, अक्षत और चंदन अर्पण: ब्रह्मा जी को सफेद और पीले फूल अर्पित करें। चंदन, रोली और अक्षत (चावल) का तिलक करें। नैवेद्य अर्पण: भगवान को फल, गुड़, दूध से बनी मिठाई या खीर का भोग लगाएं। आरती और भजन: “ब्रह्मा जी की आरती” गाएं। “ॐ जय जगदीश हरे” जैसी सामान्य आरती भी की जा सकती है। प्रसाद वितरण: पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद सभी भक्तों में बांटें। अंत में ब्राह्मणों को भोजन और दक्षिणा देकर आशीर्वाद लें। 2. पूजा सामग्री (Brahma Ji Pooja Samagri): मूर्ति या चित्र – ब्रह्मा जी का चित्र या मूर्ति गंगाजल – स्थान और मूर्ति शुद्ध करने के लिए दीपक – घी या तेल का दीपक अगरबत्ती और धूप – वातावरण को शुद्ध करने के लिए पंचामृत – दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर चंदन – तिलक के लिए रोली और अक्षत (चावल) – पूजा में शुभता के लिए फूल और माला – ब्रह्मा जी को अर्पित करने के लिए कमल का फूल – ब्रह्मा जी का प्रिय पुष्प नैवेद्य – फल, मिठाई, खीर या दूध से बने पकवान घंटी और शंख – पूजा के दौरान ध्वनि उत्पन्न करने के लिए पूजा थाली – सभी सामग्री रखने के लिए कुशा आसन – पूजा करते समय बैठने के लिए गायत्री मंत्र की पुस्तक – मंत्र पाठ के लिए दक्षिणा – ब्राह्मण को दान देने के लिए ब्रह्मा जी की पूजा का महत्व: यह पूजा ज्ञान, विद्या और सृजनात्मक शक्ति को बढ़ाने में सहायक होती है। विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं के लिए विशेष लाभकारी मानी जाती है। यह पूजा बौद्धिक क्षमता को बढ़ाती है और जीवन में सफलता दिलाती है। https://youtu.be/0cS-m017eHM?si=DF6GicZJj0DiHTrr
शिव भजन | भोलेनाथ की भक्ति गीत हिंदी में

भगवान शिव भजन (Shiva Bhajan in Hindi) भोलेनाथ शिव शंकर दयालु,हर हर महादेव त्रिपुरारी।गंगा जटा में विराजे,नंदी पर सवार तुम न्यारे॥ डमरू की ध्वनि जब बजे,सब संकट मिट जाए।शिव नाम का जो सुमिरन करे,कभी ना दुख पाये॥ हे कैलाशपति, करुणा के सागर,तुम बिन कौन सहारा।जो तेरी शरण में आ जाए,उसे मिले तेरा सहारा॥ भगवान शिव भजन का अर्थ भोलेनाथ शिव शंकर दयालु,हर हर महादेव त्रिपुरारी।➡ हे भोलेनाथ, आप शिव शंकर और करुणा के सागर हैं। आप महादेव और त्रिपुरारी (असुर त्रिपुरासुर का नाश करने वाले) हैं। गंगा जटा में विराजे,नंदी पर सवार तुम न्यारे॥➡ आपकी जटा में पवित्र गंगा विराजमान हैं, और आप अपने प्रिय वाहन नंदी पर सवार हैं। डमरू की ध्वनि जब बजे,सब संकट मिट जाए।➡ जब आपका डमरू बजता है, तब सारे संकट दूर हो जाते हैं और संसार में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है। शिव नाम का जो सुमिरन करे,कभी ना दुख पाये॥➡ जो व्यक्ति सच्चे मन से शिव का नाम जपता है, उसे जीवन में कभी दुख का सामना नहीं करना पड़ता। हे कैलाशपति, करुणा के सागर,तुम बिन कौन सहारा।➡ हे कैलाश पर्वत के स्वामी, आप दया और करुणा के सागर हैं। इस संसार में आपके अलावा कोई और सच्चा सहारा नहीं है। जो तेरी शरण में आ जाए,उसे मिले तेरा सहारा॥➡ जो कोई आपकी शरण में आता है, उसे आपका आशीर्वाद और सहारा मिलता है। आप अपने भक्तों की हर विपदा हरने वाले हैं। इस भजन में भगवान शिव की महिमा का वर्णन किया गया है। वे करुणा के सागर, संकट हरने वाले और भक्तों को दुखों से मुक्त करने वाले हैं। शिव की भक्ति से जीवन में सुख, शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। 🚩 Meaning of Shiva Bhajan in English “Bholenath Shiva Shankar Dayalu,Har Har Mahadev Tripurari.”**➡ O Bholenath! You are Shiva Shankar, the compassionate one. You are Mahadev, the destroyer of the demon Tripurasura. “Ganga Jata Mein Viraje,Nandi Par Sawar Tum Nyare.”**➡ The sacred river Ganga flows from Your matted locks, and You ride on Your divine vehicle, Nandi (the bull). “Damaru Ki Dhwani Jab Baje,Sab Sankat Mit Jaye.”**➡ When the sound of Your damaru (drum) resonates, all troubles and obstacles disappear. “Shiva Naam Ka Jo Sumiran Kare,Kabhi Na Dukh Paae.”**➡ Whoever chants Lord Shiva’s name with devotion will never face sorrow in life. “Hey Kailashpati, Karuna Ke Sagar,Tum Bin Kaun Sahara.”**➡ O Lord of Mount Kailash! You are an ocean of compassion. There is no other true refuge in this world except You. “Jo Teri Sharan Mein Aa Jaye,Use Mile Tera Sahara.”**➡ Whoever surrenders at Your feet receives Your divine support and blessings. You are the savior of all Your devotees. भगवान शिव पूजा विधि एवं सामग्री (Shiva Pooja Vidhi & Samagri in Hindi) भगवान शिव की पूजा विधि (Pooja Vidhi) स्नान एवं शुद्धिकरण: सबसे पहले स्वयं स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को गंगाजल या शुद्ध जल से शुद्ध करें। शिवलिंग या भगवान शिव की मूर्ति स्थापित करें: एक स्वच्छ चौकी पर शिवलिंग या भगवान शिव की मूर्ति रखें। शिवलिंग का जल या पंचामृत से अभिषेक करें। पंचामृत अभिषेक करें: पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर) से भगवान शिव का अभिषेक करें। इसके बाद शुद्ध जल या गंगाजल से स्नान कराएं। बिल्व पत्र और पुष्प अर्पण करें: भगवान शिव को बिल्व पत्र (बेल पत्र) विशेष रूप से चढ़ाएं। सफेद और नीले फूल भगवान शिव को प्रिय होते हैं, इन्हें अर्पित करें। चंदन और भस्म का प्रयोग करें: शिवलिंग पर चंदन लगाएं और भस्म (विभूति) अर्पित करें। धूप, दीप और अगरबत्ती जलाएं: भगवान शिव को धूप, दीप और अगरबत्ती अर्पित करें। शिव मंत्र का जाप करें: “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें। शिव चालीसा, रुद्राष्टकम, या महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करें। भोग अर्पित करें: भगवान शिव को शुद्ध घी, फल, मिठाई, और विशेष रूप से भांग, धतूरा और गन्ने का रस अर्पित करें। आरती करें: “ॐ जय शिव ओंकारा” भजन गाकर भगवान शिव की आरती करें। घंटी बजाएं और शिवलिंग के चारों ओर दीपक घुमाएं। प्रणाम एवं प्रार्थना करें: भगवान शिव से आशीर्वाद मांगें और अपने जीवन के कष्टों को दूर करने की प्रार्थना करें। भगवान शिव पूजा सामग्री (Pooja Samagri) गंगाजल – शुद्धिकरण और अभिषेक के लिए शुद्ध जल – अभिषेक के लिए पंचामृत – (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) बिल्व पत्र (बेल पत्र) – भगवान शिव को प्रिय धूप, दीप और अगरबत्ती चंदन और भस्म (विभूति) सफेद और नीले फूल फल और मिठाई – भोग के लिए भांग, धतूरा और गन्ने का रस शिवलिंग या भगवान शिव की मूर्ति घंटी और शंख – आरती के लिए शुद्ध घी और रुई की बाती – दीपक जलाने के लिए मंत्र पुस्तक (शिव चालीसा, रुद्राष्टकम, महामृत्युंजय मंत्र) भगवान शिव की पूजा सच्चे मन और श्रद्धा से करने से जीवन में शांति, सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। https://youtu.be/zKC17254flc?si=YGyaijzRs8Mr_zxj
श्री विष्णु भजन | भगवान विष्णु की भक्ति गीत हिंदी में

भगवान विष्णु भजन (Vishnu Bhajan in Hindi) श्री हरि विष्णु तुम हो पालनहारेतुम बिन कौन जगत संवारे?शंख चक्र गदा धारी,तुम हो दयालु, तुम हो उबारी। हे लक्ष्मीपति, नारायण दयालु,तेरी महिमा है अपरंपार।हरि नाम जपें जो भी प्राणी,कटे सभी दुख भारी भार। हरे कृष्ण, हरे राम,तेरा सुमिरन करे सारा धाम।शरण में तेरी जो आ जाए,सुख-शांति का वर वो पाए। भगवान विष्णु भजन का अर्थ श्री हरि विष्णु तुम हो पालनहारे,तुम बिन कौन जगत संवारे?➡ हे भगवान विष्णु! आप ही संसार के पालनहार हैं। आपके बिना इस संसार को संभालने वाला कोई नहीं है। शंख चक्र गदा धारी,तुम हो दयालु, तुम हो उबारी।➡ आप शंख, चक्र और गदा धारण करने वाले हैं। आप दयालु हैं और भक्तों का उद्धार करने वाले हैं। हे लक्ष्मीपति, नारायण दयालु,तेरी महिमा है अपरंपार।➡ हे लक्ष्मीपति नारायण! आपकी कृपा और महिमा अनंत है। आपकी दया से ही यह सृष्टि चल रही है। हरि नाम जपें जो भी प्राणी,कटे सभी दुख भारी भार।➡ जो भी प्राणी भगवान हरि (विष्णु) का नाम जपता है, उसके सभी कष्ट और दुख समाप्त हो जाते हैं। हरे कृष्ण, हरे राम,तेरा सुमिरन करे सारा धाम।➡ संपूर्ण धाम (तीर्थ स्थल और भक्तगण) आपके नाम का स्मरण करते हैं, क्योंकि आप ही सबसे बड़े उद्धारकर्ता हैं। शरण में तेरी जो आ जाए,सुख-शांति का वर वो पाए।➡ जो भी आपकी शरण में आ जाता है, वह सुख और शांति प्राप्त करता है। इस भजन में भगवान विष्णु की महिमा का वर्णन किया गया है। वे इस संसार के पालनहार हैं, और उनकी शरण में जाने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। Meaning of the Vishnu Bhajan in English “Shri Hari Vishnu Tum Ho Palanhare,Tum Bin Kaun Jagat Sanvare?”**➡ O Lord Vishnu! You are the protector of the world. Without You, who else can sustain this universe? “Shankh Chakra Gada Dhari,Tum Ho Dayalu, Tum Ho Ubaari.”**➡ You hold the conch, discus, and mace. You are merciful and the savior of Your devotees. “Hey Lakshmipati, Narayan Dayalu,Teri Mahima Hai Aparampaar.”**➡ O consort of Goddess Lakshmi, merciful Narayan! Your greatness is boundless and beyond measure. “Hari Naam Jape Jo Bhi Praani,Kate Sabhi Dukh Bhaari Bhaari.”**➡ Whoever chants the holy name of Lord Hari (Vishnu), all their heavy burdens of sorrow are lifted. “Hare Krishna, Hare Ram,Tera Sumiran Kare Saara Dhaam.”**➡ All holy places and devotees remember and chant Your name, for You are the ultimate savior. “Sharan Mein Teri Jo Aa Jaye,Sukh-Shanti Ka Var Woh Paaye.”**➡ Whoever surrenders at Your feet receives the blessing of peace and happiness. This bhajan glorifies Lord Vishnu as the supreme protector and savior. It emphasizes that chanting His name brings relief from suffering and ensures peace and prosperity. भगवान विष्णु पूजा विधि एवं सामग्री (Vishnu Pooja Vidhi & Samagri in Hindi) भगवान विष्णु पूजा विधि (Pooja Vidhi) स्नान एवं शुद्धिकरण: पूजा करने से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को साफ करें और गंगाजल से शुद्ध करें। भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें: एक स्वच्छ चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। मूर्ति को जल, पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराएं। दीप प्रज्वलित करें: घी या तेल का दीपक जलाएं और अगरबत्ती या धूप अर्पित करें। भगवान को पुष्प अर्पित करें: विष्णु भगवान को तुलसी दल और पीले फूल चढ़ाएं। पीला रंग भगवान विष्णु को प्रिय होता है। चंदन और अक्षत चढ़ाएं: चंदन का तिलक करें और अक्षत (चावल) अर्पित करें। भोग अर्पित करें: भगवान को फल, मिठाई, पंचामृत और विशेष रूप से पीले रंग का प्रसाद (जैसे केसर युक्त खीर) अर्पित करें। विष्णु सहस्रनाम या मंत्र जाप करें: “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें। विष्णु सहस्रनाम या श्री हरि स्तोत्र का पाठ करें। आरती करें: भगवान विष्णु की आरती करें और घी का दीपक चारों ओर घुमाएं। आरती के बाद सभी भक्तों में प्रसाद वितरित करें। प्रणाम एवं प्रार्थना: भगवान विष्णु से सुख-समृद्धि और शांति की प्रार्थना करें। भगवान विष्णु पूजा सामग्री (Pooja Samagri) गंगाजल – शुद्धिकरण के लिए दीपक (घी या तेल का दीप) अगरबत्ती और धूप फूल (विशेषकर पीले फूल) तुलसी पत्ते – भगवान विष्णु को अति प्रिय चंदन और रोली – तिलक के लिए अक्षत (साबुत चावल) फल और मिठाई – भोग के लिए पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण) भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र पंचगव्य (दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर मिश्रण – यदि विशेष पूजा हो) शंख – जल अभिषेक के लिए भोग में पीले रंग का व्यंजन (जैसे खीर, बेसन लड्डू आदि) आरती थाली और घंटी भक्तों के लिए प्रसाद (मिठाई, फल, पंचामृत आदि) भगवान विष्णु की पूजा श्रद्धा और प्रेम से करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है। https://youtu.be/zKC17254flc?si=YGyaijzRs8Mr_zxj
प्रभु जी तुम चंदन हम पानी | भावपूर्ण भजन

प्रभु जी तुम चंदन हम पानी – भक्ति भजन प्रभु जी तुम चंदन हम पानीजैसे चंदन घिसे पानी मेंतैसे ही हम घिस जाएं तेरी भक्ति में प्रभु जी तुम घन बन बरसोहम हैं धरती प्यासीतेरी कृपा बरसे जीवन मेंहो जाए आनंद रासी प्रभु जी तुम दीपक हम बातीजले निरंतर ज्योतितेरे प्रेम में रंगे जीवनबन जाए अमृत ज्योति प्रभु जी तुम सागर गहरेहम हैं नदिया छोटीमिल जाए तुझमें जब जीवनहो जाए यात्रा पूरी 🙏 हरि ओम तत्सत 🙏 यह भजन ईश्वर की भक्ति और समर्पण को दर्शाता है, जिसमें इंसान खुद को प्रभु के प्रेम में विलीन करने की कामना करता है। यदि आपको मूल पारंपरिक भजन चाहिए, तो बताएं, मैं उसका सही संस्करण ढूंढकर दे सकता हूँ। 😊 “प्रभु जी तुम चंदन हम पानी” का अर्थ हिंदी में “प्रभु जी तुम चंदन हम पानी” एक भक्ति भजन की पंक्ति है, जिसका गहरा आध्यात्मिक अर्थ है। 🔹 चंदन (संदल) की खुशबू तभी फैलती है जब उसे पानी या किसी और चीज़ से घिसा जाता है। इसी तरह, भक्त कहता है कि हे प्रभु! आप चंदन की तरह पवित्र, सुगंधित और शीतल हैं, और मैं केवल पानी के समान हूँ, जो आपके स्पर्श से पावन हो जाता है। 🔹 इसका अर्थ यह भी है कि ईश्वर दिव्यता और शुद्धता का प्रतीक हैं, जबकि इंसान सामान्य और साधारण है। जब इंसान खुद को प्रभु की भक्ति में समर्पित कर देता है, तो वह भी पवित्र और सुंदर बन जाता है। 🔹 यह भजन प्रेम, समर्पण और प्रभु के प्रति संपूर्ण आत्मनिवेदन (पूर्ण समर्पण) को दर्शाता है। भक्त यह मानता है कि उसकी कोई अलग सत्ता नहीं है, वह सिर्फ ईश्वर की कृपा और भक्ति के सहारे ही धन्य होता है। 💙 अर्थात, जब भक्त अपने अहंकार को मिटाकर खुद को ईश्वर के प्रेम में समर्पित करता है, तभी उसका जीवन सार्थक होता है। 💙 🙏 हरि ओम 🙏 Prabhu Ji Tum Chandan Hum Pani – Meaning in English “Prabhu Ji Tum Chandan Hum Pani” is a devotional bhajan line with a deep spiritual meaning. 🔹 Sandalwood (Chandan) spreads its fragrance only when rubbed with water or another surface. Similarly, the devotee says, “O Lord! You are like the sacred, fragrant, and soothing sandalwood, and I am merely water, which becomes purified and fragrant only through your touch.” 🔹 This also signifies that God is the embodiment of divinity and purity, while humans are ordinary beings. When a person surrenders completely to God’s devotion, they too become pure and blessed. 🔹 The bhajan expresses love, devotion, and total surrender to the Lord. The devotee acknowledges that he has no separate existence and is only sanctified by the grace and devotion of God. 💙 In essence, when a person lets go of their ego and immerses themselves in divine love, their life becomes meaningful and blissful. 💙 🙏 Hari Om 🙏 🙏 प्रभु जी तुम चंदन हम पानी – पूजन विधि और पूजन सामग्री 🙏 यदि आप “प्रभु जी तुम चंदन हम पानी” भजन के साथ पूजा करना चाहते हैं, तो इसे एक सरल और प्रभावी पूजा विधि के अनुसार कर सकते हैं। 📜 पूजन सामग्री (Puja Samagri): चंदन (संदल पेस्ट या चूर्ण) – भगवान को अर्पित करने के लिए गंगाजल – शुद्धिकरण के लिए दीपक – घी या तेल का रुई की बाती अगरबत्ती/धूपबत्ती फूल (विशेषकर तुलसी और बेलपत्र, यदि उपलब्ध हो) फल और मिठाई (प्रसाद के रूप में) पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल का मिश्रण) रोली और अक्षत (चावल) कपूर – आरती के लिए भजन या मंत्र की पुस्तक (यदि आवश्यक हो) भगवान की मूर्ति या चित्र (श्रीकृष्ण, राम, शिव या किसी अन्य आराध्य देवता का चित्र) 🕉 पूजन विधि (Puja Vidhi): 1️⃣ संकल्प (Sankalp) सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और पूजन स्थल को साफ करें। फिर हाथ में जल लेकर संकल्प लें:“हे प्रभु! मैं आपके चरणों में भक्ति भाव से यह पूजा अर्पित कर रहा/रही हूँ। कृपया मेरी प्रार्थना स्वीकार करें।” 2️⃣ दीप प्रज्वलन और गणेश वंदना दीपक जलाएं और गणपति जी का स्मरण करें। “ॐ गण गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें। 3️⃣ भगवान का आह्वान (Invocation) भगवान की मूर्ति या चित्र के सामने बैठकर “प्रभु जी तुम चंदन हम पानी” भजन गाएं और उनका ध्यान करें। 4️⃣ अभिषेक (Purification Ritual) भगवान की मूर्ति पर पंचामृत या गंगाजल छिड़कें। 5️⃣ चंदन तिलक और पुष्प अर्पण भगवान को चंदन अर्पित करें (इसका विशेष महत्व है)। फूल, अक्षत और बेलपत्र अर्पित करें। 6️⃣ भजन और मंत्र जाप “प्रभु जी तुम चंदन हम पानी” भजन गाएं या सुनें। “ॐ नमः शिवाय” या “ॐ श्रीकृष्णाय नमः” का 108 बार जाप करें। 7️⃣ प्रसाद और आरती भगवान को प्रसाद अर्पित करें (फल, मिठाई, पंचामृत)। कपूर जलाकर आरती करें और परिवार के साथ मिलकर “ॐ जय जगदीश हरे” आरती गाएं। 8️⃣ प्रार्थना और समर्पण भगवान से आशीर्वाद मांगें और अपनी सभी इच्छाएं उनके चरणों में अर्पित करें। अंत में सभी को प्रसाद वितरित करें। 🌺 विशेष सुझाव (Important Tips): ✔ पूजा में शुद्धता और श्रद्धा बनाए रखें।✔ पूजा के दौरान भजन गाना शुभ माना जाता है।✔ अगर संभव हो, तो तुलसी के पत्ते जरूर चढ़ाएं, विशेष रूप से श्रीकृष्ण और विष्णु पूजा में।✔ शांति और प्रेम के साथ पूजा करें, तभी उसका पूर्ण लाभ मिलेगा। 🔱 “हरि ओम तत्सत” 🔱 आप इस पूजा विधि को घर, मंदिर, या किसी भी शुभ अवसर पर कर सकते हैं। यदि आपको कोई विशेष पूजा विधि चाहिए, तो बता सकते हैं! 😊🙏 https://youtu.be/K890Du2OmAg?si=WHPZDtI7K9OGESda
Tumhi Ho Mata Pita Tumhi Ho Lyrics | भक्ति गीत का जादू!

भजन: तुम ही हो माता, पिता तुम ही हो तुम ही हो माता, पिता तुम ही होतुम ही हो बंधु, सखा तुम ही होतुम ही हो साथी, तुम ही सहारेकोई ना अपना सिवा तुमहरे तुम ही हो नैया, तुम ही खेवैयातुम ही जगत के दातातेरा दिया सब कुछ है पायातेरा ही नाम है साचा तुम ही हो माता, पिता तुम ही होतुम ही हो बंधु, सखा तुम ही हो तुम ही हो राम, तुम ही हो कृष्णातुम ही हो शिवशंकरतुम ही हो भगवन, तुम ही हो ईश्वरतुम ही हो सुख के सागर तुम ही हो माता, पिता तुम ही होतुम ही हो बंधु, सखा तुम ही हो यह भजन भक्तों के मन को शांति और सुकून देने वाला है। 🙏✨ भजन “तुम ही हो माता, पिता तुम ही हो” का अर्थ तुम ही हो माता, पिता तुम ही हो👉 (हे भगवान! आप ही हमारी माँ और पिता हैं।) तुम ही हो बंधु, सखा तुम ही हो👉 (आप ही हमारे भाई और सच्चे मित्र हैं।) तुम ही हो साथी, तुम ही सहारे👉 (इस जीवन में हमारे सच्चे साथी और सहारा सिर्फ आप ही हैं।) कोई ना अपना सिवा तुमहरे👉 (आपके अलावा इस संसार में हमारा कोई सच्चा अपना नहीं है।) तुम ही हो नैया, तुम ही खेवैया👉 (जीवन रूपी नैया के नाविक भी आप ही हैं और नैया भी आप ही हैं।) तुम ही जगत के दाता👉 (आप ही इस पूरे संसार के दाता और पालनहार हैं।) तेरा दिया सब कुछ है पाया👉 (हमें जो कुछ भी मिला है, वह सब आपके आशीर्वाद से ही मिला है।) तेरा ही नाम है साचा👉 (इस दुनिया में केवल आपका नाम ही सच्चा और अमर है।) तुम ही हो राम, तुम ही हो कृष्णा👉 (आप ही राम हैं, आप ही कृष्ण हैं, आप ही सब रूपों में विद्यमान हैं।) तुम ही हो शिवशंकर👉 (आप ही भगवान शिव का रूप हैं, जो जगत के संहारक और पालक हैं।) तुम ही हो भगवान, तुम ही हो ईश्वर👉 (आप ही साक्षात भगवान और ईश्वर हैं, जिनके बिना कुछ भी संभव नहीं है।) तुम ही हो सुख के सागर👉 (आप ही सच्चे सुख और आनंद के सागर हैं, जिनमें डूबकर हमें शांति मिलती है।) Bhajan “Tum Hi Ho Mata, Pita Tum Hi Ho” in English Tum Hi Ho Mata, Pita Tum Hi Ho👉 (O Lord! You are our Mother and Father.) Tum Hi Ho Bandhu, Sakha Tum Hi Ho👉 (You are our Brother and our true Friend.) Tum Hi Ho Saathi, Tum Hi Sahaare👉 (You are our true companion and support in life.) Koi Na Apna Siwa Tumhare👉 (Other than You, we have no one truly our own in this world.) Tum Hi Ho Naiya, Tum Hi Khevaiya👉 (You are both the boat and the boatman of this life’s journey.) Tum Hi Jagat Ke Daata👉 (You are the giver and sustainer of this entire universe.) Tera Diya Sab Kuch Hai Paaya👉 (Whatever we have received in life, it is all Your blessing.) Tera Hi Naam Hai Saacha👉 (Only Your name is true and eternal in this world.) Tum Hi Ho Ram, Tum Hi Ho Krishna👉 (You are Lord Ram, You are Lord Krishna, present in all divine forms.) Tum Hi Ho Shiv Shankar👉 (You are Lord Shiva, the creator and destroyer of the universe.) Tum Hi Ho Bhagwan, Tum Hi Ho Ishwar👉 (You are the Supreme Lord, the Divine God who governs all.) Tum Hi Ho Sukh Ke Sagar👉 (You are the ocean of true happiness and bliss.) “तुम ही हो माता, पिता तुम ही हो” भजन के साथ पूजा विधि और पूजा सामग्री 📌 पूजा सामग्री (Puja Samagri) – आवश्यक वस्तुएं: मूर्ति या चित्र – भगवान विष्णु, कृष्ण, राम या शिव का चित्र या मूर्ति दीपक (घी या तेल का दीपक) – रौशनी के लिए अगरबत्ती / धूप – सुगंधित वातावरण के लिए फूल (माला या पुष्प) – भगवान को अर्पित करने के लिए चंदन, रोली और अक्षत (चावल के दाने) – तिलक के लिए धूप और कपूर – आरती के लिए नैवेद्य (प्रसाद) – फल, मिठाई, पंचामृत या कोई भी शुद्ध भोजन गंगाजल – शुद्धिकरण के लिए घंटी (घंटा) – पूजा के दौरान ध्वनि के लिए पान, सुपारी, लौंग, इलायची – पूजन में उपयोग के लिए भगवद गीता / रामायण / शिव चालीसा / विष्णु सहस्रनाम – पाठ के लिए 🛕 पूजा विधि (Puja Vidhi) – पूजन करने की सही विधि: 1️⃣ संकल्प और शुद्धिकरण: सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को साफ करें और वहाँ एक चौकी या आसन रखें। भगवान की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें। हाथ में जल लेकर संकल्प लें कि आप यह पूजा श्रद्धा से करेंगे। 2️⃣ दीप जलाना और भजन प्रारंभ करना: दीपक प्रज्वलित करें और अगरबत्ती जलाएं। भजन “तुम ही हो माता, पिता तुम ही हो” का गान करें। भगवान का ध्यान करते हुए शांति और भक्ति भाव से भजन गाएं। 3️⃣ पंचोपचार पूजा (भगवान को अर्पण करें): चंदन, रोली और अक्षत से तिलक करें। फूल अर्पित करें। धूप और कपूर जलाकर आरती करें। नैवेद्य (प्रसाद) अर्पित करें। 4️⃣ मंत्र जाप और ध्यान: भगवद गीता, रामायण, या विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। कुछ समय तक भगवान का ध्यान करें और मन में प्रार्थना करें। 5️⃣ प्रार्थना और समर्पण: भगवान से आशीर्वाद मांगे। “तुम ही हो माता, पिता तुम ही हो” भजन दोबारा गाकर समर्पित करें। प्रसाद वितरित करें और भक्तों को प्रसन्नता से दें। 🌟 विशेष सुझाव: ✅ इस भजन के साथ यदि आप विष्णु सहस्रनाम या शिव चालीसा का पाठ करेंगे तो यह और अधिक शुभ होगा।✅ पूजा के दौरान मन को शुद्ध और शांत रखें।✅ अंत में भगवान का आभार व्यक्त करें और उनकी कृपा की प्रार्थना करें। 🔱 “भगवान आपकी पूजा स्वीकार करें और आपको सुख-समृद्धि प्रदान करें!” 🙏✨ https://youtu.be/0DHnHA_extA?si=tN85M9s3JNOKHgCt
मंगल भवन अमंगल हारी – श्री राम का दिव्य भजन सुनें और कृपा प्राप्त करें!

भजन: मंगल भवन अमंगल हारी 🌺 श्रीरामचरितमानस दोहा 🌺 🔹 मंगल भवन अमंगल हारी🔹 द्रवउ सो दसरथ अजिर बिहारी 🌿 चौपाई 🌿 बंदउँ रामलखन बैदेही।सुर-सिद्ध सुर चरन गंहेही॥ मंगल मूल अमंगल हारी।द्रवउ सो दशरथ अजिर बिहारी॥ सिया राममय सब जग जानी।करउ प्रणाम जोरि जुग पानी॥ राम सिया राम सिया राम जय जय राम। 📿 इस भजन को गाने से श्रीराम की कृपा प्राप्त होती है और सभी कष्टों का निवारण होता है। 🙏 जय श्री राम! 🙏 “मंगल भवन अमंगल हारी” का हिंदी अर्थ 🔹 मंगल भवन अमंगल हारी – यह पंक्ति भगवान श्रीराम की महिमा का गुणगान करती है। इसमें कहा गया है कि श्रीराम ऐसे हैं जो मंगल (शुभता) के स्रोत हैं और अमंगल (अशुभता) को हरने वाले हैं। 🔹 द्रवउ सो दशरथ अजिर बिहारी – इसका अर्थ है कि जो दशरथ जी के आंगन (राजमहल) में विहार करने वाले हैं, वे श्रीराम कृपा करके हम पर दया करें। चौपाई का अर्थ: बंदउँ रामलखन बैदेही – मैं भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और माता सीता की वंदना (प्रणाम) करता हूँ। सुर-सिद्ध सुर चरन गंहेही – देवता और सिद्धजन भी उनके चरणों को पकड़कर उनकी कृपा प्राप्त करते हैं। मंगल मूल अमंगल हारी – वे सभी शुभताओं के मूल हैं और अशुभता को हरने वाले हैं। सिया राममय सब जग जानी – संपूर्ण जगत श्रीराम और माता सीता के प्रेम से ओतप्रोत है। करउ प्रणाम जोरि जुग पानी – मैं अपने दोनों हाथ जोड़कर उन्हें प्रणाम करता हूँ। 💫 इस भजन का भावार्थ यह है कि श्रीराम के चरणों में श्रद्धा रखने से सभी दुःख-दर्द दूर हो जाते हैं और जीवन में शुभता आती है। 🙏 जय श्री राम! 🙏 Bhajan “Mangal Bhavan Amangal Haari” in English 🔹 “Mangal Bhavan Amangal Haari” – This phrase glorifies Lord Shri Ram, meaning “He is the abode of all auspiciousness and the remover of inauspiciousness.” 🔹 “Dravau So Dashrath Ajir Bihari” – It means “May He, who resides in King Dashrath’s courtyard, bless us with His grace.” Meaning of Chaupai (Verse): “Bandau Ram Lakhan Baidehi” – I bow to Lord Shri Ram, Lakshman, and Goddess Sita. “Sur-Siddh Sur Charan Ganhehi” – Even the gods and enlightened beings hold His feet in reverence. “Mangal Mool Amangal Haari” – He is the root of all auspiciousness and the remover of all inauspiciousness. “Siya Ramamay Sab Jag Jani” – The entire universe is immersed in the divine presence of Shri Ram and Sita. “Karu Pranam Jori Jug Pani” – With folded hands, I offer my salutations to them. 🙏 Jai Shri Ram! 🙏 🌺 मंगल भवन अमंगल हारी – पूजा विधि और सामग्री 🌺 📿 पूजा सामग्री (Puja Samagri): श्रीराम प्रतिमा या चित्र पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और गंगाजल) फूल (विशेषकर कमल और तुलसी पत्ते) अगरबत्ती और धूप दीपक और घी/तेल रोली, चंदन और कुमकुम अक्षत (साबुत चावल) मिठाई और फल पंचमेवा (काजू, बादाम, किशमिश, छुहारा, और पिस्ता) पुष्पमाला (गेंदा या गुलाब के फूलों की माला) धूप-दीप स्टैंड और घंटी रामचरितमानस या सुंदरकांड की पुस्तक जल से भरा कलश और आम के पत्ते 🕉️ पूजा विधि (Puja Vidhi): 🌿 1. स्नान और शुद्धि: प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें। 🌸 2. श्रीराम का आह्वान: राम प्रतिमा या चित्र को एक स्वच्छ स्थान पर स्थापित करें। दीप प्रज्वलित करें और धूप जलाएं। 📖 3. मंत्र जाप और आरती: “ॐ श्रीरामाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। “मंगल भवन अमंगल हारी” भजन का पाठ करें। सुंदरकांड या रामचरितमानस का पाठ करें (यदि संभव हो)। श्रीराम की आरती करें (जय राम जी की आरती)। 🙏 4. प्रसाद अर्पण और प्रार्थना: भगवान श्रीराम को फल, मिठाई और पंचामृत अर्पित करें। हाथ जोड़कर श्रीराम से कृपा और सुख-शांति की प्रार्थना करें। 🎊 5. तुलसी दल अर्पण: श्रीराम को तुलसी पत्र अर्पित करना अति शुभ माना जाता है। 🔥 6. हवन (यदि संभव हो): हवन कुंड में गाय के घी से आहुति दें और “श्रीराम जय राम जय जय राम” का जाप करें। 🌟 7. प्रसाद वितरण और समापन: परिवारजनों में प्रसाद वितरित करें। अंत में श्रीराम का स्मरण करते हुए “जय श्रीराम” का जयकारा लगाएं। 🌿 💖 इस विधि से पूजा करने पर श्रीराम की कृपा प्राप्त होती है और जीवन से अमंगल दूर होते हैं। 🔱 🚩 जय श्री राम 🚩 🔱 https://youtu.be/9cBqVkPhIH4?si=g1nwNpldyRV84qsY