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भज गोविंदम भजन | अद्भुत भजन जो आपकी आत्मा को शुद्ध करेगा!

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भजन: भज गोविंदम भजन भज गोविंदम स्तोत्रम् (संस्कृत में) भज गोविन्दं भज गोविन्दंगोविन्दं भज मूढ़मते।संप्राप्ते सन्निहिते कालेनहि नहि रक्षति डुकृञ्करणे॥ १॥ मूढ़ जहिihi धनागमतृष्णांकुरु सद्बुद्धिं मनसि वितृष्णाम्।यल्लभसे निजकर्मोपात्तंवित्तं तेन विनोदय चित्तम्॥ २॥ नारीस्तनभर नाभीदेशंदृष्ट्वा मा गा मोहावेशम्।एतन्मांसवसादि विकारंमनसि विचिन्तय वारं वारम्॥ ३॥ (यह केवल कुछ श्लोक हैं, पूरा भजन 31 श्लोकों का है।) भज गोविंदम का अर्थ: यह भजन हमें बताता है कि सांसारिक धन, भौतिक सुख और ज्ञान का घमंड मृत्यु के समय किसी के काम नहीं आता। इसलिए, व्यक्ति को भगवान गोविंद (श्रीकृष्ण) की भक्ति करनी चाहिए और मोहमाया से दूर रहना चाहिए।   भज गोविंदम स्तोत्र का हिंदी अर्थ श्लोक 1: भज गोविन्दं भज गोविन्दंगोविन्दं भज मूढ़मते।संप्राप्ते सन्निहिते कालेनहि नहि रक्षति डुकृञ्करणे॥ 🔹 अर्थ:हे मूर्ख! भगवान गोविंद (श्रीकृष्ण) का भजन कर, उनका स्मरण कर। जब मृत्यु का समय नजदीक आएगा, तब व्याकरण के नियम (या शास्त्रों का ज्ञान) तुम्हारी रक्षा नहीं कर पाएंगे। केवल भक्ति ही काम आएगी। श्लोक 2: मूढ़ जहिihi धनागमतृष्णांकुरु सद्बुद्धिं मनसि वितृष्णाम्।यल्लभसे निजकर्मोपात्तंवित्तं तेन विनोदय चित्तम्॥ 🔹 अर्थ:हे मूर्ख! धन की तृष्णा (लालच) को त्याग दे और अपने मन में शुद्ध बुद्धि रख। जो भी धन तुम्हें अपने कर्म से प्राप्त हो, उसी में संतोष कर और जीवन व्यतीत कर। श्लोक 3: नारीस्तनभर नाभीदेशंदृष्ट्वा मा गा मोहावेशम्।एतन्मांसवसादि विकारंमनसि विचिन्तय वारं वारम्॥ 🔹 अर्थ:स्त्रियों के सौंदर्य को देखकर मोह में मत फंसो। यह केवल मांस, वसा और हड्डियों का बना हुआ शरीर है। बार-बार इस पर विचार करो और आकर्षण के इस भ्रम से बाहर आओ। श्लोक 4: यावद्वित्तोपार्जनसक्तःतावन्निजपरिवारो रक्तः।पश्चाज्जीवति जर्जरदेहेवार्तां कोऽपि न पृच्छति गेहे॥ 🔹 अर्थ:जब तक तुम धन कमाने में सक्षम हो, तब तक परिवार और सगे-संबंधी तुम्हारे साथ प्रेम करते हैं। लेकिन जब शरीर बूढ़ा हो जाता है और तुम निर्बल हो जाते हो, तब कोई तुम्हारी खोज-खबर तक नहीं लेता। श्लोक 5: मां कुरु धन जन यौवन गर्वंहरति निमेषात्कालः सर्वम्।मायामयमिदमखिलं हित्वाब्रह्मपदं त्वं प्रविश विदित्वा॥ 🔹 अर्थ:धन, परिवार और यौवन का अहंकार मत कर, क्योंकि काल (समय) एक क्षण में सब नष्ट कर देता है। इस माया के जाल को त्यागकर ब्रह्म (ईश्वर) का साक्षात्कार करने का प्रयास कर। भज गोविंदम का सार: ✅ सांसारिक सुख, धन और ज्ञान का अहंकार अंत में व्यर्थ है।✅ केवल ईश्वर की भक्ति ही अंतिम सत्य है।✅ मनुष्य को अपने जीवन में मोह-माया से ऊपर उठकर भगवान की भक्ति करनी चाहिए।✅ मृत्यु के समय केवल भक्ति और अच्छे कर्म ही साथ जाते हैं। यह भजन हमें जीवन की सच्चाई और मोक्ष का मार्ग सिखाता है। अगर आप पूरे श्लोकों का अर्थ चाहते हैं, तो बता सकते हैं! 🙏😊   Bhaj Govindam Stotram with English Meaning Verse 1: Bhaj Govindam Bhaj GovindamGovindam Bhaj MoodhamateSamprapte Sannihite KaaleNahi Nahi Rakshati Dukrinkarane 🔹 Meaning:O foolish mind! Worship Govinda (Lord Krishna), chant His name. When death approaches, the rules of grammar (or worldly knowledge) will not save you. Only devotion will be your true refuge. Verse 2: Moodha Jahi Dhanagama TrishnaamKuru Sadbuddhim Manasi VitrisnaamYallabhase NijakarmopattamVittam Tena Vinodaya Chittam 🔹 Meaning:O fool! Give up the greed for accumulating wealth. Cultivate good thoughts in your mind and be content with whatever wealth you receive as a result of your karma. Verse 3: Naari Stana Bhara Naabhi DeshamDrishtva Maa Gaa MohaveshamEtan Mamsa Vasadi VikaramManasi Vichintaya Vaaram Vaaram 🔹 Meaning:Do not be deluded by the beauty of a woman’s body. It is nothing but a modification of flesh, fat, and bones. Contemplate this truth again and again to overcome attraction and illusion. Verse 4: Yaavad Vittoparjana SaktaḥTaavan Nija Parivaro RaktaḥPashchaaj Jeevati Jarjara DeheVartam Ko’pi Na Prichchhati Gehe 🔹 Meaning:As long as you are capable of earning wealth, your family and relatives will love and care for you. But when old age weakens your body, no one even asks about you at home. Verse 5: Maa Kuru Dhana Jana Yauvana GarvamHarati Nimeshaat Kaalah SarvamMaayaamayamidam Akhilam HitvaaBrahmapadam Tvam Pravisha Viditvaa 🔹 Meaning:Do not take pride in wealth, family, or youth. Time (death) destroys everything in a moment. Renounce this illusionary world and realize the Supreme Brahman. Summary of Bhaj Govindam: ✅ Worldly wealth, pleasures, and knowledge are temporary.✅ Only devotion to God is the ultimate truth.✅ One must rise above material attachments and focus on spirituality.✅ At the time of death, only devotion and good deeds will remain with you.   🔱 भज गोविंदम स्तोत्र पूजन विधि एवं सामग्री 🔱 📌 पूजन सामग्री (Puja Samagri): प्रतिमा/चित्र: भगवान श्रीकृष्ण (गोविंद) का चित्र या मूर्ति दीपक: घी या तेल का दीपक धूप/अगरबत्ती फूल: तुलसी दल, गुलाब, गेंदे के फूल माला: तुलसी या रुद्राक्ष की माला फल: नारियल, केला, सेब आदि पंचामृत: दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर गंगाजल या शुद्ध जल चंदन, रोली, कुमकुम अक्षत (चावल) मिष्ठान्न/भोग: मिठाई, पंचामृत, माखन-मिश्री पुस्तक या प्रिंटेड भज गोविंदम स्तोत्र घंटी (घंटा) आसन (पूजा के लिए कुशा या कपड़े का आसन) 📖 भज गोविंदम स्तोत्र पूजन विधि (Puja Vidhi): 1️⃣ शुद्धि और संकल्प: सबसे पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर पूजा का संकल्प करें। 2️⃣ दीप प्रज्वलन और आह्वान: दीपक जलाकर भगवान श्रीकृष्ण (गोविंद) का ध्यान करें। धूप, अगरबत्ती जलाएं और घंटी बजाएं। 3️⃣ पंचोपचार/षोडशोपचार पूजा: आवाहन (आमंत्रण) – भगवान का स्मरण कर आमंत्रित करें। असन (आसन अर्पण) – श्रीकृष्ण को आसन समर्पित करें। पाद्य (चरण धोने हेतु जल) – चरणों में जल अर्पण करें। अर्घ्य (अभिषेक जल) – गंगाजल और पंचामृत से अभिषेक करें। आचमन (पान हेतु जल) – चरणामृत समर्पित करें। वस्त्र एवं आभूषण – वस्त्र और आभूषण समर्पित करें। गंध (चंदन, रोली, कुमकुम) – भगवान को चंदन लगाएं। पुष्प (फूल अर्पण) – भगवान को पुष्प चढ़ाएं। धूप एवं दीप – धूप और दीप अर्पित करें। नैवेद्य (भोग अर्पण) – माखन-मिश्री, फल, मिठाई चढ़ाएं। तुलसी पत्र अर्पण – भगवान को तुलसी पत्र समर्पित करें। दक्षिणा एवं समर्पण – भक्ति भाव से कुछ दान करें। आरती – “भज गोविंदम” स्तोत्र का पाठ करें और श्रीकृष्ण की आरती करें। प्रदक्षिणा (परिक्रमा) – तीन बार परिक्रमा करें। प्रसाद वितरण – सभी भक्तों में प्रसाद वितरित करें। 🙏 पूजन का महत्व 🙏 “भज गोविंदम” का पाठ करने से

आरती कुंज बिहारी की – संपूर्ण लिरिक्स, महत्व और लाभ | श्रीकृष्ण आरती

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॥ श्रीकृष्ण चालीसा ॥ दोहा: श्रीगुरु चरण सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि।बरनऊँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि॥ नन्द के आनन्द नन्दलाल,जय जय श्रीकृष्ण गिरिधर गोपाल॥ चालीसा: जय जय यदुनन्दन जय जय जगवंदन।जय वसुदेवदेवकीनंदन॥ जय जय चतुर्भुज धारी, जय वैकुण्ठ विहारी।जय पीतांबरधारी, जय गोप-जन प्यारी॥ जय यशोदा किशोरी, जय गोवर्धन धारी।जय मथुरा के वासी, जय गोकुल के रासी॥ जय राधे के प्यारे, जय कुंज बिहारी।जय नटवर के धारी, जय मुरली बजारी॥ गगन सम अंग कांति, बलदन अनूपा।कनक मय पीत बसन, कटि किंकिणी झंपा॥ श्रीवत्स कौस्तुभ शोभित निधानं।कस्तूरी तिलकं ललाटे विराजं॥ वेणु रवं मधुरं वदने मुरारी।रूप बड़ो चितचोर राधे बिहारी॥ चरण कमल बन्दौ हरि राई।जेहि पर कृपा करहु श्रीरघुराई॥ जय गिरिधर गोपाल, हरि जय जय नन्दलाल।संकट हरौ कृष्ण बनजाऊं मैं नंदलाल॥ जो कोई श्रीकृष्ण चालीसा गावे।भवसागर के संकट से छूटि जावे॥ 🙏 ॥ श्रीकृष्ण चालीसा की जय ॥ 🙏   ॥ श्रीकृष्ण चालीसा का अर्थ ॥ श्रीकृष्ण चालीसा में भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य स्वरूप, उनके अद्भुत बाल लीलाओं और भक्तों पर उनकी कृपा का वर्णन किया गया है। आइए इसका हिन्दी अर्थ जानते हैं: दोहा का अर्थ: “श्रीगुरु चरण सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि।बरनऊँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि॥” 👉 गुरु के चरणों की धूल से अपने मन रूपी दर्पण को स्वच्छ करके मैं श्रीकृष्ण के पावन और निर्मल गुणों का वर्णन करता हूँ, जो धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष—चारों फलों को देने वाले हैं। चालीसा के दोहे और उनके अर्थ: 1️⃣ जय जय यदुनन्दन, जय जय जगवंदन।जय वसुदेवदेवकीनंदन॥ 👉 हे यदुकुल के नंदन, आपकी जय हो! हे समस्त जगत के वंदनीय प्रभु, आपकी जय हो! हे वसुदेव और देवकी के पुत्र, आपकी जय हो! 2️⃣ जय जय चतुर्भुज धारी, जय वैकुण्ठ विहारी।जय पीतांबरधारी, जय गोप-जन प्यारी॥ 👉 हे चार भुजाओं वाले श्रीकृष्ण, आपकी जय हो! हे वैकुंठ धाम में निवास करने वाले भगवान, आपकी जय हो! हे पीतांबर (पीले वस्त्र) धारण करने वाले प्रभु, आपकी जय हो! हे गोकुल के प्रिय, आपकी जय हो! 3️⃣ जय यशोदा किशोरी, जय गोवर्धन धारी।जय मथुरा के वासी, जय गोकुल के रासी॥ 👉 हे यशोदा मैया के पुत्र, आपकी जय हो! हे गोवर्धन पर्वत को उठाने वाले, आपकी जय हो! हे मथुरा में जन्म लेने वाले, आपकी जय हो! हे गोकुल में बाललीलाएँ करने वाले, आपकी जय हो! 4️⃣ जय राधे के प्यारे, जय कुंज बिहारी।जय नटवर के धारी, जय मुरली बजारी॥ 👉 हे राधा रानी के प्रियतम, आपकी जय हो! हे वृंदावन के कुंजों में विहार करने वाले, आपकी जय हो! हे सुंदर वेशभूषा धारण करने वाले, आपकी जय हो! हे मधुर बंसी बजाने वाले श्रीकृष्ण, आपकी जय हो! 5️⃣ गगन सम अंग कांति, बलदन अनूपा।कनक मय पीत बसन, कटि किंकिणी झंपा॥ 👉 आपका शरीर आकाश के समान विशाल और तेजस्वी है, और आपकी बलशाली काया अनुपम है। आप स्वर्ण के समान चमकते हुए पीले वस्त्र धारण करते हैं और आपकी कमर में करधनी झनक रही है। 6️⃣ श्रीवत्स कौस्तुभ शोभित निधानं।कस्तूरी तिलकं ललाटे विराजं॥ 👉 आपके वक्षस्थल पर श्रीवत्स का चिह्न सुशोभित है और कौस्तुभ मणि विराजमान है। आपके ललाट पर चमकता हुआ कस्तूरी तिलक अत्यंत सुंदर लगता है। 7️⃣ वेणु रवं मधुरं वदने मुरारी।रूप बड़ो चितचोर राधे बिहारी॥ 👉 आपके मुख से मधुर बांसुरी की ध्वनि गूंजती रहती है, हे मुरारी! आपका रूप इतना मोहक है कि वह सबके चित्त को चुरा लेता है, हे राधा के बिहारी! 8️⃣ चरण कमल बन्दौ हरि राई।जेहि पर कृपा करहु श्रीरघुराई॥ 👉 हे श्रीकृष्ण, मैं आपके कमल जैसे चरणों की वंदना करता हूँ। आपकी कृपा जिस पर होती है, वह भवसागर (मोह-माया) से पार हो जाता है। 9️⃣ जय गिरिधर गोपाल, हरि जय जय नन्दलाल।संकट हरौ कृष्ण बनजाऊं मैं नंदलाल॥ 👉 हे गिरिधर गोपाल, हे श्रीहरि, हे नंदलाल, आपकी जय हो! कृपया मेरे सभी संकटों का नाश करें, मैं आपका दास बनकर रहना चाहता हूँ। 🔟 जो कोई श्रीकृष्ण चालीसा गावे।भवसागर के संकट से छूटि जावे॥ 👉 जो भी भक्त श्रीकृष्ण चालीसा का पाठ करता है, वह संसार रूपी भवसागर के संकटों से मुक्त हो जाता है और श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करता है। 🙏 “श्रीकृष्ण चालीसा” का यह अर्थ भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण की महिमा को समझने में मदद करता है और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने का सरल मार्ग दिखाता है। ✨ “हरे कृष्ण! हरे राम!” 🙏🚩   ॥ Meaning of Shri Krishna Chalisa in English ॥   Meaning of Doha: “Shri Guru Charan Saroj Raj Nij Manu Mukuru Sudhari।Barnau Raghubar Bimal Jasu Jo Dayaku Phal Chari॥”   Meaning of Chalisa Verses: 1️⃣ “Jai Jai Yadunandan, Jai Jai Jagvandan।Jai Vasudev Devaki Nandan॥” 👉 Glory to the son of the Yadu dynasty! Glory to the one worshiped by the entire world! Glory to the divine son of Vasudeva and Devaki! 2️⃣ “Jai Jai Chaturbhuj Dhari, Jai Vaikunth Vihari।Jai Peetambar Dhari, Jai Gop-Jan Pyari॥” 👉 Glory to Lord Krishna, who assumes the four-armed form! Glory to the one who resides in Vaikuntha! Glory to the wearer of yellow garments! Glory to the one dearly loved by the people of Gokul! 3️⃣ “Jai Yashoda Kishori, Jai Govardhan Dhari।Jai Mathura Ke Wasi, Jai Gokul Ke Rasi॥” 👉 Glory to the son of Mother Yashoda! Glory to the lifter of Govardhan Hill! Glory to the Lord who was born in Mathura! Glory to the one who performed childhood pastimes in Gokul! 4️⃣ “Jai Radhe Ke Pyare, Jai Kunj Bihari।Jai Natwar Ke Dhari, Jai Murli Bajari॥” 👉 Glory to the beloved of Radha! Glory to the divine wanderer of Vrindavan groves! Glory to the one adorned as a celestial dancer! Glory to the enchanting flute player, Lord Krishna! 5️⃣ “Gagan Sam Ang Kanti, Baladan Anupa।Kanak May Peet Basan, Kati Kinkini Jhumpa॥” 👉 Your body shines like the vast sky, and your strength is incomparable. You wear golden-yellow garments, and your waist is adorned with a jingling girdle. 6️⃣ “Shrivats Kaustubh Shobhit Nidhanam।Kasturi Tilakam Lalate Virajam॥” 👉 Your chest is decorated with the Shrivatsa mark, and the divine Kaustubha gem shines brightly. A fragrant musk tilak (mark) adorns your forehead. 7️⃣ “Venu Ravam Madhuram Vadane Murari।Roop Bado Chitchor Radhe Bihari॥” 👉 The sweet sound of your flute flows from your lips, O Murari! Your

आरती कुंज बिहारी की | संपूर्ण लिरिक्स, अर्थ और लाभ (Aarti Kunj Bihari Ki)

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आरती कुंज बिहारी की” संपूर्ण भजन लिरिक्स 🚩🌺 आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की 🌺🚩 आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की।गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला।श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला॥ गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली।लतन में ठाढ़े बनमाली, भक्तन की विपदा निपटाली॥ भ्रमर गले नूपुर बजत, मेखला कटी कंज गुण गजत।नहिं ठाढ़े, नाचत गावत, सुर नर मुनि जन मन भावत॥ आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की। यह भजन भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करने के लिए गाया जाता है।अगर आपको और भजन चाहिए, तो बताइए! 🙏😊   “आरती कुंज बिहारी की” का अर्थ हिंदी में 1️⃣ आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की।👉 (श्रीकृष्ण, जो वृंदावन के कुंजों में विहार करने वाले हैं, उनकी आरती उतारी जाती है। वे गिरिधर (गोवर्धन उठाने वाले) और मुरारी (राक्षस मुर को मारने वाले) हैं।) 2️⃣ गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला।👉 (श्रीकृष्ण के गले में बैजयंती फूलों की माला सुशोभित है, और वे अपनी मुरली को मधुर स्वर में बजा रहे हैं।) 3️⃣ श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला॥👉 (श्रीकृष्ण के कानों में सुंदर झुमके (कुंडल) झलक रहे हैं। वे नंद बाबा के आनंद स्वरूप नंदलाल हैं।) 4️⃣ गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली।👉 (श्रीकृष्ण का शरीर गहरे साँवले रंग का है, जो आकाश की तरह विस्तृत और आकर्षक लगता है। उनके साथ चमकती हुई राधारानी भी हैं।) 5️⃣ लतन में ठाढ़े बनमाली, भक्तन की विपदा निपटाली॥👉 (वे वनमाली (वन में रहने वाले) स्वरूप में खड़े हैं और अपने भक्तों की सभी परेशानियों को हर लेते हैं।) 6️⃣ भ्रमर गले नूपुर बजत, मेखला कटी कंज गुण गजत।👉 (उनके गले में भ्रमर की तरह काले मोतियों की माला है, उनकी कमर में करधनी बंधी हुई है, जो बज रही है।) 7️⃣ नहिं ठाढ़े, नाचत गावत, सुर नर मुनि जन मन भावत॥👉 (वे केवल खड़े नहीं रहते, बल्कि नाचते और गाते रहते हैं। देवता, मनुष्य और ऋषि-मुनि सभी उनके इस रूप पर मोहित हो जाते हैं।) 🙏 इस आरती का पाठ करने से श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-शांति आती है। “Aarti Kunj Bihari Ki” in English 1️⃣ आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की।👉 (This aarti is dedicated to Lord Krishna, who roams in the groves of Vrindavan. He is Giridhar (the one who lifted Govardhan Hill) and Murari (the slayer of the demon Mura).) 2️⃣ गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला।👉 (He wears a beautiful garland of Vaijayanti flowers around His neck and plays His flute melodiously.) 3️⃣ श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला॥👉 (His earrings shimmer as He moves. He is Nandalal, the beloved son of Nanda Maharaj, who brings joy to all.) 4️⃣ गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली।👉 (His complexion is as dark as the vast sky, and beside Him, Radharani shines beautifully.) 5️⃣ लतन में ठाढ़े बनमाली, भक्तन की विपदा निपटाली॥👉 (Standing amidst the groves as Vanmali (the forest dweller), He removes the troubles of His devotees.) 6️⃣ भ्रमर गले नूपुर बजत, मेखला कटी कंज गुण गजत।👉 (A garland of black beads, resembling bumblebees, adorns His neck. His anklets and waist belt jingle melodiously.) 7️⃣ नहिं ठाढ़े, नाचत गावत, सुर नर मुनि जन मन भावत॥👉 (He does not just stand still; He dances and sings joyfully, captivating the minds of gods, humans, and sages alike.)   🚩 आरती “कुंज बिहारी की” पूजन विधि और सामग्री 🚩 भगवान श्रीकृष्ण की कृपा पाने के लिए “आरती कुंज बिहारी की” का पाठ सही विधि से करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यहाँ हम आपको पूजा की विधि और आवश्यक सामग्री की जानकारी दे रहे हैं। 🪔 पूजन सामग्री (Pooja Samagri) 🪔 श्रीकृष्ण की पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होगी: ✅ मूर्ति या चित्र – भगवान श्रीकृष्ण का सुंदर चित्र या मूर्ति✅ दीपक – घी या तेल का दीपक✅ रुई की बाती – दीपक जलाने के लिए✅ अगरबत्ती/धूप – सुगंधित धूप या अगरबत्ती✅ फूल और माला – विशेष रूप से तुलसी पत्र, वैजयंती माला✅ पंचामृत – दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल✅ चंदन, रोली, कुमकुम – तिलक के लिए✅ मिष्ठान्न – माखन मिश्री, फल, मिठाई✅ भोग का प्रसाद – पंचामृत, फल, और विशेष पकवान✅ घंटी – आरती के समय बजाने के लिए✅ शंख – शुभ ध्वनि के लिए✅ जल का कलश – पूजा के दौरान आचमन और संकल्प के लिए 🕉️ पूजन विधि (Pooja Vidhi) 🕉️ 1️⃣ स्थान की शुद्धि (Purification of Place) सबसे पहले घर के मंदिर या पूजा स्थल की सफाई करें। वहाँ गंगाजल का छिड़काव करें। 2️⃣ स्वयं की शुद्धि (Self Purification) स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। संकल्प लें कि आप श्रीकृष्ण की आराधना कर रहे हैं। 3️⃣ दीप जलाएं (Lighting the Lamp) घी या तेल का दीपक जलाएं और भगवान श्रीकृष्ण का ध्यान करें। 4️⃣ गणपति वंदना (Invoke Lord Ganesha) सबसे पहले श्री गणेश का स्मरण करें ताकि पूजा में कोई बाधा न आए। 5️⃣ भगवान श्रीकृष्ण का पूजन (Worship of Lord Krishna) श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र को पंचामृत से स्नान कराएं। उन्हें वस्त्र और आभूषण अर्पित करें। चंदन, कुमकुम और तुलसी पत्र अर्पित करें। माखन मिश्री, फल, मिठाई और पंचामृत का भोग लगाएं। 6️⃣ धूप-दीप आरती (Aarti with Incense & Lamp) अगरबत्ती और धूप जलाकर श्रीकृष्ण के समक्ष घुमाएं। घंटी और शंख बजाकर “आरती कुंज बिहारी की” का मधुर गान करें। दीपक को भगवान के सामने चारों दिशाओं में घुमाएं। 7️⃣ प्रसाद वितरण (Distributing Prasad) आरती समाप्त होने के बाद, भक्तों में प्रसाद बाँटें। स्वयं भी प्रसाद ग्रहण करें और भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त करें। 🌸 विशेष बातें (Important Tips) 🌸 ✔ तुलसी पत्र के बिना श्रीकृष्ण की पूजा अधूरी मानी जाती है।✔ श्रीकृष्ण को माखन मिश्री, पंचामृत और दूध-दही से बने व्यंजन अर्पित करना शुभ होता है।✔ पूजा के दौरान हरि नाम संकीर्तन और कृष्ण मंत्र का जाप करें:“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” https://youtu.be/EMO1AT1UQf0?si=0tAKkIkOt249LwmI

शांति पाठ भजन – मानसिक और आध्यात्मिक शांति के लिए

Shanti Path Bhajan (in Hindi): ॐ शान्ति शान्ति शान्ति, मन में शान्ति हो, जीवन में शान्ति हो, सभी सृष्टि में शान्ति हो, हम सभी की आत्मा में शान्ति हो। ॐ शान्ति शान्ति शान्ति। ———————————————————————— ॐ शान्ति शान्ति शान्ति: यह मंत्र शांति के लिए है, जो शरीर, मन और आत्मा को शांति प्रदान करने के लिए किया जाता है। मन में शान्ति हो, जीवन में शान्ति हो: हमारी मानसिक स्थिति में शांति हो, और हमारा जीवन शांतिपूर्ण और संतुलित हो। सभी सृष्टि में शान्ति हो: यह प्रार्थना है कि सभी जीवों और ब्रह्मांड में शांति हो, कोई भी दुःख या संघर्ष न हो। हम सभी की आत्मा में शान्ति हो: हमारी आत्मा में भी शांति और संतुलन हो, ताकि हम आत्मिक शांति का अनुभव कर सकें। ॐ शान्ति शान्ति शान्ति: यह मंत्र फिर से शांति की प्रार्थना करता है, ताकि हर चीज़ और हर व्यक्ति को शांति मिले। ॐ शान्ति शान्ति शान्ति: This mantra is for peace, aimed at bringing peace to the body, mind, and soul.   मन में शान्ति हो, जीवन में शान्ति हो: May there be peace in our mental state, and may our life be peaceful and balanced.   सभी सृष्टि में शान्ति हो: This is a prayer for peace in all living beings and in the entire universe, free from any suffering or conflict.   हम सभी की आत्मा में शान्ति हो: May our souls be filled with peace, so that we may experience spiritual tranquility.   ॐ शान्ति शान्ति शान्ति: This mantra repeats the prayer for peace, wishing peace for everything and everyone.   ————————————————————— पूजा विधि (Pooja Vidhi): स्नान और शुद्धि (Bath and Purification): पूजा करने से पहले स्नान करके शरीर को शुद्ध करें और स्वच्छ कपड़े पहनें। पूजा स्थल को भी स्वच्छ करें। सामग्री का संग्रह (Collection of Materials): सभी पूजा सामग्री एकत्रित करें और एक प्लेट में रखें। गंगाजल का छिड़काव (Sprinkling Ganga Jal): पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़कें और शुद्धि का संकल्प लें। दीप प्रज्वलन (Lighting the Lamp): दीपक या मोमबत्ती जलाकर उसे पूजा स्थल पर रखें। दीपक का महत्व है, जो अंधकार से प्रकाश की ओर मार्गदर्शन करता है। स्वागत मंत्र (Welcome Mantras): पूजा की शुरुआत में “ॐ गं गणपतये नमः” या “ॐ श्री गणेशाय नमः” जैसे मंत्रों का उच्चारण करें। देवता का आह्वान (Invocation of Deity): यदि आप शांति पाठ या किसी विशेष देवता की पूजा कर रहे हैं, तो उनके चित्र या मूर्ति के सामने बैठकर उन्हें आह्वान करें। “ॐ नमः शिवाय”, “ॐ श्री रामाय नमः” या “ॐ श्री कृष्णाय नमः” जैसे मंत्रों का जाप करें। आरती और भजन (Aarti and Bhajan): पूजा के बाद आरती करें और भजन गायें। “ॐ जय जगदीश हरे” या किसी अन्य देवी-देवता की आरती का गायन करें। प्रसाद वितरण (Distribution of Prasadam): पूजा के बाद जो प्रसाद तैयार किया हो, उसे वितरित करें और सभी को ग्रहण करने के लिए आमंत्रित करें। धन्यवाद और समापन (Thank You and Conclusion): पूजा समापन के समय देवी-देवताओं का धन्यवाद करें और शांति के लिए प्रार्थना करें। अंत में “ॐ शान्ति शान्ति शान्ति” का उच्चारण करें। पूजा सामग्री (Pooja Samagri): दीपक (Diya or Lamp) घी या तेल (Ghee or Oil for Lamp) अगरबत्ती (Incense Sticks) पुष्प (Flowers) नैवेद्य (Prasadam or Offerings) पानी (Water) गंगाजल (Ganga Water) पत्तल (Plate for Offerings) चावल (Rice) कलश (Sacred Pot) पानी का कलश (Water-filled Pot) कपूर (Camphor) तुलसी के पत्ते (Tulsi Leaves) चन्दन (Sandalwood) रुमाल या कपड़ा (Cloth or Napkin) मिठाई (Sweet Offerings) चमच (Spoon) पेटिका या पूजा का बक्सा (Pooja Box for Storage) https://youtu.be/Z7IbAoIeQu4?si=6xGe7zDqJBd8qNav

राम कृष्णा हरि भजन – भगवान की भक्ति में लीन

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राम कृष्णा हरि भजन राम कृष्णा हरि भजन  राम कृष्णा हरि, जय जय राम कृष्णा हरि।धन्य हो भगवान, वशीकृत संतान।राम कृष्णा हरि, जय जय राम कृष्णा हरि। पुण्य है जिनका नाम, भक्तों के मन में राम।कृष्ण की मुरली, है राधा की सखी।राम कृष्णा हरि, जय जय राम कृष्णा हरि। हरि का ध्यान लगाए, जीवन में सुख पाए।सच्चे प्रेम में डूबे, बुराई से दूर हो जाए।राम कृष्णा हरि, जय जय राम कृष्णा हरि। ————————————————————————– “राम कृष्णा हरि” भजन का हिंदी अर्थ  यह शब्द भगवान के तीन प्रमुख नामों का उल्लेख करते हैं—राम, कृष्ण और हरि, जो हिंदू धर्म में भगवान के अलग-अलग रूपों के रूप में प्रतिष्ठित हैं। राम: भगवान राम, जो सत्य, धर्म और न्याय के प्रतीक हैं। वे श्रीराम के रूप में अवतार लेकर राक्षसों का वध करने और धर्म की स्थापना करने आए थे। कृष्ण: भगवान कृष्ण, जो प्रेम, भक्ति और सौम्यता के प्रतीक हैं। वे भगवद गीता में अर्जुन को उपदेश देने वाले दिव्य शिक्षक हैं। हरि: हरि शब्द का प्रयोग भगवान विष्णु के लिए भी किया जाता है, जो संसार के पालनहार और संरक्षक माने जाते हैं। इस मंत्र का अर्थ होता है भगवान राम, कृष्ण और हरि की महिमा का गुणगान करना और उनके चरणों में श्रद्धा रखना। यह शब्द भक्तों के ह्रदय को शांति और दिव्यता प्रदान करने वाले हैं। Ram Krishna Hari bhajan meaning in english This phrase mentions the three prominent names of God—Ram, Krishna, and Hari, which represent different aspects of the divine in Hinduism. Ram: Lord Ram, who symbolizes truth, righteousness, and justice. He incarnated as Sri Ram to destroy evil forces and establish dharma (righteousness). Krishna: Lord Krishna, who symbolizes love, devotion, and compassion. He is also the divine teacher who gave the Bhagavad Gita to Arjuna, guiding him through life’s struggles. Hari: The word Hari refers to Lord Vishnu, the preserver of the universe, who maintains order and protects the world. The phrase “Ram Krishna Hari” means to chant or praise the divine virtues of Lord Ram, Krishna, and Hari, seeking their blessings and divine peace. It is a call for devotion and spiritual elevation. पूजा विधि: स्नान और शुद्धता: पूजा करने से पहले शरीर और मन को शुद्ध करना चाहिए। स्नान करके साफ कपड़े पहनें और भगवान के सामने पूजा के लिए एक साफ़ स्थान पर बैठें। पूजा स्थान की तैयारी: पूजा के स्थान पर एक चौकी या पट पर लाल या पीले कपड़े बिछाएं। इस पर भगवान की मूर्ति या चित्र रखें। भगवान का आह्वान: भगवान को ध्यान में लाकर उनका आह्वान करें। मन ही मन भगवान के नाम का जप करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। दीपक लगाना: दीपक या बत्तियाँ जलाकर पूजा स्थल को प्रकाशित करें। यह ईश्वर का स्वागत करने का तरीका है। अक्षत और फूल अर्पित करना: भगवान की मूर्ति या चित्र पर अक्षत (चावल) और ताजे फूल अर्पित करें। अगरबत्ती और धूप अर्पित करना: भगवान को अगरबत्ती और धूप अर्पित करें, जिससे वातावरण शुद्ध और शांति से भर जाए। मिठाई और फल अर्पित करना: भगवान को मिठाई, फल और अन्य पकवान अर्पित करें। यह भोग के रूप में समर्पित किया जाता है। मंत्र जाप और भजन: पूजा के दौरान धार्मिक मंत्रों का जाप करें, जैसे “ॐ श्री राम जय राम जय जय राम” या “ॐ कृष्णाय नम:”. अगर समय हो तो भजन गाने या सुनने से पूजा में और अधिक भक्ति जुड़ती है। प्रसाद वितरण: पूजा समाप्त होने के बाद भगवान से प्राप्त प्रसाद को सभी भक्तों में वितरित करें। आभार व्यक्त करना: पूजा समाप्त करने के बाद भगवान का आभार व्यक्त करें और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए धन्यवाद करें। पूजा सामग्री (Pooja Samagri): दीपक (Diya) – तेल का दीपक या घी का दीपक। अगरबत्ती (Incense sticks) – भगवान के सामने खुशबू के लिए। फल (Fruits) – ताजे फल भगवान को अर्पित करने के लिए। पानी (Water) – भगवान को अर्पित करने के लिए। चावल (Rice/ Akshat) – भगवान को अर्पित करने के लिए। फूल (Flowers) – भगवान को अर्पित करने के लिए ताजे फूल। मिठाई (Sweets) – भोग के रूप में। गंगाजल (Gangajal) – शुद्धता और ताजगी के लिए। कमल का फूल (Lotus Flower) – कुछ विशेष पूजा में। धूप (Agarbatti) – भगवान को अर्पित करने के लिए धूप का प्रयोग। पंखा (Fan) – अगर विशेष रूप से पूजनीय हो तो। ताम्बूल (Betel Leaves) – कुछ विशेष पूजा में अर्पित करने के लिए। सिक्के (Coins) – भगवान के सामने अर्पित करने के लिए। पलंग (Paduka) – भगवान के चरणों के चिन्ह के रूप में। पट (Pooja Thali) – पूजा सामग्री रखने के लिए एक थाली। पूजा विधि के दौरान इन सभी सामग्रियों का सही रूप में उपयोग करें, ताकि पूजा सफल और सशक्त हो सके। https://youtu.be/w3PcprI-PYg?si=0c6tVcOwYPK9WEr_

वैष्णव जन तो तेनो कहिये – भजन शब्दों का अर्थ

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वैष्णव जन तो तेनो कहिये – भजन शब्दों का अर्थ वैष्णव जन तो तेनो कहिये भजन वैष्णव जन तो तेनो कहिये जे पीर पराई जानरे रे पर दुखे उपकार करे तो मन अभिमान न जानरे रे निंदा न करे, कोई कीजे सत्य बोलें, न झूठे बोल रे संकीर्तन करे, पर प्रेमी रहें वोहि सच्चे वैष्णव कहलाए रे —————————————————————————- वैष्णव जन तो तेनो कहिये भजन का हिंदी अर्थ  वैष्णव जन तो तेनो कहियेउस व्यक्ति को ही सच्चा वैष्णव कहा जाता है,जे पीर पराई जानरे रेजो दूसरे के दुःख और पीड़ा को अपने दिल से महसूस करता है।पर दुखे उपकार करे तोजो दूसरों के दुःख में मदद करता है,मन अभिमान न जानरे रेऔर अपने मन में कोई अहंकार नहीं रखता है।निंदा न करे, कोई कीजेजो किसी की निंदा नहीं करता,सत्य बोलें, न झूठे बोल रेजो सत्य बोलता है और कभी झूठ नहीं बोलता।संकीर्तन करे, पर प्रेमी रहेंजो भगवान के नाम का जप करता है और प्रेम से भरा रहता है,वोहि सच्चे वैष्णव कहलाए रेवो ही सच्चा वैष्णव कहलाता है। संक्षेप में अर्थ:यह भजन भगवान श्री कृष्ण के परम भक्तों के गुणों का वर्णन करता है। इसमें बताया गया है कि सच्चा वैष्णव वही है, जो दूसरों की पीड़ा समझे, अहंकार और निंदा से दूर रहे, सत्य बोलने वाला हो, और भगवान के प्रति प्रेमपूर्ण हो। Vaishnav Jan To Tene Kahiye bhajan meaning in english ———————————– Vaishnav Jan To Tene KahiyeOnly that person is called a true Vaishnav,Je Peer Parayi Janre ReWho feels the pain and suffering of others as their own.Par Dukh Upkar Kare ToWho helps others in their times of sorrow,Man Abhiman Na Janre ReAnd does not harbor any pride or ego in their heart.Ninda Na Kare, Koi KijeWho does not criticize others,Satya Bole, Na Jhoothe Bol ReWho speaks the truth and never tells lies.Sankirtan Kare, Par Premi RaheWho chants the name of God and remains filled with love,Wohi Sachche Vaishnav Kahalaye ReOnly such a person is called a true Vaishnav.  —————————————— पूजा विधि (Pooja Vidhi) in Hindi: पूजा स्थल की तैयारी: सबसे पहले पूजा स्थल को स्वच्छ करें। एक चौकी या आसन पर लाल या सफेद कपड़ा बिछा कर भगवान की मूर्ति या चित्र रखें। यदि आप दीपक जलाना चाहते हैं, तो उसे सामने रखें और शुद्ध घी या तेल में बाती लगाएं। शुद्धि (पवित्रता): पूजा से पहले हाथ-पैर धोकर शुद्ध करें। गंगाजल या शुद्ध जल से पूजा स्थल को स्नान कराएं। संतुलन और प्रणाम: पूजा स्थल पर एक बार ईश्वर का स्मरण करें और प्रणाम करें। “ॐ श्री गणेशाय नमः” (या भगवान के अनुसार नाम) से पूजा प्रारंभ करें। अर्पण (चढ़ावा): फूल, फल, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) भगवान को अर्पित करें। अगर हवन है, तो हवन सामग्री का उपयोग करें। धूप और दीपक जलाना: धूप (अगरबत्ती) जलाकर भगवान के सामने रखें। यह वातावरण को शुद्ध करता है। दीपक का जलाना भगवान को प्रकाश अर्पित करने के रूप में होता है। आरती और भजन: पूजा के बाद आरती गायें। इसके साथ भगवान का भजन या स्तुति करें। “ॐ जय जगदीश हरे” या भगवान के अनुसार आरती का पाठ करें। प्रसाद वितरण: पूजा के बाद भगवान को भोग अर्पित करें और प्रसाद को परिवार और भक्तों में बांटें। अंतिम शांति मंत्र: अंत में “ॐ शान्ति शान्ति शान्ति” का उच्चारण करें। पूजा सामग्री (Pooja Samagri) in Hindi: दीपक (Lamp) घी या तेल (Ghee or Oil) बाती (Wicks) अगरबत्ती (Incense Sticks) फूल (Flowers) फल (Fruits) पानी (Water) चंदन या कपूर (Chandan or Camphor) पंचामृत (Panchamrit) दूध, दही, घी, शहद, शक्कर चावल (कच्चे या पके) (Rice – Raw or Cooked) पंखा या चीर (Fan or Peacocks Feather – for fan) शुद्ध जल (Pure Water) मिठाई या प्रसाद (Sweets or Prasad) कलश (Sacred Pot) – (If applicable for specific worship) कलावे या धागा (Sacred Thread) रुपया या सिक्के (Coins or Money – for offering) पूजा विधि और सामग्री का सही उपयोग भगवान के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए आवश्यक है। https://youtu.be/xipue67yfPQ?si=huGS0Mc9tvXw0y7q

“सुबाह सुबाह ले शिव का नाम – शांति और आशीर्वाद”

सुबाह सुबाह ले शिव का नाम भजन

सुबाह सुबाह ले शिव का नाम भजन सुबाह सुबाह ले शिव का नामसुबाह सुबाह ले शिव का नाम,हर ग़म दूर हो जाएगा।शिव की महिमा अपार है,संसार से पार हो जाएगा। ध्यान में रखें, हर रोज़ इसे गाएं,आत्मा को शांति मिल जाएगी।शिव का आशीर्वाद सब पर होगा,हर दुख से मुक्ति मिल जाएगी। सुबाह सुबाह ले शिव का नाम  भजन का हिंदी अर्थ  सुबह सुबह ले शिव का नाम:इस भजन का अर्थ है कि हर सुबह शिव का नाम लें, क्योंकि इससे सभी दुख दूर हो जाते हैं। शिव की महिमा अत्यधिक है और उनके आशीर्वाद से व्यक्ति संसार के सभी संकटों से उबर सकता है। यह भजन आत्मा को शांति और मन को संतोष प्रदान करता है। जब हम हर दिन भगवान शिव का नाम लेते हैं, तो हमारा जीवन खुशहाल और शांतिपूर्ण होता है। शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने से हम हर मुश्किल से पार पा सकते हैं। यह भजन जीवन में शांति और संतुलन लाने के लिए एक सुंदर साधना है।   Subah Subah Le Shiv Ka Naam bhajan meaning in englishThe meaning of this bhajan is that one should start their day by taking Lord Shiva’s name because it removes all the troubles and challenges. Lord Shiva’s glory is immense, and his blessings help one overcome the hardships of life. This bhajan brings peace to the soul and satisfaction to the mind. By chanting Lord Shiva’s name daily, one can experience a happy and peaceful life. With Shiva’s blessings, we can overcome all difficulties and find freedom from suffering. This bhajan serves as a beautiful practice to bring peace and balance to life. पूजा विधि और पूजा सामग्री (Pooja Vidhi and Pooja Samagri) पूजा विधि (Pooja Vidhi): पूजा स्थान को शुद्ध करें:सबसे पहले, पूजा करने से पहले पूजा स्थल को अच्छे से साफ और शुद्ध करें। यह स्थान स्वच्छ और पवित्र होना चाहिए। गंगाजल छिड़कें:पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़कें ताकि वातावरण शुद्ध हो और पुण्य का वास हो। दीपक जलाएं:पूजा स्थल पर दीपक (दीया) जलाएं। दीपक का अर्थ है – ज्ञान और अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होना। पंखा और फूल रखें:पूजा स्थल पर भगवान की मूर्ति के पास अच्छे फूल रखें और पंखा लगाएं, जिससे भगवान को ताजगी महसूस हो। शिव का आह्वान करें:अब भगवान शिव का आह्वान करें, और उनसे आशीर्वाद की प्रार्थना करें। “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें। भोग अर्पित करें:भगवान शिव को दूध, शहद, चंदन, बेल पत्र, जल अर्पित करें। शहद और दूध भगवान को बहुत प्रिय हैं। पानी और पुष्प अर्पित करें:भगवान को पानी अर्पित करें और फूल चढ़ाएं। बेल पत्र चढ़ाना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। प्रार्थना और मंत्र जाप करें:भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें, जैसे “ॐ नमः शिवाय”, “महा मृत्युंजय मंत्र”, या “रुद्राक्ष” से भगवान शिव की पूजा करें। आरती करें:पूजा के बाद भगवान की आरती करें। “ॐ जय शिव Om Jai Shiv Om” की आरती प्रसिद्ध है। प्रसाद का वितरण:पूजा के बाद प्रसाद वितरित करें और सभी भक्तों को आशीर्वाद दें। पूजा सामग्री (Pooja Samagri): पानी (Water) दूध (Milk) शहद (Honey) घी (Ghee) दीपक (Lamp or Diya) धूप (Incense Sticks) फल (Fruits) फूल (Flowers) बेल पत्र (Bel Leaves) चंदन (Sandalwood) कमल का फूल (Lotus Flower) रुद्राक्ष (Rudraksha beads) तुलसी के पत्ते (Tulsi Leaves) कलश (Water Pot) सफेद कपड़ा (White Cloth) शिवलिंग (Shivling) नैवेद्य (Prasad) – लड्डू, फल, मिठाई सुपारी और पंखा (Betel nut and fan) इस प्रकार पूजा विधि और सामग्री का पालन करके भगवान शिव की पूजा की जाती है। https://youtu.be/TplRlUULXz8?si=JSGRtvgn1sCqN74h

हे राम सच्चा तेरा नाम भजन

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हे राम सच्चा तेरा नाम भजन हे राम, हे राम जग में सच्चा तेरा नाम।तेरे नाम से मिलती है शांति और सुकून।तेरी महिमा अपार है, तेरा आशीर्वाद अमूल्य।संग रहकर तेरा नाम जपते हैं, जीवन को संजीवनी मिलती है।   हे राम सच्चा तेरा नाम भजन का हिंदी अर्थ  हे राम, हे राम जग में सच्चा तेरा नाम – इस पंक्ति का अर्थ है कि राम का नाम ही इस संसार में सच्चा और सर्वोत्तम है। यह नाम सच्चाई और सत्य का प्रतीक है, और इसे लेने से जीवन में शांति, समृद्धि और सुख मिलता है। तेरे नाम से मिलती है शांति और सुकून – राम के नाम का जप करने से मन को शांति और आंतरिक सुकून मिलता है, जो जीवन को संतुलित और सुखी बनाता है। तेरी महिमा अपार है, तेरा आशीर्वाद अमूल्य – राम की महिमा अनंत और अपरंपार है, और उनका आशीर्वाद जीवन के लिए सबसे मूल्यवान और आवश्यक है। संग रहकर तेरा नाम जपते हैं, जीवन को संजीवनी मिलती है – राम के नाम का निरंतर जप करने से जीवन को नया उत्साह मिलता है, जैसे कि जीवन में नयी ऊर्जा और शक्ति का संचार होता है। Hey Ram, Hey Ram Jag Mein Sacha Tera Naam bhajan meaning in english Hey Ram, Hey Ram Jag Mein Sacha Tera Naam – This line means that the name of Ram is the truest and the greatest in this world. It symbolizes truth and righteousness, and by chanting it, one attains peace and harmony in life. Tere Naam Se Milti Hai Shanti Aur Sukoon – By chanting the name of Ram, one experiences peace and inner calm, which helps bring balance and happiness in life. Teri Mahima Apar Hai, Tera Aashirwad Amulya – The glory of Ram is infinite and unparalleled, and His blessings are the most valuable and essential for life. पूजा विधि (Pooja Vidhi): पूजा स्थान की सफाई: सबसे पहले पूजा स्थल को साफ करें और वहां एक पवित्र आसन पर बैठें। गंगा जल छिड़कना: पूजा स्थल पर गंगा जल छिड़ककर पवित्र करें। दीप जलाना: एक दीपक (मिट्टी का दीपक या तेल का दीपक) जलाएं और पूजा स्थल पर रखें। पानी, फूल और अक्षत चढ़ाना: भगवान के सामने पानी, ताजे फूल, और अक्षत (चिउड़े) चढ़ाएं। धूप और अगरबत्ती: धूप और अगरबत्ती जला कर वातावरण को पवित्र करें। भगवान का आवाहन: भगवान का आह्वान करें और उनका ध्यान केंद्रित करके प्रार्थना करें। भोग अर्पित करना: भगवान को भोग (फल, मिठाई आदि) अर्पित करें। आरती करना: दीपक या धूप के साथ भगवान की आरती करें। प्रसाद वितरण: पूजा के बाद प्रसाद को भक्तों के बीच वितरित करें। पूजा सामग्री (Pooja Samagri): दीपक (Mitti or Oil Lamp) धूप (Incense Sticks) अगरबत्ती (Agarbatti) पानी (Water) फूल (Flowers) अक्षत (Rice) चंदन (Chandan) फल (Fruits) मिठाई (Sweets) सुपारी (Betel Nut) घी (Ghee) कमल का फूल (Lotus Flower) पान (Betel Leaves) चूड़ा (अक्षत) (Rice for Ritual) कपूर (Camphor) पवित्र वस्त्र (Holy Cloth for Altar) नमक (Salt) चमच, कटोरी और थाली (Spoons, Bowls, and Plates for Offering) इन सामग्रियों से पूजा की तैयारी करें और फिर विधिपूर्वक पूजा करें। https://youtu.be/r3Bs6pZu_KU?si=pQEGp1T1iiluCdP5

“श्रीराम पूजा विधि | संपूर्ण पूजा सामग्री और लाभ | आसान तरीका”

घर में श्रीराम की पूजा कैसे करें? आसान विधि और सामग्री सूची” रघुपति राघव राजा राम रघुपति राघव राजा राम,पतित पावन सीता राम। सीता राम सीता राम,भज प्यारे तू सीता राम। ईश्वर अल्लाह तेरो नाम,सब को सन्मति दे भगवान। This bhajan, originally composed by Lakshmanacharya, was popularized by Mahatma Gandhi during the Indian freedom movement. It emphasizes unity and devotion, blending Hindu and Sufi spiritual traditions.  “रघुपति राघव राजा राम” भजन का अर्थ: रघुपति राघव राजा राम,(श्री राम, जो रघुकुल के प्रमुख और राजा हैं।) पतित पावन सीता राम।(जो गिरे हुए, पाप में फंसे लोगों को भी पावन (शुद्ध) करने वाले हैं, वे सीता के राम हैं।) सीता राम सीता राम,(हे मन! सीता और राम का नाम जपो।) भज प्यारे तू सीता राम।(हे प्रिय! तुम सीता और राम का भजन करो।) ईश्वर अल्लाह तेरो नाम,(ईश्वर और अल्लाह दोनों तुम्हारे ही नाम हैं।) सब को सन्मति दे भगवान।(हे भगवान! सभी को सद्बुद्धि दो।) यह भजन भगवान राम की भक्ति का संदेश देता है और सभी धर्मों की एकता को प्रकट करता है। महात्मा गांधी ने इसे स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अहिंसा और सद्भावना का प्रतीक बनाया था। 🙏 Meaning of “Raghupati Raghav Raja Ram” Bhajan in English: Raghupati Raghav Raja Ram,(Lord Rama, the great king of the Raghu dynasty.) Patit Pavan Sita Ram.(He who purifies and uplifts the fallen and sinful ones—He is Sita’s Rama.) Sita Ram Sita Ram,(O dear one, chant the holy names of Sita and Rama.) Bhaj Pyare Tu Sita Ram.(O beloved, sing the glories of Sita and Rama.) Ishwar Allah Tero Naam,(God is known by different names—some call Him Ishwar, and others call Him Allah.) Sab Ko Sanmati De Bhagwan.(O Lord, grant wisdom and righteousness to all.) भगवान श्रीराम की पूजा विधि और पूजा सामग्री 📌 पूजा सामग्री (Puja Samagri) भगवान श्रीराम की पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है: मूर्ति या चित्र – भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की मूर्ति या चित्र पंचामृत – दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल कलश – जल से भरा हुआ तांबे या मिट्टी का कलश पुष्प (फूल) – ताजे और सुगंधित फूल अक्षत (चावल) – साबुत चावल चंदन और रोली – तिलक के लिए धूप और दीप – पूजा में सुगंध और पवित्रता के लिए घी का दीपक – आरती के लिए फल और मिठाई – प्रसाद के रूप में पान, सुपारी और लौंग – विशेष पूजन के लिए गंगाजल – शुद्धिकरण के लिए तुलसी पत्ते – भगवान विष्णु (श्रीराम) की प्रिय भोग (नैवेद्य) – खीर, लड्डू, या कोई अन्य मीठा पकवान रामचरितमानस / श्रीराम स्तुति की पुस्तक – पाठ के लिए 📖 भगवान श्रीराम की पूजा विधि (Puja Vidhi) शुद्धिकरण (Purification) स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थान और मूर्ति या चित्र को गंगाजल से शुद्ध करें। कलश स्थापना (Kalash Sthapana) जल से भरा कलश रखें और उसमें तुलसी दल डालें। दीप प्रज्वलन (Lighting the Lamp) घी या तेल का दीपक जलाएं। धूप-अगरबत्ती प्रज्वलित करें। आवाहन (Invocation of Lord Rama) भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी का ध्यान करें। मंत्रों का उच्चारण करें:“ॐ श्रीरामाय नमः” या “श्रीरामचंद्राय नमः” अभिषेक (Holy Bathing of Idol) मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं और शुद्ध जल से धोकर स्वच्छ करें। चंदन, रोली और अक्षत का तिलक करें। पुष्प अर्पण (Offering Flowers) भगवान श्रीराम को फूल और तुलसी पत्र अर्पित करें। नैवेद्य (Offering Prasad) फल, मिठाई और भोग अर्पित करें। तुलसी के पत्ते विशेष रूप से चढ़ाएं। राम स्तुति और पाठ (Chanting and Recitation) रामचरितमानस, श्रीराम रक्षा स्तोत्र, राम चालीसा या विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। आरती (Aarti) “श्रीरामचंद्र कृपालु भज मन” या “जय रघुनंदन जय सियाराम” आरती गाएं। घी का दीपक जलाकर भगवान की आरती करें। प्रसाद वितरण और आशीर्वाद (Prasad Distribution and Blessings) आरती के बाद प्रसाद ग्रहण करें और परिवार के सदस्यों में वितरित करें। भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करें। इस विधि से श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान श्रीराम की पूजा करने से सुख, शांति, समृद्धि और विजय प्राप्त होती है। “जय श्रीराम!” 🙏🚩

राम सिया राम भजन – सुनते ही मिलेगा चमत्कारी आशीर्वाद! | सुनें और लाभ उठाएं

 “राम सिया राम भजन: इस चमत्कारी भजन से पूरी होगी हर मनोकामना!” राम सिया राम सिया राम जय जय राम राम सिया राम सिया राम जय जय राम।राम सिया राम सिया राम जय जय राम।। भज मन राम चरण सुखदायी,सकल अमंगल मूल नसाई।राम नाम सुखरास पियूसा,हरण भव भय, दुख संतापा।। राम सिया राम सिया राम जय जय राम।राम सिया राम सिया राम जय जय राम।। राम कृपा से मिटे अंधियारा,मिले उजियारा, मिले सहारा।शरण पड़े जो नाम उचारे,काटे पाप, भवसागर तारे।। राम सिया राम सिया राम जय जय राम।राम सिया राम सिया राम जय जय राम।। जय श्री राम! 🚩🙏 राम सिया राम सिया राम जय जय राम – भजन का अर्थ राम सिया राम सिया राम जय जय राम।(भगवान राम और माता सीता की जय हो, उनकी महिमा अपरंपार है।) भज मन राम चरण सुखदायी,(हे मन! श्रीराम के चरणों का भजन कर, जो सुख प्रदान करने वाले हैं।) सकल अमंगल मूल नसाई।(उनका नाम लेने से सभी प्रकार के अमंगल और बुरी चीज़ें नष्ट हो जाती हैं।) राम नाम सुखरास पियूसा,(राम का नाम अमृत के समान है, जो अपार आनंद प्रदान करता है।) हरण भव भय, दुख संतापा।।(यह जन्म-मरण के भय और सभी दुखों को दूर कर देता है।) राम कृपा से मिटे अंधियारा,(भगवान राम की कृपा से अज्ञानता और अंधकार समाप्त हो जाता है।) मिले उजियारा, मिले सहारा।(उनके नाम से जीवन में प्रकाश आता है और हमें सच्चा सहारा मिलता है।) शरण पड़े जो नाम उचारे,(जो कोई भी उनकी शरण में आकर राम का नाम जपता है,) काटे पाप, भवसागर तारे।।(उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं, और वह इस संसार-सागर से पार हो जाता है।) राम सिया राम सिया राम जय जय राम।(भगवान राम और माता सीता की जय हो!) 🙏 जय श्री राम! 🚩 Meaning of the Bhajan “Ram Siya Ram Siya Ram Jai Jai Ram” in English राम सिया राम सिया राम जय जय राम।(Glory to Lord Ram and Goddess Sita! May their divine grace be upon us!) भज मन राम चरण सुखदायी,(O my mind, chant the holy name of Lord Ram, whose feet bring eternal peace and happiness.) सकल अमंगल मूल नसाई।(His name destroys the root of all inauspiciousness and negativity.) राम नाम सुखरास पियूसा,(The name of Lord Ram is like the nectar of bliss,) हरण भव भय, दुख संतापा।।(Which removes the fears of worldly existence and all sorrows.) राम कृपा से मिटे अंधियारा,(By the grace of Lord Ram, all darkness and ignorance vanish.) मिले उजियारा, मिले सहारा।(One attains divine light and true support in life.) शरण पड़े जो नाम उचारे,(Whoever takes refuge in Him and chants His holy name,) काटे पाप, भवसागर तारे।।(Has their sins destroyed and is liberated from the ocean of worldly suffering.) राम सिया राम सिया राम जय जय राम।(Glory to Lord Ram and Goddess Sita! Victory to them!) 🙏 Jai Shri Ram! 🚩   श्री राम पूजा विधि एवं पूजा सामग्री 📌 पूजा सामग्री (Puja Samagri) भगवान राम की मूर्ति या चित्र पूजा का आसन (पीला या लाल कपड़ा) धूप, दीप, कपूर गंगाजल या शुद्ध जल रोली, चंदन, हल्दी, कुमकुम अक्षत (साबुत चावल) पुष्प (फूल) एवं माला तुलसी के पत्ते पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर) फल, मिठाई, और नैवेद्य (भोग हेतु) पान, सुपारी, लौंग, इलायची केसर एवं भस्म ध्यान और आरती के लिए घंटी श्रीराम स्तोत्र, चालीसा, एवं आरती की पुस्तक 📖 श्री राम पूजा विधि (Puja Vidhi) स्नान एवं शुद्धि सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें। पूजा स्थान को स्वच्छ करें और भगवान श्रीराम की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। आसन ग्रहण करें खुद के लिए एक आसन बिछाएं और ध्यानपूर्वक बैठें। प्राण प्रतिष्ठा एवं संकल्प भगवान श्रीराम का ध्यान करें और संकल्प लें कि आप श्रद्धा से पूजा करेंगे। आवाहन (भगवान को आमंत्रण दें) हाथ में फूल, अक्षत और जल लेकर भगवान श्रीराम का आह्वान करें। अभिषेक (स्नान कराएं) गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से भगवान का पंचामृत अभिषेक करें। इसके बाद शुद्ध जल से स्नान कराएं और वस्त्र अर्पित करें। तिलक एवं पुष्पार्पण भगवान को रोली, चंदन और अक्षत का तिलक करें। फूल और तुलसी के पत्ते अर्पित करें। धूप-दीप प्रज्वलन धूप, दीप और कपूर जलाकर भगवान की आराधना करें। मंत्र जाप एवं भजन-कीर्तन “राम सिया राम जय जय राम” मंत्र का जाप करें। श्रीराम चालीसा या श्रीराम स्तुति का पाठ करें। नैवेद्य (भोग अर्पण) भगवान को फल, मिठाई, पंचामृत एवं तुलसी दल अर्पित करें। भोग अर्पित करने के बाद आरती करें। आरती एवं प्रार्थना “श्रीरामचंद्र कृपालु भज मन”, “रामायण आरती” या “श्रीराम आरती” गाएं। प्रसाद वितरण एवं समर्पण प्रसाद वितरित करें और सभी को भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करें। 🙏 जय श्री राम! 🚩