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श्रीकृष्ण पूजा विधि: सरल पूजा सामग्री और प्रक्रिया की पूरी जानकारी

जय कन्हैया लाल की

जय कन्हैया लाल की(भजन) जय कन्हैया लाल की,जय कन्हैया लाल की।बज रहे हैं ढोल और ताशे,जय कन्हैया लाल की। श्याम सुंदरी की शोभा निराली,मोहन मुरली वाला है।जिसके दर्शन को तरसे सब,वो गोकुल का रखवाला है।जय कन्हैया लाल की,जय कन्हैया लाल की। मोर मुकुट सिर शोभित जिसके,गले में बंसी बांधे।नाच रहे हैं ग्वाल-बाल संग,राधा संग मस्ती में रहते।जय कन्हैया लाल की,जय कन्हैया लाल की। माखन चुराकर जो खाए,गोपियों को खूब सताए।रूठे को भी जो हंसाए,ऐसे नंदलाल हमें भाए।जय कन्हैया लाल की,जय कन्हैया लाल की। कृष्ण-नाम का गाओ कीर्तन,दिल में बसे श्रीबंसीधर।हर लेता वो हर दुःख-दर्द,करो सदा उनका ही जप।जय कन्हैया लाल की,जय कन्हैया लाल की। जय श्री कृष्ण! जय कन्हैया लाल की! जय कन्हैया लाल की भजन का अर्थ: यह भजन भगवान श्रीकृष्ण की स्तुति और उनके अद्भुत स्वरूप का वर्णन करता है। इसमें उनके बाल रूप, लीलाओं और भक्तों पर कृपा का स्मरण किया गया है। जय कन्हैया लाल की, जय कन्हैया लाल की। यह भगवान श्रीकृष्ण की जयकार है, जो उनके अद्भुत रूप और लीलाओं को समर्पित है। बज रहे हैं ढोल और ताशे, जय कन्हैया लाल की। उनकी महिमा गाने के लिए ढोल और ताशे बजाए जा रहे हैं, जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया है। श्याम सुंदरी की शोभा निराली, मोहन मुरली वाला है। भगवान श्रीकृष्ण के श्यामल (गहरे रंग) और सुंदर रूप का वर्णन किया गया है, जो मुरली (बांसुरी) बजाने वाले मोहन हैं। जिसके दर्शन को तरसे सब, वो गोकुल का रखवाला है। भगवान के दर्शन के लिए सभी भक्त तड़पते हैं, क्योंकि वे गोकुल के पालनकर्ता और रक्षक हैं। मोर मुकुट सिर शोभित जिसके, गले में बंसी बांधे। श्रीकृष्ण के सिर पर मोर मुकुट और गले में बांसुरी का उल्लेख किया गया है, जो उनकी दिव्यता को दर्शाता है। नाच रहे हैं ग्वाल-बाल संग, राधा संग मस्ती में रहते। भगवान ग्वाल-बाल (गाय चराने वाले बालक) और राधा जी के साथ आनंदित होकर नृत्य करते हैं। माखन चुराकर जो खाए, गोपियों को खूब सताए। श्रीकृष्ण की माखन चोरी और गोपियों के साथ उनकी शरारतों का वर्णन किया गया है। रूठे को भी जो हंसाए, ऐसे नंदलाल हमें भाए। वे नंदलाल (नंद बाबा के पुत्र) सभी को प्रसन्न करने वाले हैं और जो रूठे हों उन्हें भी खुश कर देते हैं। कृष्ण-नाम का गाओ कीर्तन, दिल में बसे श्रीबंसीधर। भगवान श्रीकृष्ण के नाम का कीर्तन करें और अपने हृदय में बंसीधर (बांसुरी धारण करने वाले) को बसाएं। हर लेता वो हर दुःख-दर्द, करो सदा उनका ही जप। भगवान श्रीकृष्ण अपने भक्तों के सभी दुःख और दर्द हर लेते हैं। इसलिए, उनका नाम जपने की प्रेरणा दी गई है। यह भजन भक्तों के लिए एक प्रेरणा है कि वे भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का स्मरण करें और उनकी महिमा का गान करते हुए अपने जीवन को भक्तिमय बनाएं। जय श्री कृष्ण! Meaning of the Bhajan “Jai Kanhaiya Lal Ki” This bhajan is a devotional hymn praising Lord Krishna, describing His divine form, playful nature, and the love and blessings He bestows upon His devotees. Jai Kanhaiya Lal Ki, Jai Kanhaiya Lal Ki. It is a chant glorifying Lord Krishna and celebrating His divine presence. Drums and cymbals are being played, Jai Kanhaiya Lal Ki. The joyous atmosphere is described, filled with the sound of drums and cymbals, as devotees sing Krishna’s praises. The beauty of Shyam Sundar is unparalleled, He is Mohan, the flute player. The unmatched beauty of Lord Krishna, known as Shyam Sundar (the dark and beautiful one), is highlighted along with His identity as the enchanting flute player. Everyone yearns for His darshan; He is the protector of Gokul. Lord Krishna is the guardian of Gokul, and devotees long for His divine vision. Peacock feather crown adorns His head; He carries a flute around His neck. This verse depicts Krishna’s iconic appearance with a peacock feather crown and a flute, signifying His divine charm. He dances with cowherd boys and enjoys with Radha. Krishna is portrayed joyfully dancing with His friends and sharing playful moments with Radha. He steals butter and playfully teases the Gopis. Lord Krishna’s mischievous acts, like stealing butter and teasing the Gopis (cowherd women), are lovingly remembered. He makes even the angry smile; such is the endearing Nandlal we adore. Krishna is so loving and charming that even the upset or angry cannot resist smiling in His presence. Sing Krishna’s name in devotion; let Shri Bansidhar reside in your heart. Devotees are encouraged to chant Krishna’s name and keep Him, the holder of the flute (Bansidhar), in their hearts. He takes away all pain and suffering; always chant His name. Krishna is believed to remove all sorrows and sufferings of His devotees, urging them to always remember Him. This bhajan inspires devotion and a sense of joy by remembering Lord Krishna’s divine playfulness, beauty, and blessings. It motivates devotees to connect with Him through love, surrender, and constant remembrance. Jai Shri Krishna! पूजा विधि (Puja Vidhi): भगवान श्रीकृष्ण की पूजा को श्रद्धा और भक्ति से करने पर उनकी कृपा प्राप्त होती है। यहां सरल और प्रभावी पूजा विधि दी गई है: स्नान और शुद्धिकरण: प्रातः स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थान को साफ करें और गंगाजल या स्वच्छ जल से पवित्र करें। पूजा स्थान की तैयारी: चौकी या पाट पर पीला या लाल कपड़ा बिछाएं। भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। दीप प्रज्वलन: घी या तेल का दीपक जलाएं। अगरबत्ती या धूपबत्ती जलाकर वातावरण को सुगंधित करें। आवाहन और आचमन: श्रीकृष्ण का आवाहन करें (उन्हें पूजा में आमंत्रित करें)। स्वयं को शुद्ध करने के लिए आचमन (पवित्र जल का छिड़काव या सेवन) करें। अभिषेक करें: भगवान को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण) से स्नान कराएं। फिर गंगाजल से स्नान कराएं। श्रृंगार: भगवान को ताजे वस्त्र, चंदन, कुमकुम, और पुष्प माला पहनाएं। मोर पंख और माखन-मिश्री अर्पित करें। नैवेद्य अर्पण: भगवान को भोग लगाएं (माखन, मिश्री, फल, मिठाई, आदि)। भोग के बाद भगवान से प्रार्थना करें कि इसे प्रसाद रूप में स्वीकार करें। आरती: घी या कपूर का दीपक जलाकर आरती करें। घंटी बजाते हुए “जय कन्हैया लाल की” या अन्य आरती

मुरलीधर श्याम सुंदर भजन – अर्थ, पूजा विधि और सामग्री

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भजन: “मुरलीधर श्याम सुंदर” मुरलीधर श्याम सुंदर, सच्चे प्रेम के अवतार,गोपियाँ करें नृत्य, बजी मुरली के तार। मुरलीधर श्याम सुंदर, नंदलाल के प्यारे,यशोमती मइया के लाड़ले, राधे राधे के सहारे। मुरलीधर श्याम सुंदर, मनमोहक बांसुरी वाले,कान्हा के गाने सुनकर, सब भावों में खो जाते। मुरलीधर श्याम सुंदर, सच्चे प्रेम के अवतार,गोपियाँ करें नृत्य, बजी मुरली के तार। श्री कृष्ण के दर्शन से दिल हो जाता शांत,स्मरण करते ही बुराई का हर अंधेरा हो जाता छाँट। मुरलीधर श्याम सुंदर, रासलीला के नायक,हर दिल में बसे हैं कृष्ण, जैसे उनका हो कोई साथी। मुरलीधर श्याम सुंदर, महिमा अपार है तुम्हारी,कृष्ण के नाम से दिल में फैलती है शांति हमारी। “मुरलीधर श्याम सुंदर” भजन का अर्थ **1. मुरलीधर श्याम सुंदर, सच्चे प्रेम के अवतार, गोपियाँ करें नृत्य, बजी मुरली के तार।** इस पंक्ति में भगवान श्री कृष्ण का वर्णन किया गया है, जिन्हें “मुरलीधर” और “श्याम सुंदर” कहा जाता है। मुरलीधर का अर्थ है वह जो मुरली (बांसुरी) बजाता है और श्याम सुंदर का अर्थ है कृष्ण का सांवला रूप जो अत्यंत सुंदर और आकर्षक है। यहाँ यह दर्शाया गया है कि कृष्ण की मुरली की ध्वनि सुनकर गोपियाँ नृत्य करती हैं, और मुरली की ध्वनि हर दिल में आनंद और प्रेम की लहर पैदा करती है। **2. मुरलीधर श्याम सुंदर, नंदलाल के प्यारे, यशोमती मइया के लाड़ले, राधे राधे के सहारे।** यहाँ भगवान कृष्ण को “नंदलाल” (नंद बाबा के पुत्र) और “यशोमती मइया के लाड़ले” (यशोदा माता के प्यारे पुत्र) के रूप में पूजा जाता है। कृष्ण की विशेषता यह है कि वे राधा के प्रेम से जुड़े हुए हैं और राधे राधे का जाप करते हुए भक्त उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। **3. मुरलीधर श्याम सुंदर, मनमोहक बांसुरी वाले, कान्हा के गाने सुनकर, सब भावों में खो जाते।** इस पंक्ति में कृष्ण के बांसुरी बजाने की दिव्यता का वर्णन किया गया है। उनकी बांसुरी की मधुर ध्वनि सुनकर भक्त और गोपियाँ अपने भावों में खो जाते हैं। कृष्ण की बांसुरी सुनते ही सभी संसार की चिंता भूल जाते हैं और केवल उनके प्रेम में रत हो जाते हैं। **4. मुरलीधर श्याम सुंदर, सच्चे प्रेम के अवतार, गोपियाँ करें नृत्य, बजी मुरली के तार।** यह पंक्ति पहले की पंक्तियों का पुनरावलोकन है, जिसमें कृष्ण के प्रेम और उनकी मुरली की ध्वनि से गोपियाँ नृत्य करती हैं। कृष्ण के प्रेम में डूबकर वे हर पल उनके साथ रहने की कामना करती हैं। **5. श्री कृष्ण के दर्शन से दिल हो जाता शांत, स्मरण करते ही बुराई का हर अंधेरा हो जाता छाँट।** इस पंक्ति में यह कहा गया है कि भगवान श्री कृष्ण के दर्शन करने से आत्मा में शांति आ जाती है। उनका नाम लेते ही मन की सभी नकारात्मकता और बुराई दूर हो जाती है, और जीवन में सुख और शांति का वास होता है। **6. मुरलीधर श्याम सुंदर, रासलीला के नायक, हर दिल में बसे हैं कृष्ण, जैसे उनका हो कोई साथी।** कृष्ण रासलीला के प्रमुख पात्र हैं, और यह पंक्ति उनके इस रूप को दर्शाती है। रासलीला में वे गोपियों के साथ नृत्य करते हुए प्रेम और भक्ति का संदेश देते हैं। वे हर दिल में बसी प्रेम की भावना के रूप में विद्यमान रहते हैं। **7. मुरलीधर श्याम सुंदर, महिमा अपार है तुम्हारी, कृष्ण के नाम से दिल में फैलती है शांति हमारी।** यह पंक्ति भगवान कृष्ण की अपार महिमा और उनके नाम के जप से होने वाली शांति को व्यक्त करती है। कृष्ण का नाम लेने से व्यक्ति के मन में शांति और संतुलन आता है। सारांश: इस भजन में भगवान श्री कृष्ण के मुरलीधर (बांसुरी वाले) रूप का वर्णन किया गया है। भजन में कृष्ण के प्रेम, उनकी मुरली की मधुर ध्वनि, रासलीला, और उनके नाम के जाप से होने वाली शांति को व्यक्त किया गया है। यह भजन भक्तों को कृष्ण के साथ आध्यात्मिक प्रेम और शांति की ओर मार्गदर्शन करता है।   Meaning of the Bhajan: “Muralidhar Shyam Sundar” **1. Muralidhar Shyam Sundar, Sacche Prem Ke Avatar, Gopiyan Kare Nritya, Baji Mural Ke Taar.** In this line, Lord Krishna is described as “Muralidhar” (the one who holds the flute) and “Shyam Sundar” (the dark and beautiful one). Krishna is portrayed as the embodiment of true love. The sound of his flute compels the Gopis (cowherd girls) to dance, symbolizing the divine power of his music that enchants and fills hearts with love. **2. Muralidhar Shyam Sundar, Nandlal Ke Pyare, Yashomati Maiya Ke Ladle, Radhe Radhe Ke Sahara.** Here, Krishna is addressed as “Nandlal” (the beloved son of Nand Baba) and “Yashomati Maiya Ke Ladle” (the dear son of Yashoda). The verse acknowledges Krishna’s divine birth and his connection with Radha. It emphasizes the importance of chanting “Radhe Radhe” for receiving divine blessings from Lord Krishna. **3. Muralidhar Shyam Sundar, Manmohak Bansuri Wale, Kanha Ke Gane Sunkar, Sab Bhavon Mein Kho Jate.** In this line, Krishna is depicted as the one who plays the enchanting flute (“Bansuri”). The sound of his flute mesmerizes all who listen, making them forget everything and lose themselves in divine love and devotion to him. **4. Muralidhar Shyam Sundar, Sacche Prem Ke Avatar, Gopiyan Kare Nritya, Baji Mural Ke Taar.** This line repeats the earlier verse, emphasizing the divine dance of the Gopis and the power of Krishna’s flute that calls them to him. It highlights the transcendental love and joy that Krishna spreads through his flute. **5. Shri Krishna Ke Darshan Se Dil Ho Jata Shant, Smaran Karte Hi Burai Ka Har Andhera Ho Jata Chhat.** This verse describes the peace that comes from experiencing the darshan (vision) of Lord Krishna. It conveys that by remembering Krishna and meditating upon him, all negativity and darkness in the mind are dispelled, bringing peace and tranquility. **6. Muralidhar Shyam Sundar, Raasleela Ke Nayak, Har Dil Mein Base Hain Krishna, Jaise Unka Ho Koi Saathi.** Krishna, the central figure of the Raasleela (divine dance), is portrayed here as the beloved of all hearts. His divine dance with the Gopis is a symbol of divine love. Krishna is present in every heart, like a beloved companion, and his presence is felt through

अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम भजन – अर्थ, पूजा विधि और महत्व

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भजन: “अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम” अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम,राम नारायणं श्रीमन माधवम।गोविंदं गोकुलनाथं दामोदरम,श्री कृष्ण शरणं प्रपद्ये। चरणों में बसा है सुख, गुणों में समाया,शिव शक्ति का रूप, मन में विराजा।राजा रानी, गोपियां सब उनके रूप में,कृष्ण जी का नाम नित्य हम गाते हैं। अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम,राम नारायणं श्रीमन माधवम।गोविंदं गोकुलनाथं दामोदरम,श्री कृष्ण शरणं प्रपद्ये। मुरली की आवाज़ सुनते हैं सब गोकुलवासी,रासलीला में व्यस्त होकर वे सभी मुस्काते।कान्हा की लीलाओं में हर दिल खो जाता है,उनकी भक्ति में हर कोई रंगीला हो जाता है। अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम,राम नारायणं श्रीमन माधवम।गोविंदं गोकुलनाथं दामोदरम,श्री कृष्ण शरणं प्रपद्ये। सभी दुखों से छुटकारा मिलता है श्री कृष्ण की शरण में,जो उन्हें सच्चे मन से पुकारे, वह न हारता है।कृष्ण का नाम जीवन में शांति और सुख लाता है,शरण में आने से सब कष्ट दूर हो जाते हैं। अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम,राम नारायणं श्रीमन माधवम।गोविंदं गोकुलनाथं दामोदरम,श्री कृष्ण शरणं प्रपद्ये। भजन का अर्थ: “अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम” मुखड़ा: अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम,राम नारायणं श्रीमन माधवम। इस पंक्ति में भगवान श्री कृष्ण के कई रूपों का उल्लेख किया गया है। “अच्युतम” का अर्थ है जो कभी असफल नहीं होते, “केशवम” का अर्थ है जिसके बाल बहुत सुंदर होते हैं, “कृष्ण” और “दामोदर” उनके नाम हैं, जो संसार के कष्टों को दूर करते हैं। “राम” और “नारायण” भी उनके अन्य नाम हैं, और “माधव” उनका एक अन्य रूप है। यह पंक्ति भगवान कृष्ण के महान रूपों का स्तवन करती है। पहला पद: गोविंदं गोकुलनाथं दामोदरम,श्री कृष्ण शरणं प्रपद्ये। यहाँ भगवान श्री कृष्ण को “गोविंद” (गोपियों के ह्रदय में निवास करने वाले), “गोकुलनाथ” (गोकुल के स्वामी) और “दामोदर” (जो अपनी माँ यशोदा के गले में बंधे हुए थे) के रूप में पूजा जा रहा है। “श्री कृष्ण शरणं प्रपद्ये” का मतलब है कि मैं भगवान श्री कृष्ण की शरण में जाता हूँ, और उनकी कृपा प्राप्त करने का आश्रय ग्रहण करता हूँ। दूसरा पद: चरणों में बसा है सुख, गुणों में समाया,शिव शक्ति का रूप, मन में विराजा। भगवान श्री कृष्ण के चरणों में सुख और उनके गुणों में अमृत समाया हुआ है। वे शिव और शक्ति का अद्वितीय रूप हैं, और उनके विचारों और गुणों का स्मरण करने से हमारे मन में शांति और सुख का वास होता है। तीसरा पद: राजा रानी, गोपियां सब उनके रूप में,कृष्ण जी का नाम नित्य हम गाते हैं। भगवान कृष्ण का रूप सभी में है – चाहे वे राजा-रानी हों या गोपियाँ। सभी भगवान कृष्ण के रूप में रंगी हुई हैं। हम कृष्ण के नाम का नित्य जाप करते हैं और उनके नाम में शांति, आनंद और प्रेम पाते हैं। चौथा पद: मुरली की आवाज़ सुनते हैं सब गोकुलवासी,रासलीला में व्यस्त होकर वे सभी मुस्काते।कान्हा की लीलाओं में हर दिल खो जाता है,उनकी भक्ति में हर कोई रंगीला हो जाता है। गोकुलवासी, जिनमें गोपी-गोपियाँ और अन्य लोग शामिल हैं, श्री कृष्ण की बांसुरी की मधुर ध्वनि सुनकर खुशी से झूमते हैं। भगवान कृष्ण की रासलीला और लीलाओं में उनका मन मगन रहता है और वे भगवान की भक्ति में पूरी तरह खो जाते हैं। पाँचवां पद: सभी दुखों से छुटकारा मिलता है श्री कृष्ण की शरण में,जो उन्हें सच्चे मन से पुकारे, वह न हारता है।कृष्ण का नाम जीवन में शांति और सुख लाता है,शरण में आने से सब कष्ट दूर हो जाते हैं। यह पंक्ति बताती है कि भगवान श्री कृष्ण की शरण में आने से सभी दुखों से मुक्ति मिलती है। जो भक्त सच्चे मन से श्री कृष्ण को पुकारता है, वह कभी भी हारता नहीं है। श्री कृष्ण का नाम जीवन में शांति, सुख और समृद्धि लाता है, और उनके चरणों में शरण लेने से सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं। सारांश: यह भजन भगवान श्री कृष्ण के दिव्य रूपों और उनकी लीलाओं का सुंदर वर्णन करता है। यह हमें कृष्ण के नाम में शक्ति और भक्ति का अहसास कराता है और उनके चरणों में शरण लेने का महत्व बताता है। भगवान श्री कृष्ण की शरण में आने से जीवन के सभी दुखों का नाश होता है और प्रेम एवं शांति का अनुभव होता है। Meaning of the Bhajan: “Achyutam Keshavam Krishna Damodaram” Chorus: Achyutam Keshavam Krishna Damodaram,Ram Narayanam Shreemann Madhavam. This line praises Lord Krishna by mentioning several of His divine names. “Achyutam” refers to the one who never fails, “Keshavam” refers to the one with beautiful locks of hair, “Krishna” and “Damodaram” are His beloved names, signifying the one who alleviates the world’s suffering. “Ram” and “Narayan” are other forms of Lord Krishna, and “Madhav” is another name signifying His nature as the source of everything. This line glorifies Lord Krishna in His various forms. Verse 1: Govindam Gokulnatham Damodaram,Shree Krishna Sharanam Prapadye. In this verse, Lord Krishna is addressed as “Govind” (the one who resides in the hearts of the Gopis), “Gokulnath” (the Lord of Gokul), and “Damodaram” (the one who was tied by His mother Yashoda). “Shree Krishna Sharanam Prapadye” means “I surrender to Lord Krishna,” seeking His divine protection and grace. Verse 2: Charaon Mein Basa Hai Sukh, Guno Mein Samaya,Shiv Shakti Ka Roop, Man Mein Viraja. The Lord’s feet are the source of eternal happiness, and His divine qualities are beyond measure. He is a manifestation of both Lord Shiva and Goddess Shakti. By meditating on His qualities, peace and joy fill the heart. Verse 3: Raja Rani, Gopiyan Sab Unke Roop Mein,Krishna Ji Ka Naam Nitya Hum Gaate Hain. This verse describes how everyone, whether kings, queens, or the Gopis, reflects Lord Krishna’s divine nature. We chant His name daily, as His name is a source of peace, love, and spiritual connection. Verse 4: Murli Ki Awaaz Sunte Hain Sab Gokulwasi,Raasleela Mein Vyast Hokar Ve Sabhi Muskaate.Kanha Ki Leelaon Mein Har Dil Kho Jata Hai,Unki Bhakti Mein Har Koi Rangeela Ho Jata Hai. The residents of Gokul, including the Gopis and others, listen to the sweet sound of Krishna’s flute, and they are immersed in His divine Raasleela. They smile and become lost in the joy of His divine pastimes. By engaging in Krishna’s devotion, their hearts are filled with bliss, and they are colored by His

गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो भजन: अर्थ, पूजा विधि और महत्व

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भजन: गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो,राधा रमण हरि गोविंद बोलो। श्रीकृष्ण के नाम का गुणगान करो,हरि का जाप करो, सुमिरन करो।प्रेम और भक्ति से उनका ध्यान करो,राधा के श्याम का गुणगान करो।गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो,राधा रमण हरि गोविंद बोलो। यमुना के तट पर मुरली बजाते,गोपियों संग रास रचाते।उनकी बांसुरी की मधुर तान,मोहन की लीलाओं का बखान।गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो,राधा रमण हरि गोविंद बोलो। गोकुल के वासी जिन पर बलिहारी,नंदलाल हैं सबके प्यारे।माखन चुराने की लीला निराली,उनके बिना ये दुनिया है खाली।गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो,राधा रमण हरि गोविंद बोलो। श्री वृंदावन के कुंज बिहारी,मन मोहन, मधुर मुरारी।उनके चरणों में मिलती है शांति,हर भक्त के मन की मिटती है भ्रांति।गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो,राधा रमण हरि गोविंद बोलो। शरण में आओ, छोड़ो अभिमान,हरि का नाम है सबका आधार।भक्ति के सागर में डूब जाओ,गोविंद के चरणों में जगह पाओ।गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो,राधा रमण हरि गोविंद बोलो। हर सांस में उनका नाम समाया,उनके नाम से हर दुःख मिटाया।गोविंद की महिमा अपरंपार,भक्तों के जीवन का वही आधार।गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो,राधा रमण हरि गोविंद बोलो। यह भजन श्रीकृष्ण की लीलाओं, उनकी भक्ति और उनके दिव्य नाम के स्मरण का सुंदर वर्णन है। इसे गाते हुए मन में शांति और भक्ति का भाव जागृत होता है। 🙏 भजन: गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो का अर्थ (हिंदी में) मुखड़ा: गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो,राधा रमण हरि गोविंद बोलो। इस पंक्ति में भगवान श्रीकृष्ण के नामों का जप करने की प्रेरणा दी गई है। “गोविंद,” “हरि,” “गोपाल,” और “राधा रमण” उनके अलग-अलग रूपों और लीलाओं का संकेत देते हैं। यह हमें भगवान का नाम लेकर भक्ति मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। पहला पद: श्रीकृष्ण के नाम का गुणगान करो,हरि का जाप करो, सुमिरन करो।प्रेम और भक्ति से उनका ध्यान करो,राधा के श्याम का गुणगान करो। इस पंक्ति में बताया गया है कि भगवान श्रीकृष्ण के नाम का गुणगान करने और उनका जाप करने से मन को शांति मिलती है। हमें प्रेम और भक्ति से उनके ध्यान में लीन होना चाहिए। दूसरा पद: यमुना के तट पर मुरली बजाते,गोपियों संग रास रचाते।उनकी बांसुरी की मधुर तान,मोहन की लीलाओं का बखान। यह श्रीकृष्ण की दिव्य लीलाओं का वर्णन है। यमुना किनारे श्रीकृष्ण की बांसुरी की मधुर ध्वनि सबको आकर्षित करती है और उनकी गोपियों संग रासलीला उनकी अलौकिक कृपा और प्रेम को दर्शाती है। तीसरा पद: गोकुल के वासी जिन पर बलिहारी,नंदलाल हैं सबके प्यारे।माखन चुराने की लीला निराली,उनके बिना ये दुनिया है खाली। यहां गोकुल में श्रीकृष्ण के बाल रूप की चर्चा है। नंदलाल (नंद बाबा के पुत्र) का माखन चुराने की लीला सबके हृदय को आनंदित करती है, और उनके बिना यह संसार अधूरा लगता है। चौथा पद: श्री वृंदावन के कुंज बिहारी,मन मोहन, मधुर मुरारी।उनके चरणों में मिलती है शांति,हर भक्त के मन की मिटती है भ्रांति। वृंदावन के कुंजों में बिहारी श्रीकृष्ण अपने भक्तों को मन मोह लेते हैं। उनके चरणों में शांति मिलती है, और उनके स्मरण से सभी प्रकार के भ्रम और मानसिक कष्ट दूर हो जाते हैं। पांचवा पद: शरण में आओ, छोड़ो अभिमान,हरि का नाम है सबका आधार।भक्ति के सागर में डूब जाओ,गोविंद के चरणों में जगह पाओ। इस पंक्ति में भक्ति का मार्ग अपनाने की प्रेरणा दी गई है। भगवान की शरण में जाने और अहंकार छोड़ने से ही जीवन का वास्तविक उद्देश्य पूर्ण होता है। छठा पद: हर सांस में उनका नाम समाया,उनके नाम से हर दुःख मिटाया।गोविंद की महिमा अपरंपार,भक्तों के जीवन का वही आधार। यहां बताया गया है कि हर सांस में भगवान का नाम लेने से दुख दूर होते हैं। श्रीकृष्ण की महिमा अनंत है, और उनके नाम में ही भक्तों का सारा आधार छिपा हुआ है। सारांश: इस भजन में भगवान श्रीकृष्ण के नाम और उनकी लीलाओं की महिमा का वर्णन है। यह हमें उनके नाम का जाप करने, भक्ति में लीन रहने और जीवन के हर दुःख से मुक्त होने का मार्ग दिखाता है। श्रीकृष्ण के चरणों में शरण लेने से शांति और आनंद की प्राप्ति होती है। Meaning of the Bhajan: “Govind Bolo Hari Gopal Bolo” in English Chorus: Govind Bolo Hari Gopal Bolo,Radha Raman Hari Govind Bolo. This line encourages chanting the divine names of Lord Krishna, such as “Govind,” “Hari,” “Gopal,” and “Radha Raman.” These names reflect His various forms and divine pastimes. Chanting His name is a path to devotion and spiritual connection. Verse 1: Sing the glories of Lord Krishna’s name,Chant and meditate upon Hari.With love and devotion, remember Him,Sing praises of Radha’s beloved Shyam. This verse emphasizes glorifying Lord Krishna’s name, chanting it with love, and focusing on Him with devotion. Remembering Him brings peace and divine joy. Verse 2: On the banks of the Yamuna, He plays His flute,Dancing in joy with the Gopis.The sweet melody of His flute enchants all,Revealing His divine and playful pastimes. This describes Krishna’s enchanting leelas (divine plays) on the banks of the Yamuna River, where He plays His flute and performs the Rasleela (dance of love) with the Gopis, captivating everyone. Verse 3: The people of Gokul adore Him endlessly,Beloved son of Nand, their joy eternal.His butter-stealing mischiefs are unmatched,Without Him, the world feels incomplete. This verse narrates Krishna’s childhood in Gokul, where He is loved dearly by everyone. His playful acts, like stealing butter, spread joy, and His absence makes life seem incomplete. Verse 4: The divine Vrindavan is His playground,Enchanting hearts as Kunja Bihari.At His lotus feet lies ultimate peace,Dispelling doubts and sorrows of the mind. Here, Krishna is depicted as Kunja Bihari, the one who resides in the groves of Vrindavan. Worshipping Him brings peace and removes all doubts and suffering. Verse 5: Surrender to Him, let go of ego,Hari’s name is the foundation for all.Immerse yourself in the ocean of devotion,Find a place at Govind’s divine feet. This verse inspires surrendering to Lord Krishna with humility. Chanting His name and immersing in devotion lead to spiritual fulfillment and salvation. Verse 6: Every breath should chant His name,His name removes all sorrows and pain.The glory of Govind is infinite,He is the foundation of every devotee’s life.

यशोमती मइया से बोले नंदलाला भजन: अर्थ, पूजा विधि और सामग्री

भजन: “यशोमती मइया से बोले नंदलाला” यशोमती मइया से बोले नंदलाला,राधे राधे बोलो, राधे राधे बोलो। यशोमती मइया के लाड़ले नंदलाला,माखन चुराते हैं, माखन चुराते हैं। मोर मुकुट पहने, कंठ में बांसुरी,कृष्णा के दर्शन से धन्य है दुनिया। यशोमती मइया से बोले नंदलाला,राधे राधे बोलो, राधे राधे बोलो। गोपियाँ नृत्य करतीं, कान्हा के संग,रासलीला में रंगीली, बजी मुरली। कान्हा के कदमों में बसा है सुख सारा,वो ही हैं हमारे जीवन का सहारा। यशोमती मइया से बोले नंदलाला,राधे राधे बोलो, राधे राधे बोलो। माला से लेकर अपने ह्रदय में,कृष्ण के चरणों में अर्पित करो प्रेम। माखन के संग मिलकर, करों भक्ति समर्पण,कान्हा का नाम लेने से हर दिल होता पवित्र। यशोमती मइया से बोले नंदलाला,राधे राधे बोलो, राधे राधे बोलो। यह भजन भगवान श्री कृष्ण के शिशु रूप और उनके प्यारे लीलाओं का वर्णन करता है। “यशोमती मइया से बोले नंदलाला” एक प्रसिद्ध भजन है जिसमें कान्हा की मासूमियत, माखन चोरी और रासलीला की बातें की जाती हैं। इस भजन को गाने से मन में प्रेम और भक्ति का अहसास होता है। भजन का अर्थ: “यशोमती मइया से बोले नंदलाला” मुखड़ा: यशोमती मइया से बोले नंदलाला,राधे राधे बोलो, राधे राधे बोलो। इस पंक्ति में भगवान श्री कृष्ण (नंदलाला) अपनी माँ यशोदा से बात कर रहे हैं। वे अपनी माँ को यह कहते हैं कि ‘राधे राधे’ शब्दों का जाप करो, क्योंकि राधा और कृष्ण का नाम बहुत पवित्र और शुभकारी होता है। यह मंत्र हर जगह भगवान की उपस्थिति का अहसास कराता है। पहला पद: यशोमती मइया के लाड़ले नंदलाला,माखन चुराते हैं, माखन चुराते हैं। भगवान कृष्ण का बचपन बहुत प्यारा था, और वे माखन चोरी करने के लिए प्रसिद्ध थे। इस पंक्ति में उनकी बाल लीलाओं का वर्णन किया गया है, जिसमें वे अपनी माँ यशोदा से छिपकर माखन चोरी करते हैं। यह उनकी मासूमियत और लीलाओं का प्रतीक है। दूसरा पद: मोर मुकुट पहने, कंठ में बांसुरी,कृष्णा के दर्शन से धन्य है दुनिया। इस पंक्ति में भगवान कृष्ण के सुंदर रूप का वर्णन किया गया है। वे मोरपंख से सजे मुकुट पहनते हैं और उनके गले में बांसुरी होती है। बांसुरी की ध्वनि और कृष्ण के दर्शन से इस संसार को अमृत प्राप्त होता है। तीसरा पद: गोपियाँ नृत्य करतीं, कान्हा के संग,रासलीला में रंगीली, बजी मुरली। यहाँ भगवान कृष्ण के साथ रासलीला का चित्रण किया गया है, जिसमें गोपियाँ उनके साथ नृत्य करती हैं और बांसुरी की ध्वनि (मुरली) से वातावरण में भक्ति और आनंद का प्रसार होता है। यह उनके प्रेमपूर्ण और आनंदित जीवन का प्रतीक है। चौथा पद: कान्हा के कदमों में बसा है सुख सारा,वो ही हैं हमारे जीवन का सहारा। इस पंक्ति में यह कहा गया है कि भगवान कृष्ण के चरणों में सारा सुख समाहित है। उनके चरणों में श्रद्धा और प्रेम की शक्ति है, और वे हमारे जीवन के सबसे बड़े सहारे हैं। कृष्ण की भक्ति से जीवन में सुख और शांति मिलती है। पाँचवां पद: माला से लेकर अपने ह्रदय में,कृष्ण के चरणों में अर्पित करो प्रेम। इस पंक्ति में भक्तों को यह संदेश दिया जा रहा है कि वे अपने ह्रदय से भगवान कृष्ण के चरणों में प्रेम अर्पित करें। माला (जप माला) से भगवान के नाम का जाप करना और उनके चरणों में समर्पण करना भक्ति का सर्वोत्तम मार्ग है। छठा पद: माखन के संग मिलकर, करों भक्ति समर्पण,कान्हा का नाम लेने से हर दिल होता पवित्र। यह पंक्ति भगवान कृष्ण की माखन चुराने की लीलाओं का एक प्रतीक है, जहाँ भक्त माखन (भक्ति) के साथ समर्पण करते हैं। जब हम कृष्ण का नाम लेते हैं, तब हमारे दिल में पवित्रता आती है और हम उनकी कृपा प्राप्त करते हैं। सारांश: यह भजन भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप, उनकी माखन चोरी की लीलाओं, रासलीला, और उनके गहरे प्रेम का वर्णन करता है। भजन का प्रत्येक पद कृष्ण की दिव्य लीलाओं और उनके भक्तों के लिए अनंत प्रेम का संदेश देता है। “राधे राधे बोलो” का जप करने से जीवन में शांति, प्रेम, और भगवान की कृपा मिलती है। Meaning of the Bhajan: “Yashomati Maiya Se Bole Nandlala” Chorus: Yashomati Maiya Se Bole Nandlala,Radhe Radhe Bolo, Radhe Radhe Bolo. In this line, Lord Krishna (Nandlala) is speaking to his mother Yashoda. He is telling her to chant the words “Radhe Radhe,” because the name of Radha and Krishna is auspicious and brings blessings. These words are powerful and bring divine presence to one’s life. Verse 1: Yashomati Maiya Ke Ladle Nandlala,Makhhan Churaate Hain, Makhhan Churaate Hain. This verse refers to Krishna’s childhood where he is known for stealing butter (makhan) from the homes of the Gopis. Krishna’s mischievous nature is depicted here, where he steals butter with his playful innocence, endearing him to all. Verse 2: Moor Mukut Pehne, Kanth Mein Bansuri,Krishna Ke Darshan Se Dhanya Hai Duniya. Here, Lord Krishna is described as wearing a crown decorated with peacock feathers (Moor Mukut) and holding a flute (Bansuri) in his neck. The world is blessed and made divine through Krishna’s darshan (vision). His presence is a source of spiritual fulfillment for the world. Verse 3: Gopiyan Nritya Kartin, Kanha Ke Sang,Raasleela Mein Rangeeli, Baji Murlai. This verse refers to the divine dance of Krishna with the Gopis during the Raasleela, a joyful and sacred dance. The sound of the flute (Murlai) fills the atmosphere, and everyone, including the Gopis, is lost in the divine bliss of Krishna’s presence. Verse 4: Kanha Ke Kadmo Mein Basa Hai Sukh Saara,Woh Hi Hai Hamare Jeevan Ka Sahara. In this line, it is expressed that all happiness resides in the footsteps of Krishna. His divine grace is the ultimate support and refuge for all, and he is the true shelter in life, guiding his devotees towards spiritual peace and fulfillment. Verse 5: Mala Se Le Kar Apne Hriday Mein,Krishna Ke Charano Mein Arpit Karo Prem. This verse encourages devotees to offer their love to Krishna through their hearts and with sincerity. It suggests that chanting Krishna’s name with a mala (prayer beads) and surrendering to his divine feet with love is the highest form of devotion. Verse 6: Makhhan Ke Sang Milkar,

राधे कृष्णा राधे श्याम भजन: विस्तार, अर्थ, और पूजा विधि

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राधे कृष्णा राधे श्याम (भजन – विस्तार रूप) मुखड़ा राधे कृष्णा राधे श्याम,बोलो राधे कृष्णा राधे श्याम।श्याम सुन्दर मोहन मुरारी,गूंजे बंसी मधुर पुकारी।राधे कृष्णा राधे श्याम,बोलो राधे कृष्णा राधे श्याम। पहला अंतरा जमुना के तट पर बंसी वादे,गोपियों संग रास रचाते।चंद्र की शीतल किरणें बिखरें,तेरी मुरली मन को लुभाते।हर गोकुलवासी तुझ पर बलिहारी,तेरा रूप सलोना सबसे न्यारा।राधे कृष्णा राधे श्याम,बोलो राधे कृष्णा राधे श्याम। दूसरा अंतरा राधा संग तेरा अनुपम मेल,प्रेम कहानी सजीव विहेल।बरसाने के पथ पर तेरे चरण,छू लें तो धरती भी हो जाए धन्य।तेरी मूरत का दर्शन पाऊं,हर जन्म में तेरा गुन गाऊं।राधे कृष्णा राधे श्याम,बोलो राधे कृष्णा राधे श्याम। तीसरा अंतरा श्री वृंदावन के कुंज गली में,तेरे चरणों की छाप मिली।सुध-बुध खो जाएं जब भजूं तेरा नाम,तेरी लीलाओं में है सारा धाम।हरि चरणों में जो शरण पाए,उसका जीवन धन्य हो जाए।राधे कृष्णा राधे श्याम,बोलो राधे कृष्णा राधे श्याम। चौथा अंतरा तेरी कृपा से सब कुछ पाया,मन में न रहा कोई और साया।संसार की माया मुझसे दूर हो,बस तेरा ही नाम अब मेरे सुर हो।प्रभु मेरे जीवन के सहारे,रखना सदा अपने चरणों में प्यारे।राधे कृष्णा राधे श्याम,बोलो राधे कृष्णा राधे श्याम। पंचम अंतरा तुम ही तो हो मोक्ष के दाता,जीवन के कष्टों से हो मुक्त करता।जो तेरा नाम सुमिरन करता,उसके जीवन में प्रकाश भरता।सतयुग, द्वापर, कलयुग में,तेरा नाम अमर रहे सदा।राधे कृष्णा राधे श्याम,बोलो राधे कृष्णा राधे श्याम। आखिरी अंतरा प्रभु मैं अनाथ, तुम मेरे नाथ,कर दो कृपा, सुन लो मेरी बात।जीवन की नैया तेरे हाथ,मुझे तार दो भवसागर से प्रभु आज।हर सांस में तेरा ही नाम,हर धड़कन में तेरा ही ध्यान।राधे कृष्णा राधे श्याम,बोलो राधे कृष्णा राधे श्याम। यह भजन प्रेम, भक्ति और भगवान की अनंत महिमा का गान करता है। इसे गाते समय धीमी और मधुर धुन का उपयोग किया जा सकता है, जिसमें अंतरा और मुखड़ा को संतुलित रूप से गाया जाए। क्या आपको इस भजन की धुन या अन्य भजनों पर भी मदद चाहिए? राधे कृष्णा राधे श्याम भजन का अर्थ (हिंदी में) मुखड़ा राधे कृष्णा राधे श्याम, बोलो राधे कृष्णा राधे श्याम।इस पंक्ति में भगवान श्रीकृष्ण और राधा का स्मरण करने और उनके नाम का जाप करने का आग्रह है। उनके नाम में ही भक्तों के जीवन की सारी शांति और आनंद छुपा हुआ है। श्याम सुंदर मोहन मुरारी, गूंजे बंसी मधुर पुकारी।श्रीकृष्ण के सुंदर रूप, उनकी मोहक मुस्कान और उनकी बांसुरी की मधुर ध्वनि का वर्णन किया गया है, जो सभी के मन को मोह लेती है। पहला अंतरा जमुना के तट पर बंसी वादे, गोपियों संग रास रचाते।चंद्र की शीतल किरणें बिखरें, तेरी मुरली मन को लुभाते।यह पंक्तियां श्रीकृष्ण की लीला का वर्णन करती हैं। वह यमुना के तट पर बांसुरी बजाते हैं और गोपियों के साथ रासलीला करते हैं। उनकी बांसुरी की धुन सुनकर मन आनंदित हो जाता है। हर गोकुलवासी तुझ पर बलिहारी, तेरा रूप सलोना सबसे न्यारा।गोकुल में हर व्यक्ति श्रीकृष्ण के अद्भुत रूप और गुणों पर मोहित है। उनका रूप सबसे सुंदर और अनोखा है। दूसरा अंतरा राधा संग तेरा अनुपम मेल, प्रेम कहानी सजीव विहेल।बरसाने के पथ पर तेरे चरण, छू लें तो धरती भी हो जाए धन्य।यहां राधा-कृष्ण की प्रेम कहानी का उल्लेख है, जो भक्तों के लिए एक आदर्श प्रेम का प्रतीक है। उनके चरण जहां पड़ते हैं, वह स्थान पवित्र हो जाता है। तेरी मूरत का दर्शन पाऊं, हर जन्म में तेरा गुन गाऊं।भक्त की इच्छा है कि हर जन्म में वह श्रीकृष्ण के दर्शन करे और उनके गुण गाए। तीसरा अंतरा श्री वृंदावन के कुंज गली में, तेरे चरणों की छाप मिली।सुध-बुध खो जाएं जब भजूं तेरा नाम, तेरी लीलाओं में है सारा धाम।वृंदावन, जो श्रीकृष्ण की लीलाओं का स्थान है, वहां भक्त उनके चरणों के निशान पाकर धन्य हो जाते हैं। जब भक्त उनका नाम जपते हैं, तो सारी चिंताएं और दुख दूर हो जाते हैं। हरि चरणों में जो शरण पाए, उसका जीवन धन्य हो जाए।जो भी भक्त श्रीकृष्ण के चरणों में शरण लेता है, उसका जीवन सफल और धन्य हो जाता है। चौथा अंतरा तेरी कृपा से सब कुछ पाया, मन में न रहा कोई और साया।संसार की माया मुझसे दूर हो, बस तेरा ही नाम अब मेरे सुर हो।यहां भक्त श्रीकृष्ण की कृपा को धन्यवाद देते हुए कहते हैं कि उनकी कृपा से उन्होंने सब कुछ पा लिया है। अब उनके मन में सांसारिक इच्छाओं का कोई प्रभाव नहीं रहा और उनका जीवन केवल भगवान के नाम के लिए समर्पित है। प्रभु मेरे जीवन के सहारे, रखना सदा अपने चरणों में प्यारे।भक्त श्रीकृष्ण से प्रार्थना करते हैं कि वह हमेशा उनके जीवन के सहारे बने रहें और उन्हें अपने चरणों में स्थान दें। पंचम अंतरा तुम ही तो हो मोक्ष के दाता, जीवन के कष्टों से हो मुक्त करता।जो तेरा नाम सुमिरन करता, उसके जीवन में प्रकाश भरता।श्रीकृष्ण को मोक्ष का दाता कहा गया है। जो भी उनका नाम स्मरण करता है, उसके सारे दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं और उसके जीवन में नई रोशनी आ जाती है। सतयुग, द्वापर, कलयुग में, तेरा नाम अमर रहे सदा।यहां कहा गया है कि श्रीकृष्ण का नाम हर युग में अमर है। वह हर युग में भक्तों का उद्धार करते हैं। आखिरी अंतरा प्रभु मैं अनाथ, तुम मेरे नाथ, कर दो कृपा, सुन लो मेरी बात।जीवन की नैया तेरे हाथ, मुझे तार दो भवसागर से प्रभु आज।भक्त भगवान से विनती करते हैं कि वह उनके जीवन की नैया के खेवनहार बनें और उन्हें इस सांसारिक समुद्र से पार लगाएं। हर सांस में तेरा ही नाम, हर धड़कन में तेरा ही ध्यान।भक्त की इच्छा है कि उसकी हर सांस और हर धड़कन में सिर्फ श्रीकृष्ण का नाम और ध्यान बसा रहे। यह भजन राधा-कृष्ण की दिव्यता, उनके प्रेम और उनकी कृपा का गुणगान करता है। इसे गाते हुए भक्त को उनकी उपस्थिति का अनुभव होता है। Meaning of the Bhajan “Radhe Krishna Radhe Shyam” (In English) Chorus (Mukhdā) Radhe Krishna Radhe Shyam,Chant Radhe Krishna Radhe Shyam.This line urges devotees to remember and chant the holy names of Radha and Krishna, as their names hold the essence of peace and eternal bliss. Shyam Sundar Mohan Murari,The sweet melody of his flute echoes everywhere.Here, Lord Krishna is described as the beautiful,

O papi man karle bhajan mokka milla hai to karle jatan Lyrics in Hindi

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ओ पापी मन करले भजन हिंदी में ओ पापी मन करले भजन, मौका मिला है तो करले जतन ।। जिसका मुझे था इंतजार, ओ पापी मन करले भजन, मौका मिला है तो करले जतन, बाद में प्यारे पछताएगा जब, पिंजरे से पंछी निकल जाएगा।। चार दिनों का है जग का मेला, कोई ना साथी संगी अकेला। जैसा तू आया जग में वैसा ही तू जाएगा, मुठ्ठी बाँध के आया जग में हाथ पसारे जाएगा, हो बाद में प्यारे पछताएगा जब, पिंजरे से पंछी निकल जाएगा।। भाई बंधू कुटुंब कबीला, ये तो जग का झूठा झमेला, मरने के बाद तुझे आग में जलाएंगे, तेरह दिनों का तेरा मातम मनाएंगे, बाद में प्यारे पछताएगा जब, पिंजरे से पंछी निकल जाएगा।। राम नाम का सुमिरण करले, राम जी का नाम प्यारे घट में धर ले, राम जी का नाम प्यारे काम तेरे आएगा, जीवन मरण से तू मुक्ति पा जायेगा, बाद में प्यारे पछताएगा जब, पिंजरे से पंछी निकल जाएगा।। https://youtu.be/t4UkypNWqj8?si=pokmtrCspWGHmrHI O Papi Man Karle Bhajan Explanation in Hindi: 1. O Papi Man Karle Bhajan, Mauka Mila Hai To Karle Jatan Bhajan ki shuruaat yeh yaad dilati hai ki insaan ko apne jeevan ka sahi upyog karna chahiye. Bhagwan ki bhakti karne ka samay abhi hai, varna baad mein sirf pachtawa hoga. 2. Jiska Mujhe Tha Intezar… Pinjre Se Panchi Nikal Jayega Is pankti mein sharir ko pinjre ke roop mein samjha gaya hai aur atma ko ek panchi. Jab atma sharir chhod deti hai, tab sab kuch bekaar lagta hai. Jeevan ke is anitya swaroop ko samajhkar bhakti karni chahiye. 3. Char Dinon Ka Hai Jag Ka Mela, Koi Na Saathi Sangi Akela Duniya ko ek “mela” ke roop mein dekha gaya hai jo bas kuch samay ke liye hota hai. Jo rishtedaar, paisa, aur sukh aaj saath hain, woh aakhiri samay tak saath nahi rahenge. Insaan akela hi aata hai aur akela hi jata hai. 4. Jaisa Tu Aaya Jag Mein, Waisa Hi Tu Jayega Yeh pankti dikhati hai ki insaan khali haath aata hai aur khali haath hi chala jata hai. Janm aur mrityu ke beech jo bhi sampatti, yeh sab yahin reh jayega. 5. Bhai Bandhu Kutumb Kabila, Ye To Jag Ka Jhutha Jhamela Rishtedar aur dosti bhi temporary hain. Jab insaan mar jata hai, to wahi log uske sharir ko agni dete hain aur bas kuch din tak shok manate hain. Isliye, jeevan ka moolya samajhkar dharmikta ki aur dhyan dena chahiye. 6. Ram Naam Ka Sumiran Karle, Ram Ji Ka Naam Pyare Ghat Mein Dhar Le Bhagwan Ram ka naam lene aur unka smaran karne se jeevan mein shanti aur mrityu ke baad mukti milti hai. Ram ka naam har sukh aur dukh mein madad karta hai aur insaan ko jeevan aur mrityu ke chakravyuh se mukt karta hai.

आरती कुंजबिहारी की (Aarti Kunj Bihari Ki) – Lyrics[लिरिक्रस]

आरती कुंजबिहारी की (Aarti Kunj Bihari Ki) - Lyrics[लिरिक्रस]

आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला । श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला । गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली । लतन में ठाढ़े बनमाली भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक, चंद्र सी झलक, ललित छवि श्यामा प्यारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ कनकमय मोर मुकुट बिलसै, देवता दरसन को तरसैं । गगन सों सुमन रासि बरसै । बजे मुरचंग, मधुर मिरदंग, ग्वालिन संग, अतुल रति गोप कुमारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ जहां ते प्रकट भई गंगा, सकल मन हारिणि श्री गंगा । स्मरन ते होत मोह भंगा बसी शिव सीस, जटा के बीच, हरै अघ कीच, चरन छवि श्रीबनवारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ चमकती उज्ज्वल तट रेनू, बज रही वृंदावन बेनू । चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू हंसत मृदु मंद, चांदनी चंद, कटत भव फंद, टेर सुन दीन दुखारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ आरती कुंजबिहारी की –  krishna ji aarti kunj bihari ki videos Lyrics  listen to Krishna ji aarti kunj bihari ki (Lyrics) आरती कुंजबिहारी की” की हिन्दी में अर्थ:  Shri Krishna Ji Ki Aarti – Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics & Meaning in Hindi यह आरती भगवान श्री कृष्ण के अद्वितीय रूप, उनके प्रेम, और उनके दिव्य कार्यों का वर्णन करती है। इस आरती को गाने से भक्तों के मन में भक्ति और प्रेम का संचार होता है, और वे श्री कृष्ण की कृपा प्राप्त करते हैं। “आरती कुंजबिहारी की” की अंग्रेज़ी में अर्थ:  krishna bhagwan ji ki aarti kunj bihari ki Lyrics & Meaning in english  Chorus: Verse 1: Verse 2: Verse 3: Verse 4: Refrain (Chorus) Repeated: पूजा विधि (Pooja Vidhi) of “आरती कुंजबिहारी की” (Aarti Kunj Bihari Ki): “आरती कुंजबिहारी की” की पूजा विधि एक सामान्य कृष्ण पूजा विधि के तहत की जाती है। इसका उद्देश्य भगवान श्री कृष्ण के दिव्य रूप और गुणों की स्तुति करना है। यह पूजा विशेष रूप से कृष्ण भक्तों द्वारा नियमित रूप से की जाती है, और इसके दौरान मन, वचन और शरीर से श्री कृष्ण की उपासना की जाती है। पूजा विधि: आरती कुंजबिहारी की” का प्रभाव और लाभ (Aarti Kunj Bihari Ki Ka Karya aur Labh): “आरती कुंजबihari Ki” का गायन और पूजा करने से कई लाभ होते हैं। इस आरती को विशेष रूप से कृष्ण के भक्तों द्वारा उनके साथ आध्यात्मिक जुड़ाव बनाने के लिए किया जाता है। 1. मानसिक शांति (Mental Peace): आरती का नियमित पाठ और ध्यान से मानसिक शांति मिलती है। यह मन को एकाग्र करता है और जीवन की परेशानियों से मुक्ति दिलाता है। 2. भक्ति में वृद्धि (Increase in Devotion): जब आप कृष्ण की आरती करते हैं, तो यह आपके हृदय में कृष्ण के प्रति भक्ति और प्रेम को बढ़ाता है। यह एक अच्छे भक्ति साधक को बनाने में मदद करता है। 3. संतान सुख (Blessings for Children): कृष्ण की आरती का गायन संतान सुख के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। जो लोग संतान सुख के लिए परेशान हैं, वे कृष्ण के ध्यान और पूजा से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। 4. आर्थिक उन्नति (Financial Prosperity): “आरती कुंजबिहारी की” का नियमित रूप से पाठ करने से आर्थिक संकटों से मुक्ति मिलती है और घर में समृद्धि आती है। 5. मानसिक और शारीरिक रोगों से मुक्ति (Relief from Mental and Physical Ailments): आरती के साथ भगवान कृष्ण का ध्यान करने से मानसिक और शारीरिक रोगों में राहत मिलती है। भक्तों का विश्वास है कि कृष्ण की कृपा से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। 6. दोष निवारण (Removal of Obstacles): इस आरती को करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं। ये सभी प्रकार के दोष और नकारात्मकता को समाप्त करती है। 7. श्री कृष्ण की कृपा (Lord Krishna’s Blessings): कृष्ण की आरती से भगवान की कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन में सफलता, सुख, और समृद्धि का मार्ग खोलती है। उनके आशीर्वाद से भक्तों की सारी इच्छाएं पूरी होती हैं। “Aarti Kunj Bihari Ki” के प्रभाव से जो कार्य होते हैं, उन्हें “करजे से” (blessings) के रूप में जाना जाता है, क्योंकि इस आरती के माध्यम से भक्त कृष्ण से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, जो उनके जीवन में समृद्धि, शांति और समाधान लाता है।

काली चालीसा का महत्व, अर्थ और पूजा विधि

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काली चालीसा का महत्व, अर्थ और पूजा विधि काली चालीसा जय काली माँ, जय काली माँ,माता दुर्गा के रूप में आ,शरणागत वत्सल काली माँ,हमे दुखों से उबार के ला। ओ काली माँ, महाकाल की शakti,दुष्टों का विनाश करती है,भूत-प्रेत, पिशाच व गिरोहों को,अपनी महाक्रूरता से हराती है। तात्पर्य माँ, काली हमे आशीर्वाद दे,शांति और संजीवनी शक्ति दे,विधी-वीरता से हमे कष्टों से मुक्ति दे। काली की नृत्य रूप में भयंकर छवि,दुर्गम से बड़ी बुरी कृतियों के कुल का विनाश करती है। काली माँ के चरणों में पवित्र स्थान है,जिनके आशीर्वाद से जीवन को ज्ञान मिलता है। संकटों में उन्हें याद करो,काली माँ की महिमा से भय समाप्त करो। भय को हराती है काली माँ,संकटों में वो अपने भक्तों के संग है। संसार में जो परेशानी है,काली माँ का भजन शांति दिलाता है। तंत्र-मंत्र की शक्तियां उसे पता है,और विजय की प्राप्ति के लिए काली माँ की पूजा करो। काली माँ की महिमा असीम है,सभी संतान को संजीवनी देने वाली। रात्रि में जप करो माँ का नाम,मन की संकल्पों को प्रकट करो। ओ काली माँ, तू शक्तिमान है,तेरे चरणों में हमारी उन्नति है। शरणागत वत्सल काली माँ,हमे भाग्य और प्रेम की आशीर्वाद दे। सुख-शांति से हमें अभय प्रदान कर,हमारे ह्रदय में काली माँ का साम्राज्य हो। काली माँ की महिमा जप कर,सत्य के मार्ग पर हमे स्थिर कर। जय काली, जय काली माँ,हर संकट से उबारो, बचाओ काली माँ। इति श्री काली चालीसा सम्पूर्ण। https://www.youtube.com/watch?v=Gd_fmyIMQeU Meaning of Kali Chalisa in Hindi : काली चालीसा का अर्थ : जय काली माँ, जय काली माँ,माता दुर्गा के रूप में आ,शरणागत वत्सल काली माँ,हमें दुखों से उबार के ला।अर्थ: माँ काली की जय हो! आप माँ दुर्गा के रूप में हमारे जीवन में आईं हैं। आप शरण में आये भक्तों को अपना आशीर्वाद देती हैं और हमें दुखों से उबारने वाली हैं। ओ काली माँ, महाकाल की शक्ति,दुष्टों का विनाश करती है,भूत-प्रेत, पिशाच व गिरोहों को,अपनी महाक्रूरता से हराती है।अर्थ: ओ माँ काली, आप महाकाल की शक्ति से संपन्न हैं। आप दुष्टों, भूत-प्रेत, पिशाचों और बुरे लोगों का नाश करने वाली हैं। तात्मक माँ, काली हमें आशीर्वाद दे,शांति और संजीवनी शक्ति दे,विधी-वीरता से हमें कष्टों से मुक्ति दे।अर्थ: माँ काली, आप हमें आशीर्वाद दें ताकि हम शांति और संजीवनी शक्ति प्राप्त करें और हमारे कष्ट समाप्त हो जाएं। काली की नृत्य रूप में भयंकर छवि,दुर्गम से बड़ी बुरी कृतियों के कुल का विनाश करती है।अर्थ: माँ काली का रूप नृत्य करते हुए भयंकर और क्रूर है, जो बुरी कृतियों का नाश करने वाली हैं। काली माँ के चरणों में पवित्र स्थान है,जिनके आशीर्वाद से जीवन को ज्ञान मिलता है।अर्थ: माँ काली के चरणों में अपार पवित्रता है, जिनका आशीर्वाद हमारे जीवन में ज्ञान और संतोष लाता है। संकटों में उन्हें याद करो,काली माँ की महिमा से भय समाप्त करो।अर्थ: जब भी जीवन में संकट हो, माँ काली को याद करो, उनके दिव्य आशीर्वाद से भय दूर होगा। भय को हराती है काली माँ,संकटों में वो अपने भक्तों के संग हैं।अर्थ: माँ काली भय को समाप्त करने वाली हैं, और वे संकट के समय अपने भक्तों के साथ होती हैं। संसार में जो परेशानी है,काली माँ का भजन शांति दिलाता है।अर्थ: संसार में जो भी समस्याएँ हैं, माँ काली का भजन हमें शांति और समाधान प्रदान करता है। तंत्र-मंत्र की शक्तियां उसे पता है,और विजय की प्राप्ति के लिए काली माँ की पूजा करो।अर्थ: माँ काली तंत्र-मंत्र की शक्तियों से जानकार हैं और हमें विजय प्राप्त करने के लिए उनकी पूजा करनी चाहिए। काली माँ की महिमा असीम है,सभी संतान को संजीवनी देने वाली।अर्थ: माँ काली की महिमा अनंत है, और वह सभी संतान को जीवनदान देने वाली हैं। रात्रि में जप करो माँ का नाम,मन की संकल्पों को प्रकट करो। अर्थ: रात्रि के समय माँ काली का नाम जाप करो और अपने मन की इच्छाओं और संकल्पों को प्रकट करो। ओ काली माँ, तू शक्तिमान है,तेरे चरणों में हमारी उन्नति है। अर्थ: ओ माँ काली, आप अत्यंत शक्तिशाली हैं, और आपके चरणों में हमारी उन्नति और समृद्धि है। शरणागत वत्सल काली माँ,हमें भाग्य और प्रेम की आशीर्वाद दे। अर्थ: शरण में आये भक्तों को प्रेम और आशीर्वाद देने वाली माँ काली हमें अच्छे भाग्य और प्रेम का आशीर्वाद दें। सुख-शांति से हमें अभय प्रदान कर,हमारे ह्रदय में काली माँ का साम्राज्य हो। अर्थ: माँ काली हमें सुख, शांति और अभय प्रदान करें, और हमारे ह्रदय में उनका साम्राज्य स्थापित हो। काली माँ की महिमा जप कर,सत्य के मार्ग पर हमें स्थिर कर। अर्थ: माँ काली की महिमा का जाप करके हम सत्य के मार्ग पर दृढ़ रहें और हमारे जीवन में सत्यता और नैतिकता की शक्ति आए। जय काली, जय काली माँ,हर संकट से उबारो, बचाओ काली माँ। अर्थ: जय काली माँ! आप हमें सभी संकटों से उबारें और हमारी रक्षा करें। इति श्री काली चालीसा सम्पूर्ण। अर्थ: यह काली चालीसा पूर्ण हुआ। Meaning of Kali Chalisa in English : Jai Kali Maa, Jai Kali Maa,Mata Durga ke roop mein aa,Sharanagat vatsal Kali Maa,Humein dukhon se ubar ke la.Meaning: Hail Kali Maa! You have come in the form of Goddess Durga. O Kali Maa, you are compassionate towards those who seek refuge, and you uplift us from our troubles. O Kali Maa, Mahakal ki shakti,Dushton ka vinash karti hai,Bhoot-pret, pishach aur girohon ko,Apni mahakroorata se haraati hai.Meaning: O Kali Maa, you are endowed with the power of Mahakal. You destroy evil forces, ghosts, spirits, and wicked groups with your fierce power. Taatkalyan Maa, Kali humein aashirwad de,Shanti aur sanjeevani shakti de,Vidhi-veerta se humein kashton se mukti de.Meaning: O Kali, bless us with peace and life-giving power, and free us from all troubles with your divine grace and strength. Kali ki nritya roop mein bhayankar chhavi,Durgam se badi buri krityon ke kul ka vinash karti hai.Meaning: Kali’s dance form is fierce and terrifying, and she destroys the lineage of the most dreadful and evil deeds. Kali Maa ke charno mein pavitra sthan hai,Jinke aashirwad se jeevan ko gyaan milta hai.Meaning: Kali Maa’s feet are a sacred place, and through her blessings, one attains wisdom and spiritual knowledge. Sankaton mein unhe yaad karo,Kali Maa ki mahima

सूर्य चालीसा के लाभ: स्वास्थ्य, समृद्धि और सफलता के लिए

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सूर्य चालीसा के लाभ: स्वास्थ्य, समृद्धि और सफलता के लिए सूर्य चालीसा ॐ जय सूर्य देवता, जगत के रचयिता।नमः सूर्याय शान्ताय सर्वरोग निवारिणे।।नमः सूर्याय शान्ताय सर्वरोग निवारिणे।। सूरज देवता की आराधना करूं,जो जगत में सर्वश्रेष्ठ हैं, यह स्वीकार करू।यमराज के कुप्रभाव से मुक्ति मिले,इस ज्ञान से तन-मन को लाभ हो। सूर्य देवता के प्रताप से जीवन में उजाला हो,उनका आशीर्वाद हमें सर्वथा हर दिशा से मिले।जो उनके चरणों में लीन होता है,उसकी रक्षा हर संकट से होती है। जो नित्य सूर्योदय में उन्हें प्रणाम करता है,उसका जीवन अंधकार से मुक्त होता है।वह हर कार्य में सिद्धि प्राप्त करता है,वंश, सम्पत्ति और शौर्य में वृद्धि होती है। चंद्र, मंगल, गुरु, शुक्र, शनि और राहु-केतु,इनके दुष्प्रभाव को समाप्त करने वाला है सूर्य।उनके दर्शन से व्यक्ति को शक्ति, बल और साहस मिलता है,सूर्य के साथ जप से ज्ञान, वैभव और विजय मिलती है। सूर्य की महिमा अपरम्पार है,उनकी उपासना से हर संकट दूर हो जाता है।आत्मा की शुद्धि के लिए, जीवन में सुख-शांति पाने के लिए,सूर्य देवता का ध्यान करूं मैं हमेशा। ॐ सूर्याय नमःजय सूर्य देवता। https://youtu.be/L8gGSPzxXQU?si=uzaNURX4DniBcRtm Meaning of Surya Chalisa in Hindi : सूर्य चालीसा का अर्थ ॐ जय सूर्य देवता, जगत के रचयिता।नमः सूर्याय शान्ताय सर्वरोग निवारिणे।। हम सूर्य देवता की पूजा करते हैं, जो संपूर्ण संसार के सर्जक और पालनकर्ता हैं। उनकी शांति और कृपा से सभी रोगों का निवारण होता है। सूरज देवता की आराधना करूं,जो जगत में सर्वश्रेष्ठ हैं, यह स्वीकार करू।यमराज के कुप्रभाव से मुक्ति मिले,इस ज्ञान से तन-मन को लाभ हो। हम सूर्य देवता की पूजा करते हैं, जो संसार के सर्वोत्तम देवता हैं। उनके आशीर्वाद से हमें मृत्यु के देवता यमराज के दुष्प्रभाव से मुक्ति मिलती है और हमारे शरीर तथा मन को शांति मिलती है। सूर्य देवता के प्रताप से जीवन में उजाला हो,उनका आशीर्वाद हमें सर्वथा हर दिशा से मिले।जो उनके चरणों में लीन होता है,उसकी रक्षा हर संकट से होती है। सूर्य देवता के प्रभाव से हमारे जीवन में अंधकार दूर हो जाता है और हर दिशा से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। जो व्यक्ति उनके चरणों में समर्पित होता है, उसे किसी भी संकट से मुक्ति मिलती है। जो नित्य सूर्योदय में उन्हें प्रणाम करता है,उसका जीवन अंधकार से मुक्त होता है।वह हर कार्य में सिद्धि प्राप्त करता है,वंश, सम्पत्ति और शौर्य में वृद्धि होती है। जो व्यक्ति रोज सूर्योदय के समय सूर्य देवता का प्रणाम करता है, उसका जीवन हर प्रकार के अंधकार से मुक्त होता है। वह सभी कार्यों में सफलता प्राप्त करता है और उसका परिवार, सम्पत्ति और प्रतिष्ठा बढ़ती है। चंद्र, मंगल, गुरु, शुक्र, शनि और राहु-केतु,इनके दुष्प्रभाव को समाप्त करने वाला है सूर्य।उनके दर्शन से व्यक्ति को शक्ति, बल और साहस मिलता है,सूर्य के साथ जप से ज्ञान, वैभव और विजय मिलती है। सूर्य देवता चंद्रमा, मंगल, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु के सभी नकारात्मक प्रभावों को समाप्त करते हैं। सूर्य के दर्शन से व्यक्ति को शक्ति, बल, साहस मिलता है, और उनके मंत्रों के जाप से ज्ञान, वैभव और विजय प्राप्त होती है। सूर्य की महिमा अपरम्पार है,उनकी उपासना से हर संकट दूर हो जाता है।आत्मा की शुद्धि के लिए, जीवन में सुख-शांति पाने के लिए,सूर्य देवता का ध्यान करूं मैं हमेशा। सूर्य देवता की महिमा अत्यधिक महान है। उनकी पूजा और ध्यान से सभी संकट समाप्त हो जाते हैं। आत्मा की शुद्धि और जीवन में सुख-शांति प्राप्त करने के लिए हम सूर्य देवता का हमेशा ध्यान करते हैं। ॐ सूर्याय नमःजय सूर्य देवता। हम सूर्य देवता को प्रणाम करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। Meaning of Surya Chalisa in English : Om Jai Surya Devta, Jagat Ke Rachayita,Namah Suryaya Shantaya Sarvaroga Nivarine. We worship Lord Surya, the creator and sustainer of the entire universe. His peace and blessings remove all diseases and ailments. I worship Lord Surya, who is the best in the world,Accepting this, I seek freedom from the effects of Yamaraj (God of Death),With this knowledge, may my body and mind be blessed. We worship Lord Surya, the greatest of all deities in the world. Through his blessings, we seek liberation from the negative influence of Yamaraj (the God of Death), and we ask for peace and health for our body and mind. By the grace of Lord Surya, may my life be illuminated,May his blessings reach me from all directions.Those who surrender at his feet,Are protected from all crises and dangers. With the grace of Lord Surya, may our lives be filled with light, and may his blessings come to us from all directions. Those who devote themselves to him are protected from every difficulty and danger. Whoever worships him daily at sunrise,Their life is freed from darkness.They attain success in all their endeavors,Their lineage, wealth, and fame increase. Those who offer prayers to Lord Surya daily at sunrise are freed from the darkness of life. They succeed in all their efforts, and their family, wealth, and reputation grow. Lord Surya removes the negative effects of the Moon, Mars, Jupiter, Venus, Saturn, Rahu, and Ketu,By his sight, one gains strength, courage, and power.Chanting his name brings knowledge, wealth, and victory. Lord Surya eliminates the harmful effects of the planets such as the Moon, Mars, Jupiter, Venus, Saturn, Rahu, and Ketu. His vision blesses us with strength, courage, and power. Chanting his name brings knowledge, prosperity, and success. The glory of Lord Surya is beyond measure,By worshipping him, all troubles are removed.For the purification of the soul, and to gain peace and happiness in life,I always meditate upon Lord Surya. The glory of Lord Surya is limitless. Worshipping him removes all troubles. For the purification of the soul and to attain peace and happiness in life, we meditate on Lord Surya at all times. Om Suryaya NamahJai Surya Devta. We bow to Lord Surya and seek his blessings. सूर्य चालीसा पूजा विधि और पूजा सामग्री सूर्य चालीसा पूजा विधि : सूर्य देवता की पूजा करते समय निम्नलिखित विधि का पालन करें: स्थान का चयन: सूर्य पूजा करने के लिए सबसे अच्छा समय सुबह का होता है, खासकर सूर्योदय के समय। पूजा करने के लिए साफ-सुथरी जगह का